Tuesday, December 29, 2020

नासीमें माटि भरब, गाम नाशक निसानी थिक

 

                                                नासीक भरब, गाम नाशक निसानी थिक

लोहना रोड रेलवे स्टेशन केर लाल ईंटाक छोट-सन भवन इतिहास भ’ चुकल अछि. पछिला एक शताब्दीसँ एतुका इतिहासक साक्षीक स्थान आब एकटा बेजान-सन मिलिटरी बैरकनुमा, चुनेटल भवन ल चुकल अछि. सतही स्तर पर तं लगैत अछि पछिला एक वर्षमें एहि इलाकाक सबसँ प्रमुख परिवर्तन इएह थिक. किन्तु, से छैक नहिं. कोरोनाक आगमन सम्पूर्ण समाजकें कोना बदलि देलक-ए तकरा दोहरयबाक एतय काज नहिं. सर्वविदित अछि, सब किछुक अतिरिक्त कोरोना जाहि वस्तुकें सबसँ बेसी प्रभावित केलक अछि ओ थिक हमरा लोकनिक मनोदशा. कोरोना महामारीक आरम्भ में हम अपना पर कोरोनाक प्रभावक एके टा तराजू निर्धारित कयने रही: जं कोरोनासं प्राण बंचि गेल तं कोनो हानि नहिं भेल. अन्यथाक उत्तर, विदिते अछि. यातायातमें बाधा आ कोरोना-संक्रमणक भयक कारण दुर्गापूजामें गाम नहिं जा सकलहुं. तें, एहि बेर सवा वर्षक पछाति गाम आयल छी. सेहो, किछुए काल ले. सेहो नीके. कारण, एखन जाड़ सबहक हाड़कें हिलौने अछि.

लोहना रोड रेलवे स्टेशन, वर्ष 2020 

परिवर्तन जीवनक रस थिक. मुदा, बहुतो परिवर्तन जीवनकें बेरस सेहो बना दैत छैक.परिवर्तनकें देखबाले आँखि चाही. किन्तु, सुनब सेहो बहुतो परिवर्तनक सूचनाक श्रोत थिक. हमरा संग जे ड्राईवर एहि बेर गाम चललाहे ओ निरंतर हमरा लोकनिक गप्प सुनि टोक तं दैते छथि, ओही गति में बजितो छथि. तें, गाम जाइत-अबैत दस घंटा सं बेसीक टैक्सी यात्रामें हमरा नहिं लगैए गाम-घरक संबंधमें अनकासँ किछु आओर पूछय पड़त ! आम ड्राईवरसं भिन्न, विजय कुमार ,सूचनासं पूर्ण आ मुखर दुनू छथि. डेरा पटना सिटीमें छनि. पुछलियनि, ‘ अहाँ लोकनि समाजिक दूरी आ कोरोनासँ  रोकथाम कोना करैत छी ? हुनक उत्तर सोझ आ स्पष्ट छल : हमरा लोकनि सब गोटे डेरासँ  निकलैत छी. करीब पच्चीस गोटे रौदमें चबूतरा पर बैसि गप्प सप्प करैत, चाह-पान करैत छी, सब सबहक हाल-चाल बूझैत अछि आ फेर सब अपन-अपन घर आपस जाइछ अछि, अपन काज-बुत्ता करैत अछि !’ हम कहलियनि; एहि बेरुका ( विधान सभा ) चुनावक गप्प कहू. कहलनि, रिजल्ट मैनेज भ’ गेलैक ! अच्छा ? तं, की !! सत्यतः, बिहार विधा सभाक चुनावक परिणामक सम्बन्धमें एहि बेर जकरासँ  गप्प भेल- पार्टी कार्यकर्ता, नेता, आ बुद्धिजीवी- सबहक एके कहब: ‘रिजल्ट मैनेज भ’ गेलैक’. मुदा, ड्राईवर विजय कुमारसँ गप्पक क्रम में हमरा मुँहसँ निकलि गेल, ‘ चलू कम सँ  कम लालूक कुनवा तं नहिं जीतल. नहिं तं अपहरणकेर उद्योग फेर आरम्भ भ’ जाइत.’


