Sunday, July 5, 2020

बरे बुडिमुँह तं जैतुक के लेत !!

COVID -19 डायरी:03.07.2020

बरे बुडिमुँह तं जैतुक के लेत !!

People Get The Government They Deserve

मई 2020 मासक कोरोना कालमें बेरोजगारीसं मारल  प्रवासी मजदूरक महानगर सबसं सामूहिक पलायन, आ  सड़क पर चलैत लाखों प्रवासी मजदूरक कारुणिक दृश्य प्रायः एहि शताब्दीक इतिहासक सब सं बेसी स्मरणीय छवि मानल जायत. शहरसं पलायन करैत  एहि प्रवासी श्रमिक लोकनिक एके-टा कहब: भूखहिं जं मरबे करब, तं अपने भूमि पर. . तें, एकटा संकटसं बंचबा ले लोक दोसर संकट सं भिडल छल. आ अंततः, व्यक्तिगत, सामूहिक, आ सरकारक सहायतासं  पराभवक ओ कांड समाप्त भेल. किन्तु, गरीबी तं समाप्त नहिं भेलैक. तें,  वएह  पुरान, बिसरल. ‘ अपन प्रदेशमें रोजगारक अभाव’ आ गरीबी पुनः तेसर संकटक रूपमें  उपस्थित भेले, आ शहर सं भागल लोकक जीवन-यापन पर संकट पूर्ववत ठाढ़ छैक. फलतः, ग्रामीण श्रमिक आब फेर दिल्ली, पंजाब, चेन्नई, हैदराबादक बाट धेलक अछि. सियार-सन कोनो जंगली जीवक कहब कें प्रथम पुरुषमें कहि मैथिलीमें कहावत छैक ‘ तेनु नहिं खायब, देह में लागत लस्सा; तेनु नहिं खायब तं हयब  की !’ माने, खतरा नहिं उठायब, किन्तु, खतरा नहिं उठायब तं प्राण कोना बंचत ! अर्थात्, फेर भई गति सांप-छुछुन्दर केरी !! आ जा धरि देशक विभिन्न राज्य आ क्षेत्रक बीच रोजगारक अवसरक असमानता रहतैक, ई समस्या रहबे करतैक . आ ई असमानता एक दिन में तं समाप्त हेतैक नहिं. सरकार सब अपना राज्यमें रोजगारक अवसर बढ़ेबाक बढ़ि-चढ़ि कय दावा करैत अछि. किन्तु, बिहार-जकां, जाहि राज्यमें पछिला पन्द्रह साल सं एके पार्टीक सरकारक शासन छैक, ओहि सरकार लग अपना पक्षमें कोन बंचाव छैक ? विडम्बना आ सत्य ई थिक, जे सरकार लग चुनाव जितबा ले एखनो अचूक ब्रह्माश्त्र छैक ! ओ ब्रह्माश्त्र थिक वोट-बैंक, जातिवाद, सम्प्रदायवाद, आ वोट किनबाक हेतु पूंजी. दक्षिण भारतक अनेक वर्षक प्रवासमें हमरा ई ज्ञात भेल जे तमिलनाडु-पांडिचेरीमें चुनावक दिन सं पूर्व, पार्टी सब मतदाता लोकनिक बीच, बहुतों वर्ष सं नियमतः, प्रति मतदाता दू-दू, तीन-तीन हज़ार रुपैया बंटैत आबि रहल अछि. संयोगवश, तमिलनाडुसं श्रमिकक पलायन जं होइतो छैक तं या तं खाड़ीक देश दिस वा किछु लोक आंध्र/ तेलंगाना दिस जाइत अछि. किन्तु, बिहारी मजदूर ? ओ लोकनि वोटक समय में टाका लेबाक हेतु भले गाम आबथु चुनावक बाद दिल्ली-बम्बई-चेन्नई- तिरुवन्नतपुरम गेनहिं कुशल ! तैयो अगिला चुनावमें अपन राज्यमें रोजगारक अवसर चुनावी मुद्दा बनत ताहि पर संदेह अछि. कारण, बरे बुडिमुँह तं जैतुक के लेत !!


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