COVID-19
डायरी सं
कोरोना कांड समाजक विशिष्टता आ विकृति दुनू कें देखार रहल अछि
27.06.2020
कोरोना
कांड मनुष्य आ समाजक छिपल स्वभावक विशिष्टता आ विकृति दुनू कें देखार रहल अछि, देशक
नागरिककें एखन जाहि समस्याक सामना करय पड़ैत छैक से तं सभक सोझां अछिए. 7जून 2020 क दैनिक ‘हिन्दू’ में प्रकाशित एक
समाचारक अनुसार ग्रेटर नोएडाक खोदा कोलोनी निवासी श्री मती नीलमकें प्रसवक
अवस्थामें नोएडा केर इ एस आइ,
चाइल्ड पी जी आइ, शारदा हॉस्पिटल, जी
आइ एम एस सहित अनेक अस्पतालमें करीब 13 घंटा बौअयलाक पछाति जी आइ एम एस मृत
घोषित कयल गेलनि. किएक ?
एकर जवाब देब ततेक
स्पष्ट अछि, जे जवाब देब आवश्यक नहिं. किन्तु, केओ ई तं लोक सं पुछौक जे कोरना महामारीक संकट में
मनुष्यक चेतनाकें एहन घून कोना लागि गेलैये ! संभव छैक, आइ ने काल्हि कोरोनाक इलाज निकलबे करत, किन्तु,
समाजमें निरंतर मरैत
मानवीय मूल्यक पुनर्स्थापना कोना हयत से समाजक हेतु अवश्य सोचबाक विषय थिक ! कारण,
आइ नीलम, काल्हि हमरो अहाँक इएह हाल हो से
असम्भव नहिं !
*
कोरोनाक
संक्रमण थम्हबाक नाम नहिं ल’ रहल अछि. फलतः,
अनेक ठामक सरकार
कोरोनाकें नियंत्रणमें करबा ले अनेक कदम उठबैत अछि. तमिलनाडु सरकार पुनः चेन्नई
सहित आओर चारि जिलामें 19
- 30 जून धरि पूर्ण
बंदीक घोषणा कयलक. बंदीक उल्लंघन पर कानून में दण्डकेर प्रावधान छैक. किन्तु, बंदीक उल्लंघन कयनिहारक विरुद्ध काररवाई में
तमिलनाडुक सुदूर दक्षिण जिला तूतीकोरिनमें जे घटना भेले से तमिलनाडुक पुलिस
व्यवस्थापर बड़का प्रश्नचिन्ह ठाढ़ करैत अछि. अठावन वर्षीय पिता जयराज, एकतीस वर्षीय पुत्र बेनिस पर कर्फ्यूक अवधिमें
दोकान खोलने रहबाक आरोप रहनि. फलतः,
कानून उल्लंघनक
आरोपमें विगत 19 जून क हिनका लोकनिकें पुलिस
हिरासतमें लेलक आ कय हवालातमें बंद केलक. आरोप छैक जे भरि राति पुलिस यंत्रणाक
बाद दोसर दिन पुलिस हिनका लोकनिकें
स्थानीय सब-जेल में पठओलक. किन्तु,
तकर बाद जे भेलैक से
अप्रत्याशित छल: अगिला दू दिनक भीतरे विभिन्न कारणसं पिता-पुत्र दुनूक मृत्यु भ’
गेलनि ! एहि दुर्घटनाक पछाति ओतुका व्यापारी वर्ग आ नागरिकमें आक्रोश तं उचिते छैक, किन्तु, घटना बाद उग्र नागरिकक क्रोधकें शान्त करबाक हेतु
उचित कारण तकबाले तमिलनाडु सरकार एखन धरि माथ हंसोथि रहल अछि ! पुलिसक दिस सं
वक्तव्य आयब बांकीए अछि.
चेन्नई
सं प्रकाशित दैनिक ‘हिन्दू’ अपन अग्रलेखमें एहि मृत्यु कें ‘निरर्थक मृत्यु’क
संज्ञा दैत तमिलनाडु पुलिसक हिरासतमें होइत नागरिकक मृत्यु पर प्रश्न सूचक चिन्ह
तं लगौनहि अछि, संगहिं,
लॉक-डाउन भंग
कयनिहार नागरिकक अपराधके ‘नॉन-बेलेबुल’ बनयबाक हेतु कानून तोड़निहारक विरुद्ध अकारण
नव आरोपकें थोपबाक पुलिसक प्रवृत्तिकें सेहो रेखांकित कयने अछि. हं,
एकटा बात तं
बिसरिए गेल. पुलिस कानूनमें सुधारकें लागू
करबाक हेतु 2006 में जारी
सुप्रीम कोर्टक आदेशक की भेलैक से ककरो मोन अछि !
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