Wednesday, January 11, 2017

योरप यात्राक पंद्रह दिन




योरप यात्राक पंद्रह दिन



 कीर्ति नाथ झा



 भूमिका
ई तं सबके सुनले अछि :
'पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ , पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय'
हमरा-सन मैथिली लेखक, जे ने लेखक लोकनिक सौजनिया भोजक नोथारी छथि, आ ने पुरस्कार विजेता से जोडि लेथु :
' पोथी-छप-छप सड गया, गाहक मिला न कोय,
पाठक जिसको मिल गया जनम सकारथ होय.
अस्तु. हमरा जखन मोन होइत अछि किछु-किछु लिखैत छी. मुदा, एहि में सबसँ बड़का दोष अछि जे मैथिलिए टा में लिखैत छी ; यद्यपि अपन विभागमें अध्यापन भाषा, वैज्ञानिक लेखनक माध्यम अंग्रेजी-ए टा अछि. हमरा नहिं बूझल अछि, मैथिलीक पाठक लोकनि कोनो लेखकक स्तम्भ वा नव प्रकाशनक ततेक प्रतीक्षा करैत होइनि जे लेखक पर नियत समयमें लिखि-लिखि पाठककें संतुष्ट करबाक deadline पूरा करबाक बाध्यता होइन. हमरा तं नहिंए टा अछि. अर्थात लिखबाक तगेदा तं दूर जे किछु लिखल अछि, वर्षहु बस्तामें बन्न रहैछ. मुदा, बस्तामें बन्न अछि, तं रहओ. छपि गेल तं छपओ. नहिं, ई गप्प पुनः कहैत छी. बस्ता में बन्न अछि, तं, बेस. जं छपि गेल तं, छापल किताब राखब कतय. मुफ्तमें बांटि देबैक, तं, पढ़त के. मुदा, लिखब तं रोग थिकैक. ध लेलक तं संगहिं जायत. तें, पोथी छापि जमा करबाक, आ लीखि कय बस्ता वा कम्प्यूटर में बन्न रखबाक बीच एकटा आओर विकल्प हम अपना ले चुनने छी- ब्लॉग केर. पिछला किछु वर्ष सं हम यदा-कदा अपन कविता-लेख-यात्रा विवरण-विचारकें अपन 'ब्लागस्पाट' 'कीर्तिनाथक आत्मालाप' (http://kirtinath.blogspot.in/) प्रकाशित करैत रहैत छी . हमर किछु प्रेमी आ परिचित लोकनि स्नेहें, वा रूचि सं, ई लेख सब पढ़इत छथि. हमर रचनामें ओतबो व्यक्तिक रूचि हमरा हेतु प्रोत्साहन आ प्रेरणा सिद्ध होइत अछि. तें, ब्लागस्पाट चालू अछि .
विगत 2014 में हमरा लोकनि योरपक पंद्रह दिनक यात्रा - कंडकटेड टूर-पर गेल रही. योरप जायब आब कोनो विरल उपलब्धि वा घटना नहिं थिकैक मुदा, हमरा लेल तं ई अनुभव नव अवश्ये छल. सएह अनुभव एहि यात्रा वृतांत लिखबाक प्रेरणा सिद्ध भेल. संग में सैकड़ो फोटो तं अछिए. मुदा, एकरा सब कें छापि की हासिल हयत ! तें, ब्लॉगस्पॉटाय नमः . हे, वृतान्त, जं केओ भूल बिसरल पथिक 'कीर्तिनाथक आत्मालाप' पढ़बा ले समय देलनि, तं हम तत्काल पुरस्कृत भ गेलहुं. अन्यथा, समयकेर अनन्त बहावमें की पता, कहिया कें कतय मुडियाडी देत ! आ ककरा की नीक लागि जेतैक.
कीर्ति नाथ झा
पांडिचेरी
11 जनवरी 2017

योरप यात्राक पंद्रह दिन 

नेआर
योरप जेबाक मनोरथ छल मुदा पक्का प्रोग्राम नहिं. एहि बेर जखन फेर गप्प उठल त शंका छल जा सकब ? क्रमशः नेयारक संग तैयारी सुरु भेलई आ आगू बढ़ैत गेल . सहकर्मी लोकनि स गप्प केलहुं . सब कहलनि , कंडकटेड टूर ठीक रहत . थॉमस कुक केर नाम पर सब सहमत. तखन एवमस्तु . थॉमस कुक संस्थासं संपर्क करब सुरु भेल आ प्रोग्राम बनि गेल .
योरप यात्रा में अनेक बाधा छै. सबसं पहिल योरप यात्रा महग छै. दोसर समस्या छै, पासपोर्ट-वीसाक , जे योरपक देशसब हठे देब स्वीकार नहिं करैत छैक . एहन सन क्रम , धनिक क द्वारि पर सोझे पहुँचबाक अनुमति नहिं . कदाचित पर्यटक स्वदेश नहिं घूरथि  तकर चिंता . तें ढेर कागजी काज . मोटामोटी अहाँ ई प्रमाणित करी  जे, विदेश यात्राक साधन अछि ; जयबा-अयबाक टिकट अछि ; रहबाक व्यवस्था हो . आंग- समांग , रोग -व्याधि क इलाज ले मेडिकल इंश्योरेंस हो ; भारत में नियामिक नौकरी हो जतय वापस अयला पर काज भेटब सुनिश्चित हो . कहबा में छोट, मुदा, व्यवहार में ई सब ओझरौठबला काज छै .
कंडकटेड टूर केर किछु गुण आ किछु अवगुण दुनू छैक . गुण- यात्रीके कथुक कोनो चिंता नहिं . अवगुण- कंडकटेड टूर निर्धारित देस सबहक सीमित टूर होइछ; यात्री के गनल-चुनल देशक पूर्वनिर्धारित स्थान  आ सीमित पर्यटन स्थल क भ्रमणक  करार रहैत छैक . तें , एहन पर्यटक जे एक-एक देश , एक-एक शहर के  अपन रुचिक अनुरूपे ऐल-फैल सं  भ्रमण करैत छथि हुनका विभिन्न स्थान के विस्तार सं देखबाक अवसर होइत छनि . मुदा, कतय- कतय जेताह तकर चुनाव तं करहिं पडैत छनि. भरि देश देखब तं स्थायी निवासीओक सक्क नहिं ;हमरे लोकनि देशतं छोडू बिहारक कतेक भाग देखने छी !   अस्तु, हमर यात्राक  अनुभव यूरोपक कंडकटेड टूर धरि सीमित अछि .
4 जुलाई 2014 चेन्नई . भोरे 4 बजे चेन्नई सं दोहा,कतार केर उड़ान . लोकल समय सं करीब 8.30 भोरे दोहा पहुँचलहुँ . समुद्रक कछेरक मरुभूमि में कंक्रीट केर जंगल . दूर-दूर धरि कतहु कोनो हरियरी नहिं . धूल-धूसरित क्षितिज पर दूर में गगनचुम्बी अट्टालिका समूहक धूमिल छवि मात्र . एहेन ठाम पलखतिओ  हो तं कतय जायब , की देखब ? सुनइ छियइ, मध्यपूर्वक ई शहर खरीददार-शैलानीसबमें खूब लोकप्रिय अछि . मुदा हमरा सन लोक कें केवल देश-कोस देखब अभिष्ट अछि. एतय बेसी लोक सोना कीनैत छथि; हमरो  पत्नी संगे छथि. मुदा हमरा लोकनि कें एतय खरीददारी अभिष्ट नहिं .
आरम्भ : चेन्नईसं
दोहा में जलखई-पनिपियाईक बेर छलइ . भूख लागल छल . मुदा भारतीय टाका नहिं चलत. 900 भारतीय  टाका देलियै. प्रायः कतारक 49  रियाल देलक. हमरा दू गोटेक जलखई ले काफी. हमरा सब ठाम नव व्यंजन चिखबाक रूचि अछि . किछु शाकाहारी सलाद आ 'हुम्मस' लेलहु . हुम्मस नीक लागल .हुम्मस थिकैक की ? उसिनल काबुली चना, भूजल तिल केर बुकनी, नून, ओलिवक तेल , मरचाई आदिक मेंही पिसल स्वादिष्ट चटनी. अस्तु, नव प्रदेश में एकटा नव व्यंजन चिखल. किछु कालक पछाति भारतीय भोजन सेहो भेटल. हमर पत्नी वेज-पुलाव आ दही खेलनि.
दोहा एअरपोर्ट, क़तर 

बेरुक पहर 1.30 बजे दिन कतार एयरवेज केर फ्लाइट-105 रोम, इटलीक लेल उड़ल. नव वायुयान, नीक व्यवस्था आ सुन्नरि कन्या लोकनिक तत्पर सेवा. हवाई जहाज उडैत एकटा सेवाकर्मी पुछलनि, अहाँ डाक्टर थिकहु ? आपात काल में अहाँ सहायता करबै ?  चौतीस वर्षक डाक्टरीक अनुभव, आ   पचीस वर्षक सेनाक सेवा आ हम सहायता नै करबइ ! अवश्य , हम कहलियनि. मुदा, हम आँखिक डाक्टर छी से सुनि महिलाकें कने दुविधा भेलनि. हमर गप्प सं पछाति आश्वत भेली. ई गप्प आओर जे यात्राक अवधि में ककरो आंग-समांग नहिं भेलै. 
     
इटली,रोम, आ वैटिकन सिटी

रोम :कोलोसियम केर सामने
हमरा लोकनिक टूर केर पहिल पड़ाव इटली देशक राजधानी- रोम थिक. तें सबसँ पहिने रोम केर  लियोनार्दो द विन्ची फुमिसिनो एअरपोर्ट. हवाई जहाज जखन उतरल रहइ त साँझक छौ बजैत रहै. मुदा, सूर्यास्त नहिं भेल रहै . गर्मिक मासमे योरप में ओहुना अन्हार हेबामे रातुक दस धरि बाजि जाइ  छैक. लियोनार्दो द विन्ची फुमिसिनो एअरपोर्ट. नाम उपयुक्त छै. असल में, हेलीकाप्टरक आरंभिक आकृति आ पाँखि-सहित वायुयानक परिकल्पनाक श्रेय लियोनार्दो द विन्ची-ए के छन्हि. विश्व के एहन बहुमुखी प्रतिभाक वैज्ञानिक इटलीए अवदान थिकैक . लियोनार्दो द विन्ची फुमिसिनो एअरपोर्ट , रोम इटली क सब स पैघ एअरपोर्ट थिकैक . सब किछु अत्यंत व्यवस्थित , कोनो असुविधा नहिं .इमिग्रेशन अधिकारी पासपोर्ट पर ठप्पा लगौलनि आ रोम में स्वागत. अमेरिका जकां नहिं . अमेरिका में इमिग्रेशन कठिन परीक्षा जकां लागल छल . अमेरिकन लोकनि सब के संदेहपूर्ण दृष्टि सं देखैत छथिन . उचिते !
रोम  एअरपोर्ट पर 'थॉमस कुक' केर अधिकारी लोकनि लक्ज़री कोचक संग  तत्पर छलाह . नीक सड़क आ उत्तम बससेवा  यूरोप केर विशिष्टता छैक. एअरपोर्ट आन सब ठाम जकां शहरक केंद्र सं बेस दूर छैक . हमरा लोकनिक रहबाक व्यवस्था शहरक भीतर होटल बार्सेलो अरान  पार्क में छल . कोनो शहर में जाऊ , काठमांडू वा कोयम्बतूर , न्यू यॉर्क वा रोम , एक स्तरक होटल केर सबतरि मोटा-मोटी एके नक्शा भेटत. एतय  पीबाक जल में लोक साधारण जल  - अक्वा नेचुरले आ अक्वा फिज़ान्ते-सोडा-वाटर - दुनूक प्रयोग करैत छथि . भोजन आ पाक में पिज़्ज़ा-पास्ता क प्रधानता. आन पाकसबमें मरचाइ मसाला क नीक प्रयोग होई छै . हमरा लोकनिक टूर ओपेरटर प्रत्येक ठाम स्वादिष्ट भारतीय भोजनक व्यवस्था केने रहथि . कतेक ठाम स्थानीय भोजनक सुविधा सेहो रहै . जे मोन हो सैह खाऊ. कोनो  बाध्यता नहिं. आइ -पहिल रातुक स्वागतमें वाइनकेर व्यवस्था सेहो रहैक. यूरोप में रतुका भोजन सांझे राति खयबाक परम्परा छैक, तें होटल पहुँचि शिघ्रे भोजनक व्यवस्था रहै . भोजनकाल में किछु समय परिचय पात में लगलै . उनचालीस यात्रीक ग्रुप . बिहार सं केरल , कलकत्ता सं  मुंबई , दुबई-दोहा धरिक यात्री . वयस में 8 स अस्सी वर्षक लोक. कंडकटेड टूर में सब ठाम संगे-संग हिंदी-अंग्रेजी भाषी गाइडक कारण  स्थानीय भाषा सिखबाक बाध्यता नहिं रहई  छै. मुदा, हमरा नव-नव भाषा सीखब नीक लगइए. एकरा हम अप्पन सर्वाइवल इंस्टिंक्ट- स्थल में जडि  जमयबाक आ अस्तित्व बचयबाक प्रवृत्ति - मानैत छी. कोना नहिं हो ; सेनाक सेवा आ कमला -कोसी सं ल कय, कृष्णा- कावेरी सं सियांग- सिन्धु धरिक घाट- घाटक पानि. नौकरी जे ने कराबय. पछिला दू वर्ष सं तमिल केर पाछू पडल छी. मुदा, जीवन भरि एहि परिस्थिति कें हम अनुपम अवसर मानि  नव-नव भाषा सिखैत आबि रहल छी. तें, एतहु  किछु सीखी.  एतुका (रोम केर) भाषा,मैथिलिये जकां  मृदु  छैक. मुदा, अंग्रेजी सं एकदम भिन्न . तें शब्द सब परिचित नहिं आ भाषा सीखब आसान नहिं. दोसर दिन भोरुका जलपानक समय मात्र दुटा शब्द सिखल - ग्रात्ज़े ( grazie), धन्यवाद , आ प्रेगो (prego)- you are welcome.
यात्राक दोसर दिन रोम आओर वैटिकन सिटीक  प्रोग्राम रहै . तें चलू ,रोम चली. कहबी छै , Rome was not built in a day अर्थात् रोम एके दिन में नहिं बनल छै. एहि कहबी में कनेको अतिशयोक्ति नहिं छै से शहर कें देखलासं प्रतीत होइछ . अत्यंत वैभवमय रोमक  निर्माण दीर्घकालधरिक अथक परिश्रमक फल थिक. रोमक निर्माण में अनेक पुश्त  धरि कतेको सम्राट, नागरिक आ श्रमिक केर योगदान छै. एहन वैभवमय नगरक निर्माण सरिपहुं  अकल्पनीय परिश्रमक फल थिक . रोम के देखब तं आंखि फाटल रहि जायत . पाथरक कृति में एहन वैभव , एहन सौन्दर्य कतय  पाबी ! शहर केर प्रत्येक कोन,चौक-चौराहापर  प्राचीन भवन आ अवशेष भेटत . कतहु पूर्ण वैभव में, तं कतहु भग्नावशेष जकां . दिल्ली  सेहो ऐतिहासिक छै . मुदा, रोम ऐतिहासिक आ प्रागैतिहासिक दुनू छैक.
अन्न आधार थिकैक. किन्तु जल जीवन थिकैक. तें विश्वक प्रत्येक सभ्यता आ शहरक विकास सागर वा सदानीरा नदिएक कछेर पर विकसित होइत एलैये खाहे ओ दिल्ली, लन्दन , पेरिस, न्यूयॉर्क हो वा पटना-कोलकाता-बम्मै. रोम केर प्राणदायिनी नदीक नाम थिकै टाईबर. शहरक पैघ हिस्सा  नदीक उत्तरपूर्वी कछेर पर बसल छैक. आस-पासक इलाका पहाड़ी भूमि थिकै. सदातनिसं  रोम केर सीमा में छोट-पैघ सात टा पहाड़ी अबैत छैक . ईशा पूर्व चारिम शताब्दी में एक छाहरदेवालीक निर्माण कय  एहि सातो पहाड़ी के घेरि सीमाबद्ध कयल गेल छलै. एहि म सं मूलतः पालाटाइन हिल केर इलाका में ऐतिहासिक अवशेष पाओल जाइछ आ कैपिटोलाइन हिल केर  इलाका में रोम केर सिटी हॉल छैक. तें पालाटाइन आ कैपिटोलाइन हिल केर  इलाका  शैलानी ले विशेष महत्वक मानल जाइछ . 
 रोमक  टूर में हमरा लोकनिले  तीन-चारि टा मुख्य ऐतिहासिक स्थलक भ्रमण निर्धारित छल . कोलोसियम , रोमन फोरम , पिआत्जा वेनेसिया, आओर ट्रेवाई फाउंटेन- फब्बारा . बाटे-बाट चलैत आओर ढेर-रास ऐतिहासिक भवन आ स्थल  अगल- बगल अबैत गेलइ आ  टूर मैनेजर अपन प्रवचन दैत रहलाह. मुदा अपरिचित नाम आ एकेसंग कतेक वस्तु . की-की मोन राखब . बहुत समय फोटो खिचबा में बर्बाद भ जाइ  छै . पछाति, कचोट हैत - धुत, फोटोए झिकबा में रहि गेलहुं. आँखिक देखब त छुटिए  गेल ! सत्यतः, आब प्रत्येक स्थानक एहन विशिष्ट फोटोसब इन्टरनेट पर उपलब्ध छैक . हमर विचार पूछी तं, स्थान -स्थान पर यादगार ले अप्पन आ अप्पन परिवारक फोटो झिकू, नवनव स्थानक  दर्शनक  आनंद उठाऊ आ बांकी फोटो, पछाति निचेन सं इन्टनेट पर देखू.
रोम केर पहिल पड़ाव कोलोसियम . कोलोसियम विश्व केर सर्वाधिक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल म सं एक आ रोम केर सर्वाधिक लोकप्रिय स्थल थिक. कोलोसियम के परिभाषित करब कठिन छै .कोलोसियम नाम एकर विशालता क द्योतक थिक ; असली नाम छलैक फ्लेवियन एम्फीथियेटर ; 80  इसवीक लगभगमें फ्लेवियन वंश केर राजालोकनि एकर निर्माण करौने छलाह. वनावटमें कोलोसियम कें  ने अखाड़ा कहि  सकैत छिएक  आ ने फिल्ड . जं स्टेडियम कही तं बेसी उपयुक्त ह्यत . मुदा कोलोसियम आधुनिक स्टेडियम सं अनेक अर्थ में भिन्न अछि . स्वरुप में ई एकटा पैघ, खुला ऑडिटोरियम थिकैक जकर आकार आ बनावट विशाल आ विस्मयकारी छैक.  गोलाकार उंच देवाल केर भीतर पचासों हज़ार लोक के, सामाजिक ओहदाक अनुसार, बैसबाक व्यवस्था . दर्शक आ खिलाड़ीकेर भीतर अयबाले आ अनेक तलपर भिन्न -भिन्न  द्वार,  आ विशाल तहखानाक उपर सबहक  बीच में, लकड़ीक विशाल अंगनइ- खेल तमाशाक प्रांगण ( अरीना ).  अंगनैक  नीचाक विशाल तहखानाक किछु अंश,एखनुका भंग मंच केर नीचा मधुमाछीक छत्ता जकां कोठलिक समूह जकां लागत . तहखानाक उपयोग साविकमें , खिलाड़ी क रहबाले, आ खेल तमाशामें प्रयोगक हेतु एकत्रित  जीव-जंतु आ माल असबाव रखबाले होइत छलइ. आश्चर्यनक छै  ओहि सुदूर काल में  एतेक पैघ भवन क निर्माण, पाथरक विशाल  खण्डसबके उठायब, आनब आ प्रयोग करब. अनेक प्राकृतिक विपदा, भूकंप आ बाढ़ि क प्रकोपें कोलोसियम जहाँ-तहां भंग भ गेल छैक . कहल जाइछ , किछु अवशेष लोक जहाँ-तहां उठाकय सेहो ल गेल छैक . एखनि , जोर -सोर सं एहि ऐतिहासिक स्थल क जीर्णोद्धार जारी अछि .
कोलोसियम केर भीतर : नीचाक तहखाना सहित

ताहिदिन कोलोसियम में विभिन्न प्रकारक द्वन्द युद्ध, कुश्ती आ तरह-तरह केर खेल तमाशा ले होइत छलैक. द्वन्द युद्धमें लोक हत्या आ विजय,  दुनूक, वाहवाही करैत छल . जे जीतल ओ गौरवशाली भेल , जे पराजित भेल तकर खेल स्वतः ख़तम .
कोलोसियम सं दक्षिण पूर्व दिशा दिस विदा होई सबसँ पहिने आर्च ऑफ़ कोन्स्तान्तिन      (कांस्तान्तिनक  द्वार ) आकृष्ट करत . कोन्स्तान्तिन रोमकेर पहिल इसाई सम्राट छलाह. ओहिसँ  आगू दाहिना कात पालाटाइन हिल आ ओकर उपरका भग्नावशेष सब देखबै.  पालाटाइन हिलसं  आगू आ ओकर ठीक सामान्तर सर्कस मैक्सिमस छैक, जे एकटा पैघ फुटबॉल फील्डनुमा मैदान थिक  . तें पालाटाइन हिलपर दक्षिण मुहें ठाढ़ भेलापर सामने सर्कस मैक्सिमसेक मैदान देखबामे आओत. ऐतिहासिक कालसं सर्कस मैक्सिमस मैदानमें   घोडदौड आ रथक दौड़, विजयोत्सव , राष्ट्रिय जुलूस , धार्मिक शपथ-ग्रहण आ अनुष्ठान, खेल-तमाशा होइत छलै . बरखा- बाढ़िक प्रकोपें आस-पासक पहाड़ीसं अबैत पांक आ भसाठी माटि क्रमशः एहि  विशाल खेल-प्रांगण कें गिडैत चल गेलइ आ सर्कस मैक्सिमस दिनानुदिन छोट होइत चल गेल . तें सर्कस मक्सिमस केर एखनुक आकार पहिलुका आकार सं काफी छोट छै .मुदा एहि प्रांगणक गौरवमय इतिहास विश्वविदित अछि, आ ई प्रांगण अनेक इतिहास विदित समारोहक साक्षी थिक ताहि में कोन संदेह.
रोम केर दोसर आकर्षण थिक, रोमन फोरम. ऐतिहासिक रोम केर केंद्र-बिंदुमें अवस्थित  विश्व -प्रसिद्ध,  रोमन फोरम एकटा  आयताकार चौक थिक. पालाटाइन आ कापिटोलाइन पहाड़ी क बीचक समतल भूमि रोमन  फोरम केर इलाका थिक.
हर्कुलस विक्टर केर मंदिर

