Thursday, January 3, 2019

राजा राम, बुद्ध, आ गरुड़ केर देश थाईलैंडमें


राजा राम, बुद्ध, आ गरुड़ केर देश थाईलैंडमें

हमरा लोकनिक फ्लाइट जखन बैंकाकक सुवर्णभूमि एअरपोर्टपर उतरबापर छल पौ फाटि चुकल रहैक. रातिक एक बजेक करीब चेन्नई सं चलल रही आ साढ़े तीन घंटाक फ्लाइट. एतेक जल्दी भोर कोना भ गेलैक से बूझब कठिन नहिं; सोझे पूब मुंहें सूर्येक दिस जे आगू बढ़ल रही. तखन सूर्य जल्दी अवश्ये भेटताह ने ! 
अगस्तक मास, मौनसूनक समय. किन्तु, मौसम साफ़ रहैक. बैंकाक दक्षिण-पूर्व एशियाक सुपरिचित आ लोकप्रिय पर्यटन स्थल थिक, से एअरपोर्टक  आकार आ पर्यटक लोकनिक संख्यासं स्वतः बुझबामें आबि गेल.   भारतीय नागरिकके थाईलैंड अयबाले पहिनहिं वीसा लेब आवश्यक नहिं. एअरपोर्ट पर उतरू, फॉर्म भरू, पासपोर्ट दिऔक, आ वीसाक फीस भरू , आ स्वागत. किन्तु, व्यवस्था सरल रहितहु कर्मकांड बहुत; इमीग्रेशन केर 200 मीटर लम्बा पतिआनी. राति भरिक यात्र. भोरुका नित्यक्रिया आ जलपानक बेरमें एतेक प्रतीक्षा हुज्जति-जकां लागल. एतुका इमीग्रेशनक बनिस्बत न्यूयॉर्क आ लन्दनकेर इमीग्रेशन प्रायः बेसी सरल. कारण प्रायः इहो जे थाईलैंड पर्यटक लोकनि ले स्वागतक गलीचा बिछौने तत्पर अछि. दूरीक अलावा, अमेरिका आ ब्रिटेन प्रत्येक बाहरीकें संदेहक दृष्टिसं देखैछ. एतय इमीग्रेशनमें करीब तीन घंटा लागि गेल. किन्तु, ई तीन घंटा अजुका यात्राक अंत नहिं, आरम्भे छल. हमरा लोकनिकें एतयसं दूर दक्षिण फुकेत जयबाक अछि. फ्लाइटमें किछु घंटाक समय बांकी छैक. अतः, एअरपोर्टपर बैसबाक अतिरिक्त कोन उपाय. प्रतीक्षा आ दोसर फ्लाइटसं लम्बा यात्राक पछाति जखन हमरा लोकनिक फ्लाइट फुकेत पहुँचल छल तं दिनान्त-जकां हेबा पर रहैक. माने, पर्यटनक एक दिन तं यात्राए में बीति गेल.

