Friday, August 8, 2025

मेरा पड़ोसी



ऋतु परिवर्तन से निरपेक्ष इमली का पेड़। 
बहुत छोटे पत्ते, पर सघन छाया। 
न फूलों की खिलखिलाहट 
न पतझड़ में शोकाकुल रूप। 
केवल, वसंत मे हल्का स्मित हास, 
नन्हे-नन्हे स्वर्णिम फूल, 
जो महीने-दो-महीने भर तक
चिपके रहते हैं डालियों से . 
लगता है, 
भाग दौड़ की जिंदगी के शहर बंगलोर में 
केवल इन्हें ही है
माँ से ममता, 
पिता से प्यार, 
पड़ोसी से नाता 
और अपना सुखमय संसार। 
बस इतनी ही बातें, 
इसलिए, 
कुतूहल में मैं वर्ष भर 
हर दिन देखता रहता हूँ 
मौसम की मार से बेखबर 
सदा स्वस्थ प्रसन्न इस 
सुखी पड़ोसी इमली के पेड़ को ।

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