Sunday, April 22, 2018

क्लीवलैंड-4 : ग्रेटर क्लीवलैंड एक्वेरियम आ लौली द ट्राली

ग्रेटर क्लीवलैंड एक्वेरियम आ लौली द ट्राली
क्लीवलैंडमें  दर्शनीय स्थल, आ मनोरंजनक अवसरक कमी नहिं. चिड़ियाखाना, म्यूजियम, एक्वेरियम आ पार्क तं बच्चा सं बूढ़ धरि कें आकृष्ट करैछ . हमरो लोकनि एक दिन टैक्सी लेल आ एक्वेरियमक द्वारि पर पहुंचि गेलहुं. ई एक्वेरियम एकटा पुरान पॉवर हाउसक बिल्डिंगमें अछि. संयोगसं एक्वेरियमक द्वारि दाहिना दिस चारि-छः सीढ़ी नीचा छैक. सामने सोझे नगर भ्रमणक हेतु conducted टूरक बस 'लौली द ट्राली'क काउंटर देखबा में आयल. टिकट कीनि लेल. टिकट 23 डॉलर. पहिल बेर सीनियर हेबाक लाभ भेल. सीनियरक टिकट 21 डॉलर: जत लब्धम, तत लब्धम. यद्यपि आब एतहु 2 डॉलरमें किछु भेटत से असंभव. पर्यटन स्थल पर पेय जलक छोटका बोतल सेहो अढ़ाई डॉलर सं बेसी ! पछिला दस वर्षमें भले डॉलरकेर मूल्य नहिं घटल होइक, मंहगाई एतहु बढ़लैक-ए से अनुभव भेल. जे किछु. पछिला ग्रुप 1 घंटाक टूर लेल निकलि  चुकल छल. अगिला अढ़ाई घंटाक टूर 2 बजे दिनमें छलैक. बहुत नीक. आब एक्वेरियम देखिए लेब आ नगर-भ्रमण सं पहिने भोजनक हेतु समय सेहो भेटि जायत.
ग्रेटर क्लीवलैंड एक्वेरियम आकारमें छोट आ विविधतामें सीमित अछि. बैंकाककेर एक्वेरियम प्रायः एहिसं पैघ लागल छल . जापान आ सिंगापुरमें तं सुनैत छी अद्भुत एक्वेरियम सब छैक.
स्टिंग रे
कोरल रीफ
शार्ककेर संग विभिन्न प्रजातिक माछ
टर्टल
एक्वेरियम मूलतः तीन-चारि खण्ड में विभाजित अछि: शार्क गैलरी, कोरल रीफ, कोस्टल बायोस्फेयर, विश्वकेर नदी आ झील, ऑहियो राज्यक नदी आ झील. तथापि स्टिंग-रे माछ आ अनेक प्रजातिक काछु, धिया-पुताक हेतु एतय विशेष आकर्षण अछि. एकर अतिरिक्त  एतय  नेना लोकनिक हेतु एक्टिविटी दीर्घा आ एक्सप्लोरेशन स्टेशन में बेस भीड़ देखलियैक.
जाड़क ऋतु मोटामोटी समाप्त भ गेल छैक. किन्तु, तेज हवा आ सघन मेघक कारण आइ एतय हाड़ हिलबै बला जाड़ छैक.
गर्मीक मासमें नगर केर ई इलाका आओर अनेक गतिविधि केंद्र भ जाइछ, जाहिमें एक्वेरियमक भीतर घूमब आ नगर भ्रमणक आलावा कोयहागे नदीपर विहार प्रमुख अछि. एक्वेरियमकेर बाहर लगहिं में जहाज देखलियैक. एहि पर केवल टूर आ टूरक सं भोजन आ मदिरापानक पैकेज सेहो उपलब्ध छैक. कइएक जहाज लेक इरी पर नौका विहार ले सेहो जाइछ. किन्तु, ई सब मई मास में आरम्भ हेतैक.
नौटिका रेस्तौरां में भोजन
एक्वेरियमक भवनक दोसर तल पर , भारतक फर्स्ट फ्लोर, नौटिका नामक रेस्तौरां छैक. ओत्तहि भोजन भेलैक आ सिटी टूर ले प्रतीक्षा करैत समय बिताओल.


