Friday, January 3, 2014

ऋतु परिवर्तन
1
ऋतु परिवर्तन अनैत अछि नव आशा 
ऋतु परिवर्तन कखनो लबैत अछि अगबे निराशा
मुदा , आशा आ निराशा थिक मनक उपज 
आ परिवर्तन थिक मनुक्खक दास 
तें , हे मन ! किएक होइत छह उदास ?

मनुक्खेक मोन थिक नीक बेजायक निकती- तराजू 
आ सत्य-असत्य , नीक-बेजायक पैमाना थिक काल 
मुदा, जीवनक परिधि अछि छोट 
तें मनुक्ख होइत अछि निराश 
मुदा लगाउ त सब मिलि एकबेर जोर
आ करी  पैमाना बदलबाक प्रयास ?
3
हवा में छै परिवर्तनक शुभ संकेत 
वायु कोन में देखैत छियैक बिहाडिक आभास
आह ! अबउ त  एकबेर कसगर झोंकी आ खसा दौ जर्जर दलान
तखने त उठतै नव घर आ नवतुरिया चलाओत  अभियान 
आ फेर बदलल ऋतु में
अओतैक क्लान्त- परिश्रान्त मनुक्ख में जान !





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