Saturday, July 13, 2019

मूस आ काकोड़ सब फसादक जड़ि थिक

मूस आ कांकोड़ एके छिऐक

बिहार में नशाबंदी भेलै तं पुलिस पर आफद आबि गेल. जब्त कयल शराब कें, आ गिरफ्तार कयल मनुख कें, रखबाक जगह थोड़ होबय लगलैक. एहि दुनूमें पहिल समस्या पैघ रहैक. संयोग सं ई समस्या राता-राती समाप्त भ गेलैक, से लोक समाचार पत्रमें पढ़लक. किन्तु, एहि सं पुलिसकें  मथदुखी उखड़ि गेलैक; पुलिस मालखाना में जहां-तहां जमा करीब पांच लाख लिटर शराब मूस पी गेल रहैक.
मंत्री जी तामस में प्रतिज्ञा क बैसलाह जे ओ एहि नशाबाज मूसक जाति कें पकड़िए क रहताह. तुरत समिति गठित भेल. मुख्य सचिव स्वयं प्रतिदिन जांच केर प्रगतिक समीक्षा करय लगलाह.
किछु ठाम तं चश्मदीद गवाह सेहो आगू अयलाह. शपथ लेलनि आ बयान देलनि. संयोग सं सबहक बयान एके रंग.
- मूस केहन रहै ?
-मूसा रंग.
-आकार ?
-औसत.
-देखबा में ?
-दू आंखि, छोट मुह, पैघ मोंछ, आ बीचमें नाक.
जांच-समितिक अवधि तीन बेर बढाओल गेल, तखन सरकार विधानसभा में रिपोर्ट प्रस्तुत केलक, एहि क्षतिक.हेतु जिम्मेदार के छल एहि पर समितिक सदस्य लोकनि एकतम नहिं छलाह.तें, जिम्मेदारी स्थर करबाले दोसर समिति बनत. तत्काल सरकारक अनुशंसा रहैक जे जीव वैज्ञानिक लोकनिक दलकेर गठन कय मूस केर एहि नशाबाज जातिक अध्ययन कय मूसक एहि नव जातिक रिपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका में छपय. सब दलक प्रतिनिधि लोकनि सदन केर मेज थपथपा कय एहि प्रस्तावक सर्वसम्मति सं समर्थन केलनि.एकर किछुए दिनक पछाति महाराष्ट्रमें बरखा सं बाढ़ि अयलैक. अचानक आयल बाढ़ि सं कोल्हापुर में अधरातिए बान्ह टुटल आ आधा गांओ क्षणहिं में दहा गेल. जल संसाधन मंत्री किछुए दिन पहिने एहि बान्हक उद्घाटन कय बांहि पुजबैत समाचार में आयल रहथि. आब बान्ह टुटलै तं पुनः समाचार में अयलाह. पत्रकार लोकनि फेर बाट छेकि लेलखिन.
- बान्ह कोना टुटलै ?
- प्राकृतिक विपदा.
- बरखा ? आ पहिले साल ?
- नः !
- माने ?
- कांकोड़ ! कांकोड़ बांध कें छवे मास में जंजल क देने रहै.
- संभव छै, शराबक बोतल खोलि शराब पीबै बला मूस बिहारी मजदूर सभक संग एतय धरि पहुंचि गेल हो ? ओकर दांत, सुनै छी, बड़ तेज होइछै.
- असंभव. ई समुद्री कांकोड़ क उपद्रव छी.
छितन मरड़ आ सुखदेब कामति बान्हक बंचल भाग पर बसल मजदूर कैम्प में अपन झोरा झपटा सम्हारबामें लागल रहथि. टीभी पर मंत्री जीक कबाइत सुनलनि.
छितन पुछलखिन,' ऐं यौ भैया, बहिं, ई कोन कांकोड़ छी, जकरा कारण बान्ह बहि गेल ?
सुखदेब कें हंसी लागि गेलनि, 'धुर बुडबक,  एतबो ने बुझै छहक. जकरा अपना ओतय मूस कहै छै, एतय तकरे कांकोड़ कहै छै. छिऐ दुनु एके ! एके रंग !!
छितन के बड्ड हंसी लागि गेलनि. कहलखिन, भैया, बड्ड भेलै मखौल, एक जूम तमाकू दियौ.
सुखदेब चुनौटी खोलि तमाकू निकालि तरहत्थी पर दुनू गोटे ले तमाकू लटाबय लगलाह.