लौली द ट्राली
लौली द ट्रालीमें भ्रमण
समयसं पहिनहि एक्वेरियम सं बाहर आबि लौली द ट्रालीक प्रतीक्षामें ठाढ़ भेलहुँ. जाड़ बहुत. किन्तु, बस छुटबाक भय छल. लाल रंगक बस; समय सं अयलैक. बाहर सं पैघ , किन्तु, भीतर सीमित लोकक बैसबाक व्यवस्था.  पुरान ढर्राक, मजबूत काठक बनाबट. खुला खिड़की सब जाड़क कारण पारदर्शी प्लास्टिकक पर्दासं बंद कयल.
शहरक एहि भागकें समतल भूमिक कारण Flats कहैत छैक. ई शहरक औद्योगिक इलाका थिक जकर प्रसार नदीक पूब आ पश्चिम, दुनू तट पर छैक. किन्तु, बसक यात्रा नदीक पछ्बरिया तट सं आरम्भ भ रहल छैक. लेक इरीक लग नदीक मुहानाक ई ईलाका नौवहनक केंद्र थिक. ज्ञातव्य थिक, अमेरिकाक मिडवेस्टर्न राज्यसब  देशक बृहत्तर झील सबहक माध्यम सं देशक आन अनेक राज्य सबसं माल-असबाबक यातायात ले जुडल अछि.   ई जलमार्ग लौह- अयस्क, पाथर, कोयला, चूना पत्थर, कृषि-उत्पाद, विशाल औद्योगिक माल-असबाब, जकरा सडक सं एक स्थान सं दोसर ठाम पठायब कठिन छैक, केर यातायात ले सुलभ, सस्त आ पर्यावरणक हेतु समुचित माध्यम मानल जाइछ. इरी कैनालक द्वारा ई जलमार्ग  अमेरिकाक पूर्वी तट आ कनाडासं सेहो जुडल अछि. इरी कनाल अपन  निर्माणक समय (1817-25 ) मानवीय संकल्पक द्योतक आ इन्जिनीरिंगक आश्चर्य छल.  एतय लगेेेक  पुरान स्विंग ब्रिज ओही नौवहन व्यवस्थाक प्रमाण थिक. एकर कारण क्लीवलैंड अमेरिकाक औद्योगिक उत्पादन व्यवस्थाक रूपें अंगीभूत भेल छल. आइ 525 लम्बा Erie Canalway National Heritage Corridor क नामे सुपरिचित ई व्यवस्था अमेरिकी नागरिक लोकनिक दूरदर्शिता आ दृढ़ संकल्पक प्रमाण थिक.भारतमें  नदीक माध्यमसं माल असबाबक यातायातमें कोनो प्रगति नहिं भेल अछि. देखी, पर्यावरण-संरक्षणक परिप्रेक्ष्यमें हितकर नौवहनक हमरा लोकनि कतेक प्रयोग क पबैत छी .
लौली द ट्रालीक चालक-गाइड, ईवा, करीब सत्तरि  सं पचहत्तरि वर्षक श्वेत महिला, ड्राइविंग आ टूर-गाइड, दुनू दृष्टिए दक्ष  छथि. ने गाडी हंकबामें कोनो जल्दी, ने कमेन्ट्री में कोनो शोर्ट-कट. एहि शहर में पलल बढ़ल छथि, तें एतुका इतिहासक चप्पा-चप्पा सं परिचित सेहो छथि. अपन काजमें रूचि छनि, आ ओहि में ई कोनो बाधा नहिं चाहैत छथि. तें, आरम्भहिं में कहि देलनि, 'अपनामें गप्प करैत जायब, तं हमर गप्प सुनबा में नहिं आओत'. सत्ये. ओहुना,अमेरिकामें पब्लिक-प्लेस में जोर-जोर सं बाजब अशिष्टता बूझल जाइछ.
यात्रा आरम्भ भेल आ गाइडकेर पहिले वर्णनसं सब कें हंसी लागि गेलैक. संदर्भ छलैक, एतुका मेेेन स्ट्रीट ब्रिज जे एतुका नागरिक सब अपने हाथें तोडइत  गेलाह. तोड़इत गेलाह ?अजगुत बात. लोक नदी पर पुल बनबैत अछि. ताहिमें खर्च लगैत छैक, इतिहास बनैत छैक. किन्तु, पुल तोडल गेल ? की कहू, द्वन्द-क्रोध आ रोष जे ने करबय. चलू, गप्पे में लागल छी तं सुनिए लियअ:
क्लीवलैंड शहरक स्थापनाक  पछाति  एतय बसैत पहिल बस्ती छल, नदीक पछबारि तटपर बसल- ऑहायो सिटी. तहियाक समृद्ध लोकनिक आवास एम्हरे छलनि. पछाति जखन कोयेहागो नदीपर पैघ पुल बनल तं शहरक पश्चिम सं पूब दिसुक यातायात सुलभ भ गेलैक. एहिसं फल ई भेलैक जे, पुलक स्थान क कारण, शहरसं दूर, पश्चिमसं अबैत कृषि उत्पाद- अन्न, फल-फूल- सोझे नदीक पुबारि पार चलि जाइक. ओहायो सिटीक मुंहपुरुखकें से कोना पसिन्न पडितनि ! मुदा, व्यापारिक लाभकें लोकमतसं कोन सरोकार ? तें, पुलक आर-पार यातायात चलैत रहल. अन्ततः, एतुका लोक सब पुल तोडबाक संकल्प क लेलक आ ताहि में सफल सेहो भेल. किंंतु , निर्माणहि-जकां विध्वंसमें सेहो अर्थ लगैत छैक ; देखैत नहिं छियैक युद्ध में उपयुक्त विध्वसंक उपकरण विश्व आर्थिक संसाधनक कतेक अंशकें धुआँमें उडा दैछ. किन्तु, से विषयांतर भेल. ईवा कहलनि, मेेेन स्ट्रीट ब्रिज कें तोडबाक समय अमेरिकामें आर्थिक मंदीक युग छल. तें, जहां बिचला भाग तोडल गेल, एहिसं पुलक बाटें यातायात विच्छेदसं  लोकक आक्रोशक समन सेहो भ गेलैक आ  थोड़  श्रम सं इच्छा पूर्ति सेहो. मुदा, पुलक शेष भाग, ओहि  युगक  अजगुत लोकमत आ लोक-व्यवहारक  साक्षी, आइओ एत्तहि ठाढ़ अछि.
मेन स्ट्रीट ब्रिजक पछाति बस शहरक पुरान बस्ती दिस चलल. एक पांतिसं बनल एके प्रकारक आवास. सब ठाम सडक पर गाड़ीक पतिआनी, ककरो स्वतंत्र पार्किंग नहिं. ईवा कहलनि, ओहि युग में, जहिया ई बस्ती बसल छल, मोटर कारक इजाद कहाँ भेल रहैक. घर सब में जंगला-खिडकीकक बहुलता बिजुलीक आभावक द्योतक. रास्तामें पुरान स्कूल, ब्रीवरी, चर्च, बाज़ार अबैत गेल. जतेक प्रकारक धर्मं- सम्प्रदाय ततबे प्रकारक चर्च. भगवानतं एक छथि, सुनैत छी. किन्तु, सबहक देवता अनेक. इसाई लोकनिमें सेहो ईसा सबहक मुक्तिदाता  थिकाह, किन्तु, पूजक लोकनिक सब समूहकें हुनकर एक छवि स्वीकार नहिं. ककरो हेतु क्राइस्ट नेना थिकाह, ककरो ले गडेडिया, आ ककरो ले शहीद. ई मतभेद तं हिन्दूओ धर्म में छैक. एकर एकटा आश्चर्यनक उदाहरण हमर विभागाध्यक्ष, डॉ श्रीकान्त  देलनि. श्रीकान्त विश्वाससं  संत रामानुजमकेर अनुयायी वैष्णव थिकाह. ओ एकदिन कतहु कांचीपुरमक एक विष्णुु मन्दिर में गेल रहथि. ओहि मन्दिरमें विष्णुक प्रशस्तिक संकीर्तन चलैत  रहैक. भक्त-जकां, श्रीकान्त संकीर्तन में सामिल तं भ गेलाह. किन्तु, शिघ्रे ओतुका एकटा अर्चक कहलथिन, अहाँ गीत जुनि गाउ.  कारण श्री रामानुजारक अनुयायी लोकनिक दू शाखा- वेदगलई आ तेंकलइ- एक दोसराक पूजा पद्धतिसं सहमत नहिं ! आ श्रीकान्त ओतुका पूजक तेंगलइसं भिन्न, वेदगलइ मतानुयायी थिकाह !
एतुका चर्च स्ट्रीटपर संत जॉन एपिस्कोपल चर्च हमरा विशेष रूपें आकृष्ट केलक. ईवा कहलनि, ई चर्च अमेरिका सं कनाडा दिस भगैत अश्वेत दास लोकनिक पलायनक सहायक अंडरग्राउंड रेलरोड संगठनक हेतु अनेक अंतिम पड़ाव म सं एक छल. सुनलहु,   कोयाहोगे नदी आ लेक इरी दिस जाइत तहियाक भूमिगत सुरंगक किछु हिस्सा एखनो  एहि चर्चकेर तहखानामें सुरक्षित अछि. रंगभेदक कारण सदा से प्रताड़ित  अश्वेत लोकनिक हेतु तं ई अवशेष तीर्थ  सं कम नहिं.
शहर एहि भागमें क्लीवलैंड क्लिनिकक संस्थापकक आदि निवास सेहो देखल.
ऑहियो सिटीक ई भाग छोड़बा सं पूर्व, दूूूरहि सं, एतुका ऐतिहासिक इनडोर-आउटडोर वेस्ट-साइड मार्केेेट सेहो देखल. एखन ई मार्केट  व्यापारिक केंद्रक अतिरिक्त पर्यटकक आकर्षण सेहो थिक. मुदा, अजुका अढ़ाई घंटाक टूर में  एकरा देखब संभव नहिं.
वेस्ट-साइड मार्क़ेटसं आगू लौली 'होप मेमोरियल ब्रिज' बाटें कोयेहागे नदी पार कयलक. एहि पुलक आरम्भमें सडकक दुनू कात, पुलक पहिल पायापर पुलक रक्षक देवताक विशाल मूर्ति सब रोम शहरक स्मरण दियौलक. आब, मूर्ति पुलक रक्षा करैत अछि वा केवल पुलक सजावट थिक, के कहत !
होप मेमोरियल ब्रिजकें पार करैत बस डाउनटाउन क्लीवलैंड पहुँचल. एतय हमरा सडकक कातमें जैक क्लीवलैंड कैसिनो आकृष्ट कयलक. एहि विशाल भवनक उपरका तल्लापर अमेरिकाक प्रसिद्द 'की- बैंक' अछि. हमर पुत्र, अमिय, एही भवन में अपन काजले प्रतिदिन अपन ऑफिस में बैसैत छथि. मुदा, एहि बेर कैसिनो देखब हमर प्रोग्राम में नहिं अछि. 2009 में लॉस-वेगसक कैसिनोमें कौतूहलबस किछु डॉलर डुबोने रही. देखबाले एकटा अनुभव काफी अछि. सुनैत छी, कैसिनो में जितल टाकापर असूलल 33 % टैक्स ई नगर सार्वजनिक कार्यमें लगबैछ ! जुआक कमाई आ धर्मार्थ ! भेलैक !!
तिरुवल्लुवर कहैत छथि, हमरा शब्द में:
भने जीत, जुनि  खेलक लोभ
जीत बोर थिक बंसिक  नोक ; कुरल  931
मुदा, भौतिकवादी समाजमें एक गोटेक लुटायब सं जं दोसर धनक संग्रह करैछ, तं कोनो अनुचित नहिं. टैक्स देलियैक, तं निक-बेजायक भेद कहाँ रहलैक !
कैसिनोक आगू बस, समीपेमें, पब्लिक स्क्वायर आयल.
सिटी स्क्वायर क्लीवलैंड
शहरक एहि मुख्य चौराहाक चारूकात एहि ठामक चारि टा प्रमुख गगनचुम्बी भवन सब अछि, जाहि सबहक अपन-अपन इतिहास छैक. मुदा, एहि चौराहा पर अमरीकी गृहयुद्धमें सहयोगी   सैनिक आ नाविक लोकनिक स्मारक आ मोजेज क्लीवलैंडक मूर्ति एतुका प्रमुख आकर्षण थिक. ज्ञातव्य थिक, अमेरिकाक उद्वव आ विकासमें  अमरीकी गृहयुद्धक स्थान केंद्र विन्दु पर छैक. तकर अनुभव  सबठाम हयत .
सिविल वार मेमोरियल, सिटी स्क्वायर क्लीवलैंड
सिटीसेंटर देखलाक पछाति बस एतुका प्ले-हाउस स्क्वायर दिस बढ़ल . प्ले-हाउस स्क्वायर एतुका रंगकर्मक केंद्र विन्दु थिक जे न्यू यॉर्क शहरक बाद एहि देशक दोसर सर्वप्रसिद्द कला क्षेत्र थिक.मुदा, एहि यात्रामें हमरा लोकनि सिनेमा- नाटकक हेतु समय नहिं निकालि सकलहु. तें, ई सब आब अमेरिकाक तेसर यात्रा में हेतैक.मुदा, एहि स्क्वायरमें सड़कक बीचक विशाल झाड़-फानूस देखल.  संगहिं, समीपहिमें भोजन आ पेयक हेतु प्रसिद्द यूक्लिड एवेन्यू   पर फोर्थ स्ट्रीटक भीड़ आ जीवन्तता देखि बस सं उतरि भीड़में हेड़ा जयबाक आकांक्षा जोर नहिं मारलक से कोना कहब . किन्तु, तेहि नो दिवसा गताः ! ई फोर्थ स्ट्रीट तं दिल्लीक चन्दनी चौक कें मात करैत अछि. एहि सडकपर जं मधुपर्क नहिं कयल आ एतुका व्यंजनक आस्वाद नहिं कयल तं दोसर बेर एतय आयब तं उचिते !
एहि यात्राक दौरान  इवा हमरा लोकनिके 19म आ बीसम शताब्दीक अरबपति लोकनिक इलाका मिलियोनेयर-रो सेहो देखौलनि. ओहि युग में एहि ठामक कतेको विशाल प्रासाद में तीन-तीन-चारि-चारि सौ सेवक सेवारत रहथि  मुदा, पुरान व्यवस्थाक अंत आ नव व्यवस्थाक आरम्भसं कतेको पुरान घर खसि चुकल अछि आ पुरान अट्टालिका सबहक स्थान पर आधुनिक कबूतरखाना - कोन्डोज-क सैकड़ो अलग-अलग आवासक स्वामित्व एक व्यक्ति स्थान पर सैकड़ों नव-धनाढ्यक हाथ में चल गेल अछि.
किछु दूर  आगू  क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी आ क्लीवलैंड हॉस्पिटलक बड़का क्षेत्र देखल. क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी प्राइवेट यूनिवर्सिटी थिक. किनबाक सामर्थ्य हो तं  नामांकनले प्राइवेट यूनिवर्सिटीसं नीक कोन  स्थान भेटत. मुदा आब हमरा लोकनि एकर निंदा की करबैक. आब तं भारतहु में सरकारी नीतिक बलें धनाढ्य उद्योगपति द्वारा संचालित प्राइवेट यूनिवर्सिटी शिक्षा व्यवस्थाक केंद्र विन्दुमें आबि रहल अछि आ गरीब-गुरबाक अंतिम शरण - सरकारी संस्थान - क्रमशः शिक्षा व्यवस्थाक परिधि दिस ससरि रहल अछि. प्राइवेट शिक्षा व्यवस्थाक क्षीर-सागरमें  लक्ष्मीपुत्र लोकनि विष्णु-जकां जल-विहार करैत छथि आ आम लोक उगडूब क रहल अछि. राजनेता आ सरकार  एक हाथें लड्डू बंटइत छथि, आ दोसर हाथें मुंगबा हंसोथैत  छथि. हमरा जनैत, ई एखन आओर बढ़त . सौ वर्षक पछाति की हेतैक, से के कहत !
लौली-ट्रालीक संग दू घंटा कोना बीति गेल बुझबो ने केलियैक. यूनिवर्सिटीक इलाकाक पछाति बस एतुका पुरान विश्वविद्यालय, केस वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, आ क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट, नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, आ चिड़ियाखानाक इलाकासं ड्राइव करैत गेल. एहि सब सं आगू , ईस्ट बुलेवार्ड एवं डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर मार्ग पर रॉकफेलर पार्क अवस्थित  क्लीवलैंड कल्चरल गार्डेन बाटें बस आगू बढ़ल. सैकड़ों एकड जंगलमें पसरल , उपर नीचा भूमिपर दर्जनों देशक भिन्न-भिन्न बगीचाक समूह ई इलाका क्लीवलैंड आ अमेरिकाक निर्माणमें आप्रवासी लोकनिक योगदानक प्रतीक थिक.  एहि बगीचाक समूह में भारतक खण्ड पर  के छथि से कहबा ले कोनो पुरस्कार नहिं. एतय हमरा लोकनि राष्ट्रपिता गांधी क्लीवलैंडक दारुण जाड़में अपन धोती, तौनी, आ लाठीक बलें भारतक प्रतिनिधित्व करैत छथि. मुदा,  मदर टेरेसाक स्थान अल्बानियाक खण्ड में छनि. नहिं कहि सकैत छी, गाँधी आ टेरेसा-सन विश्व मानव कें देश आ माटि सं जोडब उचित कि  नहिं .
घुरती में बस लेक एरीक कछेर पर बर्क लेकफ्रंट एअरपोर्ट, पनिडुब्बी संग्रहालय यु एस एस कॉड,  स्टीम शिप  विलियम जी माथेर, रॉक-एंड रोल हॉल ऑफ़ फेम, आ नासा ग्लेन विजिटर सेण्टर बाटें ड्राइव करैत पुनः फ्लैट्स में आबि विराम लेलक. लेक फ्रंट पर अवस्थित पूर्वोक्त सब दर्शनीय स्थल मई मास में खूजत. तें, आइ ई सब नहिं देखि सकलहु. मुदा, हमरा  तकर एको रत्ती मलाल नहिं. असल में, एहिबेर क्लीवलैंडक सबसँ दर्शनीय वस्तु हमर नवजात पौत्र आयुष्मान् अग्निव थिकाह. तें, हम संतुष्ट-प्रसन्न छी. बांकी सबटा अगिला बेर.