‘से तं आरम्भ गेल छलैक, सर !

माने ? माने कि आब डिजिटल फिरौती होइत छैक !

अच्छा ?

तं, की !’- विजय कुमार जोर दैत कहलनि.

हाईवे रेस्टारेंटक एक दृश्य , मुजफ्फरपुर जिला, दिसम्बर 2020

रास्तामें भगवानपुर, मुज़फ्फरपुरमें चाह ले ठमकलहुँ. उत्तम खौलौआ चाह. भोरक बेर छलैक. अजस्र लोक जलखैक हेतु एहि ठाम खुला रेस्टोरेंटमें बैसल छलाह. ने ककरो मास्क- (खयबाक काल लोक मास्क कोना लगाओत !), ने सामाजिक दूरी. सुनैत छी, एतय नीक गुलाब जामुन भेटैत छैक. जाड़में गरम गुलाब-जामुन ! गरम पूड़ी-तरकारी आ गरम गुलाब जामुन एतय स्वतः कोरोनाकें पराजित केने अछि ! तकर आओरो  प्रमाण भेटल. हमर एकटा भातिजक विवाह हालहिं में भेलनि-ए. बस भरि कय  गौआं लोकनि बरिआती पुरय गेल छलाहे. काल्हिए हमर एक, बृद्ध  ममिऔत भाईक मृत्यु ओड़िसामें भेलनि-ए. सुनैत छी, आइ शरीर गाम आबि रहल छनि. कोरोना महामारीक आरंभिक कालमें ई सम्भव नहिं छलैक.आब सरकारी नियंत्रण, आ नागरिकक लोकनिमें भय, दुनू कम भेलैए.फलतः हमहूं किछु हिम्मत कयल. पटनामें एक दिन नोत सेहो खेलहुँ. गाम में हमर गौआं, भैरव भाई, हालहि में दिवंगत भ’ गेलाहे. हुनक पत्नी गामहिं छथिन. अस्तु, हुनका ओतय गेलहुँ आ संवेदना व्यक्त केलिअनि आ अपन नवीन पुस्तक, ‘लोहना रोडसँ लास वेगस’ उपहार में देलिअनि.अस्सी वर्षसं ऊपर वयसक भौजी, पोथी पढ़ैत छथि. आइ धरि हम अपन सब पोथी दैत एलियनिए. हमरा नहिं बूझल अछि हुनका तुरिया अओर कोनो महिला एतय आब पूजा-पाठक पोथीक अतिरिक्त आन कोनो पोथी पढ़इत हेती. कारणों छैक, ई भौजी स्व.पं. दुर्गाधर झाक पुत्री आ डाक्टर सर गंगानाथ झाक दौहित्री थिकीह !  

हमर पुरान सीनियर आ ‘गामक गार्जियन’  शिबू भाई, एवं शिबू भाईक पौत्र शशांक सेहो भेंट करै ले भोरे अयलाह. हमरा लोकनि घूड़ लग बैसलहुँ तं ‘ सामाजिक’ दूरी राखब हमरो बिसरि गेल. सत्यतः, प्रिय जनक संगति लोकक मन पर घनीभूत चिंता कें ओहिना उड़ा दैत छैक, जेना, बसातक झोंकी करियायल उमड़ल मेघ कें. हिनका लोकनिक लगमें, भले कनिए काल ले, कोरोनाक जीवाणु हमरो चेतनासँ  बिला गेल छल. शहर बाज़ारक एकाकी वासमें इएह नहिं भ’ पबैत छैक. आ तें, लोककें चिंतासँ पाचन बाधित भ’ जाइछ छैक, निन्न बिला जाइत छैक. ताहि पर दूइए तीन गोटेक बीच, मिनट-मिनट पर कोरोनाक चर्चा चिंताए टा नहिं, निरंतर परिवारिक कलह आ अशांतिक बीआ सेहो बाग़ करैत रहैछ. पहिलुका संयुक्त परिवारक विपरीत एखनुक अल्ट्रा नुक्लेअर परिवार में , ‘झगड़ा केओ सुनि लेत’ तकर संकोचक काज नहिं. अर्थात् कलहक आगि अनेरे पसरैत चल जाइछ; फोन्सरि भोकन्नर भ’ जाइछ !

