चुनाव देखैत 42 वर्ष भ गेल .बहुत किछु बदलल . बहुत किछु नहिं बदलल. बदलल माने , लोक बदलि गेल. समय बदलि गेल . समाज बदलि गेल . प्रचारक तरीका बदलि गेल. नहिं बदलल, त बैमानी नहिं बदलल . छल स जितबाक प्रपंच नहिं बदलल . प्रलोभन देबाक चालि नहिं बदलल . लोक के ठकबाक बानि नहिं बदलल .
हमरा लोकनिक सांसद चुनाव में सफल होइत छथि . दिल्ली जाइ छथि आ घूरि क पांच बरखक पछातिये , पुनः चुनाव में निर्लज्ज जकां ,भोट मंगबा लेल अबै छथि . वैह खुरपेरिया बाट , वैह खाधि - खोड़ा . मोटर के धक्का लगा कय गौआ सब खाधि पार कय दइ छनि . टाका क बलें चुनाव जिता दैत छनि . आ फेर हमर प्रतिनिधि पांच सालक दिल्लीबास पर बिदा भ जाइत छथि . मुदा , देखी २०१४ केर चुनाव कोन गुल खिलबैत अछि !
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अहाँक सम्मति चाही.Your valuable comments are welcome.