   
 

Tuesday, April 17, 2018

क्लीवलैंड डायरी-3 :धधकैत नदी आ भूमिगत रेलरोड

 क्लीवलैंड: धधकैत  नदी आ भूमिगत रेलरोड

क्लीवलैंड क्षितिज आ लेक एरी
अमेरिकाक ओहायो राज्यक क्लीवलैंड शहर. नाम पहिनो सुनल छल. करीब दस वर्ष पूर्व एतुका क्लीवलैंड क्लिनिकक प्रचार भारतीय पत्रिका सब में खूब छपइत रहैक. मेडिकल व्यवसायमें अपन योगदान क कारण क्लीवलैंड क्लिनिक चिकित्सा क्षेत्र में करीब सौ वर्ष सं परिचित अछि. किन्तु, ततबे. आब एतय आयल छी तं जिज्ञासा हयब  स्वाभाविक.सुनैतछी, पार्क-अभयारण्य,एडवेंचर-स्पोर्ट,रंगकर्म,कला,चिकित्साक सुविधा,शिक्षा संस्थानक कारण क्लीवलैंड सम्पूर्ण अमेरिका में प्रसिद्द अछि.हमरा लोकनि एतेक दूरआयल छी,आ बिनु देखने-सुनने चल जाइ से भ नहिं सकैछ. अस्तु, क्लीवलैंडक सम्बन्धमें जानकारी एकत्र करब आरम्भ कयल.
क्लीवलैंडक इलाका सर्द छैक. उत्तरमें सागर-सन  अथाह झील- लेक एरी. प्रचुर गाछ-वृक्ष, नदी-नाला, तरंगित- उत्थर उपत्यका, चिड़ई-चुन-मुनी, आ अजस्र वन्य जीव-जन्तु. आकाश कखनो मेघाच्छन्न तं कखनो नील-निर्मल. बर्फवारी तं एतुका सोहाग भाग थिकैक: सितम्बर सं अप्रिल धरिक अवधि जाड़क ऋतु में बीति जाइछ. एतुका सब उत्सव, खेल-कूद वर्षक बांकी चारि मॉस धरि सीमित 
अमेरिका आप्रवासी लोकनिक देश थिक आ आधुनिक अमेरिकाक इतिहास सेहो अप्रवासी लोकनिक इतिहास थिक; किन्तु, बस चारि  सौ वर्ष पुरान. किन्तु, पृथ्वीक इतिहास तं अनन्त-जकां छैक;पृथ्वीपर मनुष्यक आगमन 2-3 लाख वर्ष पूर्व भेलैक. मानल जाइछ, अमेरिका महादेशपर मनुष्यक पदार्पण आन सब महादेशक पछाति भेल रहैक. तथापि, जहिया आधुनिक आप्रवासी लोकनि अमेरिका आयल रहथि, अमेरिका जनशून्य-बियावान तं नहिंए छल. फल-मूल संग्रह करैत, शिकारी-यायावर-आदिवासी एतहु रहथि. अस्तु, रेड इण्डियन वा इण्डियन लोकनिक विभिन्न संकुल सभ्यता, सामजिक संरचना, वेश-भूषा आ जीवन पद्धतिक वर्णन तं मानविकीमें  अवश्ये छैक. किन्तु, रेड-इण्डियन लोकनिक इतिहास अमरीकी इतिहासक मुख्यधाराक सहायको नदी नहिं थिक, से आश्चर्य नहिं; देशक इतिहास तं अधिकांशतः विजेताए इतिहास होइछ. अमेरिकाक श्वेत समुदाय सेहो एतुका विजेता नस्ल थिक.  आ एतुको इतिहास योरोपीय आप्रवासीए लोकनिक इतिहास थिक. इतिहास कहैछ, ओहायो राज्यक एहि क्षेत्रमें आधुनिक अमरीकी आप्रवासी लोकनिक आगमनक अग्रदूत आ सर्वेयर- मोजेज क्लीवलैंड- जे कायहोगे   नदी-घाटी (Cuyahoga river-valley) क सर्वे कयलनि, 18म शताब्दीक अंतमें  एतय आयल छलाह. सत्य पुछू तं एतय कायहोगे   नदीक तट पर मोजेज क्लीवलैंड आयबे क्लीवलैंड नगरक शिलान्यास छल. फलतः, परवर्ती लोकनि एहि नगरक नामकरण एहि सर्वेयरक नाम पर कयलनि.
नदी-नाला जल केर संवाहक थिक, पोखरि-इनार-झील जलक संग्राहक थिक. पर्वतमालाक बर्फ आ झरना पानिक श्रोत थिक. मनुष्य जलक उपयोग आ दुरुपयोग दुनू करैछ. उपयोग सं जल जीवन थिकैक. दुरुपयोग सं गंगा-गोदावरी धरि प्रदूषित भ गेले. सुनैत छियैक,  प्रदूषणक कारण  अनेक बेर  क्लीवलैंडक कायहोगे नदी में सेहो आगि लागि  चुकल छैक .चौंकलहु ने ? नदीमें आगि ? हं, नदी में आगि. आ किएक नहिं ? जखन बंगलोरक बैलान्दुर झीलमें बेर-बेर आगि लागिए सकैत अछि, तं, कायहोगे नदीमें आगि लागि गेल तं कोन अजगुत !दुनू ठाम कारण एके: प्रदूषण.
'Waterfoul 1964' Cartoon by  Bill Roberts courtesy of Cleveland State Library Special Collections

