दू दुनिया : दू मनुखक मनोभाव , एके स्वभाव
1
किछु दिन पूर्व सुतली रातिमें मन व्याकुल भ गेल छल . सोचल व्याकुलताक प्रहार सं बचाव कोना करी जे निन्न भ जाय . सोचल,किछु नीक सोची, तं, निम्नवत कविता/ गद्य क सृजन भेल
मन जखन बड दुखी होअय
मोन पाडू सिनुरिया आम,
अप्पन गाम,
कमलाक धार
नासीक भेंटक फूल
अप्पन सबसँ पहिलुका इस्कूल
चढ़ि जाऊ लतामक गाछ, आमक डारि
छरपू डारिए डारि !
चढ़ि जाऊ फुनगी,
मोन नहिं हो तं जुनि ने उतरी !!
फुनगीपर सं देखिते आकाश ,
सबतरि प्रकाश,
उधिया जाइछ सन्तापक करिया मेघ,
चमकै छथि भोरुका सुरुज, होइछ विहान,
लगइए जनमि कय एखने भेलहु ठाढ़
आ एहन पावन बेला में कथी केर सन्ताप !!!!
कविताक सुधि सं निन्न भ गेल.
2
परसू राति 'साउंड ऑफ़ म्यूजिक' नामक पुरान सिनेमा देखय लगलहु, तं, एकटा प्रिय गीत मोन पड़ल
Raindrops on roses and whiskers on kittens
Bright copper kettles and warm woollen mittens
Brown paper packages tied up with strings
These are a few of my favorite things
................................................
When the dog bites, when the bee stings
When I'm feeling sad
I simply remember my favorite things
And then I don't feel so bad.
Courtesy Lyrics by : OSCAR HAMMERSTEIN LIL RICHARD RODGERS
Film: sound of Music
पूव आ पश्चिम केर कतेक दूरी आ सोच में कतेक साम्य ! आखिर मनुक्ख मोन तं प्रायः सबतरि एकेरंग होइत छैक !
पूव आ पश्चिम केर कतेक दूरी आ सोच में कतेक साम्य ! आखिर मनुक्ख मोन तं प्रायः सबतरि एकेरंग होइत छैक !
It's a blog in Maithili, not Hindi.I wish Google recognises Maithili language. It's a pity Google continues to ignore Maithili, a language spoken by over 400 million people !
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