शिबू भाई हमरा सं वयसमें किछु बेसी छथि. किन्तु, पुरान संगी. एहि बेर हुनकासँ  नव सूचना भेटल. एहि गामक उतरबरिया सीमा पर स्थित कमला नदीक पुरान छाड़न, जकरा एतुका लोक नासी कहैत छैक, कें गौआं खंड, खंडमें कीनि रहल अछि आ अपन-अपन हिस्साकें कमलाक बालुसँ  भरि रहल अछि. मुदा, ज्ञानवान एहि में आसन्न संकटक छाया देखि रहल अछि. हमर जेठ भाईक संगिनी- छोटकी भौजी- इस्कूल नहिं गेल छथि. ओ बंगलोर आ जैसलमेरमें बरखाक कारण मकान सबहक प्रथम तल धरि डुबबाक इतिहास सबसँ सेहो अपरिचित छथि. मुदा, ओ अवाम गामक पछिला सताबन वर्षक बीच अबैत प्रत्येक बाढ़िक साक्षी  छथि. हुनका ज्ञानमें हमरा गाम लग तीन बेर कमलाक बांह टुटलैक-ए. ओ प्रत्येक बेर घर अंगनामें पानि भरलाक पराभवकें बेर-बेर भोगने छथि. भौजी कहैत छथि, आब जखन लोक नासी कें भरि रहल अछि,तखन  आब बाढ़िक कोन कथा, बरखहुसँ  पानि लोकक घर अंगनामें भरि जेतैक. हमर माथ  ठनकैत अछि. पछिला चौंतीस वर्षमें केवल तेसर वर्षक बाढ़िमें हमर घरमें पानि ढुकल छल, सेहो कमलाक बान्ह टुटला पर . आब बरखे-बरख घरमें बरसातमें पानि ढुकत ! मुदा, गौआं लोकनि बम्बई-बंगलोर आ चेन्नईमें, फ्लैट में रहैत  जमींदार जेकाँ बाढ़ि पानि आसन्न खतरा सं आँखि मुनने छथि ! आ नासीक भरब, गाम नाशक निसानी थिक, से स्वार्थमें आन्हर गौआंक चेतना धरि किएक पहुँचतैक ! तखन, बाहरसँ  कहियो काल गाम अयनिहार  लोक, गौआं के ज्ञान द’ कय मारि खायत !

 

 

Monday, December 28, 2020

कोरोना काल में दोसर हवाई यात्रा

                              कोरोना काल में दोसर हवाई यात्रा

कोरोना-काल में सब किछु संदिग्ध भ’ गेल अछि. मानि कय चलू, अहाँक अतिरिक्त सब केओ, सब किछु कोरोना -संक्रमित अछि. वायु संक्रमित अछि. बैसबाक स्थान, गाड़ी-घोड़ा, दोकान-होटल, मन्दिर-गिरजाघर, अस्पताल-कोर्ट-कचहरी, स्कूल-कालेज, रेल-हवाई जहाज-टैक्सी-बस सब किछु संक्रमित अछि. चतुर्दिक संदेहक  फलस्वरुप  मनुष्य पूर्णतः परेशान अछि. की करी, की  नहिं, तकर विचार मात्रसँ  लोक कें चक्कर आबय लगैत  छैक.