फुकेत
फुकेत थाईलैंडक दक्षिणी पश्चिमी तटपर एकटा द्वीप आ थाईलैंडक लोकप्रिय पर्यटन स्थल थिक. पहिलुक युगमें ई भारत आ चीनक बीचक नौवहनक बाट पर पडैत छल. एकर अतिरिक्त एतय पुर्तगाली, ब्रिटिश, आ फ्रेंच लोकनि सेहो समय-समय पर आयल छलाह. भौगोलिक दृष्टिसं तं फुकेत अंडमान द्वीप समूहक सोझे पूब आ समीपे अछि.                                      एतय एअरपोर्टपर टूर ऑपरेटरकेर गाड़ी तत्पर छल आ हमरा लोकनि सोझे होटल गेलहुं. स्थानीय होटल दीवाना पटोंग एतुका लोकप्रिय समुद्र तट, पटोंग, इलाकाक सुपरिचित होटल थिक. सुविधामें 3-सितारा.एकरा बजट-होटल सेहो कहि सकैत छियैक. मुख्य भवनमें स्वागत-कक्षक पाछू पैघ-पैघ सूइटकेर मिलिट्री बरैक-जकां लम्बा पतियानी. परिसरमें गाछ-वृक्ष आ हरियरी. कनिएक दूर पाछू कम उंचाईक पहाड़. 
होटल दीवाना पटोंग
मौनसूनक समय. भूमि तीतल छैक, किन्तु, थलाह नहिं. आइ समय सेहो रुक्ख-सुख छैक, तें कोनो असुविधा नहिं. रेस्टोरेंट लगहिं आ रूम सर्विस सेहो. तें, कोनो असुविधा नहिं. हमरा रेस्टोरेंटमें भोजन करब नीक लगइए. मनुक्खक दर्शन, दस प्रकारक लोक, विभिन्न प्रकारक गप्प सप्प. लोकसं भेंट नहिं भेल तं भूमिक स्वाद कोना भेटत. बंद कमरामें केवल रूम-स्प्रे केर गंध, टीवीक स्वर आ छवि, आ चारू कात चारिटा देवाल ! उन्मुक्त आकाशक नीचा मनुक्ख, जीव-जन्तु, ध्वनि, सुगंधि, हमरा सब किछु आकृष्ट करइए. भने तं यात्री-नागार्युन मोन पड़ैत छथि:
घूमो-फिरो बाहर निकलो, घरके अन्दर क्या रखा है ?
खेतोंमें बंदूकें उगतीं हैं, टेक सेर तो बम मिलता है !
किन्तु, बहुतो पर्यटक एतय खेत-खरिहानक दृश्य देखबाले नहिं अबैत छथि. मोटा-मोटी जेहन पर्यटक, तेहन उद्देश्य. हमरा लोकनि एतय भारतसं भिन्न किछु देखय आयल छी. ओना, थाईलैंडक नाम लेब तं लोककें केवल सेक्स-टूरिज्म ध्यान पडैत छैक.  ओना देखी तं एतुका आ भारतक भूमिमें कोन अन्तर ! भारतसं पूब बांग्लादेश. ताहिसं पूब आ दक्षिण म्यांमार (बर्मा). बर्मासं सटले थाईलैंडक जकर दक्षिणी भाग, विशाल अंडमान समुद्रमें उत्तरे दक्षिणे आरि-धूर-जकां लगैछ.  जं मानचित्रपर मद्रास-चेन्नई सं सोझे पूब रेखा घिचबैक तं बंगालक खाड़ीक ओहिपार सीधा थाईलैंडे पड़ैछ. अस्तु, थाईलैंड हमरा लोकनिक समुद्रपार पड़ोसिया थिक, जेना फ़्रांस आ इंग्लैंड अछि. अंतर एतबे जे भारत आ थाईलैंडक बीचक दूरी फ्रांस इंग्लैंडक बीचक दूरी सं बेसी छैक. तें हम देखय चाहैत छी,  हमरा लोकनि पड़ोसिया थाईलैंड सं कोन रूपें सामान वा भिन्न छी. हम पहिनहु लिखने छी, जं कोनो राष्ट्रक प्राकृतिक स्वरुप देखबाक हो तं महानगर सं दूर जाउ. जं देशमें गाओं बंचल छैक तं ओतय जाउ. विकसित होइत आ विलुप्त होइत गामक कारण अपन व्यथाकें प्रदर्शित करैत हमर मित्र आ सहकर्मी  डाक्टर राजकुमार पाटिल कहलनि,
मेरे गाँव की सडक पक्की हो गई है, अच्छी बात है
    मगर ... वो ..जो ...गोधूलि बेला थी , उसका क्या हुआ ?
तें गाम गाम कतय भेटत, कतय नहिं, के कहत ? विकसित देश सबमें गाओं आ शहरक अन्तर समाप्त भ गेल छैक. तथापि, छोट शहर आ आ महानगरक संस्कृतिमें अन्तर तं छैके. अपनो देशमें केरल-सन विकसित राज्यमें शहर आ गाओंक अंतर समाप्त भइए गेल छैक.  प्रायः थाईलैंड में एखन से परिस्थिति नहिं आयल छैक. हमरा लोकनिक कार्यक्रममें थाईलैंडक ग्रामीण इलाका देखब शामिल अछि. देखी ओम्हर की देखबामें अबैछ.
हम पर्यटन-स्थल सबके तीन-चारि भागमें विभाजित करैत छी. दर्शनीय-स्थल, मनोरंजन आ खेल तमाशाक केंद्र, एडवेंचर स्पोर्ट ( पर्वतारोहण-ट्रैकिंग-पैराग्लाइडिंग- स्कूबा डाइविंग)क केंद्र, पवित्र जलवायुक कारण विशुद्ध आरामक स्थान, खरीद-बिक्री-किनबाक-बेसाहबाक केंद्र आ तीर्थस्थल. अधिकतर स्थानपर विभिन्न रूचिक पर्यटक ले एहि सब म सं एकाधिक प्रकारक आकर्षणक होइते छैक. जकरा जतय जे किछु आकर्षित केलकनि, करथु. तथापि, सामान्य रूचिक पर्यटक एडवेंचर व विशुद्ध आरामले भले यात्रा नहिं करथु, पारिवारिक पर्यटनमें दर्शनीय स्थलक भ्रमण, तीर्थाटन, मनोरंजन, किनब-बेसाहब तं रहिते छैक. थाईलैंड मनोरंजन आ खरीद बिक्रीले लोकप्रिय अछि. मनोरंजनक दृष्टिए एतुका सांस्कृतिक वा गैर-सांस्कृतिक नाच-गानक कार्यक्रम, कंचनबारी टाइगर रिज़र्व आ  अयुथ्या साम्राज्य सं सम्बन्धित आ आन ऐतिहासिक स्थल सब लोकप्रिय मानल जाइछ. एकर अतिरिक्त थाईलैंड आ विशेषतः बैंकाक ‘रेस्ट आ रिलैक्सेशन’क हेतु सेहो प्रसिद्ध अछि. एकर चर्चा कनेक रहि कय. आइ तं विश्रामे करी.