आरम्भ में रोम क सात टा पहाड़ी सबहक बीचक  भूमि दलदल छलै जे क्रमशः भरइत गेलइ . ऐतिहासिक कालमें आसपड़ोसक खेतिहर लोकनि समतल भूमिमें आबि अपन तर-तरकारी, वस्तु-जातक  अदला -बदली आ बेच-बिकीन करैत छलाह . क्रमशः ओहि इलाका में सरकारी भवन, स्मारक, मंच , स्तम्भ आदिक निर्माण होइत चल गेलइ आ रोमन फोरम वाणिज्य-व्यापार , राजनितिक गतिविधि , सैनिक जुलूस , आ विजयोत्सवक विश्वप्रसिद्ध केंद्र बनि गेल . अनेक ऐतिहासिक प्रासाद, सरकारी भवन, आओर रोमन  साम्राज्यक आदि कालीन मंदिर आ  स्मारक फोरमेक चारू कात पसरल छैक. रोमन फोरम वएह इलाका थिक जतय सं पहिने रोमन गणराज्य, आ पछाति, रोमन सम्राट अपन शासन चलबैत   छलाह  . ई वैह भूमि थिक जतय सं  महान सेनापति , राजनेता, आ अधिनायक जूलियस सीज़र राज केने छलाह आ अन्ततः अपने सहयोगी लोकनिक हाथें मारल गेलाह. शेक्सपियरक जूलियस सीज़र नामक नाटक जूलियस सीज़र आ रोमन फोरमकें सम्पूर्ण विश्व में अमर क देने छनि .
समय बदलइ छै, लोक बदलइ छै , नव घर  उठैत अछि, आ पुरान घर खसैत अछि. ई सदातनि स भ एलइए. रोमन गणराज्य आ साम्राज्यक  गति सेहो तेहने भेलै . एखनि रोमन फोरम मात्र भग्नावशेषक ढेर अछि , किन्तु एतबा अवश्य, रोमन फोरम,  गौरवशाली रोमन गणराज्य ,आ  विराट् रोमन साम्राज्यक उत्कर्ष-पतन, विजय-पराजयक  साक्षी तं  थिके .तें , सम्पूर्ण विश्व सं अबैत पर्यटक ले रोमन फोरम एकटा महत्वपूर्ण पड़ाव थिक .
फोरम केर आस-पासक  मंदिरसब ईशापूर्वक पैगन वा ग्रीक धर्मकेर मंदिर थिक जकर आन धर्मक एखुनका  देवी देवता सं कोनो सरोकार नहिं . मुदा, मंदिरक आकार -प्रकार आ देवी देवताक सुन्दरता एहन छैक जे एखनो सुदर्शन व्यक्तिक तुलना लोक नैसर्गिक सुन्दरताक प्रतीक ग्रीक देवी-देवता सं करैछ.
रोम केर तेसर दर्शनीय इलाका थिक पियात्सा वेनेसिया वा वेनिस चौक. पियात्जा वेनेसिया माने वेनिसियन चौराहा, केन्द्रीय रोम केर एकटा प्रमुख चौराहा थिक.  कएक प्रमुख मार्ग एतय सं आरम्भ आ ख़तम होइत छै . चौक-चौराहक बिना शहर की ?  दिल्लियहु में चांदनी चौक छैक , विजय चौक छैक . राज पथ छै . मुदा , रोम केर चौक-चौराहा में किछु खास  छै . ओ खासियत सड़कक चौड़ाई , आ सुन्दरतामें  नहिं. खासियत छै, चारू तरफ़ छिड़ीयायल मूर्तिकला, फब्बारा , स्तम्भ आ स्मारक में . दक्षिण भारतक मंदिरक परिसरमें  , देवालपर  , आ मन्दिरक भीतर  पाथरक , सीमेंट क वा माटिक, हजारों रंगीन वा सादा मूर्ति भेटत . मुदा योरोपीय मूर्तिकला ओहि सं एकदम भिन्न छै . पहिल , सामान्यतः, मूर्ति संगमरमर वा कांसाक भेटत . संगमरमरक  मूर्तिक रंग मोटा-मोटी बरकरार छै . कांसाक मूर्तिसबहक रंग  रसायनिक परिवर्तनक  कारण हरियर भ गेल छै . मूर्तिसब आकार में पैघ आ देखबा में भव्य. सजीवता एहन जे मुग्ध भ जायब. मूर्तिकलाक छात्र वा कलाप्रेमी ले योरप आ रोम अनुभव आ आनंदक अनुपम अवसर  प्रदान करैछ .
पियात्जा वेनेसिया चौराहाक प्रमुख आकर्षण थिकै आधुनिक इटली क प्रथम सम्राट विक्टर एमानुएल द्वितीय केर भव्य स्मारक पलात्जो वेनेसिया ( वेनिस भवन ). शहर केर एकटा प्रमुख मार्ग (विआले फोरी डी इम्पेरिआली) पिआत्जा वेनेसिया सं आरम्भ होइछ  आ रोमन फोरम होइत कोलोसियम धरि जाइछ. तें ई चौराहा शैलानी लोकनिक प्रमुख आकर्षण केंद्र थिक . श्वेत संगमरमरक विक्टर एमानुएल भव्य स्मारक देखबामे आकृष्ट अवश्य करत मुदा आस-पासक ऐतिहासिक भवन आ भग्नावशेष सं ई  एतेक भिन्न अछि  जे भ सकैत अछि ई भव्य छवि पर बड़का टा, कुरूप मस्सा जकां, वा   मनभावन छविपर हास्यास्पद मेकअप जकां  प्रतीत  हो.  जे किछु. तथापि, एहि स्मारक केर छत सं चौराहक विहंगम दृश्य अवश्य भेटैछ .
एतुका दोसर भवन, पलात्जो वेनेसिया- वेनिस भवन,  वेनिसक एक  धर्म गुरु बनबौने छलाह. ओ गुरु ओहि  युग में वेनिस केर संत मार्क चर्च केर प्रधान रहथि. पछाति ई भवन  रोमन कैथोलिक चर्च केर मुखिया- पोप- केर  आवास, आ अन्ततः वेनिसकेर राजदूतावास  बनल . बदलैत समय आ देशक क्षितिज पर नव-नव राजनेताक उदयक  संग  पलात्जो वेनेसियाक भाग्य सेहो बदलल आ  बीसम शताब्दीमे में, इटलीक तानाशाह बेनितो मुसोलिनी सेहो एहि भवन में अपन  कार्यालय बनौलनि. एही भवनक  बालकनी  सं मुसोलिनी 1936 ई. में, पियात्जा वेनेसिया में एकत्रित जनसमूह्क समक्ष, इतालवी साम्राज्यक उद्घोषणा केने छलाह . सम्प्रति  एहि भवन में एकटा राष्ट्रिय संग्रहालय अछि .
जेना पहिने कहलहुं, रोम में मूर्ति ,स्तम्भ , चौक-चौराहा , फब्बारा, गौरवशाली प्रासाद, आ भव्य चर्च केर भरमार छै . मुदा , फब्बारा सब में ट्रेवाइ फाउंटेन सर्वाधिक महत्वपूर्ण आ विश्वप्रसिद्ध  अछि . लगभग 86 फुट उंच आ डेढ़ सौ फुट सं बेसी चौड़ा ट्रेवाइ फाउंटेन कतेको  नामी सिनेमाक शोभा बढौने अछि .मुदा फब्बारा सं बेसी रोचक छै फब्बाराक निर्माणक इतिहास. ताहि दिन ऐतिहासिक रोम केर नागरिक लोकनि पानिक आपूर्ति ले शहर क बाहरहिं, दूर-दूरसं  पाथरक  लम्बा-लम्बा  बाहा बनाकय शहर में पानिक आपूर्तिक व्यवस्था केने छलाह . पानिक एहि बाहा कें अक्वाडक्ट कहै छलइ. एहि म स एक प्रमुख, 23 किलोमीटर लम्बा अक्वा डक्ट - अक्वा वर्गोक  ( कुमारिक जलश्रोत ) एतुका  मनोरम फब्बारा-ट्रेवाई  फाउंटेनक- जलश्रोत थिक  . जनश्रुति छै , ईशापूर्व प्रथम शताब्दी में, एकटा कुमारी कन्या पियासल सैनिक सब कें रोम  शहरक  13 किलोमीटर दूर पेय जलक श्रोत देखओने  छलनि . ओहि कुमारि कन्या क स्मृति में एहि अक्वाडक्ट वा नहरक नाम अक्वा-वर्गो ( कुमारिक जलश्रोत ) पड़ल . एहि फाउंटेन केर पृष्ठभूमि केर भव्य वास्तुकला  सं नीचा बहैत जलधार  जलकश्रोत पर मनुष्यक विजयक द्योतक  थिक . भवनक बीचोबीच झरनाक मध्य में समुद्रक देवता, ओसिआनक- भव्य मूर्ति छनि .
ट्रेवाइ फाउंटेनक अंगनइमें जमा पानि  में  भजोखा कैंचा ( सिक्का) फेकबाक परम्परा छै. मान्यता छैक, ट्रेवाइ फाउंटेनमें कैंचा फेकला सं यात्रीकें पुनः रोम अयबाक मौका भेटैत छनि . दोसर रोचक तथ्य छै,  कैंचा फेकबाक कर्मकांड. लोक सिक्का दिहिना हाथ में लैत अछि आ  बामा कांन्हक उपर बाटें जल में सिक्का फेकैत अछि . विकिपीडिया के मानी तं पर्यटक लोकनि प्रतिदिन करीब 3000 यूरो क सिक्का ट्रेवाइ फाउंटेनक अंगनइमें फेकइ  छथि; ई फब्बाराक  व्यवस्थापक लोकनि आ चोर दुनूले आमदनीक श्रोत थिक. हमरा लोकनिक यात्रा व्यर्थ भेल. फब्बाराक मरम्मति में  हाथ लागल छलै, फब्बारा बन्न छलै आ  अंगनइ सुखायल छलै. ने फब्बाराक देखबाक आनंद उठौलहूँ आ ने सिक्का फेकबाक मौके आयल. चौराहा लगक दोकान सं 5 -5 यूरोमें आइस-क्रीम कीनल, एतुका  आइसक्रीम, जेलाटो, प्रसिद्द छै. हमरो लोकनि 5 - 5 यूरो में दुटा जेलाटो कीनि जेलाटोक आनंद लेलहुं रोमन ग्लैडिएटरक  आधुनिक नमूना (बहुरुपियाक) फोटो झिकल . कोन ठेकान बिनु यूरो फेकनहु पुनः रोम आबि ट्रेवाई फब्बारा देखबाक अवसर भेटय  !

ट्रेवाइ फाउंटेनक बाटक काते-कात, दोबगली रेस्टोरेंट सब छै. बाटक काते-कात लगाओल कुर्सी-टेबुल केर इर्द -गिर्द बैसल पर्यटक आ नागरिक भोजन आ मदिराक आंनद लैत रहथि. ई दृश्य योरप केर सब शहर में अहोरात्र भेटत .योरप में वाइन आ बियर पीबाक भला कोनो समय आ स्थान छै ! बियर तं लोक पानि जकां पिबैये.  मुदा हमरा आकृष्ट केलक द्वारी-ए- द्वारि सजावट ले लटकाओल लाल-लाल मरचाइक पैघ-पैघ गुच्छा. हमर पत्नी कहलनि, इटलीक पाक कला में मरचाइ- मशाला क प्रचुर प्रयोग होइत छै एहि मामला में इटली यूरोपक आं कतेक देश सं भिन्न अछि. हँ, नेबो-मरचाइक प्रयोग भारत में कतेक ठाम लोक टोना-टापर ले करैत अछि से तं देखल छल, मुदा मरचाइक प्रयोग लोक सजावट ले सेहो करैये से रोचक लागल आ हमरा ले नव अनुभव थिक.
ट्रेवाइ फब्बारा लग एकटा गली

वर्तमान इटली आर्थिक संकटक दौर सं गुजरि रहल अछि . हमरा सबहक गाइड- एंजेला -करीब 40 वर्षक महिला छलीह . कतहु ठाढ़ भ क गप्प करबाक फ़ुरसति भेल तं कहलनि, 'एखन एतुका समय बड्ड  खराप छै .' हम सहान्नुभूति में पुछलियनि , ' एहि दुर्दिनक हेतु इटलीक यूरोपीय समुदाय में सम्मिलित हयब कें अहाँ जिम्मेदार मानै छियै ? एंजेला सोझ जवाब नहिं देलनि. मुदा, गप्प करैत  हुनक छविमें  हुनकर  पीड़ा चिन्हबा मे हमरा कोनो भांगठ नहिं भेल . दूर शून्य में देखैत एंजेला कहलनि , 'इटलीक यूरोपियन यूनियनमें सम्मिलित भेला उत्तर असर तं अवश्य भेलैये . पहिने जे पिज़्ज़ा 10 लिरे में भेटैत छल, आब वैह 10 यूरो में भेटैये . आ लोकक खर्च बढ़लै - ए , आमदनी तं  नहिं-ए . तखन यूरोपियन यूनियन सन फूट ह्यब सेहो तं समाधान नहिए छियै.' हमरा उत्तर भेटि गेल; ने गिड़ने उपाय , ने उगिलने उपाय . दूध, मांछ दुनू बांतर. इएह थिकै यूरोपियन यूनियनक सत्य.
आर्थिक तंगी क ई स्थिति, जर्मनी आ स्विट्ज़रलैंड छोडि, एखनि मोटा-मोटी योरोपक सब देश में छै . प्रायः घटैत आमदनी आ पुराने जीवन पद्धति आ  जीवन स्तर के कायम रखबाक आग्रह एहि संकटक  मूल थिकै .
सम्पूर्ण योरप में हमरा सबहक यात्रा लक्ज़री कोच में छल .  ठाम-ठाम , निर्धारित पड़ावपर  उतरू , घूमू-फिरू . बस में बैसू आ फेर दोसर ठामक लेल विदा . एहि सं कतहु थकानक अनुभव नहिं भेल. कतहु ट्रेन , प्लेन, आ बस पकड़बाक हुज्जत नहिं भेल . मुदा तें लेट हेबई से नहिं . समयक पाबंदीक ख्याल राखहिं पड़त . बस चालक केर ड्यूटी क समय आ दर्शनीय स्थलक टाइम-टेबल क ध्यान राखब अनिवार्य छै, से टूर ऑपरेटर निरंतर मोन पाडथि .कारण प्रत्यक्ष छै: प्रत्येक बस में ड्राईवरकेर  लॉग-इन डाटा रिकॉर्ड होइत रहै छै आ पुलिस प्रशासन सख्ती सं डाटाक विश्लेषण करैत छै. नियमक उल्लंघन परिस्थितिमें  सम्बंधित ड्राईवर वा बस ऑपरेटर कें कठोर दण्डक व्यवस्था छै . तें जतहि ड्यूटीक 12 घंटा पूरा भेलनि ड्राईवर बस रोकी देताह आ बस टस-स-मस्स नहिं हयत . सोचबाक गप्प छै, भारतमें प्रतिवर्ष रोड -एक्सीडेंट सं सवा सं डेढ़ लाख धरि नागरिक अकाल काल कवलित होइत छथि . घायलक त गप्पे छोडू. एहि सब में खराब रोड, गाड़ीक रख-रखाव , ड्राईवरक अनुशासन, लचर पुलिस प्रशासनक आलावा ड्राईवरक असीमित ड्यूटी ऑवर सेहो जिम्मेवार अछि . मुदा श्रमिकक अधिकार आ रोड एक्सीडेंटक रोकथाम ले ककरा परवाहि  छै .  विकसित आ विकासशील देशक बीच प्रशासन व्यवस्थाक ई दुखद  अंतरक अंत कहिया धरि हयत के कहत.
अस्तु , रोम शहर केर भ्रमण भेलै आ वैटिकन ले बस चलल .असलमें  वैटिकन केर इलाका छै तं शहरक भीतरे . तें ट्रेवाई फाउंटेन सं बस चलल , एकटा मोड़ पर मुड़ल आ वैटिकन केर भवनसब अहाँक  सामने अछि !    


वैटिकन सिटी
रोमक शहरक मध्य, किलानुमा वैटिकन सिटी एक संप्रभुतासंपन्न राष्ट्र आ रोमन कैथोलिक धर्माबलम्बी ले पवित्रतम तीर्थ थिक थिक. तें सम्पूर्ण विश्व सं रोमन कैथोलिक तीर्थयात्री , जिज्ञासु , अध्येता आ राजनेता एतय अबै छथि. इसाई धर्मक रोमन कैथोलिक संप्रदायक प्रथम संरक्षक, मुखिया आ  संत पीटर केर उत्तराधिकारीक रूपें  सम्मानित - पोप, वैटिकन सिटी स्टेट केर राष्ट्राध्यक्ष थिकाह. मात्र 110 एकड़ में सीमित एहि राष्ट्रक अप्पन सुरक्षा व्यवस्था आ अप्पन भाषा- लैटिन- छैक. मुदा यूरोपियन यूनियन केर आन  कतेक राष्ट्र जकां मुद्राक क हेतु यूरो चलैत छैक. वैटिकन सिटी क इलाकामें पोपेकर सुरक्षाक जिम्मा सदातनि सं स्विस गार्ड क जिम्मा छैक . मुदा, वैटिकन केर अप्पन कोनो सेना नहिं  छैक. तथापि, तीर्थ-स्थल क पवित्रता आ पोप केर राजनितिक निरपेक्षताक  कारणे कोनो विश्वयुद्ध में वैटिकन तीर्थ कें कोनो नुकसान नहिं भेलै .
वैटिकन केर दुआरि पर

वैटिकन एनिहार क संख्या अनगणित छै मुदा प्रवेश निःशुल्क नहिं छै. तें, टिकट  ले भोरहिं सं किलाक  देवालक काते-कात तीर्थयात्री आ शैलानी लोकनिक  किलोमीटर सं लम्बा कतार स्वाभाविक छै. वैटिकनक भीतर जे मेला भेटत तकर गप्पे कोन . परिसरक द्वारिपर सुरक्षाक पुख्ता व्यवस्था छैक. टूर गाइड सब सुरक्षा अधिकारी सं रेडियो -ट्रांसमीटर लैत छथि आ अपना ग्रुपकेर यात्री कें रेडियो रिसीवर आ इयरफ़ोन दैत  छथिन. यात्राक दौरान विभिन्न भाषा में लोकल गाइड लोकनि अपन ग्रुप सं संपर्क रखैत छथि आ यात्रीक  भाषा में,मद्धिम स्वर कमेन्ट्री दैत रहैत छथि जे अहाँक कान में अबैत रहत. मूल टूर ऑपरेटर , जेना हमरा सबहक, थॉमस कुक गाइड अप्पन कम्पनीक फोल्डेबुल झंडा ल के आगू-आगू चलैत छथि आ अपन-अपन ग्रुप कें गोलियबैत चलैत छथि. समस्या छै, अद्भुत मेला में, आ सीमित समयमे , हजारों वर्ष सं संकलित ,एतेकरास  अपरिचित मूर्ति आ  पेंटिंग देखब  आ गौरवमय ऐतिहासिक गाथा के बूझब संभव नहिं. एक-एक टा पेंटिंगसं छत आ कॉरिडोर केर देवाल तेना छारल छै जे देखनिहारक आश्चर्यचकित आ अवाक ह्यब अस्वाभाविक नहिं . छत सब पर एहन  विशाल , भव्य आ अद्भुत चित्रकारीक कल्पना, रंगकर्म, आ परिश्रम विस्मयकारी लागत. सत्यतः एहन  बेजोड़ कृतिसब  कलाकारक  गहन लगन आ पीढ़ी- दर-पीढ़ी क जीतोड़ परिश्रम फल थिक.  कलाकृतिसब  सृष्टिक उत्पत्ति , स्वर्ग-नरक, इसाई धर्मक इतिहास, लोकगाथा, धर्म-युद्ध, वा धर्मगुरु लोकनिक जीवनगाथाकें निरुपित करैछ . गाइडक कमेन्ट्री ध्यान सं सुनु. बूझै छियै तं बुझू. नहिं त तीर्थाटन भेल, पुण्य कमायल सएह. एतुका भीड़ भारतक कोनो भीड़ भरल बाज़ारक वा प्रमुख तीर्थस्थलक   भीड़ सं कम नहिं. तें, म्यूजियम देखबाक आलावा  हमरा सब कें एक दोसरक संग छुटबाक चिंता छल. अस्तु , एक दोसराक हाथ धेने चलैत छलहु. एकठाम हमरालोकनिक  एक दोसरक हाथ छुटल. साकांक्ष भेलहु. संयोग सं , भीड़ में,  पत्नीक हाथ पकड़बाक प्रयास में दोसर महिलाक, अपरिचित गट्टा पकड़ा गेल. ओ मूक रुपें अपन हाथ झिकलनि. हम उलटि क ताकल त महिलाक विस्मित छवि देखि अप्पन गलतीक बोध भेल, आ  लजा गेलहुं. मांफी मांगि आदतन अपन पत्नीक  अनुशरण कयल. संयोग सं महिला हमरे लोकनिक ग्रुप केर छलीह; जान बांचल. विदेश में, आ बेजा हरकत ! बाप-रे-बाप ! दोसर भय गिरहकट सबहक छल. चिंता छल, पाकेट ने काटि लिअए , पासपोर्ट ने गुम्म भ जाय.टूर ऑपरेटर कहने छलाह , वैटिकन में लोक दूइए उद्देश्य सं अबैये , एक, तीर्थयात्रा -पर्यटन, आ दोसर चोरि- आ गिरहकट्टी . तै सावधान रहू , पाकेट आ पासपोर्ट बचाऊ , अन्यथा रोम आ वैटिकन में हलाल हयब- पाकेट कटब, पासपोर्ट हडायब आम गप्प थिकै ! जं एहन प्रारब्ध भेल तं यूरोपक टूर धयले रही जायत . घर-मुंहा होऊ आ आपस जाऊ. ठीके, मोन पड़ल, अपनो ओहि ठाम तीर्थस्थल में भय  देखाकय, वा ठकि-फुसियाकय, चोरि-डकैती होइते  छैक . विश्वासपूर्वक कहैछी,,बनारस आ इलाहाबादक हमर अपन अनुभव वैटिकनक अनुभव कें अवश्य मात देतैक. हँ, वैटिकन में कोनो पंडा-पुरोहित अहाँकें हरान नहिं करत . आ ने प्रत्यक्ष रूपें चढ़ावा चढ़ेबाक वा दान दक्षिणा देबाक कोनो परम्परा देखलियइ.तें टिकट कटौल तं निश्चिंत रहू . धक्का-मुक्की जे होई , दर्शन हेबे करत . चप्पल-जूता बाहर रखबाक परम्परा छैहे नहिं तें ओकर चिंता छोड़िये दियौ.
वैटिकन सिटीक अहाता में चारिटा प्रमुख दर्शनीय स्थल छैक - वैटिकन म्यूजियम , सिस्टिन चैपल , संत पीटर बैसिलिका, आ संत पीटर स्क्वायर वा चौक .
वैटिकन म्यूजियम समूह क लोकप्रियता  विश्वविख्यात छै . वर्ष 2013 में देश-विदेशक 55 लाख दर्शनार्थी वैटिकन म्यूजियम देखय आयल छलाह.एतय क्लासिकल आ यूरोपक पुनर्जागरण कालक  मूर्तिकला आ पेंटिंगक विश्वप्रसिद्द संकलन भेटत. मुदा,सब के देखब आ बूझब असंभव. प्रत्येक विधाक भाषा आ व्याकरण होइत छै, शब्दकोष होइत छै. भाषाक आस्वाद तखने क सकब जं गुण बूझल हो अन्यथा बानरक हाथ में नारिकेर . ओना सुन्दर स्वरुप, नेनाक निश्छल मुसुकी, सहज संगीत , निख्रैत रंग , सुस्वादु व्यंजन आ फूलक सुगंध भाषा आ व्याकरण सं परे सब के आनन्दित करैछ. ताहिरूपें एतुका मूर्ति सब अद्भुत सजीव लागत, पेंटिंग सब मोन कें मुग्ध क देत. मुदा, चित्रकला आ मूर्तिकलाक व्याकरण आ इतिहास सीखल रहैत त एक मासक   टूर सेहो काफी नहिं होइत. एतय सब सं जटिल समस्या छैक, अजस्र जनसमूह .मुदा, करबैक की. रोमन कैथोलिक क्रिस्चियन परंपरा में ई तीर्थ बेजोड़ अछि. तें श्रद्धालु ले मात्र वैटिकन क यात्रा जीवनक सफलता आ मुक्तिक द्वार बुझू . मुदा से गप्प पुनः पछाति . 
वैटिकन म्यूजियमक प्रमुख आकर्षण थिक लियोनार्दो-डी -विंसी क मूर्तिकला. विश्वप्रसिद्ध चित्रकार माइकलएंजेलो आ राफेल  केर बनाओल चित्र सब सेहो एहि संग्रहलायक शोभा थिक . म्यूजियम केर अनेक खण्ड विगत पोप लोकनिक स्मृति  में निर्मित छैक . म्यूजियमक भिन्न- भिन्न खण्ड में स्थान-स्थान पर ऐतिहासिक पात्र लोकनिक  आदमकद मूर्ति, मुख़ौटा, बस्ट- छातीक उपरक मूर्ति-  केर अतिरिक्त जीव-जंतु केर मूर्ति , पाथरक ताबूत , हेडस्टोन , शिलालेख, आ इटली  नक्शा  देखाबमें आओत. सम्पूर्ण कलाकृति विस्तार सं वर्णन हमर ज्ञान सं  परे अछि . तें , एतद्धि रामायणम !
सिस्टिन चैपेल  पोप केर आवासक समीपक प्रार्थनाकक्ष थिक. बाहर सं ई श्रीविहीन भवन जकां लागत ; कतहु किछु सजावट नहिं. मुदा भीतर जायब तं अद्भुत कलाकृतिक आ चतुर्दिक सजावट चकित क देत. सिस्टिन चैपेल छैक पुरान. मुदा एकर जीर्णोद्धार यूरोपक पुरार्जागरण काल में पोप सिक्स्टसकेर नेतृत्व काल में भेल छैक . तें सिस्टिन चैपेलक नामकरण हुनकहिं नाम  पर भेल छनि; आ ई चैपल सिस्टीन चैपेल कहबैत अछि. एहि प्रार्थनाकक्ष विशिष्टता थिक एकर सीलिंग पर सुशोभित माइकलएंजेलोक  अद्वितीय चित्रकला. एहि चित्रकलाक बलें, विगत 500 वर्ष सं,  ई प्रार्थनाकक्ष सम्पूर्ण विश्व सं तीर्थयात्रीक आलावा, कला प्रेमीसब कें चुम्बक जकां झिकैत रहल-ए . सिस्टिन चैपेलक देवाल सब  पर बनाओल ईशा ( क्राइस्ट) आओर मुशाक  ( मोसेस),  जीवन वृत्तिक अनुपम आ बेजोड़ भित्ति-चित्र सेहो एतुका अद्वितीय आकर्षण थिक. अप्पन धार्मिक प्रसिद्धि आ विश्वप्रसिद्ध कलाकार लोकनिक कलाकृति सबहक बलें अखिल विश्वक कलाप्रेमी आ तीर्थयात्री, दुनूले, वैटिकनक सिस्टिन चैपेल  पवित्र तीर्थ थिक. कलाप्रेमी आ तीर्थयात्री एतय आबि अपन जीवनभरिक  साध पूर्ण करैत छथि आ  अपना के धन्य बूझैत छथि. सरिपहुं, कलाकृतिसब  छैहे एहन बेजोड़ जे एकरासब कें  देखैत कोन कलाप्रेमीक मोन  अघयतैक !
रोमन  कैथोलिक सम्प्रदायक पोप चुनबाक परम्परा सेहो सिस्टिन चैपल क प्रसिद्धि एक टा आओर प्रमुख कारण थिक.  परम्परागत रूपें पोप केर चुनाव सिस्टिन चैपेलहि में होइत छनि. चुनावक पछाति बैलोट-पेपर केर जरयबाक अदभुत परम्परा छैक. सफल चुनावक  अवसर पर सिस्टिन चैपेलक चिमनी सं  उठैत उज्जर धुआं बाहर प्रतीक्षारत जन  समूह कें नव पोप केर चुनाव क शुभ सूचनाक दैछ. जं मतदान नव पोप केर चुनावमें असफल भेल तं  जरैत बैलट पेपर में भीजल-तितल घास-फूस दए चिमनी सं कारी धुआं निकालि धर्मगुरु लोकनि अपन विफलता क सूचित करैत छथि. ई रियाय वैटिकन में सदाय सं चलैत आबि रहलै-ए. 

संत पीटर बसिलिका वैटिकन सिटी स्टेट केर तेसर मुख्य आकर्षण थिक.  संत पीटर बसिलिकाक  निर्माण यूरोपक पुनर्जागरण  काल में भेल छलैक . इतिहासकार लोकनिक अनुसारें एत्तहि ,  बैसिलिकाक आगूक विशाल परिसर में संत पीटर रोमन सम्राटक हाथें  शहीद भेल छलाह. संत पीटर ईशा मसीह केर प्रारंभिक बारह अनुयायी म सं   एक छलाह से  तं सर्व विदिते अछि. बैसिलिकाक आगूक क विशाल परिसर - संत पीटर चौक- केर बीचोबीच ठाढ़ पाथरक विशाल  स्तंभ- ओबेलिस्क- दू हज़ार वर्ष पूर्वक ओहि दुःखद त्रासदीक मूक साक्षी थिक. शहादत क पछाति एत्तहि, समीपक एक पहाड़ी पर संत पीटरकेर अंतिम संस्कार भेल छलनि. क्रमशः समय-समय पर ओहि इलाका में अनेक संत आ पोप लोकनिक समाधि स्थापित होइत चल गेल. अंततः संत पीटरेक समाधि पर  संत पीटर बसिलिकाक निर्माण भेल.  संत पीटरक  समाधि पर, आ मूलतः हुनके स्मृति में निर्मित ई समाधि तें संत पीटर बसिलिकाक नामे विश्व विदित भेल. आकार में संत पीटर बासिलिकाक गणना  विश्वभरिक विशालतम चर्च में होइछ. रोमन कैथोलिक धार्मिक आस्थाक अनेक तीर्थ में में सेहो ई एक पवित्रतम तीर्थ में परिगणित होइछ. काल-क्रमें, समयक मारि सं ई भवन  जर्जर भ गेल छल.  तें, सोलहम आ सत्रहम शताब्दीक बीचक  लम्बा अवधिमें, जे काल यूरोप में कला, विज्ञान, आ सांस्कृतिक पुनर्जागरण  कालक नामें  जानल जाइछ ,  एकर पुनर्निर्माण भेल. आजुक संत पीटर बासिलिका ओही पुनर्जागरण  कालक देन  थिक. ततबे नहिं,  एकर नवनिर्मित स्वरुपक संरचनाक श्रेय छनि  पुनर्जागरण कालक विश्वविख्यात वास्तुकार  - दोनांतो, माइकेल एंजेलो , मादेर्नो आ बर्निनी कें . तें, ई भवन आ एकर भीतर क मूर्ति , स्थापत्य , आ चित्रकला पुनर्जागरण  कालक कलाक उत्कृष्ट नमूना मानल जाइछ .
सत्यतः, संत पीटर बसिलिका सन भव्य तीर्थ केर सामान्य वर्णन असंभव अछि. एहि भवनक विशाल , गोलाकार, गुम्बद रोमकेर मुख्य पहचान थिकै. भवन केर बाहर, आगू बरामदा पर , दुनू कात में दूटा विशाल मूर्ति संत पीटर आ संत पॉल केर थिकनि . मुख्य भवन केर प्रवेश  सामनेक विशाल कक्ष बाटें होइछ. भीतर दोबगली छोट-पैघ अनेको प्रार्थना कक्ष, पोप लोकनिक समाधि , धर्मगुरु लोकनिक मूर्ति , आ अनुपम चित्रकला देखाबामें आओत. मुदा, इसाई धर्मक इतिहास आ गाथा सं अपरिचित हमरालोकनि सन अबूझ यात्री ले गाइड केर कमेन्ट्री काफ़ी नहिं. यद्यपि संत पीटर केर समाधि एतुका प्रमुख आकर्षण थिक, तथापि, पियएता क नाम सं प्रसिद्द , संगमरमरमें, माइकल  एंजेलो क अनुपम कृति, जाहिमें शोकाकुल माता मेरीक कोर में प्राणहीन  ईशाक शरीर चित्रित छनि, अहांके आकृष्ट अवश्य करत . आखिर माताक कोर में संतानक मृत शरीर कोन सहृदय मनुष्यक हृदयमें करुणा नहीं जगओतैक.
संत एंजेल किला