गाममें केओ अस्वस्थ भ’ गेल, कोनो ख़ुशी वा दुःखक अवसर आबि गेलैक,तं  मन मारि बैसल रहू. नहिं, जं हिम्मत क कय कतहु गेलहुँ तं अगिला दू हफ्ता एहि  तनाव ले तैयार रहू जे कखन ने कोरोना-संक्रमणक  लक्षण आ रोग हड़हड़ी  बज्र-जकां माथ पर खसि पड़य. शहरमें बेसी ठाम एहने परिस्थिति भेटत. किन्तु, मिथिलांचलक देहातमें हमरा परिस्थिति एकदम भिन्न भेटल. कतहु केओ मास्क नहिं लगबैछ. कतहु कोनो समाजिक दूरी नहिं. संयोगसँ  कोरोनाक प्रकोप सेहो लोककें देखबा में नहिं आबि रहलैक अछि. लॉक-डाउनक बाद जेना लोक साकांछ छल, ने तेहन सावधानी, आ ने तेहन भय. पटनामें सेहो लोक इच्छानुसार मास्क लगबैछ. एक-दोसराक ओहिठाम आयब-जायब चलि रहल छैक. हाट-बाज़ारक भीड़के दोष देबाक कोनो औचित्य नहिं. पटना एअरपोर्टक भीतर आ पटना जंक्शनक बाहरक भीड़क सघनतामें कोनो विशेष अंतर नहिं.  तथापि, जं हवाई यात्रा क कय बाहर सं मिथिलांचल वा मिथिलांचलसं आन ठाम कतहु पहुँचबाक हो तं हवा निकलि जायत ! हमरा एखन तेहने अनुभव भेल. तकरे गप्प सुनू.

2020क मार्च मास. 11 तारीखक जोधपुरसँ चेन्नई आयल रही तं पहिल बेर चेन्नई हवाई अड्डापर कोरोना सम्बन्धी जाँच-पड़तालसँ पाला पड़ल छल. तकर बाद ने कोनो यात्रा कयल, ने यात्राक अनुभव भेल. एखन नौ मासक पछाति, 12 दिसम्बर कय जखन पटना बिदा भेलहुँ तं चारू भुवन नजरि आबय लागल. खैर, ईश्वर में विश्वास नहिओ रहैत, भगवान-भगवान करैत चिरपरिचित-चिन्हार टैक्सीवाला कें संग कयल. एअरपोर्ट पर सरकारी अनुदेशक अनुपालन करैत आगू गेलहुँ. हमर सीट बिचला छल, तें, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) कें ओहिना पहिरल जेना ऑपरेशन करबा काल ऑपरेशन थिएटर में पहिरैत आयल छी. चेहराक सामनेक फेस शील्ड यात्रामें नव अनुभव छल. तथापि, पटना जयबा काल बिहार सरकारक तरफसँ  जाँच-पड़तालक कोनो सख्ती नहिं. मुदा, अयबाक तैयारीमें  पसीना छूटय लागल. चेन्नईमें उतरनिहार प्रत्येक व्यक्ति केर e-रजिस्ट्रेशन  तमिलनाडु सरकार अनिवार्य केने छैक. ई e-रजिस्ट्रेशन सबसँ बड़का कवायद साबित भेल. लगैत अछि, मिथिलांचलमें विवाहहुक हेतु कनियाँ-वरक उतेढ़क एतेक जांच-पड़ताल नहीं होइत छैक. लगभग पांच पेजक फॉर्म. दू तीन बेर तं एही हेतु फॉर्म भरब बिच्चहिंमें बंद भ गेल- ‘टाइम-आउट’ भ गेलैक ! तकर बाद  जे खाना पूरी रहैक, ताहिमें जं-जं आगू बढ़इत जाइ, नव-नव देवाल ठाढ़ भ जाइत छल. अपन नाम-लिंग-वयस, पिताक नाम, फ़ोन नंबर आ ईमेल आइ-डी. आधार- पैन कार्ड नम्बर आ तकर फोटो. PNR नंबर, फ्लाइट-सीट संख्या  आ हवाई टिकट केर कॉपी. फ्लैट , सड़क, मुहल्ला, शहर, तालुका आ पिनकोड. गंतव्य- डेराक पता, सड़क, मुहल्ला, रोड, तालुका, शहर, पिनकोड; जं पिनकोड मैच नहिं भेल तं फॉर्म भरब  फेरसँ  शुरू करू. एकर आगू संग यात्रा करैत कुल यात्रीक संख्या. संग अबैत परिवार जनक पूर्ण विवरण. एहिसँ आगू, एअरपोर्टसँ बाहर जयबाक हेतु बुक कयल टैक्सीक प्रकार, गाड़ीक रजिस्ट्रेशन नंबर आ गाड़ीमें उपलब्ध सीटक कुल संख्या. ड्राईवरक नाम आ टेलीफोन नंबर. फॉर्म में इहो घोषित करबार रहैक जे गंतव्यक हमर आवास पर क्वारंटाइनक हेतु समुचित स्थान उपलब्ध अछि.अंततः, ई सबटा भरैत-भरैत ततेक समय लागि गेल आ मोन ततेक परिश्रान्त भ’ गेल जे, यात्राक निर्णय पर तमस चढ़य लागल. मुदा, करितहुं की ! अंतमें जखन फॉर्म पूर्ण भेलाक बाद फॉर्म जमा भ’ गेल तं एकटा e-पास बनल. कि, तं, चेन्नई एअरपोर्ट पर एकर जांच हयत तखने आगू बढ़ि सकैत छी. मुदा, जखन करीब साढ़े दस बजे रातिमें चेन्नई हवाई अड्डा पर उतरलहुँ, तं कतहु कोनो जांच-पड़ताल नहिं. हमर नियामिकी टैक्सी-ड्राईवर- सुरेश-कें जखन ई सबटा दुखड़ा सुनौलियैक, तं, ओ कहलक, करीब मास दिन पूर्व धरि सत्ते सबटा जांच-पड़ताल होइत छलैक. तें लोक कें एअरपोर्टसँ बहरयबा में सामान्य समयसँ एक घंटा बेसी लागि जाइत रहैक. किन्तु, आब सब बंद भ गेल छैक. लगैए, कोरोना संक्रमणक दोसर लहरिक खतराक बावजूद सरकार आ जनता सब थाकि चुकल अछि. तें आब सब किछु भगवानहिंक भरोसे !                                              