फुकेत में दोसर दिन
पटोंग बीच ( समुद्र तट ) एतुका लोकप्रिय ‘बीच’ थिक. हमरा लोकनिक होटल एही इलाकामें अछि. समीपक बाज़ारक नाम बंगला-बाज़ार छैक. संभव अछि, जखन भारत-बांग्लादेश-बर्माक बीच कोनो सीमा नहिं रहैक, बंगाली लोकनि एतय अबैत होथि. किन्तु, तकर प्रमाण  ताकब ने हमर उद्देश्य अछि आ ने हमरा तकर समय भेटत. आइ हमरा लोकनि बससं फुकेतकेर  टूर पर जायब. अजुको मौसम अनुकूल छैक. विगत राति किछु बरखा भेलैये. सडक तीतल छैक, आ वायु शीतल एवं  आर्द्र. जेना छुट्टीमें होइत छैक, भोर कनेक देरीए सं भेलैये. मंथर  गतिए नित्य-क्रियादि. होटलक रेस्टोरेंटमें जलपान. अनेक प्रकारक व्यंजन. तकर अतिरिक्त सामने में ऑमलेट बनेबाले आ सौसेज गर्म करबाले भनसिया तत्पर छथि. किन्तु, खायब तं अपने भूखे. ‘जूरत-रुचत आ पचत’ केर संतुलन आवश्यक. बढ़इत वयस आ घटैत शारीरिक उद्यमक संग भूख सेहो कम होइत छैक. ई प्राकृतिक विधान शारीरिक संतुलनकें नियंत्रणमें रखबामें महत्त्वपूर्ण योगदान दैछ, से मोन रखबाक थिक. भोजन आ स्वास्थ्यक एहन निकट सम्बन्ध छैक जे तिरुवल्लुवर कुरलक चिकित्सा नामक अध्यायक दस टा कुरल म सं छौ टा भोजन आ मिताहारे पर समर्पित केने छथि. कुरलकेर अपन अनुवादक ओही अध्यायसं  एतय एकटा पद  हम उद्धृत करैत छी:
अति आहार पचय नहिं भोग
                            कष्ट अनेको नौ टा रोग       कुरल, 947
अस्तु, आइ जतबा रुचल आ समुचित बूझि पड़ल, खायल आ नगर-भ्रमणले बसमें बैसि गेलहुं. नीक सड़क. चारू कात हरियरी. लचकदार, आ समुद्रक तरंग-जकां उपर आ नीचा होइत सड़क. किछु, किछु केरल-जकां. केरल तं सेहो समुद्र-तटीय प्रदेश थिके. किछुए दूर आगाँ एकटा बस सड़कक पक्खामें मूडी-घोसियओने भेटल. प्रायः, सड़कक अचानक मोड़क कारण ड्राईवर संतुलन नहिं राखि सकलाह. अतएव, बस रिकवरी-वैनकेर प्रतीक्षामें जक-थक पड़ल छल. यात्री लोकनि प्रायः दोसर बसमें जाइत गेलाह.
थोडबे कालमें, किछु किलोमीटर दूर समुद्र-तटक एकटा व्यू-पॉइंट पर बस रुकल. यात्री लोकनि उतरैत गेलाह. उंच स्थान. एतय सं फुकेतक पश्चिमी तटक पैघ इलाका देखबा में अबैछ. संगहि एतय सं फुकेतक बुद्धक बड़का श्वेत मूर्ति सेहो देखबामें अबैछ. 
बुद्धक व्यक्तित्व विराट् आ कालजयी छन्हि, से सर्वविदित अछि. विश्वकेर अनेको भाग में हुनक अनगणित प्रतिमा स्थापित भेल छैन्ह. प्राकृतिक विपदा आ भूगर्भक आन्दोलनक कारण बुद्धक कतेको मूर्ति कालक गालमें समा गेल. बामियान बुद्ध-सन कतेको प्राचीन मूर्ति मूर्ति-भंजक लोकनिक राग-द्वेषक शिकार भ गेल. मुदा, महात्मा बुद्ध जनसाधारणक चेतनामें ओहिना जीवित छथि जेहन हुनक आदि स्वरुप छनि. तथापि, मनुक्ख अपन आस्था, विभव, आ अहंकारक अनुरूप अपन अधिष्ठाताक मूर्ति ठाढ़ करैछ. किन्तु, मूर्तिक आकार इतिहास-पुरुषक ने प्रतिविम्ब होइछ आ ने हुनका लोकनिक गौरवे बढ़बैत छनि. निर्माता अपन कल्पना, मनोरथ आ स्वार्थक अनुरूप मूर्तिक स्थापना करैछ. ई तथ्य बाटक कातक हनुमानजी आ राजनेता सबहक मूर्ति सब पर लागू अछि.  एखनुक युगमें जखन राजनेता लोकनि एक सं बढ़ि एक पैघ मूर्तिक स्थापनाक राजनितिक द्वन्दमें लागल छथि , स्थापित मूर्तिक ई सत्य हुनका लोकनिक चेतनामें जायब आवश्यक जे ककरा कल्पना छलैक जे गरदनिमें लोहाक रस्सीक फांस लगा कय मार्क्स-लेनिन आ सद्दाम हुसैनक मूर्ति भूमिसात कयल जायत. 