वर्षभरि संत पीटर बसिलिका में पर्व त्यौहारक अवसर पर विश्वभरिक श्रद्धालुक  समागम  होइत रहैछ जाहि में कतेको बेर पोप जनसमूह के संबोधित करैत छथिन, प्रवचन दैत छथिन . एहि सब अवसर में प्रमुख अछि , क्रिसमसक  आ ईस्टरक समागम (मास) जाहि में लाखहु श्रद्धालु  हिस्सा लैत छथि आ विश्वभरिक करोड़ो लोक पोप केर उपदेश आ सन्देश सुनइ छथि .
हमरा लोकनि संत पीटर बसिलिका आ संत पीटर स्क्वायर सं टहलिक बहराइत सड़कक कातक उज्जर रेखा पार भेलहु कि मनुक्खक भीड़ छंटल, वैटिकनक भ्रमण पूर्ण भेल, आ गाइड कहलनि आब अहाँ, वैटिकन सिटी राष्ट्रक  सीमा पार  कय रोम, इटलीक सीमा में दाखिल छी  ! चरैवेति .....
वैटिकन सिटी आ रोम शहर केर कंडकटेड टूर समाप्त भेल . भोजनक व्यवस्था भारतीय होटल जयपुर में छल .छोट रेस्टोरेंट, स्वादिष्ट भोजन, आ भारतीय मूलक होटल मालिक . हाथ धोबालय वाशरूम ले गेलहुं तं भनसाघर लग भनसिया सब सं भेंट भेल . पंजाबी नागरिक लोकनि, 7-8 गोटे . सबहक कपड़ा-लत्ता अस्तव्यस्त बाथरूम में, एकटा कपबोर्ड में जेना-तेना राखल छलनि. भनसिया आ बेयरा लोकनि प्रायः रेस्टोरेंटक भीतरे कहुना रहैत छथि . सोचै छी ,दूर-दूर सं उज्जवल भविष्यक खोज में एशिया क कतेको देश सं लोक यूरोप अबैत अछि . दिन-रातिक कठिन परिश्रम आ सैकड़ों असुविधा-असौकर्य कें सहैत धन संचय कय  किछु टाका अप्पन देश ल जाइत अछि . नहिं जानि कतेक गोटे अप्पन घर-परिवार कें  कहैत हेतैक जे भारतीय मूलक श्रमिकलोकनि  विदेशमें कमाईले कोन-कोन पापड़ बेलैत छथि . कहबी छै , गुड़क मारि धोकडे जनैत अछि. सएह गप्प .
हमरा लोकनि भोजन कयल आ अगिला पड़ाव इटलीक प्रातो शहर ले विदा भेलहुँ . बाट में गाड़ी टाइबर नदीक एकटा पुल पार भेलै त बामकात, टाइबर नदी, आ   नदीक दोसर पारक, रोम शहरक बिनुदेखल भाग सब आकृष्ट केलक. नदीक जल गाढ़, किन्तु स्वच्छ. रोड सं  नीचा आ नदीक कछेर में अजस्र दोकान-दौड़ी आ छोट-छोट इटरी -भोजनालय. नदीमें शैलानी सब ले मोटराइज नाओ. ई सुविधा  यूरोप में आम गप्प छै . एकर अतिरिक्त थोड़े-थोड़ दूर पर अनेक पुल . प्रत्येक पुलक दुनूभाग सडक क कात में, सजावटक मोहक मूर्ति सब , जेना यात्रीक स्वागत में ठाढ़ हो. संत पीटर बसिलिकाक विशाल गुम्बद त देखबे करबैं. मुदा हमरा आकृष्ट कयलक एकटा विशाल, गोलाकार, प्राचीन भवन आ भवनक उपरक मूर्ति. मूर्तिक  हाथ में तरुआरि छैक . पछाति बुझबामे आयल भवनक नाम थिकै कासेल संत एंजेलो , पवित्र देवदूतक  भवन . मूलतः ई भवन रोमक सम्राट एड्रिअनक समाधि छलनि . पछाति ई भवन सैनिक किला आ तखन आओर आन-आन  सम्राट आ राजनेता लोकनिक समाधि सेहो बनल. मुदा आब एहि में संग्रहालय छैक . मोटा-मोटी एतबे, रोम में देखबाक घुमबाक अंत नहिं  छै . जतेक समय हो , देखू घुमू . इतिहास बूझल अछि तं आनंद दूना , नहिं बूझल अछि त धनि सन . आगू बढ़ू . हँ-हँ . हमरा लोकनि के तं प्रातो पहुँचबाक अछि .
प्रातो नगर, इटली में रात्रि विश्राम 
सुनइ छी, प्रातो शहर पैघ छै . मुदा , हमरा लोकनि एतय सांझ में पहुंचल छी . प्रातो शहर पहाड़ी इलाकाक समीपे  छै . मौसम अनुकूल छै. शहरक एक कात में बसल हमरा लोकनिक आवास, अपार्टमेंट होटल थिक . माने , फर्निश्ड फ्लैट. फ्लैटक खिड़की सं लगक हरियर पहाड़ी आ फूल-पत्ती नीक लागल . खेबाक पीबाक ब्यवस्था, अलग बिल्डिंग में रेस्टोरेंट में छै. रूम सर्विसक  सुविधा नहिं . चाहो बनयबाक ब्यवस्था नहिं, से अखरल . टेलीफोन आ इन्टरनेट छैक .टीवी सेहो. मुदा, स्थानीय भाषाक टीवीक कोन काज . शुकुर  जे एतय रातिए भरि एतय रहबाक अछि . बाहर निकलि, लग केर बाज़ार जयबाक मोन भेल. मुदा, भाषाक बाधा मोन पड़ल . संगहि , गप्प इहो जे हमरालोकनिक ग्रुप पैघ अछि. मुदा, छी तं सब फूटे-फूट . पति-पत्नी क बीच एक टा मोबाइल टेलीफोन . अचानक जरूरत भेलापर संपर्को कोना हयत . राति में भोजन थॉमस कुक केर लोकल ठीकेदार क जिम्मा . ठीकेदार लोकनि लाहौरक निवासी पाकिस्तानी थिकाह. हमर सबहक संगी जनरल पुरी पता ठेकाना पुछलखिन. मोटा-मोटी, जीविका जतय ने ल जाय .मुदा,एकटा गप्प कहू : पाकिस्तानी लोकनिक बनाओल भोजन ओहने स्वादिष्ट लागल जेना अपने लोकनि बनबई छी ; भोजनमें ओहन कोनो कटुता कहाँ छलई जेहन कटुताक बोध , पाकिस्तान शब्द सुनि भारत में अनुभव होइछ !
तेसर दिन भोर . तैयार भ जलखई पनिपियाई भेलै . बस में सामान लादल आ लीनिंग टावर देखबाले, पीसा शहर ले बिदा होइत गेलहुं. करीब एक घंटा क बस यात्रा . पीसा पहुँचबा सं  पूर्व टूर गाइड चेतावनी देलनि - 'पीसा में जे किछु किनबाक हो , बंगलादेशी दोकानदार सं  ली . सोमाली दोकानदार  लोकनि सं दूर रहब . सोमाली व्यापारीसं जं किछु मोलेबई आ नहिं किनलहु तं कोनो दशा बांकी नहिं राखत. सोमाली लोकनिक पूरा झुण्ड घेरि लेत,आदि-आदि .'
पीसा
पीसा शहरक प्रसिद्धिक एकेटा कारण एकेटा छै : लीनिंग टावर वा झुकल मीनार. जगह तं छोटे छै . पहिने ई  मीनार सात टा विश्वप्रसिद्ध आश्चर्य म सं एक छल ; विश्वप्रसिद्ध आश्चर्यक एखनुक फेहरिश्त में लीनिंग टावरक नाम नदारद अछि से भिन्न गप्प. मुदा, एहि कलाकृति ले पर्यटकक रूचि में कोनो कमी देखबामे नहिं आयल. ई  मीनार एखनहु  इटलीक लोकप्रिय पर्यटन स्थल थिक. आ मीनारे देखय सब एतय अबैत अछि . प्रसिद्द मीनार स्थानीय  चर्च केर परिसमें में छै . चर्च केर परिसर में चर्च आ चैपल केर संगमरमरक  अलग -अलग भवन छै . लीनिंग टावर, चर्च क परिसरक, फराक, आठ मंजिली, बेल-टावर थिकै .पहिल मंजिल क निर्माणक पछाति आधारक कमजोरीक दुआरे टावर एक दिस झुकि  गेलै. फलतः , निर्माण बहुत दिन धरि ओतबे पर ठमकल  रहलै. पछाति फेर केओ हिम्मत केलनि . आ आठ मंजिली बेल-टावर बनल तं विश्वप्रसिद्धे भ गेल ! टावर पर चढ़बाक टिकट लगैछ . पुरान मीनार  आ संगमरमरक करीब तीन सौ पिच्छड सीढ़ी . मारे मुंह . हमरा लोकनि नहिं चढ़लहूँ  . प्राण बांचत तं आन पहाड़ चढ़ब, अमरनाथ वा  मानसरोवर झील देखि आयब .
पिसा केर चर्च , आ दूर में, झुकल टावर
संगमरमरक एहि टावरक नक्काशी में हाथी आ बानरक छवि देखलियइ . से रोचक लागल . एहि शहर में बस एतबे . यादगारले यात्री लोकनि  टावरक  परिसर में, टावरे जकां झुकैत फोटो झिकबै छथि. हमहूँ फोटो झिकबौलाहूँ . आखिर, मुर्दा दिल क्या ख़ाक जिया करते है ! घूरती में टूर ऑपरेटर कहलनि, पिसाक शहर विश्व प्रसिद्द संत गोबैन शीशाक कम्पनी ले सेहो चिन्हल जाइछ .
                              फ्लोरेंस 
फ्लोरेंस शहरक  नाम आधुनिक नर्सिंग व्यवसायक अग्रदूत फ्लोरेंस नाइटेंगलक संग जुड़ल छनि, से सर्वविदित अछि. 'लेडी विथ द लैंप'क नामे सुपरिचित फ्लोरेंस नाइटेंगल ,  निर्विवाद जगविख्यात छथि. फ्लोरेंस नाइटेंगलक जन्मदिन सबतरि अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंगडे क रूप में मनाओल जाइछ . मुदा फ्लोरेंसक प्रसिद्धिक कारण फ्लोरेंस नाइटेंगले टा नहिं छथि . यूरोपिय पुनर्जागरणक काल में   कला- विज्ञानविदक बीच  फ्लोरेंस कला, विज्ञान आ ललित कलाक क्षेत्र में सिद्धपीठक रुपें समादृत छल.  सुनल अछि, यूरोपिय पुनर्जागरण केर मुहिम फ्लोरेंसे सं आरम्भ भेल छै . ओहि युगक कतेको कलाकार- मूर्तिकार , चित्रकार, साहित्यकार, आ वैज्ञानिक  फ्लोरेंसहिंक निवासी छलाह. विकसित होइत कलाक नव-नव आयाम कें प्रसिद्ध कला मनीषी लोकनि सं सीखि कतेको आन कलाप्रेमी आ गुणी लोकनि  सम्पूर्ण यूरोप में ओहि नव विधाक सबहक प्रचार कयलनि . ओ कलाकृतिसब  पछाति रेनासां आर्ट क नाम सं विश्वप्रसिद्ध भेल. ततबे नहि , ओहि समय में मौलिक विज्ञान, खगोलशास्त्र    चिकित्साविज्ञानक   क्षेत्र में सेहो प्रगति भेलै . लिओनार्दो द विंसी , माइकेल एंजेलो , गेलिलिओ , कवि दांते आदि , सब गोटे फ्लोरेंसक ओही युगक  देन  थिकाह. ततबे नहिं, बहुतदिन धरि  फ्लोरेंस इटली क राजधानी आ यूरोपक आर्थिक , सांस्कृतिक आ राजनैतिक केंद्र सेहो छल . तें फ्लोरेंस कलाप्रेमीक  मक्का तं थिके , ई विज्ञानक इतिहास आ राजनितिक अध्येताक हेतु सेहो महत्वपूर्ण स्थान थिक. महान राजनेता, लेखक, आ चिन्तक मैकेयावेली सेहो फ्लोरेंसहिंक देन थिकाह. सहजहिं, सब टूर ओपरेटर अप्पन ग्रुपके फ्लोरेंस अनिते छथिन. तें,फ्लोरेंसमें  पर्यटक केर कोनो कमी नहिं. एहन पुरान नगरक पग-पग सं इतिहास आ दन्त कथा जुड़ल छै . मुदा , सामान्य पर्यटक ले, जे एक-एक शहर में एक-एक दिन ले अबै छथि , ई संभव नहिं जे सब किछु निचेन सं देखि पाबथि. सीमित समय में पर्यटक सबकें   सब किछु नीकजकां बुझायब  टूरगाइडले  सेहो  संभव नहिं . सत्यतः, सामान्य रूचिक पर्यटककें  आन देशक इतिहास आ भूगोलक एतेक जानकारी ने रहैत छनि  आ ने सबले एतेक जानकारी एकत्र करब संभवे  छै. हमरा देश-कोस घुमबाक रुचि अछि,  देस-प्रदेशक जानकारी नीक लगइए. मुदा, ने यूरोपक इतिहास बूझल अछि आ ने यूरोपक विस्तृत भूगोलसं परिचित छी. टूर ऑपरेटर सेहो कहलनि , 'बेसी इतिहास सुनयबैक तं यात्री लोकनि अकच्छ भ जाइत छथि.तें हमरा लोकनि संक्षेप में सूचना दैत जगह देखा दैत छियै .' फ्लोरेंस में सेहो टूर ऑपरेटर एकटा लोकल गाइड रखने छलाह . महिला हालहिंक प्रसवक पछाति प्रायः पहिले बेर, टूरिस्ट सबहक बीच काज पर आयल छलीह. तें प्रायः अवचेतनक कोनो आन  चिंताक कारण व्यवहार में सहजताक अभाव प्रतीत भेल  आ महिला ड्यूटी कें ड्यूटी जकां पूरा करैमें लागल छलीह, से सबकें अनुभव भेलै : जं केयो दोहराकं प्रश्न पुछलखिन  तं, एके कमेन्ट : ई तं हम पहिनहिं कहि  चुकल छी. अहाँ ध्यान सं सुनु .' एक तं ऐतिहासिक गप्प-सप्प, दोसर,धाराप्रवाह भाषण, आ ताहि पर अंग्रेजी बजबाक भिन्न शैली.  अन्ततः हमरालोकनिक ग्रुपक एकटा सीनियर सिटीजन प्रतिवाद केलखिन. मुदा, महिलाक लेल धनि सन. सीमित समयक कॉन्ट्रैक्ट में सीमित काज करबाक छलनि , केलनि. बस . एहिना होइत छै जं अहांके अपन व्यवसाय में आनन्द नहिं अबैत हो वा सीमित समय में काज करबाक वा विधि पुरयबाक बाध्यता हो . रोम केर हमरा लोकनिक गाइड , एंजेला , नगरक खिस्सा  सुनबैत काल, इतिहासक स्वतः भुक्तभोगी जकां भावविह्वल भ जाइत छलीह. जे केओ किछु प्रश्न पूछलखिन ,स्थिर सं संतोषजनक उत्तर भेटलनि . ई थिकै व्यावसायिक प्रतिबद्धता - प्रोफेशनल कमिटमेंट . तें, मात्र चारिए-पांच घंटाक परिचय आ  कतेको टूरिस्ट गाइड में एकटा एंजेलाएटा किएक मोन छथि . हमरा दृष्टि में , एखन भारत में टूरिस्ट गाइडक व्यवसाय तेना भ के विकसित नहिं भेल छैक, वा हमरा लोकनि टूरिस्ट गाइड कें ओतेक प्रोत्साहन नहिं दैत छियै . जं ऐतिहासिक महत्वक इलाका सब में  टूरिस्ट गाइडक  व्यवसायक मानक शिक्षा वैकल्पिक विषयक रुपें हाई स्कूल में उपलब्ध होईतैक  तं कतेक युवक लोकनिले  रोजगारक आ स्वाबलंबनक  बाट खुजितई . जे किछु .
फ्लोरेंस में : पृष्ठभूमि में प्रसिद्द गुम्बद
हमरा लोकनि फ्लोरेंस पहुंचल रही त दिनक  करीब बारह बजेक समय छल हएतै . बाहर सं पहाड़ी बाटें अबैत  घुमावदार सड़क, शहरमें, एकटा टीलापर फैल जगह -  पियात्सा माइकेलएंजिलो अर्थात माइकेलएंजिलो चौक- धरि पहुंचल छलै . पहिने ओत्तहि हमरा लोकनिक बस रुकल आ हमरालोकनि बससं  उतरइत गेलहु . असल में, ई स्थान चौक त कोनो अर्थ में नहिंए  छैक. छियै , शहरक बाहरक एकटा प्रमुख भ्यू पॉइंट. एतय  सं सम्पूर्ण शहरक  विहंगम दृश्य भेटत . भ्यू पॉइंटक आगू किछु गाछ-वृक्षक समूह छै  आ तकर आगू अरनो नामक नदी फ्लोरेंस शहर देने बहैत छैक . नदीक दोसर पार खूब चौड़ा सड़क, विशाल नगर आ दूर में विशाल गुम्बद , स्तंभ , आ एकटा पुरान  किला आकृष्ट करत . लिलीक फूल फ्लोरेंस शहरक परिचय आ एतुका निशानी थिकै. चौराहाक बीचोबीच, उंच आधार पर  माइकेलएंजिलोक विश्व प्रसिद्द कृति डेविड केर मूर्तिक 'नमूना ' छै.एहि मूर्तिक अनुकृति फ्लोरेंस आ सम्पूर्ण योरपमें अनेक ठाम भेटत.  मूर्तिक आगू टेलिस्कोप सब लागल छै. यूरोक सिक्का खसाउ आ शहर केर मैग्नीफाइड भ्यू देखू . यादगारले फ्लोरेंसक पृष्ठभूमि में हमरालोकनि फोटो झिकौलहु . मौज मस्तीएक बीच में पानिक एक अछार आबि गेलइ आ सब बस दिस भागल. छाता संग में छल, काज आयल. ओना योरपकेर टूर में छाता संग राखब उचित, सब ठाम काज देत. भ्यू पॉइंट सं आबि हमरालोकनि  एकटा भारतीय  रेस्टोरेंट में भोजन कयल . आ फेर शुरु भेलै शहर केर भ्रमण . चली, पित्ज़ा ले दूओमो' अर्थात गुम्बद चौक .
स्थानीय जनतामें ज दूओमो दि फिरेंत्जे' क नाम सं प्रसिद्द फ्लोरेंस केर षटकोणीय  गुम्बद फ्लोरेंस शहरक प्रमुख टूरिस्ट आकर्षण थिक. संत मैरी चर्चक ('बसिलीका दि सन्ता मरिया दि फियोरे' ) ई गुम्बद  अपन युगमें भवन निर्माणक क्षेत्र में एकटा अजूबा क्रांति छलैक. षटकोणीय आकार   निर्माणमें इंटाक प्रयोग. तें ई गुम्बद विश्वभरि में एखनहु बेजोड़ अछि . जेना पहिने कहलहुं, नगरक बहारहु पर्यटककें  सब सं पहिने ई गुम्बदे आकृष्ट करैत छैक. आकार में संत मेरीक  चर्च विशाल त छैहे , एकर संगमरमरक बाहरी देवालक रंग-बिरंगी पैनल लोककें विशेष रुपें  आकृष्ट करैत छै. आ सएह  एहि भवनक विशेषता थिकै चर्च केर लगहिं में विशाल बेल-टावर छैक. चर्चहि जकां ईबेल-टावर अपन सौन्दर्य आ कलाकृति ले बेजोड़ मानल जाइछ. एहि पांच मंजिली बेल-टावर केर बाहरी देवाल पर सृष्टि सं ल कय, देवी-देवता, कृषि-पशुपालन, वास्तुकला, विज्ञान, खगोल शास्त्र, आ चिकित्साशास्त्र सबसँ सम्बंधित भित्ति-चित्र  भेटत.  सड़कक दोसर कात बैपटिस्त्री छैक - जतय इसाई दम्पतिक नेना सबहक क  इसाई धर्म में पहिल संस्कार होइत छै  . जनश्रुतिक अनुसार, एहि  बैपटिस्त्री में माइकेलएंजिलो सं  ल कय मैकेयावेली धरि सबहक बैपटिज्म (आरंभिक संस्कार)  भेल छनि. बैपटिस्त्री क केबाड़क पट्टा  सबपर  धातुक नक्काशीक सेहो बेस चर्चित छै . ओना जेना धार्मिक भवन सब में होइत छै, नक्काशी सब में छै तं धार्मिके  आख्यानक वर्णन.
संत मैरी चर्चक दोसरो  कात एकटा पैघ चौराहा छैक - पिआत्जा दि ला सिनुरिया अर्थात् भद्रलोक वा भलमानुस लोकनिक चौक. साविक में सरकारी कामकाज केर ऑफिस-दफ्तर सब ओत्तहि  छलइ . ऑफिस सभक अतिरिक्त एतय एकटा पैघ संग्रहालय सेहो छैक. मुदा, हमरालोकनि कें संग्रहालय देखबाक अवसर नहिं भेटल . चौक पर, बाहरे,  ततबा मूर्तिसब छै जे देखबाले समय थोड भ जाइछ. कोना ने होउक, दू हप्ताक समय आ दस देसक भ्रमण . टूर ऑपरेटर की करताह ! सैर-सपाटाक संग एक-एक दिन में बससं तीन सं पांच सौ मील केर दूरी तय करबाक बाध्यता जे छै . तें , देखू आ आगू बढ़ू . रक्ष एतबे जे नीक सड़क आ आराम दायक बस में ने गाड़ीक अनुभव झमार हयत आ ने सुतनिहारक नींदे बाधित हेतनि . तें, मोन होअय तं सुतु वा बाहर परिदृश्यक आनंद उठाऊ . आखिर आयल तं छी देशे देखबाले .

भलमानुस लोकनिक चौकपर मुख्य भवन (पलात्जो दि सिनुरिया) केर बाहर  माइकेलएंजिलोक विश्वप्रसिद्द कृति डेविडक  मूर्तिक अनुकृति पर्यटकक मुख्य आकर्षण थिकै. करीब सबा 5 मीटर ऊँच डेविडक असली मूर्ति , एतुका संग्रहालय - गैलरी ऑफ़ अकादेमी ऑफ़ फ्लोरेंस - में राखल छैक. संगमरमरक मूर्तिमें  मनुष्यक शरीरक एहेन चित्रण  , जाहि में शरीर-रचनाक सूक्ष्मतम खूबी निखरैत होई ,मूर्ति कें कालजयी आ कलाकार कें अमर बना देने छैक . हाथ-पयर, वक्ष, आ पेटक   एक-एक मांस-पेशी, हाथक  शिरा मनुष्यक शरीर सं एको रत्ती भिन्न नहिं लागत. मूर्तिक नग्न स्वरुप देवी-देवताकक मानवीय गुण आ मनुक्खे सन शरीरक  द्योतक थिक. माने, देवी -देवता आ महापुरुष लोकनिक शरीर सेहो मनुष्येक  शरीर जकां रहनि . रेनान्सा कालमें योरपक  मूर्तिकार सबमें  डेविडक मूर्ति गढ़बाक प्रचलन आम छल हेतइ. तें ओहि पीढ़ीक  अनेक मूर्तिकार लोकनि डेविडक  मूर्ति गढ़ने छथि मुदा माइकेलएंजिलोक  डेविड  निर्विवाद आओर सबहक कलाक नाक काटि बेजोड़ कृतिक दर्जाक हकदार अछि.

डेविड केर मूर्तिक बामा कात एकटा पुरान, पक्का मंडप आ मंच छै - लोत्जिया दि लान्जी. ई  स्थान प्रायः पहिने सैनिक लोकनिक  विश्राम स्थल आ पछाति जनसभाक सम्बोधन क मंच छल. एखनि एहि मंडप में अनेक प्रकारक मूर्तिक संकलन छै जाहि में पर्सियसक मूर्ति (दाहिना  हाथ में तरुआरि आ बामा हाथ में मेदुसाक काटल मुड़ी लेने ), आ 'सेबाइन नारिक बलात्कारक अद्भुत वा वीभत्स- मूर्तिकला, तथा  मेडिचि परिवारक चिन्ह -जोड़ा सिंह- प्रधान छै.मूर्तिसबहक सन्दर्भ ग्रीक-रोमनआ यूरोपियन लोकगाथा आ इतिहास सं छैक. तें सामान्य सैलानीले मूर्ति मूर्तिवते रहि जाइछ. आजुक युग में जखन सब सूचना कम्यूटरक बटन पर उपलब्ध छैक तखन मुख्य प्रयत्न स्थल सबहक विषयमें किछु जानकारी संकलित क कय   देश-कोस  देखबाले बहराइ तं नीक मुदा . ई सब किछु अपन रूचिपर निर्भर छैक . तथापि एतय मेडिची परिवारक कनेक परिचय देब  बेजाय नहिं हयत. मेडिची परिवार 14 म सं 18 म शताब्दी धरि फ्लोरेंसमें सब सं सुपरिचित आ प्रभावशाली परिवार छल. विशाल वैभव आ राजनैतिक प्रभावक कारण  एहि परिवारक वर्चस्व सम्पूर्ण यूरोप चर्चित  छलै . ततबे नहिं एके मेडिची बंशसं चारि टा पोपक योगदान  सेहो एहि परिवारक अद्वितीये रिकॉर्ड थिक. इसाई धर्म इतिहासमें एहन उदहारण विरले भेटत. कलाक पृष्ठपोषण में सेहो मेडिची परिवारक योगदान अभूतपूर्व मानल जाइछ . यूरोपियन पुरार्जगारणक समय में कलाक  क्षेत्रक विकासमें  कलाकार लोकनिकें जाहि चारि परिवारसं सबसँ बेसी सहयोग आ प्रोत्साहन भेटलनि ताहि म सं मेडिची परिवार अग्रणी छल . सदातनि सं भ एलैये, पुरान घर खसैत अछि , नव घर उठैत अछि. तहिना  समयक संग, क्रमशः, मेडिचीओ  परिवारक सूर्यास्त भेलै आ एहि परिवारक प्रभाव इतिहास बनि गेलइ. किन्तु, कहबी  छै , 'कीर्तिः यस्य सः जीवति' - कीर्तिए मनुष्य कें अमर बनबैत छै . तें फ्लोरेंसक सब नागरिक सबहक संग  मेडिची परिवार सेहो  फ्लोरेंसक गौरव केर  हिस्सेदार छथि आ फ्लोरेंसक  कीर्ति अमर अछि.