फिलहाल हम कान पकडल: आब एहि  महामारीक बीच यात्रासँ भगवान बंचाबथि !     

        

Monday, December 7, 2020

वर्तमान आर्थिक संकट आ ओकर निराकरण

 

वर्तमान आर्थिक संकट आ ओकर निराकरण

COVID-19 नामक महामारी सम्पूर्ण विश्वमें पोआरक आगि-जकां पसरल. किन्तु, रोगक भयक अन्हारमें COVID-19 महामारीक  आर्थिक परिणाम सोझे आँखि पर नहिं पड़इछ. मुदा, एकर मारिसँ  केओ छूटल नहिं. सबसँ पहिने जखन तालाबंदी भेलैक तं सरकारक आश्वासनक अछैतो, निजी क्षेत्रमें काज कयनिहारकें कतेक के नौकरीए नहिं रहलैक, कतेककें वेतन नहिं भेटलैक. जखन बंदी खुजलैक आ लोक काज पर आपस आयल  तं वेतन में कटौती भ’ गेलैक. महगाई कतेक बढ़लैक तकर अनुमान सोनाक दाम में आयल बृद्धि सं कय सकैत छी; तीस हज़ार में भेटैत दस ग्राम सोनाक मूल्य छप्पन हज़ार भ’ गेल. दोसर दिस, कर्मचारी आ पेंशनरक महगाई भत्ता पर अगिला डेढ़ वर्ष ले रोक लागि गेल. तथापि, उपर-उपरसँ  लोक तेना व्यवहार करैत छल जेना सब किछु सामान्येरहैक. आब जखन COVID-19 महामारीक छौ माससँ बेसी भ’ गेलैये महामारिक आर्थिक मारिक पक्ष जहाँ-तहाँ सोझे देखबामें अबैछ : होटल-रेस्टोरेंट खाली अछि. होटल सबहक बाहर तैनात सिक्योरिटी गार्ड नदारद अछि. तर-तरकारीक दोकानमें ने वस्तु छैक, ने बेचनिहार. लोक कें रोग नहिं होइत छैक से असंभव, किन्तु, लोक अस्पताल जेबासं परहेज रखने अछि; खाली हाथें लोक रोग इलाज कराओत कोना ! एक टा उदाहरण देखू. ककरो अस्पतालमें मोतियाविंदुक आपरेशन हेतनि. फीस 3 हज़ार टाका. किन्तु, रोगी COVID-19 सँ मुक्त छथि से बिनु प्रमाणित भेने ऑपरेशन नहिं हेतनि. अस्तु, COVIDक जांच आ छातीक CT-scan में चारि हज़ार अओर खर्च करथु. ऑपरेशन कालमें डाक्टर आ रोगीक हेतु सुरक्षा उपकरण चाही. दाम तीन हज़ारसँ उपर. माने, तीन हज़ारक ऑपरेशनक खर्च दस हज़ार भ’ गेल. एहि तरहक उदहारणक कमी नहिं. आब जं ककरो पेट, छाती, ह्रदय, वा जोड़क इलाज होउक, तं अस्पताल जं भरती करब स्वीकार कइओ लेलकनि, तं खर्चक भारसँ लोक रोगकें देह लगाकय मारने अछि ! अस्पताल आ प्राइवेट प्रैक्टिसमें लागल डाक्टर रोगीक चिकित्सासँ दूर भगैत छथि से फूटे. आ सेहो कोना ने होउक. देशमें COVID-19 क कारण पांच सौ करीब डाक्टर मरि चुकल छथि ! जे अपन काज में लागल छथि, रोगक खतराक अतिरिक्त, चिकित्साक परिणाम प्रतिकूल भेला पर  रोगीक परिवारजनक अत्याचारसँ नित्य लडि रहल छथि, से अलग !

