Wednesday, October 2, 2024

' कीर्तिनाथक आत्मालाप'क कीर्तिमान

 कीर्तिनाथक आत्मालाप : एहि ब्लॉगक पेजकें उनटबैत, 'पेज भ्यू' (Page views) केर संख्या आइ 100000( एक लाख) पार भए गेल!

'कीर्तिनाथक आत्मालाप' नामक ब्लॉग हम 2010 मे आरंभ केने रही; प्रेरक हमर कन्या प्रोफेसर( डा.) सुष्मिता थिकी। एहि अनियतकालीन पृष्ठ पर मूलतः मैथिलीक, मुदा, किछु हिन्दी एवं अंगरेजीओक विभिन्न प्रकारक (कविता, कथा, समसामयिक विषय, पुस्तक समीक्षा, साहित्यिक आलेख, स्वास्थ्य संबंधी आलेख इत्यादि) ब्लॉग प्रकाशित करैत रहल अछि, जकर कुल संख्या आइ 243 धरि पहुँचि गेल। आरंभमे प्रकाशनक गति मंथर रहैक; कोनो वर्षमे केवल तीन,चारि, वा पांच गोट कविता, डायरीक पन्ना, वा लेख। मुदा, कोरोना महामारीक वर्ष 2020 मे एके वर्षमे एहि पृष्ठ पर हमर ब्लॉगक कुल संख्या चौवालीस धरि पहुँचल। 

हमर ब्लॉग सबकें ताकि पढ़निहारक (followingक) संख्या एखनो थोड़ अछि। तथापि, हमर आग्रह वा अपन प्रेरणासँ बहुतो गोटे पढ़ितो छथि, जहाँ-तहाँ पत्र-पत्रिका, समाचार पत्रमे पुछिओ कय, वा बिनु पुछनहुँ छपितो छथि। पाठकक सम्मति एवं सुझाओ सेहो अबैत अछि। 

पाठक सबमे डाक्टर योगेन्द्र पाठक वियोगी, श्री रबीन्द्र नारायण मिश्र,दिल्ली, डाक्टर मिथिलेश कुमार झा, UK, प्रोफेसर भीमनाथ झा, केदार कानन, डाक्टर मनोज कुमार चौधरी, USA, एवं अनेक अनामा पाठक एवं मित्र लोकनिक निरंतर प्रोत्साहन भेटैत रहल अछि। सब पाठक एवं सुझाव-सम्मति देनिहार शुभचिंतक लोकनिक प्रति हम आभार प्रकट करैत छी।

पाठक लोकनिक प्रोत्साहन हमरा लिखबाक हेतु प्रेरिते टा नहि करैछ, बल्कि, एहि उत्साहवर्द्धनसँ प्रेरित भए ब्लॉगक किछु लेख हम अपन पोथी ' लोहना रोडसँ लास वेगस' एवं ' 'देखल-परेखल'मे  सेहो संकलित कयल। 

एहि सबहक बीच हमर ब्लॉग आइ एक सीमा पार केलक; क्रमशः पाठकलोकनिक द्वारा हमर ब्लॉगक पेजकें उनटबैत, आइ Page view क संख्या 100000 (एक लाख) पार भए गेल। ई कीर्तिमान थिक वा नहि, से कहब कठिन । किन्तु, हमरा हेतु ई प्रेरक क्षण अवश्य थिक। आइ हमर ई विश्वास दृढ़ भए गेल जे लोक मैथिलीओ पढ़ैत अछि, आ भारतसँ बाहरोक पाठक मैथिली पढ़ैत छथि। कारण, भारत नेपालक अतिरिक्त हमर ब्लॉगक पृष्ठ उनटओनिहारक सभसँ बेसी पाठक अमेरिकाक तँ छथिए, UK एवं सिंगापुरक किछु पाठक सेहो हमर ब्लॉग पढ़ैत छथि। ई मैथिलीक हेतु आशा तँ जगबिते अछि, लेखक- प्रकाशक लोकनिक हेतु स्पष्ट संकेत थिक जे लेखन प्रकाशनमे ओ आप्रवासी भारतीय पाठककें नहि बिसरथि ।

सब पाठककें अशेष धन्यवाद। अहाँलोकनिकसँ निरंतर सहयोग-उत्साहवर्द्धनक अपेक्षा अछिए।

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