होली क्रॉस बासिलिका : गुम्बद चौक केर भ्रमणक पछाति टूर ऑपरेटर हमरालोकनि कें होली क्रॉस बासिलिका नाम चर्च देखबय ल गेलाह  . अरनो नदीक किनेरे -किनेरे  चर्चक बाट छै . नदीक दुनू कछेर पर बस्तीतं छैहे. चर्चक समीपक पुलपर दोबगली दोकान-दौरीक सघन आबादी छै रोचक लगैछ.
होली क्रॉस बसीलिका आकार में पैघ आ रंग में उज्जर दप-दप. चर्च केर भवन डेविड केर स्टार सं सुशोभित . चर्च सबहक भवन में एहि प्रकारक सजावट- डेविड केर स्टार- आम नहिं. चर्च केर आगूक परिसर् में  एककात  कवि दान्तेक मूर्ति. हमरालोकनि कें भीतर जेबाक समय नहिं छल. गाइड कहलनि, सैकड़ो वर्ष  धरि फ्लोरेंस  केर सब महत्वपूर्ण व्यक्ति लोकनिक अंत्येष्टि एत्तहि होइत अयलनि-ए. तें ,ई  बासिलिका  गैलिलिओ गैलिली सन खगोलशास्त्री , दांते सन  कवि , मैकेयावेली सन राजनैतिज्ञ, माइकेलएंजेलो बोनारोत्ती सन मूर्तिकार-वास्तुकार, नर्सिंग व्यवसायक अग्रदूत फ्लोरेंस नाइटेंगेल क आलावा राष्ट्रक विभिन्न क्षेत्रक अनगणित अग्रणी हस्ती लोकनिक अंतिम विश्राम-स्थल थिक .एकेसंग एतेक विश्वप्रसिद्ध हस्ती लोकनिक नाम सुनि हमरालोकनिक चकित हयब अस्वाभाविक नहिं. सत्ते, एकेठाम एतेक विश्वप्रसिद्द हस्ती लोकनिक समाधि आन  ठाम विरले भेटत . तें , हे कवि , कलाकार, वैज्ञानिक, समाजसेवी ,राजनेता, शास्त्रविद, आ अनामा नागरिक अपने लोकनिकें कोटि-कोटि श्रद्धांजलि. देश केर सीमा होइत छै, मनुष्यकेर जाति-धर्म  होइत छै. मुदा, ज्ञान, विज्ञान , कला आ साहित्य सम्पूर्ण मनुष्यजातिक साझा विरासत थिकै आ तें गुणीक  सर्वत्र सम्मान होइछ , विद्वान सर्वत्र पूजित होइत छथि. 'स्वदेशे पूज्यते राजा , विद्वान सर्वत्र पूज्यते' . एखन एतबे आ  फ्लोरेंस सं विदा .रातिमें पदुआ नामक शहर में होटल शेराटनमें  विश्राम हेतई ;. काल्हि भोरे फेर चरैवेति .
वेनिस
वेनिस , पेरिस वा स्विट्ज़रलैंड ककरा नहिं सुनल छैक. आजुक युवावर्गकें जनिका  विभव छनि , तनिका  वेनिस , पेरिस वा स्विट्ज़रलैंडहिं में हनीमून मनयबाक क मनोरथ रहैत छनि . कश्मीर , काठमांडू वा केरल ओहि सं नीचा स्थान पबैछ. आ से असंगत नहिं . हमरा लोकनिक ग्रुप में आई भोरहिं सं वेनिस जयबाक गहमागहमी छै . हमरा लोकनि सब उत्साह सं भरल  छी . राति में पानि भेलैये, एखनहु हल्का झीसी पडै छै . मेघ लागल छै . मेघ लागल होई, सूर्य नुकायल होथि, रौद नहिं होई आ समुद्र में बोटिंग करबाक हो . वेनिस घुमबाक एहि सं बेसी अनुकूल दिन की हेतइ . सब गोटे बाहर आबि बस में सामान लादल , होटलक आगू में फोटोग्राफी  भेलै , बस में नीक-नीक सीट ताकि बैसैत गेलहुं . एतय सं पहिने फुसिना नामक स्थान  जाई . फुसिना में बस आ ड्राईवर  विश्राम करताह . हमरा लोकनि रिज़र्व नाओ में सवार हयब आ तखन वेनिस . आई कतेक गोटेक जिनगीक मनोरथ पूर हयत . ई  इटलीक वेनेज़िया इलाका थिकै, सेह थिकै वेनिसक इतालवी नाम थिकै. फुसिना एकटा शान्त आ नीरव सन इलाका लागल . ओना पैघ शहर के छोडि यूरोप-अमेरिका में सब ठाम शांति आ नीरवता भेटत ; भारतसं  हालहिंमें  इंगलैंड पहुंचल एकटा डाक्टर, जनशून्य सड़क आ नीरव शहर देखि  ककरो पूछने रहथिन , 'एतय कर्फ्यू लागल छै ?' सत्यतः , एशियाई लोक कें यूरोपक छोट शहरसब  में एहन अनुभूति हयब आश्चर्यंनक नहिं. जे किछु . फुसिना में हमरा लोकनि 50 यात्री बला मोटराइज्ड नाओ में सवार भेलहुँ , कैमरा सं शूटिंग ले उपयुक्त स्थान चुनल आ लक्ष्य बेध ले तैयार . फेर कहिया भेटत एहन मौका . जे चित्र मनोरम लागल, आ जे चित्र संवेदना आ स्मरण धरि पहुँचइ में विफल भेल, तकरा सबकें कैमरा में बन्न  क ली . निचेन सं बैसिकय पछाति देखब.

नाओ सं फुसिना सं वेनिस केर यात्रा में करीब आधा घंटा लगइ छै. बामा कात दूरमे वेनिस द्वीपकें मुख्य भूमि के जोड़ैत विशाल पुल आ आगू एड्रिएटिक समुद्रक विशाल जल राशि , आ ताहू सं दूर नाकक सोझमें वेनिस . वेनिस जेबाक आ आपस होइत मोटरबोट ले जल मार्गक निसानदेही ले करीब सौ-पचास  मीटरक दूरी पर दोबगली लकड़ीक, मोट-मोट, आ पैघ-पैघ खम्भा गाडल छै. पानिक गहराइ एतबा छै जे छोट-छोट यात्री बोट आ विशाल व्यावसायिक जलपोत दुनू कें अप्पन-अप्पन जलमार्गसं जाईत देखलियइ. जल मार्गक दुनुकात  लग आ दूर में अनेक छोट पैघ द्वीप देखबै . कतेक द्वीप  जनशून्य छै. किछुपर मात्र भग्नावशेष देखबा में आओत. मुदा, जं जं आगू बढ़ब बामा कातक क्षितिज पर वेनिसक संत मार्क चौक (पिआत्जा सान  मार्को) क चर्च केर गुम्बद, चर्च केर घंटाघर, पैघ-पैघ जल जहाज़ , डॉग वा ड्यूक (पहिलुका युगक प्रशासक) केर भवन आकृष्ट करत. जलमार्गक दाहिना तरफ़ आबादी सं भरल दोसर द्वीप छै . जहाजक डेक पर ठाढ़ भेला सं शीतल जलहवा आ समुद्र पानिक फुहारा शरीर कें शीतल तं  करबे करत , उपर उड़इत छोट-पैघ पक्षी, लगे बाटे  जाइत जहाज़, गीत गबैत नाविक आ सुन्दर शहर केर पिक्चर पोस्टकार्ड सन  छवि अनेरे मनकें मोहि लेत . हमरालोकनि सब यात्री-दम्पति  बेर-बेरी डेक पर ठाढ़ भेलहुँ , समुद्री पानिक फुहार में भिजलहु , फोटो झिकौलहु  आ एक दोसरा संग हंसी-मजाक-चौल आ गीत-गाना भेलै. जं-जं कछेर लग अयलइ नाओ, नाविक, आ यात्रीक भीड़ आ उत्साह बढ़ैत गेलइ. हमरा लोकनि नाओ सं उतरलहु तं गोंडोला राइड ले नाविक सब पहिनहिं सं तैयार छल. कन्डक्टेड टूर के इएह गुण छै ; अपना किछु आयास नहिं करय पड़त . अहाँ टाका देलियै आ निश्चिन्त रहू . अहाँक सब सेवा क चिंताक भार आब टूर ऑपरेटरक छनि. आतिथ्य सत्कारमें में थॉमस कूक सर्वत्र  अवश्य अव्वल दर्जा में पास होइत एलाह से अवश्य कहब. 
   
वेनिस आई सं नहिं, अनेको शताब्दी सं विश्वविख्यात इलाका अछि. वेनिसक स्वरुप अजूबा छै . एड्रिआटिक सागरक एक खण्ड में - लैगून में-  छोट-पैघ, करीब एक सौ अठारह  द्वीपक समूह . किछु आबाद , किछु जनशून्य . जं प्राकृतिक जलमार्ग द्वीप सब कें एक दोसराके विभाजित केने छै, तं अनेको पुलसब एक दोसरा के जोड़ने छै . एहि म सं पैघ आबादी बला मुख्य द्वीपसमूह  वेनिस थिकै . सुनै छी, मध्य युग आ रेनासां कालमें वेनिस समुद्री व्यापारक प्रमुख केंद्र छल आ बहुत दिन धरि वेनिस द्वीपसमूह स्वतंत्र गणराज्य सेहो छल. समुद्री व्यापार वेनिसक आर्थिक सम्रिद्धिक प्रमुख स्रोत छलै . जं अर्थ सम्रिद्धिक सोपान थिकै, तं द्वंदक मूल सेहो  थिकै.  तें समय-समय पर वेनिसक प्रभुता ले संघर्ष आ प्रभुता में परिवर्तन सेहो भेलै. मुदा, जखन एशिया आ अमेरिकाक जलमार्ग विकसित भेलै -  पोर्तुगीज भारतक बाट पर विजय पताका फहरओलनि, कोलम्बस अमेरिका पहुँचि गेलाह-  तं क्रमशः भूमिमार्ग आ  सड़क यातायात गौण होइत गेलइ. सहजहिं , दुनिया भरि में वैकल्पिक बाट खुजला सं  वेनिसक व्यापारकें  झटका अवश्य लगलै मुदा अपन प्राकृतिक सौन्दर्य आ अद्भुत भौगोलिक स्वरुपक  कारण शैलानी आ रोमांटिक जनगण ले  वेनिसक आकर्षण कनेको कम नहिं भेलै. आ एखनो वेनिस विश्व केर अनेको सर्वाधिक लोकप्रिय टूरिस्ट केंद्र मसं एक थिक; एखनि लगभग 50000 टूरिस्ट प्रतिदिन वेनिस अबैत छथि . टूरिस्टक आवाजाही जं एक दिस वेनिसक समृद्धिक मार्ग प्रशस्त करैत छैक तं दोसर दिस नित्य बढ़ैत टूरिस्टक संख्या वेनिसक आधारभूत संरचना पर अभूतपूर्व बोझ सेहो साबित होइत छैक . मुदा, समृद्धि आ प्रसिद्धि सबकिछु अपन सूद असूलै छै, ताहि में कोन संदेह .

वेनिसक क प्रसिद्धिक अनेक कारण छैक ; जलमग्न चौहद्दी, अनगणित केनाल, सैकड़ों पुल, एतुका अद्भुत मुखौटा; मुखौटा नागरिक लोकनि सार्वजनिक उत्सवक  अवसरसब  पर पहिरै छथि . वेनिस केर अनेक विशेषण आ अनेक पर्याय छै . पानिक शहर आ पनिपर दहाईत शहर ,  कनालक शहर,  पुलक शहर , आ मुखौटा क शहर . जनिका  जे देखबा में एलनि  ओ वेनिस केर नामकरण तहिना केलनि.  मुदा एहि ठाम सबसँ लोकप्रिय अछि, गंडोला - छोट-छोट नाओ , देखबामे सुन्दर  आकारमें छोट. वेनिस अबैत सब नव-पुरान दम्पतिक एके मनोरथ रहै छनि , गंडोला में बैसि ग्रैंड कैनाल में झिलहरि खेलाई - नौका विहार होई आ  गोंडोला में फोटो झिकाबी . हमरो लोकनिक टूर ऑपरेटर तकर व्यवस्था केने छलाह . एक-एक गंडोला में दू टा क परिवार आ एकटा नाविक . आ फेर भेलै अद्भुत नगर वेनिसक भ्रमण . नगर में गली, मुहल्ला, चौराहा  होइत छै , एतय गली क नाम पर  कनाल छै , द्वीप सब मुहल्ला थिकै. सीमेंट कंक्रीटक सं निर्मित होटल , संग्रहालय आ चर्च, दोकान दौरी सब पानिएक बीच लकड़ीक आधार पर फली-फूलि रहल अछि छै. नाओ सं जाऊ , नाओ सं आऊ . छै ने अद्भुत. नावहिं सं मुनिसिपैलिटी बला कचरा सेहो जमा करैछ . हमरा लोकनि जकां लोक कचड़ा पानि में प्रवाहित नै करइछ. आब देखी स्वच्छ भारत अभियानक प्रेरणा सं हमरा लोकनिक स्वभाव कतेक बदलैत अछि आ भारत कतेक स्वच्छ होइछ .

पिआत्जा सं मार्को - संत मार्क चौक वेनिसक एक प्रमुख केंद्र थिकै . संत मार्क एतुका रक्षक थिकाह, संत मार्क बासिलिका एतुका प्रमुख पूजाघर थिक. सिंह संत मार्क केर   निशानी थिकनि. तें चौक पर पैघ पैघ स्तम्भ पर सिंहक स्वर्णिम मूर्ति देखबै.मुदा सिंह छै अद्भुत; सिंह सबकें पक्षी जकां एक एक जोड़ा पाँखि छै ! एकर सम्बन्ध , भ सकैत अछि कोनो लोककथा वा कपोलकल्पित परीकथा सं होइक.  बसिलिकाक आगू बडका खुला मैदानसन  अंगनई छै जकर चौकोर मैदानक तीनू  कातक बहुमंजिली भवनसबमें पहिलिक युग में समुद्री व्यापारी सबहक कार्यालय, प्रतिष्ठान आ गोदाम छलै. एखन  अंगनईक  चारू कात रेस्टोरेंट ,होटल,  बाज़ार  आ व्यावसायिक प्रतिष्ठान भेटत. चर्च केर दाहिना कातक भवन पर पैघ घडी आ छत पर पैघ घडीघंटा छै . घंटाक दुनुकात ठाढ़ आदमकद मूर्तिक हाथक पैघपैघ हथौड़ा प्रत्येक घंटा पर घंट पर बजरैत छै . ई  घड़ीघंट एतुका टूरिस्ट आकर्षण थिक. हमरो लोकनि धैर्य पूर्वक ई  दृश्य देखबा ले प्रतीक्षा कयल आ देखल .
वेनिस शीशाक  सामान- गिलास , झूमर, मूर्ति आ घर सजेबाक अनेक  समान- ले प्रसिद्द अछि. आब वेनिसक  बुरानो-मुरानो द्वीप  ग्लास -उत्पादनक केंद्र थिकै . मुदा मुख्य शहर में , चौक केर एक कातक,  एकटा गली में एकटा फैक्ट्री- मुरानो शीशा  फैक्ट्री-  एखनो छै. हमरालोकनिक टूर ऑपरेटर हमरा लोकनि के मुरानो शीशा  फैक्ट्री ल गेलाह. ओतय पिघलल शीशाके मोडि शो-पिसक जीवजंतु निर्माणक कारीगरी देखल. महिला लोकनि शीशाक  किछु आभूषण सेहो कीनैत गेलीह . दोकान में सोनक परत चढ़ाओल शीशाक पात्र सब सेहो बिक्री ले रहै . मुदा तीन सं छः हज़ार टाकाक एक-एक गिलास ले रूचि आ टाका दुनू चाही .वेनिस लेस वा जालीदार वस्त्र ले सेहो प्रसिद्ध अछि मुदा समयक कमी क कारणे सब किछु देखब असंभव .
यूरोप टूर में बाथ रूमक प्रयोग एकटा पैघ समस्या छै . सब ठाम टाका लागत .हाईवे पर टूर ऑपरेटर 2-3 घंटा पर बस रोकि हमरा लोकनि के ' कम्फर्ट स्टॉप ' दैत छलाह. काफी-चाह पिबू वा नहिं शौचालय क मुफ्त प्रयोग क सकै छी. मुदा वेनिस में से नहिं. कम-सं-कम  कॉफ़ी त किनहिं पड़त. सेहो रेस्टोरेंट में ठाढ़े -ठाढ़ काफी पिबू, दू यूरो दियौ  . बाथरूमक प्रयोग मुफ्त . मुदा ,जं कुर्सीपर बैसि काफी पीयब त 11 यूरो लागत. छै ने अद्भुत !  
वेनिसक चौक-चौराहाक भ्रमण क पछाति हमरा लोकनि फुसिना वापसीले पुनः नाओ पर सवार भेलहुँ. मुदा , नाओ पर सवार भेला पर बुझबामे में आयल वेनिसक आस्वादक चटनी -अंचार एखनधरि  बाकिए छल . नाओ पर एक-एक टा टेबुल पर दू दू टा दम्पतिक लेल थारी सजोल राखल छलै. भारतीय भोजन- प्रत्येक ट्रे में वेजिटेबल बिरियानी आ रायता,  ताहि  पर एक-एक  टा क' सिंघाडा  आ थोड़ेक हलुआ . सब के भूख  लागल छलै , सब भोजन पर टूटि पड़ल .हमरा सब सोचलहु, वाह ! एहि सं नीक  आओर की हेतैक, वेनिस भ्रमण . मुदा जखन एकटा युवक अक्कोर्डियन बजबैत गीत गायब सुरु केलनि तं बुझबामे आयल, ई अंतिम सरप्राइज़ तं एखन धरि  बांकी-ए  छल. हमरा भेल कलाकार भारतीय हेताह , हम पुछलियनि, , आप कहाँ से है ? विस्मित होइत, इतालवी भाषामें, गायक किछु कहलनि, तं सत्ते चकित भेलहुँ .एड्रियाटिक सागर में बोटिंग , बोट पर भारतीय भोजन, आ ताहि पर लाइव स्थानीय संगीत , भेलै ने सोना पर सोहागा !
      

इन्स्ब्रुक्क,ऑस्ट्रिया
इटली क यात्रा वेनिस में समाप्त भेल . हमरा लोकनि ऑस्ट्रियाक दिस विदा भेलहुँ. ऑस्ट्रिया क किछु दृश्य अंग्रेजी फिल्म 'साउंड ऑफ़ म्यूजिक' में देखल छल . 'साउंड ऑफ़ म्यूजिक' गीत-संगीतक पाछू  बताहि, एकटा  सुन्नरि,  कुमारि कन्याक अनुपम प्रेमकथाक कें अविस्मरणीय बना देने छैक. ओहि  फिल्म में देखल ऑस्ट्रियाक प्राकृतिक सौन्दर्य मन मोहि लेने छल . अपने  देखलियइ, स्विट्ज़रलैंडक पड़ोसिया,  ऑस्ट्रिया छैहो सुन्दर. पिक्चर पोस्टकार्ड जकाँ . चिक्कन सड़क. सड़कक काते-कात  सुरुचिपूर्ण रुपें  काटल घास. दोबगली सूरजमुखी आ सेवक खेती. हरियर कचोर पहाड़ आ ठाम - ठाम नागरिकक आवास. सौंसे देश  फुलबारी जकां लगै छै . मीलों धरि, विशाल प्लाट सब में 3 -4 -5  फुट केर ,छोट -छोट सेबक गाछ में झबरल हरियर आ लाल-लाल  फल . प्रायः एहि सेबक प्रयोग प्रायः वाइन उद्योगमें होइत छै.
इन्स्ब्रुक्क, ऑस्ट्रिया : गोल्डन रूफ केर सामने
दूर-दूर धरि जायब, सड़क दुनूकात तेना घेरल-बेढ़ल छै जे तेज चलैत गाड़ी क सामने अकस्मात कोनो माल-मवेशी वा मनुक्ख आबि जायत तेकर शंका नहिं. अपन गति सं , अपन बाट धेने  चलैत  जाऊ निर्धारित समय पर लक्ष्य  धरि पहुँचि जायब . आई हमरा लोकनिकें ऑस्ट्रियाक  इन्सब्रुक्क शहर धरि पहुँचबाक अछि , ओतहि रात्रि विश्राम हेतइ . बाट में बहुतो पहाड़ एलई. मुदा कतहु घुमावदार सड़क, दुर्गम बाट  नहिं . हम मोटा-मोटी 15  वर्ष भारत आ नेपालक पहाड़ी इलाका में रहल छी .अप्पन देशमें पहाड़ी इलाकाक यात्रा देह के झमारिक राखि देत . ऊँच पहाड़ आ गहीर खाई सं भय हयत से फूटे . हमरा पहाड़ में यात्राक भयक पहिल अनुभव भेल छल 1983 में चकराता (तहिया उत्तर प्रदेश, आब उत्तराखंड) जेबाकाल. एकपेरिया मोटर मार्ग. ऊँच पहाड़ आ गहींर खाई . हमरा लोकनि गंगा-कोसी- कमलाक समतल भूमिक नागरिक छी , पहाड़क दर्शन पहिलेबेर भेल छल. पछाति तं 18387 फुट ऊँच खर्दुन्गला पास  सात बेर पार केलहुं. मुदा, चकराता क यात्रा आ खर्दुन्गला-पास पार  करबाक बीच हमरा 21  वर्ष लागल छल. 21 वर्षक अंतराल भय के आनंद में बदलि देने छल आ मनोवृत्तिए हमरा यायावर बना देने छल. मुदा, से विषयांतर भ गेल.
तथापि, यूरोपक अल्पाइन पर्वत श्रृंखलाक स्वरुप हिमालय पर्वत श्रृंखला सं भिन्न छै . ताहिमें  सुनई छियै , हिमालय पर्वत श्रृंखला वयस में युवक छथि आ ऊँचाईमें  निरंतर बढ़ैत. भ'  सकैत छै, हिमालयक स्वरुप में एतुका नदी सबहक योगदान सेहो होई . तथापि जखन तुलना भ' रहलैए तं  हिमालयक निंदा कोना करबनि. हिमालय हमरा लोकनि पडोसी थिकाह , रखबार थिकाह . प्राणदायिनी सरिता-नीरक श्रोत थिकाह . हँ , किरण जीक शब्द में , 'जखन तमसाईत छथि तखनि प्रलयो मचा दैत छथि' . तें , ऑस्ट्रियाक पर्वत श्रृंखला आ हिमालय पर्वत श्रृखला दुनू स्वरुप, सौन्दर्य आ प्रकृति में भिन्न . असलमें जखन दुनू देखबै , तखने बुझबइ, दू टा सुन्नरि नारि आ दू टा सुन्दर पहाड़में  तुलना कतेक कठिन छै. मुदा, से भेल प्रकृति. यूरोप में पहाड़ी इलाकाक रोड  भारतक पहाड़ी भूमिक  रोड सब सं एकदम भिन्न भेटत . समतल बाट. ऊपर चढ़ब, नीचा जायब. घुमावदार बाट. गहीर खाई . तेहन कतहु नहिं . समतल बाट सं यात्रा  सुगम आ द्रुत होइछ . बाट में सैकड़ों छोट -पैघ सुरंग भेटत. सुरंग सबहक लम्बाई 100 -200 मीटर सं ल कय 20  किलोमीटर धरि . सुरंगक भीतर ,बिजुली आ प्रकाश , दोतरफा सड़क, स्वचालित सिग्नलिंग व्यवस्था . सब टा विडियो - कैमराकंट्रोल्ड. कतहु पुलिस वा सुरक्षा अधिकारीक  चेकिंग नहिं . सोझ बाट पकड़ने चलैत जाऊ . पहाड़क ऊँचाई चढ़ैत चल जायत  मुदा पहाड़ चढ़बाक अनुभव नहिं होयत . यूरोप केर अनेक देशक अर्थव्यवस्थामें  पर्यटन  उद्योगक महत्वपूर्ण योगदान छै . आ पर्यटन उद्योगक मूल में छै नीक सड़क आ  आरामदेह यातायात, विश्वसनीय होटल उद्योग आ नीक कानून व्यवस्था. हमरा लोकनि एहि सब तराजू पर झूस पडैत  छी. भारतमें आब  पहाड़ी प्रदेशसबमें  आर्थिक, सामाजिक आ आधारभूत संरचनाक विकासक मुद्दा पर नव-नव राज्य बनल अछि. नव-नव राज्य में नेतालोकनि  सत्ता आ शक्तिक उपभोग में संलग्न छथि. तथापि, पहाड़ी राज्य सबहक नगण्य प्रगति नव-नव राज्यक स्थापना पर मौलिक प्रश्न उठबैत अछि . आधारभूत-संरचनाक  नगण्य  प्रगति ले प्रशासक आ राजनेता दुनू अवश्य जवाबदेह  छथि .
हमरा लोकनि इन्सब्रुक्क पहुँचल रही तं  बेस अबेर भ गेल रहै .हमरा लोकनि होटल गौएर-बेयर में डेरा कयल . इन्सब्रुक्क शहर विंटर ओलंपिक्स ले प्रसिद्द अछि . पछिला पच्चीस वर्ष में इन्सब्रुक्क के दू टा विंटर ओलिंपिक आयोजित करबाक गौरव प्राप्त छैक .हमरा सबहक होटल स्थानीय विश्वविद्यालय क लगहिं, सड़कक दोसर कात छल .सूटकेस-सामान होटल में राखि हमरा लोकनि मैरी सड़क ( मैरी टेरेस्सा स्त्रास्से ) दिस बिदा भेलहुँ . एही तेराहा क T-पर एतुका एकटा भवन गोल्डन रूफ ले प्रसिद्द छैक . असल में ई  गोल्डन रूफ, एक टा पैघ भवनक, एकहि टा छोट सन, बालकनीक   स्वर्णिम ( सोनाक नहिं ) छत थिकै . गोल्डन रूफ बला भवनक ठीक सामने, चौराहापरक एकटा ऊँच स्तम्भपर  मदर मेरी क मूर्ति छनि. आस-पास व्यावसायिक प्रतिष्ठान , होटल आ पब छै . कनेक आओर दूर गेला पर एकटा चारि सितारा होटल- गोल्डनर एडलर, छैक. गाइड सं सुनलहु , 9 वीं सदी में स्थापित होटल गोल्डनर एडलर होटल,  विश्व केर  सर्वप्रथम  आधुनिक होटल थिक. ई तथ्य निर्विवाद, स्वतंत्र अनुसंधानक विषय थिक. होटल केर बाहरी देवाल पर अनेक महत्वपूर्ण हस्ती क सूची भेटत जे 15  वीं आ 20 वीं शताब्दी में इन्स्ब्रुक्क केर एहि होटल में समय-समय पर रहल छलाह . 1494 सं 1999 धरिक  एहि लिस्ट में यूरोप आओर एशियाक अनेक राजकुमार- राजकुमारी क अलावा प्रसिद्ध साहित्यकार आ  कलाकार  केर नाम सेहो लिखल देखलहुं. 1773 में संगीतकार मोजार्ट,  1952 में अल्बर्ट कामू, आ 1972 में ज्यां पॉल सार्त्र  एहि होटल में ठहरल छलाह. ई  गप्प एहि होटलक हेतु गौरवक गप्प अवश्य. होटल केर देवाल परक  शिलालेख सब पर  होटलक किछु अतिविशिष्ट ऐतिहासिक पाहुन लोकनिक सम्मति अंकित भेटत जाहि में साहित्यकार गेटे क नाम हमरा चिन्हार लागल. होटल सं कनेके  दूर पर इंन्स नदी बहैत छै . हमरा लोकनि चौडा नहरनुमा इन्स नदी क पुल धरि गेलहुं . नदीक दोसर दिस पहाड़, जंगल आ  झरना सब देखलियइ .शहरक एहि भाग में ने देखबाक आओर किछु देखलियइ आ ने देखबाक समय छल . घुरती में बैगपाइपर बजबैत, रंग-बिरंगी ड्रेस में सजल,  गोड बीसेक पुरुख आ नारि संगीतकारक एकटा दल अभरल. 'कॉन्सर्ट-इन-रॉयल पैलेस' नामक ई दल, कोनो होटल में लाइव-परफॉरमेंस ले जा रहल छल . दल केर अगुआई करैत कन्याक हाथक बोर्ड सं दलक परिचय बुझलियइ  .समयक कमीक दुआरे लाइव परफॉरमेंसक आनंद नहिं  उठा सकलहु.
क्वायर ग्रुप , इन्स्ब्रुक्क में
यूरोप आ अमेरिकाक अनेक शहर में चौक-चौराहा पर आ बाजार में रहरहां रंगल, ढउरल, मूर्तिवत ठाढ़ मनुक्ख भेटि जायत- ठाढ़ मनुक्ख उज्जर दप-दप संगमरमर वा ग्रेनाइट सन  चमकैत कारी  पाथरक मूर्ति-सन लागत . सड़कक कात में चित्रकार लोकनिक रोडसाइड वर्कशॉप सेहो आकृष्ट करत . से इन्स्ब्रुक्क में सेहो देखल. ई दुनू कला जीविकाक साधन थिकै. इच्छा हो त पेंटिंग कीनू , कलाकार के प्रोत्साहित करियउ .
सायंकाल होटल क रेस्टोरेंट में भोजन में सम्मिलित भेलहुँ तं लखनपाल नामक होटल-कर्मी सं भेंट भेल. बिलासपुर, हिमाचल प्रदेशक निवासी , लखनपाल अनेक वर्ष सं यूरोपेमें भनसिया वा शेफ केर व्यवसाय में छथि . गप्पक क्रम में लखनपाल पुछलनि , 'भारत में ई  व्यवसाय नहिं  चलतइ ?' लखनपाल होटल व्यवसाय में  अपने अनुभवी छलाह. हम सब की कहितियनि. कहलियनि, 'किएक ने चलत . लोक हाथे-हाथ लोकि  लेत .' मुदा , सत्य ई  छैक, एक बेर जकरा योरप केर चिक्कन-चुनमुन- साफ-सुथरा- सीटल  जिनगीक हिस्सक  लागि  गेलइ ओ आब किन्नहु घुरि कय घर आओत ?
     

