युद्ध
युद्ध वर्चस्व स्थापित करबाक सामूहिक अभियान थिक ; मनुष्यक मनुष्यपर , मनुष्यक
राज्यपर; आ राष्ट्रक राष्ट्रपर वर्चस्व . सबठाम आग्रह एके - वर्चस्व .मुदा, युद्ध सत्यक
रक्षाले होइक वा अधिकार पयबाले, हारि मनुष्येक होइछ . ततबे नहिं, सत्य समय सापेक्ष होइछ आ अधिकार शक्ति सापेक्ष .
संगहिं, सत्य विश्वासक विषय थिक आ विश्वास
धारणाक. मुदा युद्धकेर असली सत्य होइछ , सबलकेर विजय आ दुर्बलक पराजय . विजय पराजयकें शक्तिसं सम्बन्ध छैक, सत्य सं नहिं. तें,
विजय ककरो होइक पराजय तं मानवतेक होइछ. सेनापति पयर पुजबैत छथि : प्राणतं अदना मनुक्खे गमबैत अछि,
अकालमें वएह काल कवलित होइछ . इएह थिकैक युद्धकेर सार आओर अंतिम सत्य .
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