Sunday, August 23, 2015

युद्ध


युद्ध

युद्ध वर्चस्व स्थापित करबाक सामूहिक अभियान थिक ; मनुष्यक मनुष्यपर , मनुष्यक राज्यपर; आ राष्ट्रक राष्ट्रपर वर्चस्व . सबठाम आग्रह एके - वर्चस्व .मुदा, युद्ध सत्यक रक्षाले होइक वा अधिकार पयबाले, हारि मनुष्येक होइछ . ततबे नहिं, सत्य समय सापेक्ष होइछ आ अधिकार शक्ति सापेक्ष . संगहिं,  सत्य विश्वासक विषय थिक आ विश्वास धारणाक. मुदा युद्धकेर असली सत्य होइछ , सबलकेर विजय आ दुर्बलक पराजय . विजय पराजयकें शक्तिसं सम्बन्ध  छैक, सत्य सं नहिं. तें,  विजय ककरो होइक पराजय तं मानवतेक होइछ. सेनापति पयर पुजबैत  छथि : प्राणतं  अदना मनुक्खे गमबैत अछि, अकालमें वएह काल कवलित होइछ . इएह थिकैक युद्धकेर सार आओर अंतिम सत्य .  

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

कीर्तिनाथक आत्मालापक पटल पर 100 म  लेख   मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान  कीर्तिनाथ झा वैश्वीकरण आ इन्टर...

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