स्वारोव्स्की क्रिस्टल म्यूजियम: वाट्टेन, ऑस्ट्रिया
भोरमें जलपानक पछाति  हमरालोकनि बस फेर आगू बढ़ल .अगिला पड़ाव छल ऑस्ट्रिया में वाट्टेन नामक स्थान . एतुका स्वारोव्स्की क्रिस्टल म्यूजियम विश्वप्रसिद्ध अछि .क्रिस्टलक उपयोग आभूषण , सजावटक साजो-सामान ,क्राकरी-बर्तन-बासन , पहिरनाक वस्त्र आ आओर कतेक वस्तुमे होइछ .क्रिस्टल क गिलास , वर्तन आ आभूषण देखल छल. मुदा ,विविध रंग, आकार-प्रकार , एहन अद्भुत, चमकैत क्रिस्टलक  विविध वस्तुक एतेक  विशाल संकलन  कल्पनातीत छल . सुनबा में आयल , चेकोस्लोवाकियाक  स्वारोव्स्की नामक व्यक्ति  क्रिस्टलक उत्पादनक अग्रदूत छलाह. आई स्वारोव्स्की क्रिस्टलक शो रूम बैंगलोर-बम्बई सं न्यू यॉर्क-लॉस वेगास धरि भेटत . एतय एहि म्यूजियमकेर बाहरी स्वरुप जतबे अजूबा छैक, ततबे विविध आ विस्मयकारी छैक भितुरका, क्रिस्टलक  संकलन. प्रवेश द्वारक आगां  ठाढ़ भेलापर एकटा पैघ दानवक छवि आकृष्ट करत .  सबतरि  चतरैत लत्तीक कारण दानवक रंग हरियर कचोर छै  आ क्रिस्टल दुनू आँखि चम्- चम् चमकैत छै.  दानवक मुँह सं अनवरत बहैत जलधार आगांक पूल में जमा होइत छै. म्यूजियमक भीतर बामा कातमें, पहिने टिकट घर, आ तकर आगू, म्यूजियमक  प्रवेश द्वार छै . म्यूजियम में पहिने पैघ एल सि डी स्क्रीन पर चलैत विडियो पनोरामा में स्वारोव्स्की क्रिस्टलकेर  उत्पादनक इतिहास आ म्यूजियमक संक्षिप्त झांकी देखि  सकैत छी . आगू म्यूजियम में सब किछु क्रिस्टलेक छैक जाहिमे  छोट आभूषण  सं ल कय सजावटक झूमर ( सैन्डलियर ) ,  जूता, जैकेट आ इवनिंग गाउन , जीव -जंतु, फल-फलहरी, गाछ-वृक्ष, नर्तकी सबहक क आदमकद मूर्ति, तथा  ताजमहल एवं न्यूयॉर्कक एम्पायर एस्टेट बिल्डिंगक  नमूना धरि , सबकिछु  भेटत. आगू बढ़ैत बाट, क्रमशः, स्वारोव्स्की क्रिस्टलक  शोरूम में समाप्त होइत छैक. ओतय जे किछु पसिन्न पड़य कीनू , नहिं पसिन्न पड़य , जुनि  कीनू . नहिं तं, वाशरूम क सुविधा छै, निवृत्त भ  आऊ . यूरोपमें मुफ्त वाशरूम सेहो तं उपकारे थिकैक ! सत्यतः , असली हीरा-पन्ना-नीलम सन  चमकैत क्रिस्टलक आभूषणक एतेक पैघ संकलन देखिकय ककरा किनबाक सेहन्ता नहिं हेतई. हमारो लोकनि यादगार क रूपें किछु कीनल.
स्वारोव्स्की क्रिस्टल म्यूजियम केर बाहर , वाटेन , ऑस्ट्रिया
                                                          स्वारोव्स्की क्रिस्टल म्यूजियम सं निकलि हमरा  लोकनि फेल्डकर्स शहर पहुचलहु . एतय बाटक कातहिं में , संगम रेस्टोरेंट में भोजनक व्यवस्था छलई . होटलक  स्वामी कोलकाता क थिकाह - चीनी मूलक भारतीय . पहाड़क क्रमशः बढ़ैत ऊँचाई आ अल्पाइन मौसमक पहिल अनुभव एत्तहि  भेल ; बरखा होइत रहै आ वातावरण में कनेक ठंढी आबि गेल रहइ. तें, छोट सन, संगम रेस्टोरेंटक सुखद उष्मा आ तप्त भोजन सब कें नीक लगलइ . भोजन नीक रहबो करइ; दूर देश में जडि जमयाबाक एके टा मंत्र छै - नीक सेवा आ सुपथ मूल्य. तखने ग्लोबल व्यापार क वातावरण में फल-फूलि सकइ  छी अन्यथा भूमंडलीकरणक  ई बिहाडि   ककरा कतय ल जा क फेकत तकर कोन ठेकान . मुदा एतबा अवश्य, अहाँक रूचि  भले कतबो ग्लोबल हो, सुदूर प्रदेश में अप्पन रुचिक भोजन में जे आनंद होइछ से आनंद  अपरिचित लोकल भोजन में अभावृत्तिए भेटत. से  सुस्वादु आ रुचिकर भारतीय  भोजनक आनंद संगम होटल में भेटल . वाह !
भोजनक पछाति टूर ओपेरटर कहलनि , जं सबहक विचार हो त कनेक लंबा बाट सं चली ? अहाँ लोकनिकें  लिस्टेंनस्टीन देश क ड्राइव-थ्रू भ जायत. कहै छै , नेकी और पूछ-पूछ . देश. वदुज़ नामक शहर, लिस्टेंनस्टीनक मुख्यालय थिकई. 25  किलोमीटर लम्बा आ 6 किलोमीटर चौड़ा ई छोट सन  पहाड़ी देश स्विट्ज़रलैंडहिं जकां व्यापारी, राजनेता आ धनाढ्य व्यक्ति लोकनिक अवैध संपत्तिक बैंकिंग  व्यवस्थाक स्वर्ग थिक. अप्पन अकूत संपत्ति कें एतय जमा करू , ककरो कानो-कान खबरि नहिं हेतई. एहि अति छोटसन  देशक फॉक्स बैंक्सक  नाम सुनल छल , भवन सेहो देखलियइ . सुनै छी, अम्बानी परिवार सं लालू प्रसाद धरि, अप्पन अवैध धन एतहि नुकौने छथि. टूर ऑपरेटर कहलनि , उत्पादनक नामपर लिस्टेंनस्टीनमें  'मोसे बेयर' कॉम्पैक्ट डिस्क - सीडी बनई  छैक . प्रायः , ततबे . रोडक कात में राष्ट्रीय सभागार आ ऊपर पहाड़ पर राजाक किला देखि देखलदेश सबहक लिस्ट में एकटा आओर नाम, एकटा आओर संख्या बढ़ल आ आगू बढ़ैत गेलहुं.शहर सं निकलैत राइन नदीक पहिल दर्शन एतहि भेल.
स्विट्ज़रलैंड दिस बढ़ैत , आस-पास क पहाड़ क्रमशः ऊँच होइत गेलै. परिदृश्य सेहो बदललई. चाकर -चौरस मैदान सं ल कय, समुद्रक लहरि जकां तरंगित  उपत्यकाक निरंतर बदलैत स्वरुप, दूर-दूर धरि पसरल हरीतिमा ,क्षितिज कें झंपने वन-सम्पदा-सम्पन्न-पर्वतश्रृंखला आ ठाम -ठाम अगराईत निर्मलजलक निर्झर झरना सब . उपत्यका में जहां-तहां आबादी; छोट-छोट खपडैल घरक समूह. सम्पूर्ण परिदृश्य लागत, कोनो सिद्धहस्त गुणी कलाकारक अनुपम पेंटिंग हो. सरिपहुं, सम्पूर्ण विश्वक पर्यटक  स्विट्ज़रलैंड अयबाले अनेरे नहिं आफन तोड़ने रहै छथि. जौ-जौ आगू बढ़ब, बाटक काते- कात मधुर जलक, पैघ-पैघ झील सब छैक. दुनू कात पहाड़ कें चिरैत सपाट सड़क ,मीलों लम्बा झील, आ पर्वत शिखर सं निर्बाध बहैत झरना  . ने देखैत मोन भरत आ ने ठाढ़ भ सबहक चित्रे उतारि  सकैत छी . तें , हमरा लोकनि किछु देखल आ किछु कें कैमरा में बन्न कयल. मुदा, प्राकृतिक रचनाकारक  कल्पना सं सजाओल एहि नंदन-काननक वास्तविक फोटो झिकब  जं एतेक सुलभ रहितइ तं लोक स्विट्ज़रलैंड कथी ले अबैत ?
    
स्विट्ज़रलैंड पारंपरिक में स्वागत 
स्विट्ज़रलैंडक डेलेनविल नामक गाँवमें,  थॉमस कुक हमरालोकनिक भव्य स्वागतक व्यवस्था केने छल .स्थानक उपनाम थिकै, थॉमस कुक गाँव . टूर ओपरेटर कहलनि, ने ई पहाड़ थॉमस कुक केर संपत्ति थिकै आ ने एहि गामक  नाम थॉमस कुक गाँव थिकै. तखन, वाणिज्य व्यवसाय में एहन नाटक करहिं पडैत छै ! 

डेलेनविल गाँव मुख्य मार्ग सं दूर, एकटा पहाड़ पर छै. गाँवधरि जेबा ले सड़क छै मुदा हमरा लोकनि रोपवे सं गाँव धरि गेल रही .हरियर कचोर पहाड़ ,सर्पाकार सड़क , कात-कतहु घर आ  उड़इत मेघ सबहक ऊपर चलैत रोपवे . गाँव धरि पहुँचबा में करीब दस मिनट लागल हयत . टूर ऑपरेटर पर्यटक लोकनिले पारंपरिक स्वागतक व्यवस्था केने छलाह. अस्तु,हमरालोकनि एकटा रेस्टोरेंटक परिसर में एकत्रित भेलहुँ . हाथ में देशक झंडा लेने, स्विट्ज़रलैंडक पारंपरिक पोशाक में एकटा  पुरुष आ लम्बा भोंपू के हाथ सं सम्हारि, मुंह में लगौने एकटा सुन्नरि महिला स्वागतमें तत्पर छलीह . सज्जन पारम्परिक रूपें झंडा उड़यबाक (फ्लैग थ्रोइंग) करतब देखौलनि , महिला संग-संग  तुरही बजौलनि . हमरा लोकनि धन्यबाद देलिअनि, फोटो झिकाओल आ हुनका लोकनि सं विदा लेल . स्वागत- मंडल सं परिचय पात आ गप्प-सप्प करबाक इच्छा अवश्य भेल मुदा भाषाक बाधाक कोन उपाय.स्विट्ज़रलैंडक एहि भाग में प्रायः जर्मन भाषा चलैत छै. सुनलहूँ , स्विट्ज़रलैंड में में जर्मन, फ्रेंच केर अलावा रोमानस्क भाषा प्रचलन छै. हमरा लोकनि एहि सब सं अपरिचित छी. तें , मुसुकी ,नमस्कार, हाथ मिलौनाई, आ  धन्यवाद सं काज चलाओल . सोचै छी, कतेक नीक होइत जं सम्पूर्ण विश्व में सब एके भाषा बजैत , सब एक दोसरा सं मेल आ सद्भाव सं रहैत, सब एक दोसरक के आपत्ति-विपत्ति में सहायक होइतई .एखनि जखन एक देशक स्वार्थ दोसरक विनाशक कारण बनि रहल छैक तखन हमरा हमर अप्पन विरासत , अप्पन पूर्वजक जीवन-दर्शनपर गर्व होइछ जे भाषा, जातिधर्म, सम्प्रदाय आ लिंगक विभेद सं आगां उठि उद्घोषणा कयने छलाह :
अयं निजः परोवेति गणना , लघु चेतसाम
उदार चरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम.
भाषा भले एक नहीं हो, संभव जं हो तं सेहो काफी छै. एकरे श्रीमद्भागवद्गीतामें
'आत्मा औपमन्य सर्वत्र'
सबठाम , सबकें अपने जकां बूझब, कहलकैये. भ सकैत अछि, अहाँ कही, ई आदर्श भेल . होअओ. तें, एतबे.
एहि गाँव में जाधरि सामूहिक स्वागतक औपचारिकता पूरा भेलै , एकटा आन युवक अप्पन सहयोगी सब संगे हमरा लोकनिक प्रतीक्षा करैत  छलाह.  टोबॉगन नामक रोमांचक खेल- 'एडवेंचर स्पोर्ट'-  हुनकहिं  जिम्मा छलनि . टोबॉगन एहि पहाड़ी इलाकाक  एकटा अद्भुत खेल थिक. एहिमें एक-एक व्यक्ति, एक-एकटा लो-लेवल , छोटसन  आयताकार बैसक में बैसैत छथि . बैसक मोटोराइज्ड सिस्टम सं समतल भूमि आ  पहाड्क ढलानपर स्टील क बाहामे तेजीसं चलैत  अछि- कतहु  सीधा ऊपर, कतहु सोझे नीचा आ कतहु समतल जकां सेहो . गति नियंत्रणपर  ले बैसक में हैंडल होइत छै . मुदा , डरक लेल जं  बड धीरे गेलहुं तं ई संभव अछि  जे तेजीसं अबैत कोनो आन यात्रीक टोबॉगन   अहाँकें  पाछू सं टक्कर दियए . जे किछु. ढलान देखि पहिने तं हमरो किछु भय भेल . मुदा , 80 वर्षक जनरल पुरीकें जखन टोबॉगन पर बैसल देखलियनि तं  हिम्मत केलहुं . आखिर हमहूँ तं पाराट्रूपर  छीहे . भारतीय सेना में बहुत कम गोटे कें   पाराट्रूपर हेबाक गौरव प्राप्त छनि . हम ओहि गौरवक  भागी तं अवश्य छी . अस्तु,  टोबॉगन क गति आ खेलक रोमांचक अनुभव कयल . पछाति अनुमान भेल,असल में ई खेल ओतेक खतरनाक छै नहिं जतेक ओतुका युवक लोकनि  हिदायत दैत छथिन . मुदा तहिसं नोकसान की ! एतबा अवश्य जे यूरोप में सबठाम  यात्रीक  सुरक्षा कें सर्वोपरि दर्जा देल जाईत छै . से उचिते .कारण असावधानी सं भेल क्षतिक दण्ड के भोगय  चाहत .चौकस  सुरक्षा व्यवस्था, सक्षम आ त्वरित न्याय यूरोपक विशेषता थिकै . 
टोबोगान में  बैसल जनरल पुरी
            टोबॉगन अनुभवक पछाति, लगहिं स्थानीय किसान केर दलान में हमरा लोकनि जमा भेलहुँ . एहि दलानक दोसर भाग में घोड़सार छैक जाहि में गोड दसेक घोड़ा बान्हल देखलियइ . दलानमें पोटैटो रोस्टी (तेल में छानल, भुजबी कयल आलूक मुठरा) , आ ब्रेड केर संग चीज फोंड़ू - (चीजे'क एकप्रकारक चटनी बुझू) - परसल गेल. संग में एप्पल वोद्का, रेड वाइन आ ब्रांडीक व्यवस्था सेहो रहै . दूर देश में प्लेजर ट्रिप , सेहो स्विट्ज़रलैंड में , हमर फौज़ी प्रवृत्ति जागि उठल .हम सब कें उठौलहु. चलै चलू , कनेक नाच गान होई . भिन्न-भिन्न प्रदेश, भिन्न-भिन्न भाषा आ भिन्न प्रकारक सामाजिक संस्कार लोककेर धखायब तं उचिते. तथापि, लोक सब उठल . स्विट्ज़रलैंडक पहाड़ में छुट्टी , अनुकूल मौसम , आ एप्पल वोद्काक असरि.  छोटसं पैघ, युवक-युवती सं ल के वयसाहु धरि. सब वयसक ग्रुपले  पार्टीले एहि सं बेसी अनुकूल अवसर आओर की होइतैक . सब उठल , नाच गान भेलै . महिला लोकनि हिंदी सं ल-कय मराठी धरि गीत-संगीतक धुनि पर जमि कय नचैत गेली. सत्ते , सब कें खूब मजा अयलइ, से प्रतीत भेल. भिन्न-भिन्न वयसक, भिन्न-भिन्न प्रदेशक ग्रुप में, पहिले बेर सबकें सबसंगे धाख छुटलई  आ हमरा लोकनिक बीचक अपरिचयक देवाल नीक जकां ध्वस्त भेल.
पारंपरिक स्वागतक एहि उत्सवक पछाति हमरा लोकनि रोपवे सं पुनः समतल भूमि में एलहु आ अपन स्पेशल मर्सिडीज़ बस में बैसि जुरिच शहर ले विदा भेलहुँ . आब जाधरि जुरिच पहुंचब बस में नींद पूरा करू वा बाहरक दृश्यक आनन्द उठाऊ. आगां आब तीन राति विश्राम होटल स्विस्सोटेल , जुरिच में हेतइ .                                              

स्विट्ज़रलैंड में तीन दिन
युन्गफ्राऊ

घुमंत प्राणी देश-दुनिया किएक घुमैत छथि तकर उत्तर कठिन नहिं छैक . केओ देश कोस देखबाले जाइत , केओ किनै -बेसाहई ले घुमैत छथि आ केओ समाज सेवा लेआ केओ तीर्थाटन ले . किछु लोक क उद्देश्य एहिसं भिन्नहु होइत हेतनि छनि मुदा तकर गप्प एखन छोड़ी .हमरा दृष्टिए देखबाक वस्तु होइछ प्राकृतिक सुन्दरता आ अनुभव करबाक वस्तु होइछ सुखद जलवायु . सुखद जलवायुक सेवन स्वास्थ्यवर्धक होइछ,  तें, साविक में पहाड़ सबपर टीबी सैनिटोरियम स्थापित कयल जाइत छलइ. सैनिटोरियमक परम्परा आब इतिहासक गप्प थिक .ओना विश्वमें स्विट्ज़रलैंडक प्रसिद्धिक कारण अनेक छैक. मुदा, स्विस घडी वा मशीन साधारणतया सब सुनने हयत. तथापि, व्यापारी आ राजनेताक गप्प छोडि दी तं आम पर्यटक ओतय जाइत छथि देशे देखबाले. तथापि , जं भारत आ नेपालक पहाड़ देखल हो तं मन में ई प्रश्न उठब स्वाभाविक जे स्विट्ज़रलैंडक  पहाड़ में एहि सब सं भिन्न छैक की? हमर यात्रा वृतांतक ई अंश ओही प्रश्नक उत्तर थिक. पहिने सारांश में आ फेर विस्तार सं . सारांश में, स्विट्ज़रलैंड में पर्यटककें ग्लेशियरकें लग सं देखबाक अवसर भेटैछ. झील सब में नौका विहारक अवसर भेटैछ आ जनिका एडवेंचर स्पोर्ट में रूचि छनि ओ लोकनि पर्वतारोहण आ स्कीइंग केर आनंद ल सकैत छथि . हम लद्दाख केर सियाचिन ग्लेशियर धरि आ जान्स्कार उपत्यकाक समीपक   द्रांग-द्रुम ग्लेशियर धरि गेल छी. सियाचिन केर बेस कैंप में ग्लेशियरक मुहाना देखबा में आओत मुदा हवाई उड़ान क बिना ग्लेशियरक विहंगम दृश्य असंभव छैक . ततबे नहिं सियाचिन ग्लेशियरक इलाका सैन्य महत्वक इलाका भेलाक कारणे आम पर्यटक ले खूजल नहिं छैक. मुदा स्विट्ज़रलैंड में ट्रेन सं सीधा पर्वत शिखर धरि जा सकैत छी. मतलब, टेक्नोलॉजीक बलें ग्लेशियरक दर्शनक जे अवसर स्विट्ज़रलैंड में भेटत से भारत-नेपाल में सहजहि उपलब्ध नहिं हयत. पैदल जाऊ , पर्वतारोहण करू त अपना देश में पहाड़क कोनो कमी छै !
दोसर गप्प - स्विट्ज़रलैंड देश निर्विवाद सुन्दर  छै, मुदा नागरिक लोकनि ओहि सुन्दरतामें सफाई, सजावटक आ टेक्नोलॉजीक  बलें चारि चान लगौने छथि . दूर -दूर धरि पसरल हरीतिमा, समुद्रक लहरि सन हिलकोरैकत हरियर-कचोर  भूमि,  मीलो लम्बा झीलसब  , हिमाच्छादित पर्वत शिखर , आ ताहि पर शहर -नगरकेर सुन्दर वास्तुकला. ऊपर सं सम्पूर्ण देश में घास सेहो एकेरंग काटल भेटत . टूरिस्टक मनोरंजन ले आओर चाहियैक की !
स्विट्ज़रलैंड  में हमरा लोकनिक कें  दू गोट पहाड़ - युंगफ्राउ आ माउंट टिटलिस , आ दुटा शहर- लुसिन आ इन्टरलाकेन  देखबाक अवसर भेटल छल . 
युंगफ्राउ पर्वत शिखर केर बाट पर , स्विट्ज़रलैंड
आब युन्गफ्राऊ केर गप्प करी: युंगफ्राउ क अर्थ होइछ किशोरी . संभव अछि, पहाड़क सुन्दरताकें देखि केओ कवि एकरा  सुन्दरि किशोरी कहि संबोधित केने हेथिन आ ई पर्वत भ गेल युंगफ्राउ ! युंगफ्राउकें योरोपक शिखर सेहो कहल जाइछ, यद्यपि ई योरोपक सर्वाधिक ऊँच शिखर थिक नहिं , तथापि  लोकप्रियता में ई अवश्य सबकें मात केने अछि . एतय लग सं ग्लेशियर देखलहुं .जेना कहने छी हम पहिनहु ग्लेशियर देखने छी. मुदा, एतय चारू कात सं बंद वातानुकूलित बिल्डिंग पर्यटक कें हाई अलटीच्युडक तेज हवा आ हाड़ हिलबैबला जाड़ सं बंचा लैछ. युंगफ्राउ जेबा ले इन्टरलाकेन शहरसं पहाड़क तलहटीक बस्ती, लौटरब्रनेन वा ग्रिडेनवाल्ड धरि बस आ ट्रेन दुनू जाइत छैक. मुदा ओहि सं उपरक बाट ट्रेनहिक छै.  इन्टरलाकेन शहर सं  पूब, रेलमार्ग लौटरब्रनेन दिस, आ पश्चिम में, ग्रिडेनवाल्ड दिस जाइछ. दुनू रेलमार्ग  आगू (क्लीनसेडेग स्टेशनपर) पुनः एक दोसरा सं मिलि युन्गफ्राऊ क एगेनवाल्ड स्टेशन  धरि जाइछ. अप्पन देशमे सेहो शिमला , दार्जिलिंग आ नीलगिरि रेल अछि. मुदा युंगफ्राउ रेल ओहिसं अनेक अर्थमें भिन्न छै. एक तं चढ़ाईक ढलान कठिन छै. दोसर, मीटर गेज़ लाइनक ई रेल कॉग व्हील रेल थिक, जाहि में तीन-तीन टा सामानांतर पटरी आ डिब्बा सबमें तीन-तीन टा सामानांतर पहिया होइछ. दुनू कातक दू पहिया आम पहिया सन रेल लाइन पर गुड़कैछ,  मुदा बीचक दांतदार पहिया बीचक, तेसर, दांतदार पटरी पर ट्रेनकें तेना धेने तेना चलैछ   जे  रेलगाड़ी तीख पहाड़ी ढलानक वावजूद ट्रेनक ऊपर मुहें गति बनौने  चलैछ. हमरा लोकनि लौटरब्रनेन धरि बस सं गेल छलहुँ . लौटरब्रनेन में टिकट किनल छल . गाड़ी एबा में किछु समय बांकी रहइ, तें स्टेशन सं बाहर कनिएक दूर चललहु. एतय लग सं एतय आल्प्स पर्वतमाला केर हिमाच्छादित शिखरक  पहिल दर्शन भेल. लौटरब्रनेनसं, लौटरब्रनेन- ग्रीडेनवाल्ड  आ लौटरब्रनेन - इन्टरलाकेन  ट्रेकिंग आ साइकिलिंग  रूट काफी लोकप्रिय छैक.  साईकिलसं ऊपर पहाड़ दिस जाइत आ पहाड़ सं नीचा अबैत किछु युवक-युवती लोकनि  एतय भेटलाह. सेहन्ता त हमरो भेल, एसकरे निचेन सं देश कोस देखी. माटिक स्पर्श करी आ भूमि , भैषज्य , फूल-पात , जीव -जंतु कें लगसं देखिकय चीन्ही.  मुदा, तेहि नो दिवसा गताः ! शरीर ने बूढ़ होइत छैक ,मन कें की हेतैक ! मनकें जं बुढ़ापा अबितैक तं च्यवन मुनि अनेरे सुकन्या पर आशक्त होइतथि ! दोसर, यूरोप एक-एक देशक निचेन सं भ्रमण मध्यवित्त लोकक सक्कक बाहर थिकै. ओना मनोरथक कोनो सीमा छै ! हमरा सेनाक सेवाक प्रसादें सम्पूर्ण देश देखबाक अवसर तं भेटल अछि .सेहो कोनो कम थिकै. अस्तु,
लौटरब्रनेन स्टेशन पहुंचल रहीतं हमरा सबहक ट्रेन अयबामें बेसी देरी नहिं रहैक. ताहिपर टूर ऑपरेटर केर एके टा चिंता , केयो छूटि ने जाथि . सबतरि सबहक संगोरे तं  हुनकर ड्यूटीए  छलनि. करताह की. टूर ऑपरेशन आओर थिकैक की ? एकटा इवेन्ट मैनेजमेंट . हमरासब प्लेटफार्म पर अयलहुं. गाड़ी एलइ. चढ़ैत गेलहुं. ट्रेन क्लीनसेडेग स्टेशन दिस बढ़ल. दाहिना दिस लौटरब्रनेन गाँव : दुनू कात सोझे ठाढ़ ऊँच देवाल सन दूटा पहाड़, पहाड़क  सतह पर बहैत अजश्र जलधार आ गामक पृष्ठभूमि में हिमाच्छादित पर्वतमाला - इएह थिकै लौटरब्रनेन गाँवक परिचय. ट्रेन सं ऊपर चढ़ैत आ उतरैत एहि गाओंक विहंगम दृश्य  देखबइ. 50 मिनटक ट्रेन यात्राक  पछाति हमरा लोकनि क्लीनसेडेग नामक स्टेशन पहुंचलहु. क्लीनसेडेग स्टेशन पर ट्रेन बदली भेलै. दोसर ट्रेनसं  सब गोटे इगेनवांड स्टेशन धरि जाइत गेलहुं. क्लीनसेडेग स्टेशन सं किछुए आगू  पहाड़क भीतरे -भीतर करीब 7 किलोमीटर लम्बा सुरंग आरम्भ होइत छै. सुनलहु, 1912 में, सोलह वर्षक  निर्माणक पछाति एहि  रेलखंडक (क्लीनसेडेग- इगेनवांड) उद्घाटन भेल छइ. सुरंगक भीतरे-भीतर  गाड़ी  सोझे युंगफ्राउ (इगेनवांड स्टेशन) पहुँचै छैक. बाट में कतेक ठाम, सुरंगक शाखा सब  पहाड़क दुनू पक्खासं बाहर ग्लेशियर धरि जाइछ. जं समय हो तं रेल सं उतरि सुरंगक बाहरदिस  ग्लेशियरक बिहंगम दृश्य देखि सकै छी . बेर-बिपत्ति पडलापर एहि शाखा-सुरंग सबहक उपयोग बर्फ में फँसल पर्वतारोहीक बचाव ले सेहो कयल जाइछ.
युंगफ्राउ पर्वत शिखर पर
युन्गफ्राऊ टूरिस्ट स्टेशन  एकटा पैघ, मल्टी-स्टोरी  बिल्डिंग काम्प्लेक्स थिक. एतय पर्यटक ले आकर्षणक कमी नहिं. मुदा, एतुका मुख्य  आकर्षणक थिक स्टेशनक बाहर ग्लेशियरक क्लोज-भ्यू.   रेलवे स्टेशनक आगू ओना बिल्डिंग काम्प्लेक्सक  आरम्भ में सूचना विभाग छै. तकर आगू एकठाम बड़का स्क्रीन पर निरंतर चलैत विडियो पर युन्गफ्राऊ रेलक निर्माणक  इतिहास आ वर्तमान सुविधाक डाक्यूमेंट्री फिल्म देखि सकै छी. आओर आगू चलि कय एकटा लम्बा बर्फ़ीला सुरंग- ग्लेशियर वाक- छै. ग्लेशियर-वाक में  देवालक  काते- कातक  पाइप पकडू, पयर बैसा कय नहु-नहु चलू . आखिर , आयल छी बर्फक आंनदे  लेबा ले आ खसबो नहिं करब से कोना हयत . एतुका आइस वाक देखि हमरा जाडकालाक शिमला प्रवास मोन पड़ल. शिमला में कतेक के ने हड्डी टूटलनि. मुदा युन्गफ्राऊ में ककरो खसैत नहिं देखलियइ एकर अतिरिक्त आइस पैलेस आ संग्रहालय भेटत. आइस पैलेस में बर्फक बनल विभिन्न जंगली जंतु, जेना ,भालु , पेंगुइन इत्यादिक मूर्तिकला आकृष्ट करत . बर्फक बाट  पिच्छड तं छैहे.. युन्गफ्राऊ बिल्डिंग में एकटा मुख्य स्थान छै स्फिंक्स हाल . स्फिंक्स हाल सं लिफ्टक  द्वारा स्फिंक्स ग्लोबल ऑब्जरवेशन प्लेटफार्म धरिक बाट छै . समीपे में अंतरराष्ट्रिय हाई अलटीच्युड फाउंडेशन सेहो छैक . भारतीय सेनाक  हाई अलटीच्युड मेडिकल रिसर्च सेंटर, लेह में कार्यरत अछि. लेह केर हाई अलटीच्युड मेडिकल रिसर्च सेंटर संग हम अपनहु काज केने छी आ  हाई अलटीच्युड मेडिसिन में रूचि रखैत छी. मुदा लेह शुष्क मरुभूमिक  इलाका थिकै. ओतय बर्फक नामोनिसन नहिं. अंतरराष्ट्रिय हाई अलटीच्युड फाउंडेशन में जेबाक अवसर हमरा नहिं भेटल .
युंगफ्राउ पर्वत शिखर पर बर्फ़ केर  मूर्तिकला
युन्गफ्राऊ टूरिस्ट स्टेशनक एहि भवन में अनेक रेस्टोरेंट छै . हमरा लोकनिक भोजनक व्यवस्था प्लेनेट बॉलीवुड में छल. प्लेनेट बॉलीवुडक  स्वामी भारतीय मूलक छथि . गरम दिव्य भोजन, सैम्पैनक एक गिलास, आ युन्गफ्राऊ अयबाक संतुष्टि एतुका सर्द वातावरण में सब कें गर्मीक अनुभूति देलकै आ हमरा लोकनि खिड़की सब बाटें भरि मोन ग्लेशियर देखलहुं आ ग्लेशियर फोटो झिकलहु . अंततः, एकठाम भवनसं बाहर निकलि छोट सन बाट -क्लिफ वाक- सेहो छैक जाहिपर  बर्फ़ में चलबाक आनंद ल सकैत छी आ एहि ठाम सं गरदनि घुमाक ग्लेशियरक चारु भरक नज़ारा ल सकैत छी. हम बर्फ पर ततेक चलल छी जे ई  अनुभव हमरा ले नव नहिं छल तें बस कयल . घुरती क ट्रेन में निश्चय पर्वतीय इलाकाक दोसर दिस देखबाक अवसर भेटल. मुदा, सब सं हर्षक विषय जे हमरा लोकनिक यात्रा क दौरान किशोरी युन्गफ्राऊ केर चित्त निरंतर सुभ्यस्त छलनि,मूड लगातार नीक छलनि. नहिं त कतेक गोटे स्विट्ज़रलैंड अबइ छथि आ खराब मौसमक युन्गफ्राऊक आबियोक किछु नहिं देखि पबै छथि . कहै छै, माउगिक मूड आ पहाड़क मौसमक कोन ठेकान ? कखन कोना बदलि जायत , देवो न जानाति कुतो मनुष्यः !