धधकइत कायहोगे नदी वर्ष 1952  : Courtesy of Cleveland State Library Special Collections
ज्ञातव्य थिक, पछिला एक शताब्दी सं बेसी अवधिमें क्लीवलैंड कोयला आ लौह-अयस्कक आवागमन आ प्रशोधन- संशोधनक केंद्र छल. लोहा-लक्कड़क कारखाना, जल-जहाजक आवागमन, खनिज तेलक आमद-रफ्तसं नदी ततेक प्रदूषित भ गेल छल जे क्लीवलैंड द बहैत कायहोगे नदीक खंडक सतहपर अनेको इंच मोट तेल-गादि आ गर्दाक परत जमि गेल छलैक. एहि नदीसं  जीव-जंतु  तं उकन्नन भइए गेल छल, कहबी छलैक: जं भूल-चूकसं मनुक्ख कायहोगे नदीमें खसैत तं ओकर मृत्यु पानि में डूबला सं भले नहिं होइतैक; मुदा,नदीक प्रदूषित पानिक स्पर्शसं  शरीर   अवश्य गलि  जइतैक . सुनबामें ई गप्प भले हास्यास्पद लागय, आइ चेन्नईक अडयार, मुंबईक मिथि, आ दिल्लीक यमुना सहित महानगर द बहैत भारतक अनेक नदीक हालत एहि सं कनेको भिन्न नहिं ! किन्तु, प्रदूषण जाधरि मनुष्यक अस्तित्वपर सोझे प्रहार नहिं करैछ, मनुक्ख गबदी मारने सूतल  रहैछ. तें, लंदन-दिल्ली-क्लीवलैंड आ आओर अनेक महानगर समय-समय पर प्रदूषणक दानव सं मुंहामुही होइत आयल अछि.  अस्तु, जखन  कायहोगे नदी धधकय लागल छल शहरक संपत्ति नाश तं भेबे केलैक, सूतल प्रशासक लोकनिक निन्न सेहो टूटलनि, आ प्रदूषित नदीक पर्यावरणक सुरक्षाक मुहिम आरम्भ भेल. एहि सं पर्यावरण में सुधार तं भेवे कलैक, किन्तु, समस्याक पूर्ण समाधान एखनो बांकिए अछि से तखन बुझबामें आयल जखन एतुका ग्रेटर क्लीवलैंड म्यूजियम गेलहुं. म्यूजियममें एकटा सूचना-पटपर पढ़ल जे स्थानीय उद्योग-धंधाक कारण एतुका एरी झीलक तट एक समयमें अमेरिकाक सब सं बेसी प्रदूषित झील सब म सं दोसर नम्बरपर आबि गेल छल. झीलक तटक  प्रदूषित  हयबाक दोसर प्रमाण संझुका टहलानक दौरान चेतावनीक बोर्ड सं सेहो भेटल; बोर्डमें लोक कें तटकेर प्रदूषित खण्डमें नहयबा सं मना कयल गेल छैक.
एजवाटर वाक : लेकवूड, ओहायो  

लेक एरी तट क्लीवलैंड 
क्लीवलैंडक इतिहासक एकटा आओर पक्ष हमरा अनायास आकृष्ट केलक. एतुका लेकवूड पार्क में घूमैत, झीलकेर कछेर लग एकटा प्लाक देखबामें आयल. समान्यतः प्लाक सब भवन, स्तम्भ व मंच लग देखबैक. भूमिपर प्लाक ! साकांछ  भेलहुँ. एकर सम्बन्ध विगत युगक दास-प्रथासं पलायनसं छैक.

लेकवूड पार्क
दासता मुक्तिक भूमिगतअभियानक स्मारक शिलालेख, लेकवूड पार्क, लेकवूड, ओहायो.


 16 मआ17म  शताब्दीमें अमेरिका पश्चिमी देशमें प्रचलित दास व्यापारक प्रमुख गहाकि छल. ओही युगमें हजारों संख्या में  अपहृत, स्वस्थ अश्वेत पुरुष आ नारि  समुद्रपार अफ्रीका आ कैरबियन सं बेच-बिकिन ले अमेरिकाक विभिन्न तटपर आनल जाइत छल. अमेरिकाक दक्षिणी राज्यसब, जतय तमाकू आ कपासक खेतीले बेगारक मांग बेसी छलैक, एहि दास व्यापारक केंद्र छल. विभिन देशसं उजडल- उखडल  असहाय दासक बेच-बिकिनक पछाति आरम्भ होइत छलैक दासताक दारुण जीवन, जाहिमें दास पुरुष-नारि आ नेना सामंतक संपत्ति, नारिक गर्भ सामंतक खेत , आ ओकर पेटसं जनमल नेना सामंतक उपजा छल.श्रम तं मुफ्त छ्लैके. जाहि सामंतकें जखन बेगरता भेलैक, जतय बेसी मोल भेटलैक, मनुक्ख बेचल जाइत छल. फलतः, परिवार छिन्न-भिन्न तं  भइए  जाइत छल, स्वामित्वक परिवर्तन सं मनुष्यक परिचय सेहो बदलि जाइत छलैक. फलतः, एक दोसरा सं परिवारक सदस्यके फराक भेलाक बाद ने ककरो ताकब सम्भव, ने ककरो  भेटब संभव. अमरीकी दास -व्यवस्थाक आख्यान हजारों उपन्यास आ सैकड़ों अंग्रेजी फिल्म में भेटत. एहि विषय पर 1852 में प्रकाशित हैरियट बीचर स्टो केर Uncle Tom's Cabin  आ 1976में अलेक्स हैलीक उपन्यास  Roots कालजयी रचना मानल जाइछ. एकर अतिरिक्त हाल-सालक फिल्म Twelve Year a Slave  में अमेरिका में प्रचलित  दास व्यवस्थाक  झलक भेटत.
मुदा, एकरा ओहायो-क्लीवलैंड सं कोन  मतलब ? हं, सएह तं कहैत छी.
पहिल,  18म शताब्दीक उत्तरार्ध आ 19म शताब्दीमें ई दास-व्यवस्था केवल अमेरिकाक दक्षिणी राज्य धरि सीमित रहि गेल छल. अमेरिकाक पूर्वोत्तर राज्यसब आ कनाडा दास-प्रथाक कोढ़ सं मुक्त छल. ओहायो नदी अमेरिकाक एहि दुनू क्षेत्रक वृहत्तरसीमा छल. ओहायो राज्यमें  अमेरिका- कनाडाक सीमा एरी झीलक बीचोबीच पड़ैछ. अस्तु, मुक्तिक हेतु कनाडा दिस नुका-छिपाकय भगैत दास-लोकनिक हेतु क्लीवलैंड एकटा आखरी पड़ाव छल. संयोग सं एतुका राजनैतिक परिवेशमें किछु पक्ष सेहो दास-मुक्तिक पक्षधर छल. सम्पूर्ण पश्चिमोत्तर अमेरिकामें पसरल,  अश्वेत लोकनिक मुक्तिक हेतु भूमिगत संगठन इतिहास में Underground Railroad क नाम सं जानल जाइछ जकरा स्थान-स्थानपर  पीड़ित अश्वेत, उदारवादी श्वेत, चर्च-पादरी, गृहस्थआ नाविकक गुप्त सहयोग भेटैत छलैक . सुनैत छी, पलायनक एहि अभियानक जेहने भूमिगत जाल रहैक, तेहने  शब्द-कोष. सुनैत छी  भारतमें  ठग लोकनिक सेहो अपन छद्म शब्दावली रहनि  जकर संकलन ब्रिटिश सेनाक ले. कर्नल स्लीमनक पुस्तक The Thugs or Phansigars of India (1839) में भेटत. ई विषयांतर भेल.
ज्ञातव्य थिक, दास-प्रथा जेहने दारुण रहैक, पलायन ततबे कठिन  आ भयानक. परिणाम ओतबे अनिश्चित. कतेको मरैत छल. पकड़यलापर कतेको दासक हाथ-पयर तेना पांगल जाइत छलैक जे कतेक जान गंवा बैसैत छल आ कतेको जीवन भरि ले  अपंग भ जाइत छल. किन्तु, मुक्तिक बिना ओ सब जीवने की भोगैत  छल !  कम्युनिस्ट मनिफेस्टो में कहलो गेल छैक, 'The proletarians have nothing to lose but their chains.' ई कहबी दास पर आओर बेसी सटीक बैसैत छलैक. अस्तु, भगबामें सफल होइ वा  जान गमाबी कोनो स्थितिमें दासता सं मुक्ति श्रेयस्कर रहैक. क्लीवलैंड दास-मुक्ति मार्गपर एक प्रमुख पड़ाव छल. एकर चर्चा पुनः यथास्थान आओत.  अमेरिकाक दासतासं कनाडा पलायनक ई संदर्भ Uncle Tom's Cabin   में सेहो भेटत. मानल जाइछ, दास-प्रथाक पक्षधर खेतिहर आ दास-प्रथाक उन्मूलनक आन्दोलनक सूत्रधार लोकनिक बीच मतभेदक कारण भेल अमेरिकी गृहयुद्धक आगि सुनगबैमें  Uncle Tom's Cabin   सुखायल पोआरपर आगिक चिनगीक काज केने छल.      