वात चलोंग
 व्यू-पॉइंट सं फुकेत तट आ बुद्धक प्रतिमाक दर्शनक पछाति वाट चलोंग नामक प्रसिद्द बौद्ध विहारमें हमरा लोकनिक बस रुकल. विशाल परिसर, भव्य विहार, परिसरमें पोखरि, विशाल पीपरक गाछ, बगीचा आ दर्शनार्थी लोकनिक समूह एहि विहारक सिंगार प्रतीत भेल. पछिला किछु वर्ष पूर्व स्थापित महात्मा बुद्धक अस्थिक अवशेष आब एहि विहारक प्रसिद्द आकर्षण थिक. महात्मा बुद्धक ई अवशेष एहि मंदिरक शीर्षमें एकटा बंद पारदर्शी पात्रमें राखल अछि जकरा दर्शनार्थी लोकनि चारू कात सं पड़ैत सूर्यक इजोतमें नीक-जकां देखैत छथि.  सुनबा में आयल एहि विहारक चारू कात बनल अनेक सामाजिक आ धार्मिक चमत्कारक इतिहास एहि विहारक प्रसिद्धिक दोसर कारण थिक.
कहाँदन 19म शताब्दीक उत्तरार्द्धमें ई शहर चीनी मजदूर-उपद्रवीक दंगाक शिकार भ गेल छल. तहिया एतुका टिनकेर खदान आ रबड़ उद्योगमें जीविकाले चीनी नागरिक लोकनि एतय श्रमिकक रूपें आबथि.  बेकाबू दंगाक स्थितिमें स्थानीय नागरिक कें स्थान छोडि भगाबाक अतिरिक्त कोनो उपाय नहिं. किन्तु, एतहि रहि उपद्रबी लोकनिक सामनाक करबाक बौद्ध भिक्षु लोकनिक निर्णय एहि शहरक भाग्य ले निर्णायक तं साबित भेबे कयल, ओही सं स्थानीय नागरिकक मनोबल सेहो बढ़लैक. अस्तु, एतुका भिक्षु लोकनि एहि नगरकेर अंतिम रक्षकेक रूपमें प्रतिष्ठिते नहिं भेलाह, बल्कि, राजा द्वारा सम्मानित सेहो भेलाह. फलतः, एतय महात्मा बुद्धक संग आइ ओ भिक्षु लोकनि सेहो पूजित होइत छथि. एतय स्थापित तीन गोट प्रसिद्ध भिक्षु लोकनिक मूर्तिपर लोक सोनाक तबक चढ़ाकय आदर प्रदर्शित करैत अछि, कबुला रखैत अछि, आ कबुला पूरा भेला पर पुनः एतय आबि बुद्ध आ भिक्षु लोकनिक सम्मानमें पूजा अर्चना करैछ, फटाका फोडइछ.  फटाका फोड़बाक हेतु एतय ‘बीहाइभ इन्सिनरेटर’-सन एकटा निर्धारित स्थान बनल छैक. 
वात  चलोंगकेर भ्रमण केर पछाति टूर ऑपरेटर लोकनि हमरा लोकनिकें एकटा गाओंमें ल गेलाह. ओतुका हथिसारमें हाथी सब आ हाथीक बच्चा सब ओहिना देखल जेना नेपालक चितवन नेशनल पार्कमें अनेक वर्ष पूर्व देखने रही. चितवन नेशनल  स्थित  सौराहा गाओंमें हाथीक विशाल प्रजनन केंद्र छैक. एतय केवल आधा दर्जन हाथी हेतैक; एतुका हाथी  भारतक हाथी सं छोट. चितवन, नेपालमें हाथी पर चढ़ि जंगल भ्रमण नहिं केने रही. एतय सुविधासं हाथी पर चढ़बाक आनन्द लेल. किन्तु, हाथी पर चढ़ब एक थिक, हाथी पर यात्रा दोसर गप्प. 

हाथी पर सवारीक आनंद

हाथी अपन प्रकृतिए ऊँच, नीच, सब ठाम सहजता सं चढ़इछ. किन्तु, ऊँच-नीच में सवार के असोकार्य आ भय दुनू संभव, से अनुभव भेल. हथिसारक ई इलाका एतुका देहाती इलाका थिक. अपने लोकनिक इलाका-जकां संकीर्ण, पक्की सडक. खेत सबहक छोट-छोट कोला. जंगल-झाड़ आ गाछ-वृक्ष. माटियो अपने देशक लाल माटि-जकां. 
हाथीक सवारी समाप्त भेल आ हमरा लोकनि आगू बढ़लहु. घुरती बाटमें टूर ओपरेटर किछु दोकान-दौड़ी देखौलनि. एक ठाम हमरा लोकनि मोती आ मोतीसं बनल आभूषणक शो रूम में गेलहुं. एहि ठाम मोतीक अलावा सीप-सितुआक प्रजातिक बड़का-बड़का जंतु सबहक खोइआ आ जीवाश्म सेहो देखल. किछु खरीद बिक्री सेहो भेलैक. किन्तु, हम विद्यापतिक मतक लोक:  ‘मणि सामान आओरो नहिं दोसर, तनिकर पाथर नामे’. तें, हमरा अपनाले मणि-माणिक्य, सोना-चानी, आभूषण आकृष्ट नहिं करैछ. तथापि, एहि शोरूमले  जतेक निर्धारित समय रहैक, बिताओल आ आगू बढ़लहु. आगू एकठाम कपड़ा-लता, फर्नीचर, धातुक बर्तन आ आन संग्रहणीय स्मारक सबहक दोकान लग पुनः बस ठमकल. दोसर ठाम cashew-nut (काजू) क खोइया निकालि ओकर पैकिंग केर व्यवसाय चलैत रहैक. किन्तु, ताहिमें हमरा रूचि नहिं; तमिलनाडुक पनरूटी ( कडलूर जिला ) आ गोआ-महाराष्ट्रमें तं काजूएक व्यापार होइते छैक. तें, एहिमें हमरा लोकनिले कोनो नवीनता नहिं. 
अन्ततः घूमि-फीरि जखन होटल अयलहुं तं दोसरे खबरि भेटल. एतुका बांग्ला-बाज़ार आ पटोंग समुद्र-तट सहित अनेको स्थान पर फुकेतमें आइ भोरे अनेक बम बिस्फोट भेलैए. एहिमे कतेक लोक घायल भेले. किछु लोकक जानो गेलइये. हमरा सब एतय बाहरसं आयल छी. तें, बाटमें पुलिसक चौकसी देखिओकय किछु अप्रिय घटना भेलैये तकर अनुमान नहिं भेल छल. किन्तु, एहि आतंकवादी घटनाक एतबा असर तं भेबे कयल जे हमरा लोकनि आइ संझुका कोनो सांस्कृतिक कार्यक्रम देखबाले नहिं गेलहुं.