छोट-छोट व्यापार, सड़कक कातक दोकान, होटल, चाहक दोकान बन्न अछि. खूजल अछि तं ग्राहक नदारद. स्कूल सब बन्न अछि. मास्टर लोकनि बेकार. पैघ-पैघ शहर में ट्यूशनक व्यवसाय ठप्प अछि. डाकघर- रेल बन्न कहुना मंथर गतिसँ चलि रहल अछि. एहिसँ व्यापारो बाधित अछि. डाकसँ पठाओल सामग्री जकरा जेबा में एक हफ्ता लागैत छलैए आब एक मास लगैत छैक. सीमित मांग आ बाधित संचार मीलि कय व्यापारले एकटा नव देवाल ठाढ़ केने अछि.

16 अक्टूबर 2020 चेन्नई सं प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक ‘ द’ हिन्दू’ अजुका समाचार जेहने रोचक अछि तेहने अभूतपूर्व. ‘Despite relaxation, temple yet to garner revenue’ क शीर्षकसँ प्रकाशित एहि  समाचारक सारांश ई जे लॉक डाउन में छूट के बावजूद मन्दिर सबमें ने स्पेशल दर्शनक टिकट बिकाइत छैक आ ने चढ़ावा चढ़इत छैक. परिसरक दोकान-दौड़ीसँ अबैत किराया सेहो बन्ने छैक. भक्त लोकनिक कहब छनि, जखन लाइन में ठाढ़ हेबेक छैक तं ‘ हम टिकट किएक किनू !’ भक्त लोकनिक लाइनसँ दूर हेबाक कारणे हुण्डी खालीए पड़ल रहैए. माने, एखुनका आर्थिक संकटसँ भगवान-भगवती धरि प्रभावित छथि. एकटा वर्ग जकरा कोनो संकट देखबामें नहिं अबैत छैक, ओ भेल सरकार ! किन्तु, चुनाव जनताक सोच नपबाक थर्मामीटर थिक. बिहारक 2020क विधानसभाक चुनावमें सरकारक प्रति जनताक आक्रोश पहिल बेर सामने आयल अछि. किन्तु, जनताक रोष एखनो राज्य सरकारे टा पर केन्द्रित छैक. देखी सरकार विधानसभा चुनाव 2020क परिणामक की अर्थ निकालैत अछि. किन्तु, अहम से नहिं. अहम ई थिक जे सरकार जनाक्रोशक कारणक निवारण ले कोण डेग उठबैत अछि. समस्या कठिन छैक. समाधानमें समय लगतैक, किन्तु, जनताक धैर्य जवाब दय चुकल छैक. तें, जे किछु हो, अबिलंब हो. किन्तु, की से सम्भव छैक !  

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

कीर्तिनाथक आत्मालापक पटल पर 100 म  लेख   मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान  कीर्तिनाथ झा वैश्वीकरण आ इन्टर...

हिन्दुस्तान का दिल देखो