इन्टरलाकेन 
स्विट्ज़रलैंड में झील-झरनाक कमी नहिं छैक . सब पैघ-शहर बुझू बड़का-बड़का झीलेक किनेर पर बसल छै, छोट झील सबहक तं कोन कमी .ओना एकर कारण सेहो छैक. झील आ नदी भोजन आ जलक अलावा यातायातक सेहो सुलभ साधन थिकै. अपनादेश में राजस्थान मोन पडैए. आन किछु ले नहिं. झील आ सरोवर ले. जल, सरोवर आ झील छै तं आबादी भेटत नहिं त पचासों मील चल जाऊ जनशून्य मरुभूमिक आलावा किछु नहिं. ते, गाँव सबहक नाम जामसर, ठकुरियासर, जैतसर आदि सुनबइ. मुदा ई विषयांतर भेल.
कैसिनो रॉयल , इनटरलाकेन, स्विट्ज़रलैंड


फ्लोरल क्लॉक
इन्टरलाकेन सेहो जलश्रोते लग अछि. मुदा इन्टरलाकेन लग एके टा लेक(झील) नहीं छै. इन्टरलाकेन शब्दक अर्थे छैक झीलक मांझठाम - दू झील क बीचक शहर; माने, ई शहर दुटा पैघ झील - ब्रिएन्ज़ आ थुन - केर बीच एकटा छोट सन शहर थिक जकर बीच बाटें आर नामक नदी दुनू झील कें जोड़ैत छै. ओना ई शहर अछि छोट मुदा पर्यटनक दृष्टिए इन्टरलाकेन शहर सुपरिचित अछि .तकर कारण सेहो छैक; इन्टरलाकेन शहर सं पहाड़ दिसुक ट्रेन, बस आ  ट्रेकिंग कें अनेक बाट आरम्भ होइत छै . संगहिं, इन्टरलाकेन शहर एहि पहाड़ी इलाका राष्ट्रिय आ अंतर्राष्ट्रीय रेल मार्ग सं सेहो जोड़ैत छै. ओना नदी आ झीलक जलमार्ग बाटें  योरप में यातायात सबठामे भेटत. केओ कहलनि, एखनहु वाणिज्य-व्यापारले माल असबाबक ढुलाई में जर्मनीमें राइन नदीक जलमार्गक प्रचुर उपयोग होइछ. हमरा लोकनि गंगा , यमुना , कृष्णा , कावेरी सन  सदानीरा नदीक अछैत जलमार्ग द्वारा यातायातक प्रति उदासीन छी .प्रायः अंग्रेजक  भारत अयबासं पूर्व, आ रेल गाड़ीक चलनसारि सं  पहिने उत्तर भारत में नदी बाटें यातायात छल होई , नहिं तं कविकुलगुरु  रवीन्द्रनाथ ठाकुर   नौकाडूबी उपन्यास कोना लिखितथि. आब  भ सकैत अछि तेज वैकल्पिक यातायातक सुविधाक कारण जलमार्ग गौण भ गेल हो . अथवा हिमालय सं बहराइत नदी सब में प्रति वर्षक  प्रचुर पांक आ नदीक कम गहराईक कारण भारी जहाजक यातायात असंभव हो . मुदा नदी बाटें जलमार्गक उपयोग दक्षिण भारतक नदी सब में सेहो नहिं देखैत छियै. तथापि जाहि रूपें नदी सब में अनाधिकार बालुक चोरि होइत छै, सरकार कें एहि जल मार्ग सब कें चालू रखबामे बेसी खर्च उठबय नहिं पडितैक !
एत्तहि  सुनल, इन्टरलाकेन शहर बॉलीवुड फिल्म निर्माता लोकनि में काफी लोकप्रिय अछि स्विट्ज़रलैंडक अनेक लोकेशन पर  स्व. यश चोपडाक  अनेक फिल्म, जेना, सिलसिला, चांदनी, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, आदिक शूटिंग भेल छैक.  फिल्म निर्माणक  क्रम में स्व. यश चोपड़ा एतय ततेक बेर आयल छलाह जे एहि शहरमे ओ ततेक सुपरिचित छलाह जे हुनकर  निधन पर शहरक  नागरिक लोकनि एहि  शहर में सार्वजनिक शोकक प्रदर्शन कयने छलाह . सुनै छी, स्विट्ज़रलैंड सरकार यश चोपड़ा के इन्टरलाकेन  शहरक राजदूतक उपाधि सं सेहो सम्मानित कयने छलनि . कतेक भारतीय फिल्म प्रेमी लोकनि स्विट्ज़रलैंड आबि अपन-अपन प्रिय फिल्म सबहक  शूटिंगक  लोकेशन तकबा ले जहां-तहां बौआइतो छथि. मुदा फिल्म निर्माणक सत्य जनिका बूझल छनि तनिका ई बुझबामें कनेको भांगठ हेतनि जे फिल्म निर्माणक अपन फूटे बाध्यता होइत छै. तें, जं अहाँ कोनो फिल्म कलाकार कें फिल्ममें पूजा ले कोनो मंदिरमें पैसैत देखैत छियनि तं भ सकैत अछि तुरते, पूजा करैत काल हुनका समक्ष कोनो दोसरे मंदिरक देवी-देवता होथिन. एहि परिस्थितिमें फिल्म शूटिंग केर कतेक लोकेशन ताकब. फिल्म देखलहुं, भ गेलैक. मुदा से थोड़े होइत छै; दिल है कि मानता नहीं ! तें चेन्नई में तमिल फिल्म जगतक वर्तमान कलाकार खुशबूक मंदिर छनि. रजनीकांत सुपरमैन थिकाह, एम् जी रामचंद्रन क फिल्म देखबा सं पूर्व लोक सिनेमा हॉलक बाहर नारिकेर फोडैत छल. एहि सबहक एके अर्थ : भक्ति मनुष्यक प्रति हो वा देवताक प्रति, भक्ति तर्क सं परे होइछ.एहि भक्तिकें भगवान  कृष्ण सेहो स्वीकार करैत छथि आ श्रीमद्भागवद्गीतामें कहने छथिन:
यो यो यं यं तनुम भक्तः श्रद्धायार्चित इच्छति
तस्य तस्य चलां श्रद्धाम तम एव विदधामि अहम .
( अर्थात, भक्त श्रद्धापूर्वक भगवानक जाहि रुपक उपासना करय चाहैत अछि हम भक्तक ओही श्रद्धा में भक्तक विश्वासकें दृढ़ क दैत छियैक )
एतय एकहिठाम फिल्म सिताराक लोकप्रियता आ प्रसंशक भक्ति आ श्रीमद्भागवद्गीताक सूक्ति सब कें नहिं रुचय. मुदा, इहो एकटा दृष्टि थिकै .गौर करियौ.                                 चलू आब पुनः इन्टरलाकेन आ यश चोपड़ाक गप्प करी: यशराज फिल्म, टूर ऑपरेटर लोकनिक सहयोग सं, किछु दिनधरि  यश चोपड़ा सर्किटपर पर्यटनक पैकेज सेहो चलौलनि , मुदा पछाति ओ प्रोग्राम बन्न भ गेल. ओना देखाबाले इन्टरलाकेन में किछु तं नहिं भेटल शिवाय अनुकूल जलवायु आ आल्प्स पर्वत श्रृंखलाक एक आओर पहलूक स्वरुप. एतय शहर क बीच सं जाइत मुख्य मार्गक एक कात एकटा पैघ फील्ड छै आ दोसर दिस होटल,रेस्टोरेंट आ व्यापारिक प्रतिष्ठान. दर्शनीय स्थल सब आस पासक पहाड़ आ उपत्यका में छिडियायल छै . ओना एतहु शहरक मुख्य मार्ग सं युन्फ्राऊ पर्वत शिखर देखबामे आओत, जेना  पोखरा नेपाल में सब ठाम सं अन्नपूर्णाक पर्वत शिखर आकृष्ट करत . मुदा अन्नपूर्णाक शिखर कतहु तीर केर नोकसन  शिलाखंड जकां देखायत आ कतहु माछक पुच्छी जकां ; तें अन्नपूर्णाक शिखर   नेपाली लोकनिक  बीच माछापुछ्रे क नाम सं प्रसिद्द अछि. संगहि अन्नपूर्णा पर्वत शिखर पर बर्फ अभावृत्तिये देखबै, आ जखन कखनो हिमपात होइतो छैक तं  प्रातेभेने  सूर्यक पाहिले किरण ओकरा चिक्कन-चुनमुन क दैत छैक . भोरुका  सूर्य आ अन्नपूर्णा शिखरक प्रणय पर किछु हमरो उक्ति सुनू :
अन्नपूर्णा   भाल पर अरुणोदयक पहिले चुम्मा
कय दैत छनि अन्नपूर्णाक गाल कें लाल
आ क्रमशः तरुणाइत रौद केर स्पर्श सँ
पसरय लगैछ अन्नपूर्णाक  कमनीय कायापर
स्वेद केर बुन्न,पमार, आ फेर धार !
ओएह पमार क्रमशः बनैछ - सेती ,गण्डकी , मर्श्यांगदी , मेछी आ महाकालीक धार !
युन्गफ्राऊक शिखर तेहन प्रखर नहिं, आ ओतेक ऊँचो तं नहिंए . मुदा, छैक नीक जकां बर्फसं झाँपल.
इन्टरलाकेन नगरक केंद्र में एकटा सभागृह - कसीनो कुरसाल बेस प्रसिद्द छै . भवनक बाहरी स्वरुप आ परिसर आकर्षक छैहो . कसीनो कुरसाल क परिसर में फूल-पत्ती क बीच में, बाटक कातहि में, फ्लोरल क्लॉक - फूल-पत्तीक गुच्छा आ धातुक कांटासं फुलबारीमें भूमिपर बनल घडी - देखलहुं . फ्लोरल क्लॉक एतुका प्रमुख आकर्षण थिकै. तें, पहिल बेर त ई अद्भुत लागल. मुदा पछाति फ्लोरल क्लॉक योरप केर आनो-आन  शहर में अनेक ठाम देखलियइ. तें भ सकैत अछि योरोपियन लोकनिकें  फ्लोरल-क्लॉक अजूबा नहिं लगैत होइन .मुदा हमरालोकनिक टूर ऑपरेटर तं एशियाई पर्यटकक संगे छथि , ताहिमे हमरा लोकनि मसं एहि सं पहिने यूरोप केयो नहिं आयल छी . तखन फ्लोरल क्लॉक कें दर्शनीय कहब कोन बेजाय .
  
माउंट टिटलिस पर्वत शिखर


रोटाएयर
माउंट टिटलिस क यात्रा रोटा-एयर रोपवे-राइड ले प्रसिद्द अछि . रोपवे स्टेशन धरि जेबा ले हमरा लोकनि जुरिच सं बससं  एंजेलबर्ग शहर धरि जाइत गेलहु . ओतय सं रोपवेक गोंडोला दू स्टेशन आ एक गोंडोला बदलीक  क पछाति माउंट टिटलिस पर्वत शिखर धरि चढ़ौलक. एतुका  गोंडोला- रोटा एयर- विश्वप्रसिद्ध अछि . यात्रिकें नेनहिं गोंडोलाक आधार चक्र जकां घूमइ छै आ यात्री  ठाढ़े-ठाढ़ आसपासक उपत्यकाक लैंडस्केप क चारूभरक पहाड़, चारागाह, झरना, ग्लेशियर, चरैत  माल-मवेशी देखैत आनंद लैत रहथु . माउंट टिटलिस केर शिखरपर युन्गफ्राऊए  जकां ग्लेशियर-वाक गुफा, रेस्टोरेंट, फोटो स्टूडियो , क्युरियो शॉप  तं छैहे, पर्वत शिखरपर बेस पैघगर समतल, हिमाच्छादित भूमि छै   जाहि पर  यात्री लोकनिकें  बर्फ में चलबाक, खसबाक , फोटो झिकयबाक आनंदक प्रचुर अवसर भेटैत छनि. ई स्थान लोककें बेसी आकृष्ट करैत छैक . तथापि, हमरा सबसँ नीक एतुका लम्बा सस्पेंशन ब्रिज ( झूला-पुल) लागल . सुनै छी , ई यूरोपक सब सं ऊँच सस्पेंशन ब्रिज थिक . तेज बर्फ़ीला हवा, ऊँचाई, ऊँच सीढ़ी एवं बरखा-बर्फ सं परहेज हो तं एहि सस्पेंशन ब्रिज पर जुनि  जाऊ . हम शिमलाक बर्फवारी, उधमपुरक आ लेहक तेज हवा , असम केर बरखा झेलि  चुकल छी ; आ खर्दुन्गला पासक  18387 फुट केर ऊँचाई दसो बेर पार केने छी , हेलिकोप्टर सं  पाराशूट जम्प  केने छी . तखन ई  सस्पेंशन की थिक ! हमरा तं  जायब विहित छल . मुदा , पुल पर चढ़बाले सौ - डेढ़ सौ सीढ़ी चढ़य पडैत छैक, यद्यपि खतरा कोनो नहिं . हँ , सम्पूर्ण इलाकाकें अन्हार केने मेघ, आ जनशून्य परिदृश्य कनेक भयाओन अवश्य लागत. पुलक लम्बाई सौ मीटर त हेबे करतइ. मुदा सब किछु पूर्ण सुरक्षित छै . असल में ई  सब देखि , मन में एके भाव अबैत रहल - भारत में ने पहाड़क कमी छै ने , ग्लेशियरक . कमी छैक तं बस राष्ट्रीय  इच्छाशक्ति आ टेक्नोलोजीक. हमरा लोकनिक प्राकृतिक सम्पदा आ सम्रिद्धिक बीच एके टा अभेद्य बाधा अछि - अप्पन प्राकृति सम्पदाक पूंजीक प्रति उदासीनता आ सबकिछु  पर सरकारक एकाधिकार . पूंजीक कमी आ व्यापारी वर्ग में उद्योगधर्मिताक कमी  सेहो हमरालोकनिक राष्ट्रीय रोग थिक. फलतः डेक्कन रेल हो वा राष्ट्रीय विरासतक संरक्षण, सब किछु ले हमरा लोकनि सरकारीए  पहलले  आकासी देने रहइ छी . भ सकैत अछि, बदलैत भारत में अगिला पीढ़ीक सोच बदलइ . शिवास्ते पन्थानः ! घुरती में ग्लेशियर सं नीचा पहाड़हि पर एकटा रेस्टोरेंट में भोजन भेलै आ पुनः एंजेलबर्ग आबि हमरा लोकनि लुसिन शहर देखबा ले गेलहु.
लुसिन शहर आ आहात सिंह 


लुसिन  शहर स्विट्ज़रलैंडक सबसँ पैघ शहर आ देशक आर्थिक गतिविधिक केंद्र थिकै. ई शहर एन्जेल्बर्ग आ जुरिच शहरक बीच पडैत छै. तें माउंट टिटलिसक भ्रमणक पछाति हमरा लोकनि लुसिन अयलहुं . एतय टूर ऑपरेटर हमरा लोकनि कें सोझे विश्वप्रसिद्द लायन-मोनुमेंट ल गेलाह .एकटा छोट सन  पार्क में  सोझे ठाढ़, प्राकृतिक, शिलाखण्डक फलकपर, पाथरक ई  विशाल, श्वेत सिंह फ़्रांसीसी क्रान्तिक समय में शहीद  आओर आहत स्विस सैनिकक स्मारक थिक . ऐतिहासिक विवरणक अनुसार, फ़्रांसिसी क्रान्तिक काल फ्रांसक  सम्राट, सोलहम लुइकें  सपरिवार अपन आवास-वर्साय पैलेस- सं पड़यबाले बाध्य होमय पड़य छलनि. पलायनक क्रम में सम्राट अनेक ठाम नुकयलाह मुदा अंततः मारल गेलाह. मुदा, एहनो  परिस्थिति में, सम्राटक बफादार, स्विस सैनिक क एकटा बड़का जत्थाक  लडैत मारल गेल  छल. तें, स्विस गार्डक ओहि दलक केओ बांचल सदस्य, अपन सहकर्मी लोकनिक  वीरता आ कर्तव्यनिष्ठाक स्मृतिमें,   पछाति एहि स्मारकक निर्माण करओलनि. अस्तु,  फ्रांसक सम्राटक स्विस गार्डकें समर्पित ई स्मारक स्विस गार्डक  बफादारीक आ वीरताक प्रतीक  मानल जाइछ. कहल जाइछ, एहि स्मारक कें देखि प्रसिद्द अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन ततेक प्रभावित भ गेल छलाह जे  ओ अप्पन  यात्रा वृतांत में एहि स्मारकक विशेष उल्लेख केने छथि . पाथर खोह में, घायल अवस्थामें,   ढाल पर ओंगठल, एहि सिंह केर छवि पर प्रतिविम्बित पीड़ा मर्मस्पर्शी  छैक. तें मार्क ट्वेन एहि स्मारक कें ' पाथर में निर्मित विश्व केर सर्वाधिक कारुणिक आ प्रभावोत्पादक कलाक' संज्ञा देने छथिन.  
लायन- मोन्यूमेंटक भ्रमणक पछाति हमरा लोकनि लगहिंक बाज़ार में किछु शौपिंग कयल - स्विस चॉकलेट, गायक गरदामीक पारंपरिक पितडिया घंटी आ आओर किछु छोट-मोट वस्तु . संगी-साथी लोकनि घड़ी आ कपड़ा लत्ता सेहो कीनैत गेलाह . खरीद -बिक्री में तं हमरा कोनो रुच नहिं तें मात्र चॉकलेट कीनि  संतोष कयल . शौपिंग केर पछाति लेक लुसिन में बोटिंगकेर व्यवस्था छलै. यावत समय भेलै हमरा लोकनि रोडक कात में बैसि सुस्तयलहु; अनुकूल जलवायु आ आरामदेह बसक कारण दिन-प्रति दिनक  लगातार भ्रमण  आ लम्बा-लम्बा बस यात्राक बावजूद थकान सं बंचल छी. कनिए काल में हमरा लोकनि मोटरबोट तैयार छल आ फेर भेलै लेक लुसिन में नौका विहार . ई बोटिंग वेनिसक बाद हमरा लोकनिक दोसर बोटिंग थिक. पैघ झील  आ दूरमें छोट-छोट पहाड़. पोखराक फेवा लेक स्मरण  भ आयल . मुदा, अन्नपूर्णाक पर्वत शिखर, लग केर सरांगकोट गाँव, दोसर दिस सघन जंगल  आ बीच में बराही  मंदिर ; सब मिलाकय फेवा-ताल आकार में छोट मुदा सुन्दरता में बीस , उन्नीस नहिं.
लुसिन शहर केर तेसर आकर्षण थिक चैपल ब्रिज - एतुका लकड़ीक पुल . सुनै छी, चौदहवीं शताब्दी में निर्मित  काठक ई ऐतिहासिक  पुल किछु वर्ष पूर्व अगिलग्गी में अंशतः नष्ट भ गेल छल तथापि जीर्णोद्धारक पछाति, ई नव पुल एखनहु पर्यटकक आकर्षण बनल अछि. यद्यपि पर्यटनक अतिरिक्त आब एहि पुलक कोनो व्यवहारिक उपयोग नहिं छैक ; झीलक संकीर्ण हिस्सा कें पार कय शहरक दोसर भाग जेबाले आब सीमेंट-कंक्रीटक आधुनिक पुल लगहिंमें छैक. मुदा, यूरोपमें विरासतकें जोगाकय रखबाक अद्भुत उत्साह देखबै. संगहिं देशक अर्थव्यवस्था में  पर्यटन एकटा प्रमुख स्तम्भ छैक, तं ऐतिहासिक धरोहर कें पूँजीजकां जोगायब राष्ट्रिय प्राथमिकता थिकैक. अफशोस, हमरा लोकनि अपन विरासत केर प्रति एतेक उदासीन किएक छी. प्रतिदिन कतहु कोनो ऐतिहासिक अवशेष ध्वस्त भ  रहल अछि , आ कत्तहु राष्ट्रिय विरासत आ ऐतिहासिक भूमिक क अतिक्रमण भ रहल अछि . राष्ट्र निस्संक सूतल अछि , आ हमरा लोकनि बौक भेल देखि रहल छी , सब किछु सं निरपेक्ष वा किछु करबा सं अशक्त ! रक्षको यत्र भक्षकः, किं न तत्र भविष्यतिः .
करीब दू सौ मीटर लम्बा एहि पुलकें फूलक गमला आ पेंटिंग सबसं नीक जकां सजाओल छै. हमरहु लोकनि पैदल पुल पार केलहुं , फोटो झिकौलहु. मुदा, यावत बस दिस अबितहु कि बरखा आबि गेल . फेर वैह गप्प , नारिक मोन आ पहाड़क मौसम, बदलइ में कतेक समय लागत ! मुदा, पहाड़ी इलाका आ सांझुक समय पानि में भीजब ने सुखद, ने स्वास्थ्यकर. खैर, लुसिन सं स्विस्सोटेल होटल, जुरिच धरि बस में 40 मिनट सं बेसी नहिं लागत , तीतल कपड़ा कें देह लगाक मारू !

