Thursday, December 3, 2015

लेते आ मार्फा गाओं , मुक्तिनाथ आ मुस्तांग- 2

                                                                           मार्फा गाओं 

नेपालक बासिन्दा वा पर्यटक, ताजा , लाल आ रसगर  मार्फा-एप्पल (Marpha apple) सं परिचित होथि से सम्भव . मुदा , ई संभव जे मार्फा कतय छैक से बूझल नहिं होइनि . 
मार्फा  पोखरा-जोमसोम सड़क पर , जोमसोम सं किछु मील पहिने एकटा विशिष्ट गाओं थिक . ई गाओं मार्फा-सेव ले प्रसिद्ध अछि से भिन्न गप्प . मुदा , एहि गामक विशिष्टतामें सेव मात्र एके टा बिंदु थिक . भारतीय आ विकसित देशक पर्यटक आ विशेषतः पोखरा सं मुक्तिनाथ धरि वा ओहिसं आगूक पैदल यात्री लोकनिक हेतु मार्फा एकटा मुख्य पड़ाव आ दर्शनीय गाओं थिक .

 मार्फा मुख्य सड़कक कात में बसल अवश्य अछि. मुदा , मुदा मार्फा धरि अहाँक गाड़ी नहिं जायत . बुझलियैक ? नहिं ने ? मार्फा मोटर गाड़ी विमुक्त गाओं थिक . तखन जायब कोना ? चरैवेति ! पहाड़ सबमें जेना होइत छैक , पूरा गाओं ऊँच पहाड़क एक पक्खापर बनल सड़कक काते-काते पसरल छैक. गाओं सड़क केर समानांतर पोखरा-जोमसोम सड़क छैक. मुदा, मार्फा जेबाक हो तं मुख्य मार्ग छोडि गाओं दिस आउ , गाओंक  बाहर गाड़ी ठाढ़ करू . गामक बाहरक विशाल  प्रवेश-द्वार बाटें गाओंमें पैसू  आ पैदल विदा होउ . गामक दोसर छोर पर दोसर द्वारि पर गाम सं बहराउ आ मुख्य सड़कपर आबि  गाड़ीपर  बैसू आ जतय मोन हो चल जाउ .
जोमसोम दिससं जखन मार्फामें प्रवेश करब तं आरम्भेमें  प्रागैतिहासिक वृक्षक एकटा बड़का जीवाश्म सड़कक  कातहिं  में  देखबैक . आगू  बस्तीपर पारंपरिक आवास , बौद्ध- मन्दिर ( गुम्बा) आ अनेकानेक होटल छैक . खेतमें गहूम , आलू , आ बगीचामें मौसम केर अनुसार सेवकेर  फूल , कोंढ़ी , बतिया , वा खेबा योग्य  फल भेटत . गाओंमें झरनाक शुद्ध जलक झाँपल नाला  सड़कक कटे-कात बहै छैक . प्लस्टिक केर प्रयोग आ जहां-तहां कूड़ा फेकब  वर्जित छै . गामक सफाईले गौआं लोकनि तत्पर रहैत छथि आ पार लगाक गाओंक सफाई करैत छथि 
 नागरिक लोकनि कहलनि , विगत 400 वर्षमें मार्फा वासीक जीवन पद्धति में कोनो परिवर्तन नहिं भेलैये. ई  विश्वास गप्प विश्वास करब असम्भव  . सड़क आ वायुमार्गक विकास , विदेशी पर्यटक केर आवाजाही , शिक्षाक प्रसार , उच्च शिक्षित समुदायक समुद्रपारक नौकरी आ डॉलर केर आमदनीसं जीवन-पद्दति  अछूत रहत से तं सत्यकें फुसिआयब भेल. ताहि पर सं सर्वव्यापी एन जी ओ;  नेपाली लोकनि , व्यंगसं एन जी ओ लोकनिकें 'डलर किसान ' कहैत छथिन.  मुदा एतबा अवश्य जे गामक खेती , पर्यावरण, सामजिक व्यवस्था, सफाई आ जलापूर्तिकें आधुनिकतासं बंचबैले गौआं लोकनि अवश्य तत्पर छथि  . 
हमरा लोकनिक विद्यार्थी डाक्टर विष्णु शेरचन आ आओरो अनेक सहकर्मी डाक्टर लोकनिक घर आ होटल एतय  छनि; मोटा-मोटी जतेक घर ततेक होटल वा 'होम-स्टेड'. हमरा लोकनि डाक्टर विष्णुक ओतय भोजन-भात केलहु . बहुत सत्कार , बड आग्रह आ अपूर्व सौजन्य . भेल जेना कोनो अपन कुटुम्बकेर ओतय आयल होइ  . होटलक स्वामी भोजनक मूल्य लेबाले तैयार नहिं . हमरा लोकनि बहुत गोटे रही, संकोच भेल . अंतत , महिला लोकनि अपन वाकपटुता सं बतौर 'टोकन ' किछु टाका देबा में सफल भेलीह .
 एहि गाओंसं, ऊँच पहाड़ दिस अनेक  ट्रैकिंग रूट छैक. तें बहुतो पर्यटक मार्फा देखैत आगू जाइत  छथि वा मार्फा आबि पर्वतारोहणक  अभियान आरम्भ करैत छथि . तें मार्फा गाओंक  समृद्धि में पर्यटनक प्रमुख योगदान छै से के नहिं मानत .
    

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