Tuesday, March 31, 2020

कोना कोरोना दूर भगाउ !

कोना कोरोना दूर भगाउ !

फाँकू सतुआ नून खाउ
कोना कोरोना दूर भगाउ !
रहितहु बड़का अबिते प्लेन
एतय बन्न जनसाधारण टेन !
माथपर मोटा हाथमें डोल
काँख त'र चिलका बम-बम बोल !
सब कहैए, ई बुडिलेल !
कहू , कोना घर छोड़ल भेल ?
बन्न मनरेगा, खेती बन्न,
बच्चा-बुतरू केने चंग,
घिचब रिक्शा फाँकबी सातु,
भले सहरुआ बूडि बनाओत .
पसरल ज'र आ लोग बेहाल
सौंसे देश अछि भेल भोपाल !
खोलीमें ताला, रोजी बन्न,
अन्नक बेत्रेक सब बेकल्ल .
चलबै पयरे, जेबै गाम,
देखल जेतै, आगू राम !
घुर, बकलेलहा धेलें बाट !
छुटलौ दिल्ली, अपनों खाट !!
अपनो घर आब लागल ढाठ,
 मरै खपै जो बाटे- घाट !
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प्रवासी  मजदूरक सहानुभूतिमें





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