काठमांडू
काठमांडूक कारी सड़कपर,
टिनही , डब्बानुमा , तिनपहिया वाहन हंकैत ,
हे! बहिनी ,
तोंही थिकह एहि युगक नायिका !
तोंही थिकह एहि युगक नायिका !
तोंही थिकह एहि युगक नायिका,
जकर वक्ष केर ऊष्मा करैछ सबतरि सिनेहक सिंचन ,
पयर हंकैत छैक गाडी ,
आ दुनु हाथ,
अपन बलें,
सतत
उठओने रहैए ,
घर-परिवारक चार
आ गिरहस्तीक चौखम्बा आधार !
काठमांडू
१६.५.२००८
कीर्तिनाथक आत्मालाप, आत्ममंथनक क्षणमें हमर मनक दर्पण थिक. 'Kirtinathak aatmalap' mirrors my mind in moments of reflection.
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