Tuesday, April 10, 2018

क्लीवलैंड डायरी- 2: क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट

क्लीवलैंड डायरी- 2
क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट
 
 म्यूजियम वा अजायबघर की थिक ? अजूबा वस्तुक संकलन. मुदा, अजूबा व अश्चार्यनक की थिक ? चलू, किछु गप्प करी. अहाँ शहर- नगर में जनमल पढ़ल-बढ़ल छी. शहर-नगर देखने छी. जैविक उद्यान , अजायब घर देखने छी . अवश्य. तं, कहू तं, ढेकी-उक्खरि-समाठ,जांत -चकरी, डिबिया-लाबन, ढकना-सरबा, घैल -चपइ, टेगाडी-कुरहडि, सीक-पटैक, बहिंगा, मौनी-धुथरी, तामा- नपना देखने छियैक ? नहिं नें ? मुदा, पचास वर्ष पूर्व जं मिथिलांचलमें रहितहु तं एहि सब वस्तुक काज होइत. आब ई सब वस्तु जं  संग्रहालयमें नहिं राखल जाय तं एहि वस्तु सब के देखब तं दूर, परिभाषित धरि करब असम्भव भ जायत. एत्तहि, संग्रहालय मानव सभ्यताक विरासत कें  जोगाकय रखबामें अपन भूमिकाक निर्बाह करैछ.
सत्यतः, पहिल बेर चंद्रधारी मिथिला संग्रहालयमें पांचजन्य शंख आ पानि में हेलैत पाथर ( pumice-stone) देखि कय जतेक रोमाच भेल छल, पेरिसक लूव्रमें मोना लिसा आ वाशिंगटनक नेशनल एयरोस्पेस म्यूजियम में अंतरिक्षयान देखि कय सेहो नहिं भेल. मुदा, ई तं गप्पक गप्प भेल. हमरा म्यूजियम सब नीक लगैत अछि. तें, आब क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट  केर गप्प करी.

क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट : By Heidi Strean - originally posted to Flickr as Cleveland Museum of Art
विकिपीडिया कहैछ, क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट आकार में  अमेरिकाक चारिम सबसँ पैघ संग्रहालय थिक. एकटा नीक गप्प ई जे एहि संग्रहालयमें प्रवेश निःशुल्क छैक. हमरालोकनि दू गोटे. मंथरगति आ जाहिमें रूचि  सएह पहिने देखी. संग्रहालयक प्रवेशसं पहिने दाहिना कात स्वागत-कक्ष. पछाति, क्युरियो-गिफ्ट शॉप.  तकर आगाँ अंगनै, फूल पत्ती, आगंतुक लोकनिक हेतु बैसबाक स्थान आ कैफेटेरिया. हमरा लोकनि पहिने कैफेटेरियाक शरण लेल. पश्चिमी देश आ अमेरिकामें शाकाहारी भोजनमें विकल्पक कमी आम थिकैक. किन्तु, पिज़्ज़ा, फ्राइज-चिप्स  ( मोटा-मोटी आलू भुजिया )  सब ठाम भेटत. मदिरा तं पानिए थिकैक. रुचय तं मधुपर्क करू. अस्तु, पेट पूजा भेलैक आ संग्रहालयक प्रथम तल सं भ्रमण आरम्भ कयल.
सब सं पहिने चीनी  चित्रकला, वास्तु, वस्त्र, पात्र, ध्वज, मुद्रा, रेशमी कपड़ापर आलेख, आ  मूर्तिक संकलन देखल. इतिहासक हमर ज्ञान अत्यंत सीमित अछि. अस्तु, देखलहुं आ आगू बढ़लहु. किन्तु, अगिला कक्ष में प्रवेश करिते  पीड़ा बेसी, आ  थोड गौरवक बोध भेल.

टेराकोटा,मथुरासं

गौतम बुद्ध

खजुराहो मूर्तिकला
 माटि-धातु आ पाथरक जे भव्य मूर्ति सब बिहार-विंध्य-मथुरा वा  तमिलनाडुक मन्दिरक शोभा होइत आइ लुब्र, लंदन, वाशिंगटन, न्यू यॉर्क आ क्लीवलैंडक म्यूजियमक शोभा बनल अछि. नाकक सोझमें नटराजक धातुक मूर्ति, एनमेन ओहने जेहन चिदंबरम में छैक. चारि हज़ार वर्ष पुरान, सिन्धु-घाटी सभ्यताक अभिज्ञान मुद्रा ; जीव जन्तुक आकृतिक सील मोहक ठप्पा. बीच में, मथुरासं प्राप्त  बोधिसत्वक टेरा-कोटा मस्तक ( दोसर शताब्दी ). क्षत्रप कालीन  प्रकृति-देवी. प्रथम शताब्दीक गांधारक वंश-वृद्धिक देवी. राजस्थानकेर तीर्थंकर. दक्षिण भारतीय योगनरसिंम्हा. आंध्रक सातवाहन-कालीन बोधि-वृक्ष. गुप्त कालीन  मुद्रा. ई सबटा  हमरा आकृष्ट केलक. किन्तु, प्रदर्शित वस्तु सभक सूची आ श्रोत एतेक विविध अछि जे सबहक विस्तृत अवलोकन असम्भव. हं, ई सब देखि कय अंतर्राष्ट्रीय तस्कर सुभाष कपूरक स्मरण भ आयल. एहि व्यक्तिक गिरफ्तारीसं भारतसं चोराओल, विश्वक अनेक संग्रहालयमें प्रदर्शित मूर्ति सब भारत वापस आयल. दोषी के ? हमरा लोकनि, जे अपन विरासतक संरक्षणमें असमर्थ छी, वा तस्कर, जे अपन समृद्धि ले जहां-तहां सं मूर्ति-चित्रकला आ वास्तुकें  चोरी सबटा देश-विदेशक संग्रहालय धरि पहुँचबैत अछि. हमर पुत्र अमिय कहैत छथि, ' चोरि वा तस्करी, विश्व समुदायक विरासत कतहु तं सुरक्षित अछि. नहिं तं, की पता, बामियान- बुद्ध वा  बाबरी मस्जिदे -जकां  धर्माधिकारीलोकनि कहिया ने संग्रहालयमें संकलित इतिहासकें,   राजनितिक यज्ञ-कुण्डमें  आहूति द देने रहितथि !'
संग्रहालयक दोसर खण्ड जे हमरा आकृष्ट केलक ओ थिक भूमि-तल पर प्रदर्शित  प्राचीन मिस्रकालीन सभ्यता आ इसाई सभ्यताक प्रदर्शित वस्तु सब.

बेकनमुतक ताबूत

 इजिप्सियन-अनुभागक  प्रदर्शन सबमें सबसं सोझाँमें राखल,  सम्राट बेकनमुत केर ताबूत हमरा सब सं पहिने आकृष्ट  केलक. करीब तीन हज़ार वर्ष पुरान एहि ताबूतक बाहर आ भीतर बनल पेंटिंग एतेक सतरंगी आ जगजियार छैक जे लागत जे ई हाले-साल में बनल हो. एहि अनुभागमें एकर अतिरिक्त अजस्र मूर्ति, कलाकृति, आभूषण, शिलालेख, वंशावली आ धार्मिक प्रतीक चिह्न छैक, जकरा देखबा में अनेक दिन आ बुझबामें अनेक जीवन लागि  सकैछ.अस्तु, आगू बढ़ी.
मेरी आ बाल ईसा
एम्पुला- ताबीज 

अमेरिकी सभ्यता-सम्बन्धी संकलन सेहो  एहि संग्रहालयक विशेषता  थिक.



