Monday, October 4, 2021

ओ बाबू भोजन नहिं ने मंगैत छथिन !

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कुञ्ज बिहारी बाबू आब बेस बृद्ध भए गेल छथि. जहिया धरि देह में पैरुख छलनि, जाधरि दिन में एक बेर भरि गामक फेरा नहिं लगा अबैत छलाह, नीक जकां अन्न नहिं पचनि. आब ठेहुन कज्जी भए गेल छनि, तें बेसी काल, दिन दलाने पर बिछाओने पर बितबैत छथि.

चिक्कन-चुनमुन कोठली, सीमेंटक फ्लोर नित्य चक-चक क’ कए पोछ्ल जाइछ. कोठलीक एक भाग उंचगर पलंग पर बिछाओल उज्जर दप-दप चद्दरि पर कुञ्जबिहारी बाबू पड़ल छथि. शरीर घटने जे अशक्तता आ उपेक्षाक बोध  होइत छनि, से चेहरापर घनीभूत भेल छनि.

आइ कतेक दिन पर दीनानाथ, कुञ्जबिहारी बाबूक पुत्र मणिनाथसँ भेट करए अयलाह तं हुनकर नजरि देबाल पर टांगल बुढ़ाक फोटो पर पड़लनि. एगारह गुणा चौदह इंचक भरिगर फ्रेम में कुञ्जबिहारी बाबूक भव्य स्वेतश्याम फोटोसँ  अप्रतिम आभा टपकि रहल छलनि.

फोटो देखि दीनानाथकें मणिनाथक प्रति असीम श्रद्धाक भाव जागि उठलनि. फोटोक प्रशंसा करैत कहय लगलखिन: बाबा,अहाँक ई फोटो बहुत दिन पहिनेक हयत ने ? ‘हूं.’ – कुञ्जबिहारी बाबू अन्यमनस्कतासँ  कहलथिन.

-‘सएह देखियौक मणिनाथ कहन जोगा कए रखने छथि. लगैए, आइए फ्रेम चढ़ाओल गेलैए !

दीनानाथक प्रशंसा सुनि बुढ़ाक माथ तबि गेलनि. कहलखिन, ठीके किने. ओ बाबू  भोजन नहिं ने मंगैत छथिन !

दीनानाथक मुँह अपन सन भए गेलनि.    

2

दादी  रहैत छथि ‘मोबाइल फ़ोन में !

जहियासँ बौआ बाजब सिखलनि, दादा-दादी कें प्रतिदिन हुनकासँ मोबाइल फ़ोन पर देखा-देखी होइत छनि. किछु-किछु गप्प सेहो होइत छनि. कहियो ओ कोनो कथा आ कविता सेहो सुनबैत छथिन. आब हुनका अपन नाम-गाम, माता-पिताक नाम सेहो आबि गेलनि-ए. दादी पुछैत छथिन:

-‘अहाँ कतय रहैत छी, बौआ ?’

-‘लालपुर’

-‘डैडीक नाम की अछि ?’

-‘एम एम कुमार.’

-‘मम्मीक नाम ?’

-‘लक्ष्मी कुमार.’ 

-‘आ,दादा कतय रहैत छथि ?’

बच्चा बिसरि गेलैये, गुणाकरपुर. नान्हि टा बच्चा आ बड़का टा नाम. बच्चा मन पाड़ैक कोशिश करैछ. बाप कहैत छथिन, ‘कहियौ, गुणाकरपुर’.

‘गुणाकरपुर’ बच्चा दोहरबैत अछि.

दादी पुछैत छथिन : ‘आ दादी कतय रहैत छथि ?’ बच्चा फेर सोचय लगैछ. ओकरा प्रतिदिन दादीसँ गप्प होइत छैक. बाप पहिने अपन माएसँ फ़ोन मे गप्प करैत छथि. बच्चा फ़ोन देखैत देरी, दादी-दादी, दादा-दादा, कहय लगैछ. आ बाप विडियो कॉल ऑन के दैत छथिन. आइ बच्चा कें जवाब देबा मे कनेक बिलम्ब होइत छैक तं बाप फेर पुछैत छथिन, ‘दादी कतय रहैत छथि ? कहियौ.’

बच्चा चटसँ  जवाब दैछ: ‘मोबाइल फ़ोन में !’

सब एके संग हँसए लगैत छथि. बच्चा ख़ुशी मे थोपड़ी बजबय लगैछ.


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