थाई मालिश
एशियाई चिकित्सा-पद्धतिमें मालिश-सेदब-मांडब केर जे स्थान अछि से सर्व विदित अछि. पहिलुका युगमें सब गाममें मालिश द्वारा टूटल हड्डीके सही स्थानपर बैसयबला केओ-ने-केओ भेटिए जैतथि. आब आधुनिक चिकित्साक प्रसारसं एहि सबहक बाज़ार छोट भेलैये, किन्तु, समाप्त नहिं भेलैये. थाईलैंडमें मालिशक ई व्यापार एकटा विज्ञानक रूप तं नेनहिं अछि, ई एतुका एकटा प्रमुख उद्योग सेहो थिक. मानल जाइछ, थाईलैंड में मालिशक पुरान परम्परा ततेक विकसित आ पुरान  छैक जे राजधानी बैंकाकक एकटा प्रमुख बौद्ध विहारमें मालिश-विज्ञानक विश्वविद्यालय सेहो छैक. फलतः, एतय सम्पूर्ण देशमें मालिशक विज्ञान आ कलामें प्रशिक्षित लाखों लाइसेंस धारी व्यक्ति मालिशक व्यापरसं जीविकोपार्जन करैत छथि आ अपना अतिरिक्त राष्ट्रीय आमदनीमें सेहो योगदान करैत छथि. हं, एतबा अवश्य जे एतय बहुतो ठाम  मालिशक नाम पर अवैध व्यापर सेहो होइत छैक. किन्तु, से थाईलैंडहिं टा क समस्या नहिं थिकैक. ई समस्या तं भारतक शहर आ नगरमें सेहो छैके. जे किछु. किन्तु, एतय अजुका बम-बिस्फोटक कारण बेरुक पहर जे  समय बंचल, ताहि में सोचल मालिशे कराबी. मालिश करेबाक हमर ई योजना केवल अनुभवक हेतु छल. संयोग सं हमर शरीर स्वस्थ अछि आ अनेरे निन्न खूब होइए. तथापि, टाका खरचि आ विश्व प्रसिद्द थाई-मालिश अनुभवक लेल हमरा एहि हेतु होटलक परिसरक स्पा समुचित बुझायल; अनचिन्हार इलाकामें चिन्हारे ठाम चुनी. तें, प्रति टिकट 1500 बाथ ( थाई टाका ) क दू टा टिकट लेल आ निर्धारित समय पर पहुंचि गेलहुं. मसाज-केंद्र बुझू आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र. सब किछु नीक-जकां बुझाओल. अहाँकें की चाही, की नहिं, तकर विस्तृत आ लिखित लिस्ट. फॉर्म पहिने भरि दिऔक. मालिश सक्कत हाथें चाही वा हल्लुक हाथें सेहो कहि दी. तकर पछाति  सुखायल हाथें टीक सं पयरक अंगूठा धरिक मालिश. केरलकेर मालिश में तं लगइए एक-एक व्यक्तिले आधा-आधा लीटर तेलक प्रयोग होइत छैक, एतय से नहिं. संभव छैक एतहु मालिशक अनेक विधि होइक. किन्तु, आइ एतुका विधिमें हमरा किछु आपत्तिजनक नहिं लागल. हमरा कोनो रोग नहिं. किन्तु, मालिश नीक अवश्य लागल. चलू एकटा इहो अनुभव. आब आइ होटल सं बाहरक ने कोनो प्रोग्राम आ ने तकर समय बंचल अछि. अस्तु, भोजन आ विश्राम. किछुए कालमें पटना, दिल्ली, जोधपुर, आ अमेरिकामें एतुका बम बिस्फोटक खबरि सं हड़कम्पक फलस्वरूप अनेक फोन आबय लागल. हमरा लोकनि सुरक्षित छी से बूझि सब आश्वस्त भेलाह आ हमरो लोकनि संतुष्ट छी. आब आराम होइ.
थाईलैंडक राजधानी बैंकाक
सस्ता पर्यटन ले बैंकाक प्रसिद्ध अछि. हमरा लोकनि तं conducted टूर पर छी. पांडिचेरीमें हमर पड़ोसिया कहलनि, ‘हम तं बीस हजार टाकामें बैंकाक सं घूरि अबैत छी. सस्ता होटलमें रहू, बस वा  ‘टुक-टुक’ ( एतुका ऑटो रिक्शा ) पर चलू आ जतय घुमबाक-फिरबाक हो घुमू ,देखू , मुरुगनक मन्दिरमें भोजन क लियअ. शर्ट-पैंट-सोना जे किछु किनी, पहिरि लियअ, आ आपस आबि जाउ.’ इहो बढ़िया भेल शू-स्ट्रिंग बजट ले. किन्तु, आराम चाही तं अपने सब किछु बुक करू, नहिं तं टूर ओपरेटर तं छथिए.  
जेना कोनो राजधानीमें होइत छैक बैंकाकमें सेहो देखबाक बहुत किछु छैक. किन्तु, सब यात्री दर्शनीय स्थानक अपन-अपन लिस्ट बनबैत छथि. हमरा लोकनिक लिस्टपर बैंकाककेर स्थानीय टूर, कंचनबाड़ी टाइगर रिज़र्वकेर भ्रमण आ ओहि पुलकें देखबाक योजना छल जाहि पर प्रसिद्द सिनेमा ‘ अ ब्रिज ओन रिवर कवाय’ बनल छल. संयोगसं जीव-जंतुक शारीरक अवैध व्यापारक अभियोगमें कंचनबाड़ी रिज़र्व बन्न भ गेलैये. तें, ओतय जयबाक कोनो अर्थ नहिं. प्रसिद्ध पुल सेहो ओही बाटमें रहैक. आब सेहो नहिं देखि सकब. तखन बैंकाक भ्रमण हेतैक. हमरा लोकनिक आवास एतुका नाना स्क्वायर स्थित होटल आइबिस में अछि. होटल में की नवीनता हेतैक. नाना-स्क्वायर प्रसिद्द अवश्य छैक. किन्तु, तकर गप्प पछाति. 