हमरा नहिं लगैछ, प्रागऐतिहासिक अमेरिकासं सम्बन्धित एतेक वस्तुक संकलन हम कोनो आन संग्रहालय में एकठाम देखने छी. संग्रहालयक एहि खण्डमें मध्य आओर पश्चिमी अमेरिकापर यूरोपीय प्रभावसं पूर्वक (  Pre- Columbian history ) इतिहास सं सम्बन्धित अजस्र मूर्ति, स्वर्ण आभूषण आ पात्र , वस्त्र, पेंटिंग, अस्त्र-सशत्र देखबामें आओत. सत्यतः, मध्य आ पश्चिमी अमेरिकाक  देश- मेक्सिको,ग्वाटेमाला, बेलीज़, पेरू- क सभ्यता कतेक समृद्ध आ प्राचीन छैक से एहि संग्रहालयकें देखि स्वतः सिद्ध भ जाइछ. मुदा, वृहद विश्व एहिसं अभिग्य अछि.  एतुका संकलन में प्रमुख अछि पाथर, चीनी मिट्टी आ समुद्री शंख-सीप सं बनल मूर्तिकला. एहि सबहक अतिरिक्त उत्तरी अमेरिकाक आदिवासी रेड-इंडियनसं सम्बन्धित कलाकृतिक संकलन सेहो एतय देखबैक.
राजपरिवारक एक नारिक  स्वरुप

संग्रहालयक  दोसर  भाग सबमें  आधुनिक यूरोपीय,  अमेरिकी, आ कोरियन कलाक संग्रह सेहो भेटत. किन्तु, सब किछु देखबा बुझबा ले समय, रूचि आ कला-पारखीक दृष्टि चाही.
एहि कला संग्रहालयक भूमिगत तल में इंटरैक्टिव स्क्रीन सं युक्त एकटा विशेष खण्ड सेहो छैक जाहिमें लाखों मिनीयेचर छवि कें छूबिकय ओकरा सबहक डिटेल्ड स्वरुपक अवलोकन बड़का विडियो स्क्रीनपर क सकैत छी.संग्रहालयक इएहटा खण्ड देखबाले टिकट लगैछ.
आब एतुका Natural history museum क भ्रमण दोसर दिन वा दोसर बेर.


  

Saturday, April 7, 2018

किरण-स्मृति विशेष : किरणजीक व्यक्तित्व आ कृतित्वक अनेक पक्ष एखनहु अपरिचिते अछि

किरणजीक व्यक्तित्व आ कृतित्वक अनेक पक्ष एखनहु अपरिचिते अछि 

एहि वर्ष 9 अप्रिलक  किरणजीक निधन के 29 वर्ष पूरि जेतनि. हिनक व्यक्तित्व आ कृतित्व में विद्वान लोकनिक रूचि एखनहु छनि आ रहतनि. तथापि, हमरा जनैत, किरणजीक  नाम पर बेर-बेर बुझले बातक आवृत्ति होइत रहल अछि.सत्यतः, बुझले तथ्यकें रटब अनुसंधान नहिं थिक. अनुसंधान थिक, अपरिचित विषयकें ताकि-हेरि बहार करब, वा सुपरिचित विषयपर नव दृष्टिक प्रतिपादन . आवश्यकता अछि, खोजी प्रवृत्तिक अध्येता लोकनिक जे किरणजी जीवन,व्यक्तित्व, कृति आ एहि सबहक मैथिली भाषा आ लेखनपर प्रभावकें नव दृष्टिए देखथि.
अनुसंधानमें अनेक समस्या छैक; साधन आ समय मूल समस्या थिक. मुदा, ताहू सं बेसी पैघ समस्या थिक नव तथ्यके प्रकाशमें अनबाक आग्रहक अभाव .
किरणजीक रचनाकाल दीर्घ छलनि. बहुतो रचना हुनक जीवन कालमें छपलनि. बहुतो रचना हुनक निधनक पछाति संकलित रूपमें प्रकाशमें आयल. तथापि, सम्भव अछि हुनक अनेको रचना एखनो अप्रकाशित होइनि. एहि म सं जे  हुनक अपन घरमें छनि, आइ ने काल्हि प्रकाशमें एबे करत. किन्तु, एहन  रचना जे ओहि परिधि सं बाहर होइनि तकरा तकबाक आ समेटबाक आवश्यकता छैक. छिडियायल कृति सब कें  समेटब किरणक साहित्यिक अवदानकें पूर्णता प्रदान करतनि.
 एहि संक्षिप्त लेख में हम किछु एहन विन्दु पर विचार करब जे किरण पर अध्ययनक हेतु नव विषय भ सकैछ.
1. किरणजी आ काशीनाथ झा 
सर्वविदित अछि, किरण जी चारि भाई रहथि; तीन सोदर आ एक वैमात्रेय. एहि सब म सं जेठ, काशीनाथ झा प्रसिद्द बलदेव जी, सुनैत छी, बहुमुखी प्रतिभाक धनी छलाह. योग्यता सं काशीनाथ झा वैद्य नहिं छलाह, तथापि. साहित्य-सृजन आ वैदागरीक व्यसन दुनू भाईकें  रहनि . चारि दशक सं थोड़ जीवन कालमें काशीनाथ झा धुरझार लिखलनि; हमर माता ( किरणजी छोटि बहिन ) कहने रहथि, कशीनाथ रामायण सेहो लिखने रहथि. काशीनाथ झाक  प्रायः थोड़ कृति प्रकाशितभेल रहनि; पुस्तकाकार तं कोनो नहिं . हमरा स्व. काशीनाथ झाक केवल दू टा  कथा पढ़ल अछि ; सतमाय ( मैथिली कथा शताब्दी संचयन, साहित्य अकादेमी, दिल्ली ) आ नरक नन्दन रेलवे कंपनी ( भारती, 1937 ). 'मिथिला मोद' आ आन अनेक पत्रिकामें प्रकाशित काशीनाथ झाक कृतिक चर्चा स्व. कैलासनाथ झाक पी एच डी थीसिस में छनि, से किरणजीक मुंहे सुनल अछि. अस्तु, किरणजी एवं काशीनाथ झाक रचनामें समानता व भिन्नता अनुसंधान एकटा विन्दु थिक. किरण जी स्वतन्त्र  प्रवृत्तिक लोक रहथि, तथापि, किरणजीक रचनापर काशीनाथ झाक किछुओ प्रभाव छनि वा नहिं से अनुसंधानक विन्दु थिक.
2. किरण जीक व्यवसाय 
किरणजी शिक्षासं वैद्य, वृत्तिसं शिक्षक आ खेतिहर, प्रवृतिसं आन्दोलनकारी आ साहित्यकार छलाह.  ओहि युगमें मैथिल लोकनिक बीच डाक्टरी व्यवसाय हेय बूझल जाइत छल. मैथिल डाक्टरक संख्या सेहो नगण्य छल. तथापि, किरणजी 'दरभंगा मेडिकल स्कूल में नामांकन ले गेल छलाह आ नामांकन ले चुनलो गेल छलाह. किन्तु, 'पचास टाकाक उपाय नहिं छलनि तें नाम नहिं लिखा सकलाह' से कहने रहथि.अस्तु, काशी विश्वविद्यालय में आयुर्वेदक कोर्स में नाम लिखओलनि. आ पछाति, कलकत्ता विश्वविद्यालय सं डिग्री प्राप्त केलनि.किन्तु, किरण जीक वैदागरी पढ़बाक पाछू कोन प्रेरणा रहनि से हमरा नहिं बूझल अछि. तथापि एतेक कष्ट आ श्रम सं उपार्जित डिग्री सं हासिल वैदागरी व्यवसायकें किरणजी किएक छोडि देलनि ?
सत्तरिक दशकमें गप्प-सप्पक क्रम में  हमरा ओ एकबेर कहने रहथि :
ओहि युगमें मिथिलामें जहिनाअत्यंत गरीबी रहैक तहिना रोगक बाढ़ि. जं कतहु रोगिक चिकित्साले जाउ तं लोक लग डाक्टरकें देबा ले किछु रहैक नहिं. जं कोनो नेनाक हाथ-पयरमें काडा-माठा होइक , दलान पर गाय-बडद होइक तं ओहि सबकें बेचि चिकित्साक खर्च सधयबाक अतिरिक्त आओर कोनो उपाय नहिं . ई हमरा ले दुखद छल.' संभव छैक एहना स्थिति में डाक्टर-वैद्यक गुजर-बसर सेहो कठिन छल होइक.
तथापि, समाजक दुखद परिस्थितिमें स्वेच्छा सं चुनल व्यवसायकें छोड़बाक पाछू किरण जी कोन व्यथा छलनि ? एतबे नहिं, वैद्यक रूपमें समाजमें किरणजीक छवि केहन छलनि, से प्रायः आइ धरि प्रकाशमें नहिं आयल अछि.
जेना कहल, किरणजी वृत्ति सं शिक्षक रहथि. किन्तु, शिक्षकक रूप में किरणजीक अवदानक पक्ष एखन धरि अछूते अछि. किरणजीक व्यक्तित्वक इहो पक्ष अनुसंधेय थिक.
3. किरणजीक मानसिकता 
सर्वविदित अछि, किरणजीक जीवन-पद्धति अत्यन्त सादा रहनि. धोतीक स्थान पर 'आम-छाप' कपड़ाक टुकड़ा, आ कुर्ताक स्थानपर ओही 'आम-छाप' कपड़ाक गोल-गला गंजी किरणजीक 'वर्किंग यूनिफार्म' रहनि , से पहिलुका युगक अनेको लोककें देखल छनि. ओ व्यवहारमें सहृदय रहथि; नवतुरिआ लोकनिकें प्रेरित आ प्रोत्साहित करथिन. किन्तु, सबल, प्रतिष्ठित मठाधीश सबसं सोझे ढाही लड़यबामें कोनो भय नहिं होइनि. परम्परा भंजन, निर्भीकता, आ सत्यक संधानक अतिरिक्त किरणजीक एहि व्यवहारक पाछू कोन मानसिकता रहनि, से विश्लेषण विषय थिक.
ततबे नहिं. किरणजी कहने रहथि, एकबेर केओ किरणजीसं पुछने रहथिन, 'अहांक योग्यता सुपरिचित अछि, तखन ( एम् ए , पी एच डी  आदि ) परीक्षा पास करबाक कोन काज !'
किरणजी कहलथिन, ' से तं जे बूझैत अछि , से ने . जकरा नहिं बूझल छैक, तकरा हेतु तौलि-भजारि देलियइए.' किरणजीक एहि उक्तिसं हम दू गोट निष्कर्ष निकालैत छी: एक, परम्पराक भंजक किरणजी व्यावहारिक रहथि. विश्वविद्यालय सेवाक पात्रताक हेतु एम् ए , पी एच डी क डिग्री  आवश्यक रहनि. किरणजी, घर-परिवार, व्यवसाय, खेती-बारीक झंझटिक पर्यन्त लक्ष्यबेध केलनि. एहि पात्रताक कारण हिनका विश्वविद्यालय सेवाक अवसर  भेटलनि. तथापि एकटा गप्प अओर: मैथिली-साहित्य-समाजमें जनिका लोकनिसं हिनका सैद्धान्तिक मतान्तर रहनि ओलोकनि बहुत दिन सं उच्चपदासीन रहथि.  किरणजी अपन अनेक समकालीन सं अपनाकें  कम बुझबाक तं गप्प छोड़ू, हुनका लोकनिके अपन समकक्षो मानबा ले तैयार नहिं रहथि.अस्तु, वार्धक्यमें डिग्री प्राप्तकय अपन योग्यताकें अनकर समकक्ष प्रमाणित करबाक आग्रह  सेहो किरणजी लक्ष्यमें प्रेरक छल हेतनि.  ई तं सर्व विदित अछि, अपन अकाट्य तर्कसं  किरणजी अपन पक्ष रखबामें बेजोड़ रहथि. जीवनक छ्ठम दशकमें डिग्रीले पढ़ब-लिखब  प्रायः किरणजीक अपन पक्ष रखबाक एकटा विरल आ अनुकरणीय शैली छल.  भीमनाथ झा कहितो छथि, ' किरण जी शास्त्रार्थी पंडित लोकनिक विगत परंपराक प्रतिनिधि रहथि' .
4. किरणजीक रचना संसार सुपरिचित अछि. साहित्यक प्रायः कोनो विधा हिनकासं छूटल नहिं रहनि. ई जाहि विधामें लिखलनि, परिमाण में भले थोड-बेस हो,  गुणवत्तामें सबटा विलक्षण मानल जाइछ.जं हिनक काव्य-कृति के देखी तं  किरणजीक काव्य-संकलन छपैत-छपैत जीवनक सांझ भ गेल रहनि. एहि सब संग्रहमें किरणजीक नव कम, पुरान कविता बेसी रहनि. किन्तु, हिनक काव्यकृति 'पराशर' अबैत-अबैत किरणजी प्रायः बिछाओन ध' नेने रहथि. 'पराशर'पर मरणोपरान्त किरणजी कें  साहित्य- अकादमी पुरस्कार सेहो भेटलनि. पुस्तकमें  सुमनजीक भूमिकाक अतिरिक्त, हमरा जनैत, 'पराशर'पर कोनो  गंभीर चर्चा नहिं भेल अछि. आ ने एकर दोसर संस्करण छपल अछि. हमरा जनैत 'पराशर' किरण जीक अंतिम आ सर्वोत्कृष्ट ( swan song आ magnum opus ) कृति थिक. आवश्यकता अछि, किरणजी अवसानक पछाति जनमल पीढ़ी एहि कृतिकें स्वयं पढ़य आ एकर  स्वरुपसं स्वयं परिचित होअय.
5. किरणजीक जीवनी : समग्रतामें किरणजीक जीवनी स्वयं एकटा अनुसंधानक विन्दु थिक. साहित्य-अकादमी  किरणजीपर एकटा मोनोग्राफ छपने अछि. किन्तु, बोनि द कय  जनसं काज करयबासं जेहन काज होइत छैक, ई मोनोग्राफ तेहनो नहिं अछि. सत्यतः, साहित्य अकादेमीक पारिश्रमिककें वस्तुतः पारिश्रमिको बूझब कठिन; ई रिसर्च ग्रांट तं नहिंए टा थिक. किन्तु, से विषयान्तर भेल. अस्तु, आवश्यकता अछि, खोजी प्रवृत्ति, उहिगर व्यक्ति कें समुचित साधन उपलब्ध होइनि जाहि सं किरणजीक जीवनीपर सम्यक दृष्टिक एकटा एहन कृति आबय जे किरण-विषयक शोधार्थीले एकटा प्रमाणिक सन्दर्भ-ग्रन्थ उपलब्ध होइक. साधन-संपन्न शोध-संस्थानसं जं  एहि हेतु अर्थक व्यवस्था हो  तं ई शोध नव साहित्यिक अवदान होयत. संगहिं ई शोध सम्बंधित शोध-संस्थानक सार्थकता सेहो प्रमाणित करत.
6.अंत में हम प्रोफेसर शंकरकुमार झाक नामे , अस्सीक दशकमें किरणजीक लिखल एकटा कविता-बद्ध अप्रकाशित पत्र उद्धृत करैत छी:
      
