Sunday, July 28, 2019

साउंड- बाइट :मनसा आन्हर छै ?


मनसा आन्हर छै ?

नडुआर गाँओ लग जखन कमलाक बान्ह टूटल रहैक, निसाभाग राति रहैक.भोरे निन्न टुटलनि तं पत्रकार  लोकनि 
‘साउंड-बाइट’  उगाही में आइ एतय आयल रहथि.
मुदा, उंचका धूर पर  ठाढ़ पत्रकार, पांखुड धरि बाढ़िक पानि में डूबलि कोसिलाक मुंह लग माइक्रोफोन दैत जखन पुछलखिन: ‘यहाँ पर तटबंध  टूट गया है. एकाएक बाढ़ आ गयी है. आप लोगों को किन-किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है ?’ तं बेचारिक मुंह सं बकार नहिं फुटलैक.
रसियारीबाली  कहुना सुखायल गोरहाकें आंटी-जकां बान्हि महाराजी पोखरिक मोहारक उंचका ढिमका धरि उगहबामें अपस्यांत छल. एकटा पत्रकार ओकरो मुंह लग माइक्रोफ़ोन सटओलनि आ तड़ातड़ प्रश्नक ढेर क देलनि : ‘चौबीस घंटा हो गया. आप बाढ़ से कैसे बंचे ?  आपको क्या कठिनाई हो रही है ? सरकार के तरफ से क्या-क्या सहायता मिल रही है ?’ किन्तु, उत्तरमें पुनः निःशब्द !
किन्तु, एहन हारि ! पत्रकार आगू बढ़लाह. भरि छाती पानि में ठाढ़ि सीताक कान्हपर बरख  डेढ़ेक नांगट नेना रहैक. एक गोटे  ओकरो दिस लपकलाह: 'बच्चों के देखभालमें क्या दिक्कतें आ रही है ?’
बूढ़ वयस, असक्क देह आ झलफल आँखि. मुदा, बुलंती मायक कान तेज छैक. ओकरा एहन अनटोटल तेहन असहाज भ गेलैक, हठात,  लग में ठाढ़ि कारोके दमसि पुछलकै, ‘ पुछही तं, मनसा आन्हर छै ! 
अन्ततः आयल एहि अनागत ‘साउंड बाइट’ सं पत्रकार लोकनि अवाक भ गेलाह ! किन्तु, तखन दिन बहुत बांकी रहैक  !!


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