मूसक व्यापार सोनाक खान

जखन सरकार अनुशंसा केलक जे जीव वैज्ञानिक लोकनिक दलकेर गठन कय नशाबाज मूस केर जातिक अध्ययन कय मूसक एहि नव जातिक रिपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका में छपय आ सब दलक प्रतिनिधि लोकनि एहि प्रस्तावक सर्वसम्मति सं समर्थन केलनि, तं, एहि सं राज्य में वैज्ञानिक लोकनिक अनुसंधेय प्रवृति कें बल भेटलैक. राज्य केर सब विश्वविद्यालय सब एहि ले सुर्ख-रू भेल. किन्तु, वैश्वीकरण युगमें सरकार सब व्यापार सं अपन हाथ झीकि रहल अछि. विश्वविद्यालय सबकें सेहो अनुदान भेटब थोड़ भ गेलनि-ए. एताबता, एहने अनुसंधान हो जे उद्योग प्रतिष्ठान सब ले उपादेय हो आ औद्योगिक संस्था अनुसंधान कें देखैत अपनहिं अनुदान दिअय. बाहरी फंडिंग आ एप्लाइड रिसर्च क हेतु NIRF (National Institutional Research Framework)  रैंकिंग में सेहो फूट अंक भेटैत छैक. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सेहो NIRF रैंकिंग पर अनुदान देतैक. तें, सब किछु कें देखैत अध्यापक लोकनि दिल्लीक दौड़ लगौलनि आ अंततः अर्थ उगाही में सफल भेलाह.
किन्तु, वैज्ञानिक लोकनि कें मूस शराब पीबि गेल ताहि पर सोझे विश्वास नहि भेलनि. समस्या गंभीर रहैक. तें, एके समय में एक सं अधिक विश्वविद्यालयकें एहि समस्या पर काज करबाक अनुदान भेटल रहैक. प्रिन्सिपल इनभेस्टिगेटर सब पी एच-डी छात्र आ पोस्ट-डौक फेलो लोकनि चुनावले विज्ञापन देब आरंभ क देलनि. उम्मीदवारक चुनावमें कोनो अन्याय नहिं होइक ताहि ले मंत्री लोकनिक फोन आयब शुरू भेल. मूस पकड़बाक जिम्मेदारी पुलिस विभाग अपने ऊपर लेलक, जाहि सं अनुसंधान सं पुलिसक कहब - मूस शराब पी गेल- कें प्रमाणित करबा में सुविधा होइक. बोराक बोरा मूस पकड़ि प्रयोगशाला में आबय लागल. मूस केर श्वास में अल्कोहलक जांच ले थोक में माइक्रो ब्रेथलाइजर जापान सं आयातित भेल. किन्तु, कोनो मूस केर श्वास में अल्कोहलक कनिओ मात्रा नहिं भेटलैक. प्रिंसिपल इनभेस्टिगेटर लोकनि टेन्शन में आबि गेलाह. छात्र सबकें छात्रवृत्ति बंद हयबाक भय  होबय लगलनि. ताबते अचानक एक टा लैबोरेटरीक जांच में एकटा नव तथ्य बहरायलः अलकोहलक भंडार नष्ट भेना बरख दिन सं बेसी भ' गेल छलैक. मूस लोकनि क रक्तमें उपलब्ध अलकोहल किछु हवा में उड़ि गेल छलैक आ किछु अलकोहल कें लिवर आ किडनी साफ क गेल छल. अस्तु, अनुसंधान क एकटा नव प्रस्ताव लिखल गेल : जांच हो जे मूसक रक्त में अलकोहलक मेटाबॉलिज्म क हेतु मनुष्यक लिवर में उपल्बध इन्जाइम सं बेसी सक्षम एन्जाइम होइत छैक कि नहिं. करीब सौ करोड़ टाका आ पांच बरखक अनुसंधान सं ई साबित भेल जे मूस केर आनप्रजाति क विपरीत बिहारी मूस केर लिवरमें अलकोहल मेटाबोलाइज करबाक हेतु सत्यतः दोसर प्रकारक विलक्षण जेनेटिक क्षमता होइछ. एहि क्षमताक बलें अलकोहल मूस केर शरीर में जाइते ओकरा रमकी तं दैछ, किन्तु, क्षण भरि में करपूर भ श्वास क द्वारा बहरयबाक स्थान पर मूत्र द्वारा तेना विसर्जित होइछ जे मूस शराब पीलक कि नहिं से पता लगायब असंभव. यद्यपि एहि अनुसंधान ई सं साबित भ सकल जे सत्ते पुलिस विभागक मालखाना सं गायब सबटा विदेशी शराब मूसे पीने छल कि नहिं, तथापि रिसर्च के वाइ प्रोडक्ट केर रूपमें उपलब्ध आंकडा human application अद्भुत द्वार खोललक. निष्कर्ष ई जे,  जं मनुखक शरीर में एहि एन्जाइमक उत्पादक जीन  जीन थेरेपी सं पहुंचा देल जाइ, तं, ह्विस्की पीबि ड्यूटी पर जाउ वा हवाई जहाज उड़ाउ, पुलिस क बापो नहिं पकडि सकत ! दारू संगे नित्य मधुपर्क करू वा दारू मे हेलैत रहू, लिवर खराब नहिं हयत. शराबक बिक्री बढ़तैक फूटे. तमिलनाडु-सन राज्य जतय शराब बेचबाक दोकान केवल राज्य सरकार चलबैछ, मालामाल भ जायत. अतः ई अनुसंधान क्रांतिकारी प्रमाणित भेल.
आब सुनैत छी, बिहारी वैज्ञानिक लोकनि द्वारा एहि मूस केर जेनेटिक मैपिंगक खबरि जहिया सं प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका Gene में छपल अछि, दुनिया भरिक जीन थेरेपी में लागल व्यापारिक कम्पनीक बिहारक विज्ञान आ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय क बाहर कतार लागल अछि. लगैछ, बिहार सरकार भरिए रातिमें बिलियन डौलर क सोनाक खान खूनि लेलक-ए. आब मूस बिहार क समस्या नहिं वरदान थिक ! अर्थशास्त्री लोकनि क अनुसार बिहारी मूसक, आ ओकर जेनेटिक मैपक, निर्यात सं बिहार में डौलरक अम्बार लागि जायत. आ बिहार सोझे विकसित राज्य सबहक अगिला पांति में स्थापित भ जायत. अहो भाग्य ! हं, जं ई प्रयोग सफल भेल तं भ सकैत अछि, बिहार सरकार नशाबंदी कानून कें निरस्त कय स्वयं विदेशी शराबक व्यापार में निवेश करय. माने, सरकारक दुनू हाथ लड्डू.

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