बिनु कहने बुझि जाइत छथि, मनक बात विद्वान् 
तें बाजब पुनरुक्ति बूझि चुप्पे रहथि सुजान 
अनुजक  तनुज थिकाह ई धरा-भूमि सं हीन 
रहितहु नाम रवीन्द्र छथि अन्धकारमें लीन
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------------पूर करथु 
से शंकर मतिमान.
( बीचक किछु पांति एखन बिसरि  रहल अछि ; पत्र हमरा फाइल में अछि )
विश्वास अछि, एहि प्रकारक अनेक छोट-छीन चिट्ठी-पत्री, पुर्जा, पाण्डुलिपि, लेख, प्रकाशित/ अप्रकाशित कृति, आ संस्मरण बहुतो लोकक  लग आ जीवित व्यक्तिक स्मरणमें छिडियायल हो. सब किछुकें समेटब किरणक समग्र पुनर्मूल्यांकन हेतु अमूल्य साबित भ सकैत अछि.



   

Thursday, April 5, 2018

क्लीवलैंड डायरी


क्लीवलैंड. ओहायो


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करीब 29 घंटाक यात्राक पछाति जखन हवाई जहाज क्लीवलैंड होपकिन्स अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट पर उतरलैक तं रातिक 12 बाजि गेल रहैक. हवाई जहाज रनवेपर लैंडिंग-रन क कय ठाढ़ भ गेल. किन्तु, दवारि खुजबाक कोनो सूर-सार नहिं. सुनल छल, कलकत्तामें जं रतिगर क लैंड भेलहुं, आ ग्राउंड-स्टाफक ड्यूटी चेंजक समय भ गेलैक, तं हवाई जहाज सं उतरि बाहर हेबा ले प्रतीक्षा करय पडि सकैत अछि. मुदा, एतय करीब 45 मिनट भ गेलैक. तखन उड़ान कर्मी लोकनि कहलनि, मार्शलिंग ले ग्राउंड-स्टाफ जखन उपलब्ध हेताह तखने एयरप्लेन पार्किंग-बे दिस चलत. बड बेस. सेहो समय अयलैक. किन्तु, जखन हवाई जहाजक द्वार खुजलैक आ एहि छोटका जहाजक संकीर्ण रास्ता सं बाहर होमय लगलहु तं भेल जेना क्षणे भरि में देहक सब कपड़ा एकाएक बर्फ-सन पानि में सनगिद भ गेल हो. निशाभाग राति, बर्फवारी आ बिहाडि. मौसम सं आओर की अपेक्षा क सकैत छी ! अमिय, हमर पुत्र, एअरपोर्ट पर आयल छलाह. समान लेल. किन्तु, कोन गेट सं निकली जे भेंट हयत. संयोग सं एकटा स्थानीय नागरिकसं हमर पत्नी के गप्प होमय लगलनि. ओ पुछलखिन, अहांक बालक कें कोना बुझबा योग हेतनि जे अहाँलोकनि कोन गेटसं बहरायब. ओही सज्जनक फ़ोन सं गप्प केलहुं आ अमिय क्षण भरिमें पहुंचि गेलाह. करीब 12 माइलक यात्रा आ अपन डेरा धरि पहुंचि गेलहुं.

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क्लीवलैंडक इलाका अमेरिकाक मध्यपश्चिम इलाका में अबैछ. एतय सं पृथ्वीक उत्तरी ध्रुव प्रदेश चारि हज़ार किलोमीटर सं कम छैक. अस्तु, एहि इलाकामें लगभग अगस्तसं मार्च धरि भीषण जाड़क प्रकोप रहैत छैक. एखन वसन्तक ऋतु आबि तं चुकल अछि. किन्तु, अछि कतहु नुकायल.



