1
नहि जानि कहिया ई गीड़ि लेत सूर्य !
बंगलोर शहरक उपनगरमे फ्लैटक समूहक टोल
तेरह महला मकानक बीच एक फ्लैट
दूर धरि पसरल हरियरीक बिछाओनक आगाँ
आबि रहल अछि दौगल
सौ महला भवनक बाढ़ि .
होइत अछि, आशंका- अधैर्य
नहि जानि कहिया धरि
ई चाटि लेत हरियरी
आ ई गीड़ि लेत सूर्य !
2
गाम घरक प्रगति
बीनि रहल अछि सड़कक महाजाल
मुदा, मनुख शहरमे; जीविकाक जंजाल !
मकड़ा बीनि रहल अछि गोसाउनिक सीर पर
अपन जाल
मनुख लेल डीह-डाबर आ खेत भेल छैक
जानक भारी जंजाल
3
पहाड़मे बसल नारि उघैए पानि
बिछैए जारनि आ कटैए घास,
पलिबार बसैत छैक गाममे
अपंग पति, काहिल बेटा आ चाकरीक लेल
बंगलादेशी मुमताज़ करैए बंगलोर बास !
4
माए बाजथु मैथिली, तमिल, कन्नड़, वा मलयालम
बाप बजौक हिन्दी, नेपाली, मराठी वा बांग्ला बोल
नेना होउक ककरो
सब करैए सुदुक अंग्रेजीमे अनघोल !
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