बौद्ध-बिहारमें शिवलिंग : 'वात पो' बौद्ध-बिहार 
आइ हमरा लोकनि सब सं पहिने ‘वात पो’ नामक बौद्ध-विहार जायब. थाईलैंड मूलतः बौद्ध लोकनिक देश थिक. अस्तु, बौद्ध मंदिर सब ठाम भेटत. किन्तु, शयन-मुद्रामें बुद्धकेर विशाल प्रतिमाले ई ‘वात पो’ विहार प्रसिद्ध अछि. विश्राम मुद्रामें, एकटा हाथकें माथ तर द’ करोट नेने महात्मा बुद्ध केर विराट् प्रतिमा एहि परिसरक सबसं पैघ आकर्षण थिक. प्रतिमा पैघ छैको. किन्तु, प्रतिमा जं सूक्ष्मो रहितैक तं बुद्ध हमरा जहिना सब दिन सं प्रभावित करैत आयल छथि, तहिना आइओ करितथि. हमरा गौरव अछि हमरा लोकनि ओही भूमिक फसल थिक जे बुद्धकेर  पदचाप सं सर्वप्रथम पवित्र भेल छल. संयोग सं हमरा लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, वैशाली आ कुशीनगर, सब ठाम जेबाक अवसर भेटल अछि, आ एहि सब ठाम बुद्धकेर शब्द हमर चेतनामें प्रवाहित होइत गेल अछि. तें, हमरा ले बुद्ध मूर्त वा मूर्ति नहिं हमर चेतनाक अवयब थिकाह. जेना होइत छैक, बौद्ध विहार भिक्षु लोकनिक शिक्षा, दीक्षा, आवास, पूजा, सभा, आ श्मशान  भूमि सब किछु थिक. अस्तु, अनेक शताब्दी धरि अनेक उद्देश्य सं बनल अनेक भव्य भवन, मंदिर, चैत्य, द्वार, सभा-भवन, भिक्षु-लोकनिक समाधि-मूर्तिक संकलन एहि परिसरक शोभा आ विशेषता थिक. 
बौद्ध-बिहारमें शिवलिंग 

किन्तु, एहि सबहक अतिरिक्त एहि परिसरक एकटा वस्तु जे हठात सबहक दृष्टि-पथ पर नहिं अबैत छैक ओ थिक एतुका शिव-लिंग. एतय ई शिव-लिंग ने भग्न अछि, आने अपमानित, तकर अनुमान शिव-लिंगपर बान्हल रंगीन वस्त्रसं भेल. ई शिव-लिंग एतय कतयसं आ कहिया  आयलाह, से के कहत. तथापि, एहिसं एतबा तं अवश्य प्रतीत होइत अछि जे चाहे तं एतुका कोनो बौद्ध भिक्षु अपन पुरान आस्थाक प्रतीक वा अपन परिवर्तित आस्थाक नव प्रतीकके आनि एतय स्थापित केने होथि. ओहुना भारतमें बौद्ध धर्मक ध्वंशमें शंकराचार्य-सन सनातनी शैवक केहन योगदान अछि से सर्व विदिते अछि.