साफ़हाउसेन  शहर , राइन जल-प्रपात आ टिटिसी
राइन जल प्रपात , सौफहौसेन, जर्मनी

नौका विहार, राइन जल प्रपात , सौफहौसेन, जर्मनी
स्विट्ज़रलैंडक यात्रा समाप्त कय हमरा लोकनि जर्मनी ले विदा भेलहुँ . मुदा स्विट्ज़रलैंडमें एकटा आओर मनोरम दर्शनीय स्थल देखब एखन धरि बांकीए छल - साफ़हाउसेन  शहरमें  राइन नदीक वाटर-फाल वा जल-प्रपात. राइन नदी यूरोपकेर पैघ नदी सब म सं एक छैक. एहि नदीक उद्गम तं छैक स्विट्ज़रलैंडक आल्प्स पर्वतश्रृंखलाक ग्लेशियर सं मुदा नदी आरम्भ होइत छै जर्मनीक लेक कॉन्स्टेंस सं. ओतय सं ई नदी लिस्टेंनस्टीन, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, फ्रांस आ नीदरलैंड्स होइत अंततः उत्तरी सागर (नार्थ सी) में विसर्जित होइछ. साफ़हाउसेन में 27 मीटर ऊँच आ सौ -दू सौ मीटर चौड़ा जलप्रपातक  उधियाइत दुधिया पानि एतुका मुख्य टूरिस्ट आकर्षण थिकइ. ह्मरा लोकनि साफ़हाउसेन  पहुंचल रही तं भोरेक समय छलै . वाटर-फाल कें लगसं देखबाक हेतु मोटर बोटक व्यवस्था छलै. सब गोटे नाओ में बैसलहु आ नाविक नाओक दू तीन चक्कर लगबैत अनेक बेर प्रपातक लग धरि चक्कर लगौलनि . जल प्रपातक मुहाना दिस ऊँचसं खसैत विशाल जलराशि जबरदस्त  फुहारा छोड़इ छै तें जतेक बेर नाओ लगसं  गेलै शीतल जलक फुहारासं सब नीक जकां भीजल . भोरुका तीतब  भकुआयल लोकक भक्क  छोड़एबाले खूब असरदार भेलै आ लोक खूब मौज मस्ती केलक, आ खूब फोटोग्राफी भेलै. नदीक किनेर पर एकटा छोट सं चलंत दोकान सेहो छलै. किछु गोटे किछु-किछु कीनि- बेसाहि खाइतो गेलाह. हमरा लोकनिक मोन तं राइन नदीक शीतल जलक फुहारिएँ सं भरि गेल छल. तें आगू बढ़लौं.
अगिला पड़ाव जर्मनीक लेक टिटिसी आ ब्लैक फारेस्टक इलाका में भेलै. ई छोट नगर  लेक टिटिसी आ जर्मन कुकु-क्लॉकले प्रसिद्द अछि . मध्यम आकारक झील, गाढ़ हरियर पानि. एक दिस शहर आ दोसर दिस सघन जंगल . झीलक पानि  जाड़मासमें बर्फ भ जमि जाइ छै. नीक समय में पर्यटक लोकनि बोटिंग करै छथि आ लोक माछ सेहो मारैत अछि . ओना टिटिसीक लागेक इलाका न्युस्ताटज इलाका स्पा-टाउन थिकै; यूरोप में एहन बहुत स्पा-टाउन  छै जतय स्वास्थ्यलाभक उद्धेश्ये लोक मिनरल-वाटरक  प्राकृतिक श्रोत में स्नान करबाले पहुँचैत अछि.गर्म पानिक झरनातं अनेक ठाम भारतहु में छैके. हिमाचलप्रदेशक तत्तापानी,कुलु-मनाली आ उत्तराखण्ड में बद्रीकाश्रम, लद्दाख में फागुक इलाका में गर्म पानिक झरना तं देखल अछि.
टिटिसीमें बाजारमे चमड़ाक बेल्ट आ एतुका विच डाइनि लोकनिक भयाओन पुतरी बिकाइत देखलियइ . कौतुहल सं दोकानदार महिलासं हमर पत्नी पुछलथिन -' ई डाइनि सब कतय रहै छथि ? महिला कहलनि-' फारेस्ट में' गप्प बूझि गेलियइ. अपना लोकनिक इलाका में तं  डाइनिक  अपमानजनक धारणा छैहे. भ सकैत अछि, एतहु धिया-पुता कें डरबैंले भूत-प्रेत आ डाइनि-योगिनीक अवधारणा होइक . मुदा, टूर ओपेरटर हमरा सब कें ने लेक देखाबय एतय अनने छथि आ ने जादू-टोनाक प्रदर्शनी ले. असल में ब्लैक फारेस्ट इलाका लोकप्रिय कुकु-क्लॉकक निर्माण आ निर्यात ले प्रसिद्द अछि. हमरा लोकनि एतुका द्रुबा परिवारक दोकान में गेलहुं. एकटा कुमारि कन्या हम लोकनिकें कुकु-क्लॉक निर्माण पर छोट सन डेमोन्सट्रेशन देलनि आ अपन दोकानक अनेको प्रकारक छोट पैघ , सस्ता- महग देवाल घडी देखौलनि. छोट वा पैघ सब कुकु-क्लॉकक विशेषता एके छै: प्रत्येक घंटा पर घडीक उपरका भागक सं एकटा कोइलि बेर-बेर बहराइत छै आ भीतर जयबासं पूर्व प्रत्येक बेर कुहुकि दैछ . ई निर्विवाद जे कक्कू-क्लॉक ब्लैक फोरेस्ट  अलावा विश्वमें आनो बहुत ठाम बनैत छै, तथापि ब्लैक फोरेस्ट कक्कू-क्लॉकले प्रसिद्द अवश्य अछि. संभव छै, थोक में चीनमें बनल डिजिटल कुकु-क्लॉक जे दिन ने एहू उद्योग कें गीडि लेत. कारण एत्तहु बैटरीए ऑपरेटेड घड़ीक बेसी मांग छै, मेकानिकल घड़ी बनयबामें समय बेसी लगैत छै, दाम सेहो बेसी तं कीनत  के !

झील , ब्लैक फारेस्ट , जर्मनी
हमरा लोकनि 125 यूरो में एकटा घडी कीनल . मुदा, सेहो बैट्री बला. खरीद बिक्री कें बढ़ावा देबालें यूरोपियन यूनियन पर्यटककें VAT रिफंड केर सुविधा देने छै . सब ठाम  दोकानदारसं  VAT रिफंड केर फॉर्म लैत चलू . यूरोप सं बहराइत काल एअरपोर्टपर सबटा टाका कैश में वापस लियअ. हमरो लोकनिकें एहि घडी में करीब 22 यूरोक रिफंड भेटल. बेजाय नहिं; यत लब्धं, तत लब्धं .
टिटिसी में एकटा आओर नव वस्तुपर नजरि पड़ल: टूरिस्ट सूचना केन्द्रक भवनक  देवाल में एकटा छोटसन ताख में कार्डियक डिफीब्रिलेटर राखल देखलियइ. ई मशीन अवश्ये पर्यटक लोकनिक बेर-बेगरताक हेतु हेतैक. सत्यतः, हार्ट-अटैक सन इमेरजेंसीमें कतेक गोटेले डिफीब्रिलेटर प्राणरक्षक साबित हेतइ. खरीद बिक्रीक पछाति लंच ले हमरा लोकनि लागेक एकटा होटल में गेलहुं. भोजनक मेन कोर्स केर अलावा मेनू पर ब्लैक- फारेस्ट केक सेहो रहइ. मुदा, सत्यतः, एहि सं नीक ब्लैक फारेस्ट केक काठमांडू, पोखरा आ दिल्ली में भेटै छै . तें, बस नाम बड़े और दर्शन छोटे तेकरे परि !
टिटिसीक भ्रमण केर पछाति हमरा लोकनिक बस फेर चलल. करीब दू-तीन घंटाक यात्राक पछाति हमरालोकनि हाइडेल्बर्ग पहुँचलहु. मुदा हाइडेल्बर्गक ह्म्ररालोकनिक भ्रमण बहुत संक्षिप्त छल. नेक्का (Neckar)नदीक काते कात सोझे, हाइडेल्बर्ग युनिवर्सिटी इलाका जाइत गेलहुं आ शीघ्रे घूमे-घामि आगू विदा भेलहुँ. सीमित समय आ कतेक ठाम, सब ठाम विस्तृत भ्रमण असंभव छै किने. 1386 में स्थापित विश्वप्रसिद्द हाइडेल्बर्ग विश्वविद्यालयक गुलाबी सैंडस्टोनक ओरिजिनल बिल्डिंग देखलियइ. एहि विश्वविधालयक क अनेक विभागसब शहरक बाहरक दोसर, पैघ परिसर में छैक. एखनधरि 56 टा नोबेल पुरस्कार विजेताक सरोकार  हाइडेल्बर्ग विश्वविद्यालय सं छनि. एतबे एहि विश्वविद्यालयकें विश्वकेर अग्रणी विश्वविद्यालयक दर्जा देबाले काफी छै. विश्वविद्यालयक पृष्ठभूमिमें ऊँच पहाड़ पर हाइडेल्बर्ग कासल ( किला) देखबा में आयल. मुदा किलाकें दूरहिं सं देखि संतोष कयल. रातिमे विश्राम फ्रैंकफर्ट शहर में भेलै , मुदा शहर देखबाक समय कहाँ रहै .तें सोझे विश्राम .
लोरेली राइन नदी आ नौका विहार 
इटली, ऑस्ट्रिया,लिस्टेंनस्टीन आ स्विट्ज़रलैंडक भ्रमणक विगत 20 घंटा सं जर्मनीमें छी. भाषा, भोजन-खान-पान आ संस्कृति में सबदेश में किछु भिन्नतातं अवश्य छै मुदा एखनि धरि बाहरी परिदृश्य में एक देश सं दोसर देश में काफी समानता सेहो छै. तथापि जं हाईवे सं तजबीज कारी तं इटली में सूरजमुखी आ मकैक खेतीक बाहुल्य देखलियइ. ऑस्ट्रिया में सेव केर बगीचा सब आकृष्ट केलक. स्विट्ज़रलैंड में पहाड़ी भूमि, झील झरनाक बाहुल्य, आ खेतीकम. एतय जर्मनी में दूर-दूर धरि पसरल गहूमक खेती आकृष्ट केलक. मुदा, अद्भुत छै, माल-मवेशी बहुत ठाम देखबामें आयल, किन्तु किसान कतहु दृष्टिगोचर नहिं भेलाह. लागल खेती, पाकल खेती, जोतल खेत सब नजरि पडल मुदा सब ठाम दूर-दूर धरि क्षितिज धरि पसरल खेत जनशून्य छलै. मालो-मवेशी जतय कतहु देखबै सड़क सं दूर पैघ-पैघ फार्म में चरैत सं बेसी, घास चरिकय खेतहिंमें बैसल अलसाइत-सुस्ताइत. सड़क पर, नगर में बौआइत माल-मवेशी आ कुकुर बिलाइक तं गप्पे जुनि करी. ओ केवल एशिया में भेटत.

राइन नदी पर नौका विहार
आइ हमरा लोकनि जर्मनीए में छी . पहिने राइन नदी पर बोटिंग हेतइ. पुनः, प्रसिद्द शहर कोलोन जयबाक अछि. राइन नदी पर बोटिंगले भोरे हमरा लोकनि बससं विदा भेलहुँ . करीब डेढ़ घंटाक बस यात्राक पछाति राइन नदीक पश्चिमी कछेरपर बसल एहि छोट सन संत गोअर नामक शहर में छी . नदीकेर पाट  चौड़ा छै. स्वच्छ, गाढ़ मटमैल पानिक वेग तेज. नदीक दुनू कछेर पर पहाडे-पहाड़  छै. आसपासक पहाड़ पर अनेकानेक किला सब नजरि पड़ल . आबादी सड़कक काते-कात शहरक छै . एहि शहर में पर्यटन आ मोटर बोटिंगक आमदनीक मुख्य जरिया बूझि पड़ल . हमरा लोकनिक नाओ - मोटर बोट -प्रतीक्षारत छल, चढ़ैत गेलहुं. दोमहला मोटरबोट . ऊपर खुला डेक. बैसबाक मारते रास कुर्सी आ बेंच . बिचला महल पर , रेस्टोरेंट, बार आ क्युरियो शॉप . हमरा लोकनि ओपन डेक पर बैसैत गेलहुं . भोरुका  समय . गर्मीक मास . शीतल वायु आ हल्का सुखद रौद. आओर चाही की . सुनलहु, एहि इलाका में नदी आन  ठाम सं संकीर्ण छै आ नदीक जलस्तरक नीचा पाथरक अनेक चट्टान छै. एहि अदृश्य चट्टान सबहक कारण  हेबनि धरि अनेक नाविक दुर्घटनाक भेलैए. मुदा जनमानसमें दुर्घटनासब एकटा दोसरे  दंतकथासं जुड़ल छै. स्थानीय मान्यता अनुसार, प्रेम में असफल लोरेली नामक एकटा जलकन्याक एहिठाम नदीक बीचक टीलापर बैसि नाविक सबकें लोभबैत रहैछ आ आसक्त नाविक सब अनेरे ' दुर्धटनाक शिकार भ' जाइछ.  इएह थिक एहि स्थानक लोकप्रियताक कारण.स्थानीय कथा आ लोकगीत में लोरेलीक एतेक चर्चा भेलइये जे ऐतिहासिक आधारक अभावहु में लोरेली संत गोएरक शहरक पहिचान भ गेलीहे. तें नदीक दुनू पाटक बीच ऊँच चट्टानपर लोरेलीक कारी पाथरक मूर्ति देखबै .हमरा लोकनि जाहि नाव सं झीलहरि खेलेलहु ओकरो नाम लोरेलीए रहै. एक घंटाक  झीलहरि ( नौका विहार ) क पछाति हमरा लोकनि वापस भेलहुँ . आब यु डी कोलोन ले प्रसिद्द शहर कोलोन चली.
       
कोलोन 
जर्मनीक अनेक विशाल शहरमें कोलोन एक थिक. शहरक इतिहाससं सामान्य पर्यटकक कोन सरोकार. तथापि सुनल नाम आ परिचित वस्तुक हेतु जिज्ञासा हयब अस्वभाविक नहिं. आब कहू शहरी पुरुष-पात्र में यु डी कोलोन कोनो अपरिचित नाम थिकै ? मुदा सत्य तं ई थिकै, यु डी कोलोनक सम्बन्ध कोलोन सं हयब आवश्यक नहिं. हँ, यु डी कोलोनक प्रसिद्द ब्रांड 4711 क जन्मभूमि कोलोने थिकै. बड खुद्बुद्दी लागल छल आखिर एहि प्रसिद्ध ब्रांडक नाम 4711 किएक छै . मुदा आब बुझलियइ कोलोन क ग्लोकेनगास्से नामक सड़क पर 4711 नंबरक भवन में 18 वी शताब्दीमें एहि लोकप्रिय यु डी कोलोनक उत्पादन आरभ भेल रहै. कोलोनक सम्बन्धमें दोसर परिचित गप्प ई जे दोसर विश्वयुद्ध में कोलोन शहर लगभग ध्वस्त भ गेल छल . मुदा विश्वयुद्धक समाप्तिक स्वर्ण-जयंती बीती गेलाक बाद आब विश्वयुद्ध ककरा मोन छै ! भुक्त-भोगी, बंचल-खुचल सैनिक वा पुश्त-दर--पुश्त प्रतिशोधक ज्वालाक आगिकें सुनगाकय जोगौने समुदायकें वा इतिहासक अध्येताकें. हमरो इ प्रसंग तें मोन पड़ल. टूर ऑपरेटर हमरा लोकनि कें सोझे कोलोन कैथेड्रल- एतुका विश्वप्रसिद्ध गिरिजाघर- ल गेलाह. 
कोलोन कैथेड्रल




हमर पत्नी श्रीमती रूपम कोलोन कैथेड्रल में

इजराइल के प्रतिविरोध
आकार -प्रकार, बनावट आ वास्तुकला में हमर अपन  देखल सब कैथेड्रल सं ई भिन्न छै. इसाई धर्मक इतिहास सं अभिज्ञ आ चर्चक वास्तुकलासं अपरिचित हमरासन पर्यटक ले एहि पूजास्थलक वर्णन असंभव अछि. तथापि एतबा अवश्य कहब जे ई गिरिजाघर असाधारण तं अवश्य छै; असाधारण आकार , बाहरी सजावट आ भितरुका स्टेण्ड ग्लास पेन्टिंग सब . एहू कैथेड्रल में पिएटाप्रकारक मूर्तिकला - माता मेरीक कोर में ईशाक मृत शरीर- छै. मूर्तिक आगू में जरैत असंख्य मोमबत्ती सम्पूर्ण स्थान के अध्यात्मिक आभा प्रदान करैत छै . हमरो लोकनिक ग्रुपक कतेक श्रद्धालु एतय मोमबत्ती जरौलनि. चर्चकेर परिसर मोटा-मोटी सीमेंट-कंक्रीटेक छै. कत्तहु कोनो हरियरी, गाछ-वृक्ष नहिं. चर्चकेर कात में वाश-रूमक सुविधा छलै. हमरा लोकनिकें आवश्यकता नहिं छल. मुदा ओतय एकटा महिलाक 800 यूरो चोरि भ गेलनि से पछाति बुझलहु. चर्चकेर परिसर आ आसपासक इलाका में अनेक दृश्य आकृष्ट केलक. चर्चकेर लगे में गाजा-पट्टीमें इसरायली बमबारीक मूक विरोधमें बैनर लेने बैसल फिलिस्तीनी . भूमिपर चारकोल पेंटिंगकरैत कलाकार. सड़कक  कातमें बैसि  बाजा बजबैत संगीतकार, सड़कहिं पर अभिनय करैत नुक्कड़-नाटककार, आ अपन मार्गदर्शक कुकुर संगे बैसल दृष्टिविहीन भिखारि . कनिए दूर में दृष्ट एतेक विविधता प्रायः एक्थं अभरल नहिं छल . भ सकैत अछि, प्रतिदिन कैथेड्रल देखबाले अबैत 20000 सं बेसी पर्यटकक संख्या सब कें एत्तहि घिचैत होई. एहि ठाम आसपास में सब ठाम 4711 यु डी कोलोनक प्रचार आ बिक्री देखल. भेटैत तं छै ई सबठाम मुदा कोलोन एलहु तकर किछु निसानी तं चाही. अस्तु हमरो लोकनि 4711 यु डी कोलोनक किछु छोट-पैघ बोतल कीनल. कैथेड्रल सं किछु दूर हंटि कय रंगोली नामक रेस्टोरेंट में हमरालोकनिक लंच केर व्यवस्था छल . भोजन आशानुरूपें छल मुदा रेस्टोरेंटक बाहर द्वारिपर  लटकल नेबो मरचाइक झाबाक आ देवनागरीमें 'बुरी नजर बाले तेरा मुँह काला' क छोट सन  लटकेना देखि हंसी लागि गेल. देश में रही वा विदेश में, अपन विश्वास आ अन्धविश्वास कत्तहु मनुखक पछोड़ नहिं छोड़ैत छै. तें कलकत्ता, काबुल वा कोलोन कत्तहु चल जाइ दिन तकाकए यात्रा करब, नीक दिन देखि काज आरम्भ करब आ द्वारि पर नेबो-मरचाइ लटकायब संग नहिं छोड़त. इएह तं थिक संस्कार आ संस्कृति . प्रसंगात, विश्वास वा अंधविश्वास एकटा आओर प्रसंग मोन पड़ल. पुरान गप्प थिक, आधुनिक परमाणु विज्ञानक आदिपुरुष नील बोर केर गप्प . नील बोर केर दुआरि पर घोड़ाक नाल लटकल देखि केओ आगन्तुक पुछने छलथिन , ' प्रोफेसर बोर , घोड़ाक नाल शुभ होइत छै से अहूँ मानै छियै ? नील बोर मुसुकाइत कहलथिन , नहिं विश्वास तं नहिं होइए. मुदा सुनै छियै, घोड़ाक नाल हुनको लोकनि ले शुभ होइत छनि  जे एहि व्यवहारकें  अन्धविश्वास बूझैत छथिन !'
सएह थिकै विश्वास .

ब्रसेल्स
जर्मनीक यात्रा समाप्त के हमरा लोकनि बेल्जियम केर सीमा में पैसलहु. बेल्जियम में पहिल पड़ाव देशक राजधानी ब्रसेल्स में भेलै. राजनितिक रुपें एहि शहरक प्रसिद्धिक अनेक कारण छैक , जेना यूरोपियन यूनियन केर मुख्यालय, आ सर्वशक्तिमान सैनिक संगठन, नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाइजेशन (NATO) क मुख्यालय. संभव छै ई शहर आन प्रकारक राजनितिक गतिविधिक केंद्र सेहो हो, कारण एहि शहरक केंद्र-विन्दु-सिटी स्क्वायर- में आसपासक देवाल, पुल, आ खम्भा सब पर रंग-विरंगक नारा आ राजनितिक कार्टून पर नजरि  पड़ल.





ब्रसेल्समें हमरा लोकनिक गाइड सोझे शहरक केंद्र-विन्दु सिटी स्क्वायर में ल गेलाह. एकटा पैघ, चौकोर अंगनै सन एहि स्थानक चारूकात बिल्डिंगे-बिल्डिंग छै . मुदा, टूरिस्टक आकर्षण थिक एतुका टाउन हॉल ग्रैंड-प्लास आ ओकर ठीक सामनेक भवन  ब्रेड हाउस वा मेजों ज ह्वा. गाइड लोकनि एतबे कहलनि जे पूर्व में एतय सिटी हॉलक  भवन भव्य केर आलावा व्यापारी लोकनिक खरीद-बिक्रीक स्थानक अनेक भवन सेहो छल. खरीद बिक्रीक अनेक वस्तुमें ब्रेडकेर दोकान-दौरी सेहो छल हेतइ. जेना-जेना आवश्यकता भेलै भवन बनैत गेलै.योजनाबद्ध निर्माणक अभावमे बेतरतीब निर्माण असंभव नहिं.  तें एतुका ड्यूक आसपासक बेतरतीब दोकान दौरीकें हंटाकए  म्युनिसिपल भवन टक्करमें ओकर ठीक सामने  एकटा भव्य भवनक निर्माण करौलनि. वैह भवन ब्रेड हाउस वा मेजों ज ह्वा (Maison du Roi) क नाम सं प्रसिद्द भेल . मुदा, सत्य पूछी तं एहि इलाका में पर्यटकक मुख्य आकर्षण थिक  मानेकिन पी - सद्यः मूतैत बालक. मुत्ती करै में मस्त ई  नेना थिकाह के ? ई गप्प प्रायः जकां नीक  ककरो बूझल नहि  छैक. आ जे गप्प ककरो नहिं बूझल होइछ तकरा ले जतेक मुँह ततेक गप्प . एहू बालकक इतिहास किछु तेहने छनि. ककरो कहब छै जे हाट-बाजार में खरीद-बिक्री करैत अपन नेना सं एकटा माताक संग छूटि गेलनि. हुनका बाटमें जे भेटनि, बेचारो सब कें भुतियायल नेनाक तकैमें मदतिले कहैत गेलखिन , नगर केर मेयर कें सेहो. फल भेलै जे सम्पूर्ण नगर एहि बालक कें तकबा में लागि  गेल. अन्ततः जखनि ई  भेटलाह लोक देखलकनि जे सड़कक कात में कतहु निर्विकार भावें मूति रहल छलाह. एहि बालकक आन  खिसासबतं  आओर अजगुत छै : कि त कुल्लम दुइये बरखक वयसक  ई नेना ओहि ब्रसेल्सक  इलाकाक ड्यूक वा शासक छलाह. हिनकहिंले  हिनकर सेना सब लड़ैत छल. मुदा हौसला आफजाईले किछु तं चाहियैक. अपन हौसला बढ़बैंले सैनिक सब हिनकहि चुनलक. मुदा तहिया ड्यूक ततबे छोट छलाह जे युद्धक समय हिनक बफादार सैनिकसब हिनका एकटा पथिया में राखि लगहिंक एकटा गाछ सं लटका देने छलनि . दू वर्खक नेनाक कोन ठेकान . मुत्ती  लगललि. जत्तहि  छलाह , सैनिक सबहक देहे पर  मूति देलखिन. आ ई भ गेलाह पी-बोआए.तेसर कथा आओर अद्भुत छै : कि तं कोनो समयमें  एहि नगरपर चढ़ाइ करैत दुश्मन सैनिक सबहक बिस्फोटक सामग्री एहि बालकक मुत्ती  सं निष्क्रिय भ गेल रहै आ शहर विनाश सं बंचि गेल छल. भेलै ने जतेक मुंह ततेक गप्प . पछाति केओ मूर्तिकार ओहि बालकक मूर्ति बनौलनि आ मूर्ति भ गेल मानेकिन पी. मुदा दू-तीन टा कथा सत्य. एक, जे पी-बोआएक पहिल मूर्ति 17म शताब्दीक छल. दू, ई  मूर्ति ब्रसेल्स शहर केर सुपरिचित टूरिस्ट आकर्षण थिक . तीन, समय-समय पर एहि मूर्तिकें अपन लोकप्रियताक मूल्य सेहो चुकबय पड़लइए; अनेक बेर चोर सब एहि मूर्तिकें  चोराकय गेल . तें आब असली मूर्ति स्थानीय संग्रहालय में अछि आ पुरान मूर्तिक अनुकृति ग्रां प्लास चौराहाक समीपे  पर्यटकक आकर्षणक केंद्र बनल अछि . सुनलौ, आब एहि मूर्तिक नकल विश्व केर आनो-आन शहर पर्यटन केन्द्र सबपर स्थापित अछि. एतुका नागरिक कें तं ई ततेक दुलारू छथिन  जे कखनो हिनका शहरक मेयर परिधान में सजाओल  जाइछ तं कखनहु जुडो खिलाड़ी जकां . देखै नहिं छियइ माय बाप अपन धिया-पुता कें कोन-कोन ड्रेस ने पहिरबैं छै. असल में दुलारू नेनाक गप्पे नहिं हो !
मानेकिन-पी क इलाका में ब्रसेल्सकेर प्रसिद्द भोजन वाफ्ल आ  चॉकलेट केर अनेक दोकानसब  छै . ब्रेड-केक-मालपुआ-पैन केक, जे किछु केर वैमात्रेय, एहि मधुर, गरम-गर्म वाफ्लक आस्वाद  हमरो लोकनि केलहुं. 1 यूरो, एक प्लेट. कीनू आ रोडक कातहि में ठाढ़ भ क  खाऊ . वाह, ब्रसेल्सकेर एहि प्रसिद्द मूर्ति लग ठाढ़ भ हमरो लोकनि वाफ्लकेर मौहक कयल .
साविक में सुनै छियइ बेल्जियम शीशाक सामान ले प्रसिद्द रहै . हमर पत्नी कें किछु किनबाक नेयार रहनि . मुदा, पछाति बोध भेल जे बदलैत युग में विभिन्न बस्तुक उत्पादन आ व्यापार साविक जकां रहलै नहिं. लोककें  भले पुरान गप्प स्मरण होऊ आ वस्तु-जात तकैत फिरय. मुदा आब तं सब किछु बनइ छै चीन में : कपड़ा हो , चमडा हो वा इलेक्ट्रॉनिक सामान . 2008 में हमर कन्या सुष्मिता जखन अमेरिकासं छुट्टी में आयल रहथि तं हमरा ले तीनटा सनेस अनने रहथि: आइपौड, टाइ, आ नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालयक लोगोबला बेसबॉल कैप. तीनूक जन्म भूमि चीने  रहइ. हेवनिएमें  एकटा प्रसिद्द पत्रकार कोनो बेजाय नहिं कहलनिए; सब वस्तु जं एहिना चीन में बनैत रहलइ तं अंततः अमेरिकी लोकनि ब्रेड बेक  करताह  आ एक दोसरा कें केवल ब्रेडे बेचैत रहताह ! कोन ठेकान आनो देश सबहक इएह परि होइक !
ब्रसेल्सकेर ग्रां प्लास केर भ्रमण कय हमरा लोकनि शहरक सं बहराए लगलहु तं एतुका दोसर प्रसिद्द आइकॉन ऐटोमियम लग बस रुकलइ. लोहाक परमाणुक अनुकृति में निर्मित नौ टा पैघ-पैघ गोलाकार कक्षक संयोगें  बनल ई  भवन ब्रसेल्सकेर पहिचान थिक.  पचासक दशकमें कोनो ट्रेड फेयरक उपलक्षमें ऐटोमियमकेर  निर्माण भेल छल . समय रहला सं लोक ऐटोमियम संग्रहालयक भीतर सेहो जाइछ. मुदा हमरा सब कतेक घूमब . कनडकटेड टूरक एकटा इहो दोष थिकै - सब दिनुक दिनचर्या एतेक पॉवर-पैक्ड रहैत छै जे दिनान्त होइत होइत ततेक ने थाकि जायब जे कतेकके हेतइ  जे आब आरामें होइ. तें, कविवर यात्रीक अंदाजे बयां में ' 'ब्रसेल्स केर ऐटोमियम बाग़ केर (दूरहिं सं) नमस्कार हम कैल '. रातिमे विश्राम बीभेर-एन्न नामक शहर में भेलै .
हेएग आ मादूरोडैम
आइ यात्राक प्रायः दसम दिन थिक.रातिमे विश्राम होटल हांगर फाल्क बेफरें (Van Der Valk Beveren )में भेलै. भोरमें मौसम कनेक मेघओन जकां छलइ. मुदा, जेबाक त छले,सीमित अवधिक टूरमें आराम सं अलसयबाक स्कोप कहां ! ताहि ले भिन्न प्रकारक प्रोग्राम चाही. अस्तु , हमरा लोकनि आइ नीदरलैंड्स केर टूर पर विदा भेल छी . यात्रा लम्बा छै. रोटरडैम शहर होइत पहिने हे'एग जायब, तखन एम्स्टर्डम आ पछाति वोलेंदाम . गर्मीक मास में लोक टुलिप गार्डन देखबाले हॉलैंड जाइत अछि . जुलाई मासमे हॉलैंडक टुलिप गार्डन एखन जोतल खेत मात्र रहि गेल अछि. गाइड कहलनि, देखैत छियै, इएह सब थिक टुलिप गार्डनक इलाका; अपना सबहक देश जकां की एतय कोला सब छोट-छोट होइछ. एम्हर अयबा में किछु हप्ता बिलम्बसं  आयल छी, नहिं तं चारू कात ' दूर तक निगाह में हैं  गुल खिले हुए' देखबा में अबैत .सुनै छी आब कश्मीरहु में व्यावसायिक स्तरपर टुलिपक खेती होइत छै. फूलक बगीचा तं ओतहु देखि सकै छी मुदा कश्मीर कश्मीर थिक आ  हॉलैंड/ नेदरलैंड्स आओर भिन्न देश.
टुलिप गार्डन