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लेकवुड शहर हिमपातक पछाति







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क्लीवलैंड में सूर्योदय







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रॉकी रिवर ड्राइव







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टोटम पोल: बाज,भालु, लुक्खी आ भेड़िया







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लेक एरी: पार्क


वसन्तक कोनो लक्षण देखबा में नहिं अबैछ. चारू दिस 'पत्रहीन नग्न गाछ-वृक्ष', उत्तरमें लेक (झील) इरीक पार सं अबैत हाड़ हिलबै बला बसात, कखनो रौद, कखनो मेघ आ धुंद, कखनो बरखा आ बर्फ़. मौसम कोन समय कहन मोड़ लेत, केवल मौसम विभागे कहि सकैत अछि ! हम अढ़ाई वर्ष सं बेसी समय लेह में बितौने छी. ओतहु वर्षमें करीब नौ मास जाड़क ऋतु रहैत छैक. किन्तु, क्लीवलैंड आ लद्दाख़क जलवायु आ मौसममें अनेक मौलिक अन्तर छैक. लद्दाख़ कम आबादीबला शीत मरुभूमि थिक, क्लीवलैंड फलैत-फूलैत महानगर. सुनैत छी, वसन्तक ऋतुमें ई उपत्यका रंग-विरंगक फूल पत्ती सं भरि जाइछ. एक दिन एतय बर्फवारीमें टैक्सी सं अस्पताल जाइत रही. टैक्सी चालक अफ़्रीकी-अमेरिकी युवती सं गप्प होमय लागल. ख़राब मौसम, बर्फवारी आ जाड़. स्वतः गप्प मौसमपर आबि गेलैक. हम कहलियैक, आब तं वसन्त आबि गेलैक. आब जाड़ आ बर्फक अंत हेबे करत. ताहि पर ओ युवती कहलनि, वसन्त एखन कतय ! हम कहलियनि, समय तं भइए गेलैक. ओ कहलनि, वसन्त एतय तखन ओतेक जखन चारूकात फूले -फूले हेतैक, हरियरी पूरा इलाकाके झाँपि देतैक आ तरह-तरहकेर चिड़ई-चुनमुनी चारू कात देखबै ! खैर, हमरा लोकनि ताधरि तं आपस भ जायब.


दू-तीन दिन धरि बेस ठंढा रहैक. किन्तु, हमरा बिनु टहलने-बुलने चैन नहिं. मुदा, एतुका मौसम में मोटगर ऊनी कपड़ाक अनेक परत, टोपी, गर्म मौजा आ दस्ताना चाही, नहिं तं छनहिं में गाल-कान-हाथ गुलाबी आ सर्द भ जायत. हमरा सब किछु स्वीकार्य अछि, मुदा, टहलब-बूलब नहिं छोडि सकैत छी. बाट भुतिययबाक कोनो भय नहिं. सब सड़क समानान्तर. प्रत्येक स्थान पर साईन-पोस्टिंग. टहलबाक फुटपाथ. रोड पार करबाक स्थान आ सिगनल; आओर चाही की !


यात्रा अमेरिकाक हमर दोसर यात्रा थिक. बहुतो वस्तु, रीति-रिवाज सं परिचित छी. किन्तु, देश भारत सं जतबे दूर छैक ततबे भिन्न. तें एहि बेर हम अमेरिका आ भारत में समानता ताकि रहल छी.


इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मनुख्यक जीवन में भारतहु में ओहिना हाबी भ गेल छैक जेना एतय. एतहु लोकके मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट करैत बाट चलैत, आ गाड़ी हंकैत देखबे करबैक. दोकान आ मौलमें पोलीथिनक प्रयोग एतहु छैक; काल्हि सी वि एस स्टोर में आठ गोट छोटका टॉर्च-सेल केर छोट-सन पैक जखन एक बीतक पोलीथिन बैगमें सेल्स-वूमन देलनि तं, बैटरीक पैक हाथ में लेल आ पोलीथिन आपस क देलियनि ! एकटा वस्तु एतय नीक लागल; चिड़ई-चुनमुनी खूब छैक. अपना ओहिठाम आ बगडा निपत्ता भ गेले. एतय हांज-क-हांज बगडा देखबैक.

किन्तु, आकार पैघ. मैना सेहो दोसर रंगक. लुक्खी अजस्र; आकार मेंं पैघ-मस्त, वर्ण में सामान्य आ कोइली-सन कारी सेहो. टहलबा काल एक दिन एकटा परिसर मेंं गोड चारिएक हरिण सेहो देखलिऐक. एकटा पार्कमें कोयोटी- भेडिया-सन जन्तु- सं बचावक अनुदेश सेहो नजरि पडल. एतावता, जैविक विविधता छैक, आ तकर संरक्षण ले प्रशासन आ नागरिक तत्पर छथि.

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एतय हमरा एकटा आओर नीक वस्तु नजरि पडल जे पचास वर्ष पूर्व बिहार क देहातहुमें रहैक. किन्तु, आब विलुप्त भ गेले ओ थिक : लेटरबौक्स. एतय ठाम-ठाम US Post केर नील रंगक चौखुट लेटर-बौक्स, नील युनिफार्म पहिरने डाकिया आ डेलिवरी-वैन देखि सकैत छी. भारतमें कोरियर व्यवसाय आ सरकारक उदासीनता मृत डाक व्यवस्थाक कपाल-क्रियामे लागल अछि. किन्तु, ई समाजले नीक नहिं.

भारतक विपरीत एतय घरक आगू, व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल-कालेज, आ बहुमंजिली आवासीय भवनक परिसर मेंं राष्ट्रीय ध्वज फहरयबाक परिपाटी छैक. तें, जहां-तहां फहराइत ध्वज राष्ट्रीय पर्वक आभास दैछ. भारतमें तं पहिने फ्लैग कोडक वर्जना रहैक. आब जखन कोनो कानूनी अड़चन नहिं छैक, तखनो झंडा फहरायब 15 अगस्त आ 26 जनवरीए धरि सीमित अछि. ओना सब देशमें राष्ट्रीय ध्वज फहरयबाक अपन-अपन नीति आ रीति छैक.जर्मनी मेंं लोक राष्ट्रीय ध्वज फहरयबा सं ततेक परहेज करैछ जे 2014 मेंं जहिया जर्मनी फुटबॉलक विश्वकप जीतल छल तहियो ओतय कमे ठाम राष्ट्रीय ध्वज फहराइत नजरि पडल छल; ओहि दिन हमरालोकनि फ्रैन्कफुर्तमेंं रही. जर्मनीक एहि विचित्र राष्ट्रीय परम्पराक सम्बन्ध प्रायः द्वितीय विश्वयद्धमें जर्मन अति राष्ट्रवादक कारण भेल ऐतिहासिक कुकृत्यक कारण भेल राष्ट्रीय अप्रतिष्ठा सं छैक.

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एखन इन्टरनेट सम्पूर्ण विश्वकें एकाकार क देने अछि. किन्तु, सम्पूर्ण विश्वमें विदेशी सबहक प्रति लोकक मनमें संदेह जनमि रहल छैक. राष्ट्रसब अपन सीमाकें सुदृढ़ करबाक हेतु सचेत भ रहल अछि. ई कोनो अनुचित नहिं; अपन राष्ट्रक सीमाकें सुदृढ़ करब राष्ट्रक अधिकार थिकैक. किन्तु, राष्ट्रिय सुरक्षाक अभियान में जखन असहिष्णुताक गंध आबय लगैछ तं अभियान कतेक बेर मनिवाधिकारक सीमा रेखाक अतिक्रमणपर अमादा भ जाइछ. राष्ट्रक सीमा रक्षाक नामे अमेरिकामें विगत मतदानक समय बहुतो आप्रवासी निंदाक निशाना बनलाह; कतेको कें मानसिक आ शारीरिक आघात सेहो सहय पडलनि. एहि सं उदारमना अमरीकी लोकनि मनहिं-मन वा व्यक्त रूपें ग्लानिक अनुभव भेलनि-ए. तकर अनुभव हमरा एतुका टहलान में सेहो भेल. किछु गोटेक हातामें एहि आशयक बोर्ड देखबा में आयल. बोर्डपर लिखल, ' अहाँ कतहु सं आयल होइ , अहाँ कोनो भाषा बजैत होइ, जं अहाँ हमर पडोसी छी तं हमरा कोनो आपत्ति नहिं '. उदारमना लोकनिक ई उक्ति, संकीर्ण विचारक लोक सबहक गाल पर चमेटा-जकां थिक. भारतमें सेहो एखन समाजिक उथल-पुथलक दौर अछि. अस्तु, हमरो लोकनि एहि विषय पर आत्ममंथन करी से वांछनीय.

अमेरिकामें जनसंख्या कम छैक. सड़कपर भारत जकां भीड़ नहिं भेटत. किन्तु, स्वास्थ्यक प्रति लोक जागरूक अछि; मेडिकल व्यवस्था बड महग छैक. तें, वाकिंग, साइकिलिंग, जिमिंग केर परिपाटी छैक. लोक टहलबा काल अपना सं कुकुर बिलाडि के सेहो ल कय निकलैत अछि. मुदा, पहिले बेर लडओना गाड़ीमें पोसा बिलाडिके जाइत देखि कौतूहल अवश्य भेल !

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

कीर्तिनाथक आत्मालापक पटल पर 100 म  लेख   मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान  कीर्तिनाथ झा वैश्वीकरण आ इन्टर...

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