वात-पो विहारक भ्रमणक पछाति हमरा लोकनि एतुका हीरा-उद्योगक एकटा केंद्रमें गेलहुं. एतय मूलतः हीराके तरशबाक आ ओकरा आभूषण सबमें जड़बाक काज होइत छैक. एहि उद्योग ले तं भारत अपनहिं  प्रसिद्द अछि. मुदा एखन धरि हमरा सूरतक हीरा उद्योग देखबाक अवसर नहिं भेटल अछि. अतः अजुका टूर एकटा शिक्षा भेल. 
एहि दू स्थानक भ्रमणक पछाति एकटा शौपिंग काम्प्लेक्समें माध्यम आकारक एकटा एक्वेरियम सेहो देखल. पहिल बेर देखबाले आ धीया-पुताक मनोरंजन ले ई एक्वेरियम बहुत बढ़िया. किन्तु, एहि हेतु बेसी सं बेसी एक घंटा काफी. लगहिंक इंदिरा-बाज़ार कपड़ा, लता, सस्त चीनी खेलौना आ इलेक्ट्रोनिक सामानक पैघ बाज़ार थिक. बहुतो गोटे कें एहि में रूचि हयब उचिते. एतय बोहनिएक बेरमें हमरा लोकनिक भेंट एकटा नेपाली महिला दोकानदार सं भ गेल. भाषा हमरा लोकनिक सौजन्यक सूत्र बनल आ जे किछु किनबाक छल एके दोकानमें कीनि किनबाक इतिश्री कयल.

नाना स्क्वायर,बैंकाक
नाना स्क्वायरक चहल-पहल
नाना स्क्वायर,बैंकाक एतुका रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट, शहरक चहल-पहल आ पर्यटनक प्रमुख केंद्र  थिक. हमरा सबहक होटल स्क्वायरक लगहि अछि. मेन रोड, ओवरहेड अर्बन रेलवे लाइनक स्टेशन, पैघ बाज़ार, बार आ ब्रोथलक, एतय सब किछु छैक. तें, जखन कखनो एतय पहुंचब चहल-पहल, चमक-दमक, मनुखक भीड़, आ कोलाहल भरल बार आ ब्रोथल चौबीसों घंटा आकृष्ट करबे करत. बहुतो पर्यटक बैंकाककें बार आ ब्रोथलकेर पर्याय बूझैत छथि. तें, बैंकाक कदाचित फॅमिली टूरिज्म ले अनुपयुक्त बूझल जाइछ. किन्तु, ताहि सं हम सहमत नहिं. किन्तु, ढेर गोरा पर्यटक  भोरे उठि एतय सोझे ‘बार’में आबि बैसि जाइछ से  देखि कौतूहल अवश्य भेल. संगहिं, हजारोंक संख्यामें पुरुष, नारि-जकां श्रृंगार-पेटार कय ‘लेडी बॉयज’क  बाजारी-वृत्तिमें शामिल हयब सेहो अद्भुते लागल. तखन, रोजगार, रोजगार थिकैक ! सुनैत छी, एहि ‘लेडी बॉयज’ लोकनिक द्वारा प्रस्तुत नाच-गानक अनेको कार्यक्रम, जाहिमें बहुतो प्रदर्शन वीभत्स सेहो होइछ, एतय टूरिस्ट लोकनिक बीच काफी लोकप्रिय अछि. किन्तु, हमरा लोकनि के ताहि में कोनो रूचि नहिं. किन्तु, ई सब एतुका रेस्ट आ रिलैक्सेशनक उद्योगकेर हिस्सा थिक. आ रेस्ट आ रिलैक्सेशनकेर उद्योगक एहि देशक अर्थव्यवस्थामें महत्वपूर्ण योगदान छैक. तथापि, रेस्ट आ रिलैक्सेशनक व्यापारक भले देशक अर्थव्यवस्थामें महत्वपूर्ण भूमिका होइक, हमरा जनैत, ने ई प्रशंसनीय थिक आ ने देशक हेतु गौरवक विषय. कारण, एतुका राजा एखनहु राम कहबैत छथि, आ बौद्ध मताबलम्बी लोकनि एहि देशक सब सं बड़का समुदाय थिकाह. तथापि, वेश्यावृति कें थाईलैंडक पर्याय-जकां तं बुझले जाइछ. ज्ञातव्य थिक, भारतक विपरीत थाईलैंडकें कहिओ विदेशी शासनक जुआ कहिओ उठबय नहिं पडलइए. किन्तु, हमरा जनैत 20म शताब्दीक वियतनाम युद्धक  दुष्प्रभाव सम्पूर्ण दक्षिण-पूर्व एशियापर पडलैक. वियतनाम युद्ध एहि इलाकामें एहन कैंसर साबित भेल जकर दुष्प्रभावसं वियतनामक अनेक पडोसी देश रोगाह भ गेल. वियतनाम युद्धमें थाईलैंडक सहभागिता एतुका सामाजक नैतिक विघटनक मूल में अछि. यद्यपि थाईलैंडकें अमेरिकाक सहयोगी भेलाक  लाभ सेहो भेलैक. किन्तु, प्रत्येक लाभ एकटा दोसरो पक्ष होइते छैक. ई बूझब असम्भव नहिं जे, जखन अकल्पनीय समृद्धिशाली राज्य कोनो परम्परागत समाज लग डेरा खसबैछ तखन धनिकक देखार ऐश्वर्यसं  पडोसीमें अनेक सेहन्ताक उदय होइछ. सेहन्तासं श्रम-समृद्धि आ व्यभिचार दुनू पेंपी दैछ. हमरा जनैत, अमेरिकासं थाईलैंडक सहयोगसं बेसी एतुका भूमिपर अमेरिकी सेनाक उपस्थिति एतुका शहरी समाजक सामाजिक मूल्यक ह्रासमें बेसी योगदान छैक. यद्यपि, सुनैत छी, वेश्या-वृत्तिक जडि एतुका समाजमें एतय ततेक पुरान छैक, जे, मानल जाइछ प्राचीन अयुथ्या ( अयोध्या ) साम्राज्यक युगमें सेहो वेश्या-वृत्तिके कानूनी मान्यता रहैक, आ राज्य एहिसं कर उगाही करैत छल. किन्तु, आब जखन देह व्यापार एतय गैर-कानूनी अछि तखनो एहि व्यापारसं देशकें प्रतिवर्ष करोड़ों डॉलरक आमदनी तं छैक. तथापि, एहि सामाजिक व्याधिक मूल्य समाज कोना चुकबैत अछि से कहब कठिन. भारतहु में तमिलनाडु-सन राज्यमें राजस्वक लोभें मदिरा सरकारीए दोकानक माध्यम सं बिकाइत अछि. किन्तु, नशाखोरीक मूल्य एतुका जनता कतेक आ कोना चुकबैत अछि तकर ऑडिट सरकार कहाँ करैत अछि !