मदुरोडैम 
सुनने छी, रोटरडैम योरप केर सब सं पैघ बंदरगाह थिक.पैघ शहर सेहो. मुदा हमरा सब कें त बाटें-बाट जेबाक अछि. रॉटरडैम बाहरे -बाहर पार भ गेलहुं  तं आगू  अयलै (Den Haag) वा हे'एग . ई  शहर नीदरलैंड्स केर मुख्यालय थिकैक . स्थानीय डच भाषामें एहि शहरक  नाम थिक  'देन हैश' , देशक बाहरक लोकले ई शहर थिक हे'एग.  हे'एगमें अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयक मुख्यालयक छै से  सुनल छल . मुदा टूर ऑपरेटरक नजरिमें  तकर प्रधानता नहिं . मदुरोडैम नामक मिनिएचर हॉलैंड / नीदरलैंड्स देखयबाले हमरालोकनिकें हे'एग अनने छथि . तें सोझे मिनी हॉलैंड - मदुरोडैम  चली. मुदा मदुरोडैमक भ्रमण सं पहिने किछु गप्प . द्वितीय विश्वयुद्ध विश्वभरिले एकटा भयानक त्रासदी छल से सर्वविदित अछि. जे देश एहि युद्धमें लड़ल वा झोंकल गेल ओकर नोकसान तं सहजहिं भेलै . मुदा, जे देश दूर छल सेहो युद्ध असर सं अछूत कहाँ रहल. मुदा एहि युद्धक  एकटा तेसरो  कोटिक भुक्तभोगीसब छल : यहूदी समाज , जर्मन सरकारक दृष्टिमें सरकार विरोधी सैनिक,राजनेता, बुद्धिजीवी, कलाकार, साहित्यकार, वैज्ञानिक आ समाजक आओर कतेक वर्ग. जातिसं यहूदी, जॉर्ज मदुरो जर्मनीक फासीवादी सरकारक विरुद्ध भूमिगत योद्धा छलाह. फलतः जर्मन सरकारक बंदी भेलाह आ 1945 ई० में अंततः जर्मन कंसंट्रेशन कैंप में युवावस्थहिंमें हिनक मृत्यु भ गेलनि . जर्मन फासिस्मक विरुद्ध संघर्षमें हुनक अतुलनीय योगदानक हेतु नीदरलैंड्सक सरकार जॉर्ज मदुरोकें सर्वोच्च राष्ट्रिय सम्मान देलकनि . 1952 ई० में एही युवक केर स्मृतिमें मदुरोडैम मिनिएचर पार्कक उद्घाटन भेल . एहि पार्कक निर्माणले जॉर्ज मदुरोक परिवार सं विपुल आर्थिक योगदान प्राप्त भेल छलै. आरम्भमें एहि पार्कसं जे किछु आमदनी होइत छलै, टीबीक रोगिक सहायताक मद में खर्च होइत छलइ . एखनुका गप्प नहिं कहब; आब योरप में टीबीक रोग विरले होइत छै . तें , कहब मोश्किल मदुरोडैमक आमदनीक प्रयोग आब कोन रुपें होइत छै .
आब मदुरोडैमक गप्प करी. मदुरोडैमक एकटा पार्क थिक. मुदा एम्यूजमेंट पार्क नहिं, एतय खेल-कूद, पिकनिक आ पार्टीक सुविधा नहिं छै. देशक सम्पूर्ण विविधता कें समेटने किछुए  एकड़क  ई छोटसन   पार्क हॉलैंडकेर विस्तृत, विहंगम झांकी प्रस्तुत करैछ आ पर्यटककें देशक सांस्कृतिक विरासत आ समृद्धिसं परिचय करबैत अछि. हेबनि में एहि पार्कक  पुनर्निर्माणक भेलैए आ  पार्ककेर स्वर्ण-जयंती वर्ष 2012 में एहि पार्ककें दोसर स्वरुपक उदय भेलइए . नव निर्मित पार्कक तीनटा थीम छैक : 1.जल- मनुष्यक मित्र आ शत्रु, 2.ऐतिहासिक नगर सब , 3.विश्वक हेतु प्रेरणाश्रोतक रूपमें नीदरलैंड्स. जे किछु. मुदा,पार्क देखबामें  तं नीक अवश्य लागत ; हम एहि प्रकारक कोनो आन पार्क नहिं देखने छी.
पार्ककेर बाहर जलाशयछै. छोट आकारक एहि कृत्रिम जलाशयमें खड़हीक खेती होइछ छै, जेना नदीक छाड़न, नासी, वा चौर-चांचरमें होइत छै . आगू स्वागतकक्ष सं भीतर पैसैत, पार्कक भीतर गोलाकार सड़कक नीचाक  अंगनइक नीचा मुख्य पार्कक परिदृश्य एकदमे भिन्न छै . पार्क केर सहर जमीन सड़क सं दू चारि हाथ नीचा छै, जेना नीदरलैंड्सक बेसी भू-भाग सड़क आ बान्ह सं नीचहिं छैक. आरम्भ में बाटक कातहिं  जॉर्ज मदुरोक बस्टक संग हुनक अतिसंक्षिप्त जीवन वृत्ति भेटत . आगू यत्र-तत्र सड़क मुख्य मार्ग कें छोडि  बाटसब  पार्कक भीतर जाइत. इच्छा हो तं पार्कक भीतर घुमू वा बाहरेक सड़कपर चक्कर लगाऊ आ ओत्तहिसं देशक विहंगम दृश्यक आनंद उठाऊ . हॉलैंडक प्रतिरूप एहि पार्कमें  सब किछु छै ? विशाल राजप्रासाद , अप्रतिम चर्च आ व्यापारिक भवन सबहक क छोट-छोट किन्तु प्रमाणिक अनुकृति . मिलहु  लम्बा , दोतरफा इलेक्ट्रीफाईड रेल लाइन आ  निरन्तर अबैत -जाइत रेल गाड़ी. हॉलैंडक, सुपरिचित पवन चक्की सब , विशाल  इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट, कार्यरत जलसंशोधन प्रतिष्ठान . पैघ-पैघ बंदरगाह. निर्बाध  गतिएँ  अबैत जाइत छोट -पैघ समुद्री जहाज , टैंकर आ नाओ. मुदा, कतहु कोनो ठाम रेल,जहाज वा हवाई जहाज में टक्कर होइत नहिं देखबै. लगहिं छै, ऍमस्टरडैम एअरपोर्टक भवन, रनवे आ टैक्सी-ट्रैक पर अबैत-जाइत  सुपरजंबो हवाई जहाज . हॉलैंडक पुरान बस्ती आ आधुनिक शहर, गगनचुम्बी अट्टालिका आ देहातक इलाकामें मध्यम वर्गीय आवास. अपन-अपन व्यवसायमें व्यस्त नागरिक लोकनि. पोशाक-कपड़ा-लत्ता- सेहो मौसम आ ऋतुक अनुकूल . शहरक बाहर दूर -दूर धरि पसरल टुलिप फूलक खेती आ  फूल लोढ़इत युवक युवती सेहो देखबै. शहर-नगर केर गाछ-वृक्ष खढ़-पात, अंगना-बहरी, अगुएत-पछुएत सब सरिपहुंएक लागत. पार्कक बीचो-बीच रडक पर नव-पुरान- सब प्रकारक-  पुल-ओवरब्रिज-सस्पेंशन ब्रिज छै. यदि दूर सं, एहि सबठाम ठाढ़ यात्रीक फोटो  लेबैक तं सब किछु  एकदम स्वाभाविक बूझि पड़त. जेना, सत्ते लोक भवनक आगां , पुलपर, सड़कपर जाइत अबैत हो. पार्कक एककात, बेस पैघगर सोलर पैनल छैक. प्रायः पार्क केर रेल, हवाई-जहाज, कल-कारखानाक संचालन सौर-उर्जा सं होइत छै. एतय आई दिन में नीक रौद रहइ. पार्ककेर चारू कात रौदक कोनो अवरोध नहिं; दिनुका रौद आ आसपासक परिदृश्य फोटो झिकबाले खूब उपयुक्त बूझि पड़ल . हमरालोकनि सम्पूर्ण हॉलैंडक  एहन अजगुत नमूनाक  सब खूब फोटोग्राफी केलहु . जखन सबहक मोन खूब तृप्त भेलै तं सब विदा होइत गेलहुं. फेर एकटा आओर शहर, एकटा आओर नगर . आब एम्सटरडैम .                     


चीज  फैक्ट्री
जं हॉलैंड कें किछुए शब्दमें परिभाषित करबाले कही तं हमरा मोन पड़त , पवनचक्की, नदी-नाला-कैनाल-नाओ  , साइकिलक अम्बार , लकड़ीक जूता , आ चीज  केर प्रचुर उत्पादन. हमरो लोकनिक देशतं कृषि प्रधान अछि. पशुपालनक प्रधानता तं केहन  छै से तं पटना, पांडिचेरी आ बंगलोर क सड़क पर बौआइत माल-मवेशीक  झुण्ड देखि ककरो बुझबामें आबि जेतइ. दूध, दही, घी, छेना आ खोआक मिठाइ ककरा नहिं नीक लगैत छै . मुदा अपन देश में दूधकें परिशोधित कय चीज बनयबाक आ खयबाक रिवाज नहिं छै . एकर विपरीत यूरोप आ अमेरिका में भोजन आ पाकमें चीजकेर प्रचुर प्रयोग आम गप्प थिक. हमरा लोकनि दूधकें हाथ सं महिकय वा मशीनसं पेरि कय घी बनबैत छी. प्रायः भारतकेर  गर्म जलवायुले इएह उपयुक्त छै. तें भारतकेर मैदानी इलाका वा समतल भूमि में दूध, दही, छेना आ घी बनबैत छी. मुदा  चीज बनयबाक प्रचलन नहिं छै . हँ, लद्दाख सन ठंढा प्रदेशक ऊँच पर्वतीय क्षेत्रमें छुर्पी -छेनाक सुखौंत-  बनयबाक विधि अवश्य देखने छिएक. भारतमें व्यावसायिक स्तरपर  अमूल, ब्रिटानिया आ आन  कम्पनी चीजक उत्पादन करैत अछि, आ बाजारमें भेटितो  छैक. मुदा, चीज  केर उत्पादन कोना होइत छै से हमरा लोकनिकें देखल नहिं छल. योरप में गृह-उद्योगक क्षेत्र में  चीज उत्पादन होइछ. हॉलैंड अबैत टूरिस्टले तें चीज फैक्ट्रीक भ्रमण टूर ऑपरेटर लोकनिक प्रोग्राम पर रहिते छनि. आइ अम्स्टरडैमक बाहरक  ग्रामीण इलाकामें  चीज फैक्ट्री देखबाक प्रोग्राम छलै. छोट सन दू-तीन कोठलीक फैक्ट्रीक. प्रवेश करिते चीज बनयबाक सरंजाम- बर्तन बासन, लट-खुट सामान. मारिते रास सुखायल भैषज्य- फूल-पत्ती-जड़ी-बूटी .प्रायः चीज केर फ्लेवरिंगकेर मर-मशाला होई. अगिला कोठलीमें तैयार चीजकेर बडका-बड़का थुमहा, शेल्फ सबपर  नीकजकां सजाओल. तेसर कोठली में चीज बनयबाक बड़का नादि आ दूध मथबाक स्वचालित रही. एत्तहि चीज बनयबाक प्रदर्शन भेलै. एकटा सज्जन आ हुनकर संगी  महिला सबहक स्वागत में तत्पर छलीह ; एहि सब एक्सकर्शन में खरीद-बिक्री आ प्रचारक संभावना तं रहिते छैक. महिलाक ड्यूटी छलनि चीज बनयबाक प्रक्रियाक प्रदर्शन. सज्जन काठक जूता बनयबाक कला प्रदर्शित करताह. बस्तु दुनू भिन्न-भिन्न, मुदा, बनैत छै एके ठाम. मोटा मोटी गप्प बुझलियइ. चीज बनयबाक प्रक्रिया श्रमसाध्य छै. आ बहुत रास दूध सं थोड़ चीज बनैत छै आ  दूध मथबा सं पूर्व दूधमें  में अनेक प्रकारक रसायन मिलाओल जाइत छै, किछु सर्वविदित आ किछु गोपनीय. आखिर ट्रेड सीक्रेट थिक, सब के कोना कहथिन. दोसर गप्प वेजीटेरियन आ नॉन-वेजीटेरियन चीज केर अंतर बुझलियइ; नॉन- वेजीटेरियन चीजमें बाछाक अमासयक एंजाइम - रेटिनिन - केर उपयोग होइत छैक. ततबे . पछाति जकरा जे मोन भेलै , कने-मने प्रश्नोत्तर करैत चीज किनैत गेलहुं.
चीज उत्पादन, एम्स्टर्डम
चीजक कथा समाप्त भेल तं युवक काठक जूता वा जूती देखबय लगलाह . बॉलीवुड सं परिचित छलाह तें कनेक हंसी- मजाक सेहो भेलै . खडाऊं आ खरपा तं हमरो लोकनि के देखल अछि , प्लास्टिकक इजाद पुरातन व्यवसाय आ वस्तुकें भले खा गेल होइ. मुदा, एतुका जूता खडाऊं आ खरपा सं भिन्न भरि पयरक हल्लुक जूता थिक. प्रायः जाड़क मास में बर्फ़ में चलबामें सुलभ हेतइ . शहरक रोडपर चलब तं खसबे करब . तखन अभ्यास हो तं शहर-बजारमें धिया-पुता सब कें पहिया बला जुत्ता पहिरि दौगैत देखिते छियै . हमरा अहाँ बुते पार लागत . सेह गप्प .तथापि,हॉलैंडक गाओंक दुटा पुरातन परम्परा सं परिचित भेलहुँ . 
पारंपरिक पवन चक्की

साइकिल पर सवार पूरा परिवार
आब चली एम्सटरडम. मुदा शहरक गप्प सं पहिने नेदरलैंड्सकेर साइकिलक गप्प. प्रायः विश्व केर आन  कोनो देशमें साईकिल चालकले  एतेक सामाजिक सहयोग आ साइकिल चालकक सुरक्षाले एतेक सुव्यवस्था नहिं छै. संख्याक गणनामें भ सकैत अछि, भारत आ चीनमें हॉलैंडसं बेसिए साइकिल होइ. गाइड कहलनि, एम्सटरडम शहर में साइकिलक संख्या कुल जनसंख्या सं बेसी छै . सबठाम साईकिल-पार्किंग केर सुविधा . साइकिल ले (गाढ़ गेरुक रंगक ) फूट सड़क, ट्राफिक सिगनल आ लाइटिंग. सुनै छी, सम्पूर्ण देश में साइकिल ट्रैक छै . कारणों छै, समतल भूमि , अनुकूल जलवायु आ छोट पैघ शहर में मोटर ट्राफिक सं बंचबाक नागरिकक  संकल्प. संगहि एहि परम्परा सं देश वातावरण प्रदूषणक सं तं बंचिते अछि, पेट्रोल-डीजलक मद में सेहो खर्च बहुत कम भ जाइत छै . सुनै छी नेदरलैंड्सक सरकार साईकिल सवारिक सुरक्षा ले अनेक कानून बनौने अछि . काश ! अपनहूँ देश में एकर व्यवस्था होइत . अपना ओहिठाम तं शहर सबमें पैदल यात्री सबसं असुरक्षित छथि . साइकिल यात्रीक तं गप्पे छोड़ी . आब जखन स्वच्छ भारतक अभियान जोर पकड़ने अछि , पांव पैदल आ साईकिल सं चलैत जनता ले सेहो नव अभियानक़ आवश्यकता छै .
आब शहरमें चली. हॉलैंड/ नेदरलैंड्स देशक अनेक शहरक नामक अंत में डैम छैक. माने, आस-पासक नदी पर बान्ह (डैम) बान्हि नदीक पेट आ शहरक सीमाकें फुटाओल गेल छैक . एम्सटरडम शहरक बीच धरि सेहो  एम्सटेल नामक नदीक धार छै जाहि सं शहरक भीतरक  अनेक कनाल कें जोडि शहरक संरचना भेल छै. कैनाल सबहक नमो अद्भुत - राजा लोकनिक कनाल, राजकुमार लोकनिक कैनाल, आ आम नागरिकक कैनाल. माने, पहिने सामाजिक ओहदाक अनुसार शहरक इलाका विभाजित छैक . मुदा से तं पुरान  गप्प भेल. एखनुक समय में सैलानी एतय भिन्न-भिन्न उद्देश्य सं अबैत छथि; वाणिज्य व्यापार, विशुद्ध मनोरंजन वा शहरक सैकड़ों किलोमीटरक कैनालक जालमें नौका विहारक आनंद लेबा हेतु. एहि शहरमें शहरक केंद्र डैम-स्क्वायर खूब प्रसिद्द छै . हमरो लोकनि डैम स्क्वायर गेलहुं आ आसपासक चौक-चौराहा, भवन, आ शहर बाजार देखल. साइकिलक बाहुल्य- एक सवारिक साईकिल, दू सवारिक साइकिल, दू-तीन बच्चा के संगे बैसौने, ट्रेलरबला साइकिल तं आम छै . डैम-स्क्वायर लग  हमरो लोकनिक मोटर-बोट तैयार छल . नौका विहार भेलै . रास्तामें एम्सटरडमक रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट सेहो नजरि पड़ल . मुदा सब सं बेसी आकृष्ट केलक फूल सं सजाओल पुल सब . फूलक एहन सजावट, जेना, विवाह-दान ले केओ अपन घर-अंगना सजौने होअय . एहि ठाम बाज़ारमें शहरक अनेक मोनुमेंटक मेमेन्तोमें काठक जूता सबठाम  भेटत. चीज सेहो कीनि  सकै छी . हमरा तं किनबाक-बेसाहबक लूरि आ रूचि नहिं अछि . तें कनेक-मनेक विंडो-शौपिंग भेलै आ हमरा लोकनि सब गोटे भोजन करबाले लगहिंक रेस्टोरेंटक बाट धयल. बेरुक पहर एक आओर दोसर ठाम क भ्रमण . ताबे बस में झपकी लिअय वा हमरा जकां चारू कात नजरि  घुमाऊ आ देश-कोस देखू .
मुदा जं कॉफ़ी-शॉप, विश्वप्रसिद्ध पेंटर रेम्ब्रांट, आ एन फ्रैंक केर चर्चाक बिना एम्सटरडमक गप्प समाप्त भ जाय तं ओहने हयत जं अमृतसरक गप्प करी आ पराठेवाली गली, जलियांवाला बाग आ हफीमक गप्प नहिं हो . तथापि अंतर छै . एम्सटरडमक कॉफ़ी -शॉप में गांजा उपलब्ध भ जायत आ दू -चारि दम्म झीकि सकै छी, माने गांजाक सेवन कानूनी छै . तें टूर ऑपरेटर पहिनहि  हमरा लोकनि के सचेत क देलनि, ' जं कॉफ़ी पीबाक हो तं जहां-तहां कॉफ़ी शॉपक बोर्ड देखि कय दोकान में पैसि नहिं जायब. हमरा पूछि लेब ,हम उपयुक्त स्थान देखा देब' आ पुनः ओ सबकें एम्सटरडमक कॉफ़ी शॉप क इतिहास सं परिचित करौलनि . औ बाबू, एक तं विदेश ,  अपरिचित भाषा आ ताहि पर टकुआ तान केने टूर ऑपरेटर . टस-सं-मस हेबाक तं स्कोपे नहिं आ कॉफ़ी-शॉप . आ भांगे गांजा पीबाक हयत तं अपना देश में ताहि पर कोन प्रतिबन्ध छै . जहां-तहां तं भांगक जंगल होइछ मिथिलांचल में. मोन अछि, बहुत दिन पूर्व एकटा पंजाबी पडोसी सं गप्प होइत छल . कहलियनि, हमरा लोकनिक इलाका में तं जहां-तहां खाली - खेत में भांग उपजै छै . कहलनि, से बेस . मुदा, पंजाब में खाली जगह कतय भेटत .हम कहलिअनि, कोनो बात  नहिं मिथिलांचल आऊ. कोन एहन गाम छै जतय भांग नहीं भेटत !
आब कनेक गप्प एन-फ्रैंक केर . नाज़ी जर्मनी सं संत्रस्त, एम्सटरडमक निवासी, नौ दस वर्षक एहि यहूदी कन्याक अज्ञात-वासक मानसिक यातनापूर्ण  दिनक डायरी विश्व भरि में प्रसिद्ध अछि. जाहि भवन में एन-फ्रैंकक परिवार विश्व-युद्धक समय नुकायल छल ओहि  भवनमें स्थापित  संग्रहालय आब विश्वभरिक पर्यटकक हेतु एकटा दर्शनीय स्थल अछि. हमरा लोकनिक एहि स्थानक भ्रमण नहिं क सकलौ.        
वोलेंदाम आ अपन गाम
वोलेंडैम  उत्तरी हॉलैंडक एकटा छोट शहर थिक. टूर ऑपरेटर हमरा लोकनिकें हॉलैंडक डाइक वा बांध देखेबाले एतय अनने  छथि. समुद्रसं जुड़ल पैघ जलाशयक कछेरमें, बाँधपर आ  बांधक पछुऐत में बसल ई नगर वाटर-फ्रंट पर घुमबा-फिरबाक, किनबा -बेसाहबाक, भोजन-जलपानक हेतु एकटा नीक जगह बूझि पड़ल. समुद्रक पानि नीलाभ छै, नदीक पानि जकां घोर-मट्ठा नहिं . मुदा सोचू, जं कमला नदीक बान्हे पर आबादी होई, दोकान-दौरी होई आ बान्हक पछुऐत में शहर होईक, कमला नदीक बान्हक पेट बाढ़ि सं भरल होइक तं वोलेंडैम आ अपन गाम एके रंग लागत ने. नहिं. सत्यतः दुनू में तुलना कोनो नहिं छैक , मुदा खाका में कोनो तेहन अन्तरो नहिं छैक . हँ, वोलेंडैम समुद्री नदीक कछेर पर अछि आ हमरा लोकनि हिमालय सं निसृत नदीक कछेर में छी . हॉलैंड देश समुद्र तल सं नीचा छै से ठीक, मुदा, प्रतिवर्ष प्रचुर पांकक कारण हमरा लोकनिक गाम  सेहो आब कमलक पेट सं कतेको हाथ नीचा तं अछिए. तें तं,  जखन कमलाक बान्ह  टुटैत छै तं सम्पूर्ण इलाकामें प्रलय भ जाइछ. हँ, कमलाक कात में ने नाओ भेटत ने जहाज. ने माछ मारबाक सुविधा , ने पिकनिक केर सहूलियत . मुदा, हमरा मन में सदिखन एके गप्प घुरियाइत रहैए , जं नीक सड़क, होटल- रेस्टोरेंट , रहबाक व्यवस्था आ यातायातक सुविधा रहितइ  तं मिथिलांचल-बिहार-भारत में कि पर्यटन स्थल कमी छै. आकि एतय पर्यटकक कमी रहितइ. आ सेहो खेबा-पीबाक, रहबाक-जयबाक मूल्य  योरप अमेरिकाक तुलना में मडुआक दोबर . आधारभूत संरचनाक कमिए एहन  कारण थिक जे हमरा लोकनि अपन पछुआडक पर्यटन स्थलधरि  नहि  जा पबै छी. दरभंगा सं कुशेश्वर स्थान वा जनकपुर, उच्चैठ जायब असंभव छल . आब स्थिति सुधरि  रहल अछि. तें, कोसी महासेतुक प्रसादें हमरा लोकनि एके दिन में मंडन मिश्रक डीह, उग्रताराक मंदिर आ स्वामी लक्ष्मीनाथ गोसाईंक कुटी धरि जाकय गाम घूरि अयलहुं . दस वर्ष पहिने ई कल्पनातीत छलै .मुदा स्थितिक सुधार  मात्र सड़केटा धरि सीमित अछि. एखन तं आन  सुविधाक सुधार में युग बीति जेतइ .
जे किछु. वोलेंदाम में एक कात नागरिक लोकनिक आवासक पतियानी  आ दोसर दिस विशाल जलाशयक बीच बान्हपर चलैत हमरालोकनि बहुत दूर धरि गेलहुं. लोक सबहक घर सुन्दर, सजाओल-सीटल. फूलक गमला आ घासक छोट-पैघ टिक्कड़ . सोचइ  छी, सोंदर्य-बोध तं हमरो लोकनि कें अछि . वा नहियों अछि . मुदा, नगर-शहरआ देशकें  सुन्दर बनेबा में नागरिकक सौन्दर्य-बोधक संग  सामाजिक समृद्धि, आधारभूत संरचना आ सचढ़ लोकप्रशासनक सहयोग अति आवश्यक छै . नहिं तं , वर्षहुसं पटना में भूमिगत नालाक निर्माण आ सफाइपर करोड़ों टाका खर्च भ रहलैए. मुदा एके वर्षा में कोना सम्पूर्ण शहर जलमग्न भ जाइछ .
हमरा लोकनि वोलेंदामक बंदरगाह बला इलाका दिस गेल रही . एहि ठाम ओएह सब वस्तु भेटल  जे टूरिस्ट-स्पॉट  सब पर होइत छै . दोकान सब में लोकल परिदृश्य-सीन-सीनरीक  पोस्टर , पोस्टकार्ड आ पेंटिंग. होटल, रेस्टोरेंट. किछु मेमेंटो. आ हँ, सर्वव्यापी चाइनीज खेलौना ! मुदा वोलेंदाम शहर दिस जयबाकाल दू टा दृश्य आकृष्ट केने छल: एक, दूर दूर तक पसरल हरियर कचोर भूमि, जाहि में कमें ठाम फसिल लागल छलै , मुदा सबतरि ठाम-ठाम  चरैत आ पाजु करैत गाय-गोरू अबश्ये रहइ ; दू , सड़कक काते-कात  संकीर्ण नहरि सब  में  दुनू दिस सं अबैत- जाइत मोटर बोट . यातायात आ माल-बाहन ले छोट-छोट  कैनालक एहन प्रयोग अद्भुत लागल. तखन इएह तं थिक हॉलैंडक विशेषता !

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

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