सियाम- निरामित शो
मुख्य-शो केर पूर्व परिसरमें एकटा शो: रामायणक मंचन
सियाम-निरामित शो नामक रंगारंग कार्यक्रम एतुका प्रसिद्ध सांस्कृतिक शो आ एकटा प्रमुख टूरिस्ट अट्रैक्शन थिक. सियाम-निरामित नामक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रममें गीत-नाद, वाद्य कलाक अनेक प्रस्तुतिक संग  रामायणक अनेक आख्यान सेहो प्रस्तुत कयल जाइछ. करीब दू घंटाक ई ‘शो’ नीक लागल. एहि कार्यक्रमक लोकप्रियताक कारण बैंकाक अयनिहार प्रत्येक टूरिस्टक टूरमें सियाम-निरामित शो वा  एहि प्रभृत्तिक आन अनेक ‘शो’ केर समावेश होइते छनि.

बैंकाक में दोसर दिन
कंचनबाडीक यात्रा नहिं क सकलहु. तखन आओरे किछु देखी, ताहि उद्देश्य सं  दोसर दिन एतुका फ्लोटिंग वेजिटेबल मार्किट देखबाक नेआर कयल. सुनैत छी एतय तर-तरकारी, फल आ माछ-मासु नावे पर अबैत अछि आ नावहिं पर एहि सब किछुक पैघ मेला लगैत छैक. मेला शहरक परिधि सं बाहर ग्रामीण इलाका में छैक. अस्तु, कौहरि-किच्चा, गन्दगी, आ दुर्गन्ध सबकें नहिं भबैत छैक. तथापि सोचल समयक उपयोग हो आ देखि आबी, देखियैक तं केहन छैक फ्लोटिंग मार्किट. किन्तु, जा नहिं सकलहु. बेरू पहर आपसे अयबाक छल. तें, दिन आरामेमें  बिताओल. एहि यात्रामें  तें थोड़ेक भ्रमण आ थोड़ेक आराम दुनू भेलैए. कंचनबाड़ी नहिं जा सकलहु. ताहि कारण टूर ओपरेटर Make My Trip पर कनेक असंतुष्ट नहिं छी,से कोना कहब. ई लोकनि एकर ने कोनो छूट देलनि ने कोनो क्षतिपूर्तिए भेटल. किन्तु, conducted tourक एहू पक्ष सं परिचय तं भेल. संयोग सं होटलक लगे में एकटा भारतीय रेस्टोरेंट ठेकना नेने रही. तें, अपन रूचिक भोजन भेटिए जाइत छल. भनसिया सेहो उत्तरांचलकेर. भाषाक समस्या सेहो नहिं. लग में सडक पर अनेक फलक संग पैघ-पैघ, मधुर, मुलायम आ बेदाना लताम भेटैत छलैक से खूब रुचल. एहन लताम एखन धरि भारतमें नहिं भेटल छल. 
समुद्र मंथन : बैंकाक एअरपोर्ट

घुरतीमें थाईलैंड एअरपोर्ट पर समुद्र मंथनक थीम पर बनल लम्बा चौड़ा आ भव्य स्थापत्य आकृष्ट कयलक. समुद्र मंथनक एहन मूर्त आ सजीव मूर्तिकला हमरा एखन तक कतहु देखबामें नहिं आयल अछि. तें ई मूर्ति एहि यात्राक बोनस भेल. ओहुना एहि देशक जीवनक ताना-बानामें रामायणक आख्यान ओहिना बुनल छैक जेना आन कोनो दक्षिण-पूर्व एशियाक देशक जीवन में. स्मरणीय थिक भारतक ‘अशोक स्तम्भ’- जकां एहि देशक चिन्ह तं सेहो गरुडे थिकाह. तें, एतुका बौद्ध जीवनकें हिन्दू देवी देवतासं फुटकायब सहज नहिं. ततबे नहिं, थाईलैंडक भ्रमणसं एतबा तं अनुभव भेवे कयल जे देश भले भिन्न होइक, जेना पड़ोसिया लोकनिक बीच अनेको समानता होइत छैक, से भारत आ थाईलैंडक बीच सेहो अवश्य छैक. 

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

कीर्तिनाथक आत्मालापक पटल पर 100 म  लेख   मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान  कीर्तिनाथ झा वैश्वीकरण आ इन्टर...

हिन्दुस्तान का दिल देखो