Tuesday, April 10, 2018

क्लीवलैंड डायरी- 2: क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट

क्लीवलैंड डायरी- 2
क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट
 
 म्यूजियम वा अजायबघर की थिक ? अजूबा वस्तुक संकलन. मुदा, अजूबा व अश्चार्यनक की थिक ? चलू, किछु गप्प करी. अहाँ शहर- नगर में जनमल पढ़ल-बढ़ल छी. शहर-नगर देखने छी. जैविक उद्यान , अजायब घर देखने छी . अवश्य. तं, कहू तं, ढेकी-उक्खरि-समाठ,जांत -चकरी, डिबिया-लाबन, ढकना-सरबा, घैल -चपइ, टेगाडी-कुरहडि, सीक-पटैक, बहिंगा, मौनी-धुथरी, तामा- नपना देखने छियैक ? नहिं नें ? मुदा, पचास वर्ष पूर्व जं मिथिलांचलमें रहितहु तं एहि सब वस्तुक काज होइत. आब ई सब वस्तु जं  संग्रहालयमें नहिं राखल जाय तं एहि वस्तु सब के देखब तं दूर, परिभाषित धरि करब असम्भव भ जायत. एत्तहि, संग्रहालय मानव सभ्यताक विरासत कें  जोगाकय रखबामें अपन भूमिकाक निर्बाह करैछ.
सत्यतः, पहिल बेर चंद्रधारी मिथिला संग्रहालयमें पांचजन्य शंख आ पानि में हेलैत पाथर ( pumice-stone) देखि कय जतेक रोमाच भेल छल, पेरिसक लूव्रमें मोना लिसा आ वाशिंगटनक नेशनल एयरोस्पेस म्यूजियम में अंतरिक्षयान देखि कय सेहो नहिं भेल. मुदा, ई तं गप्पक गप्प भेल. हमरा म्यूजियम सब नीक लगैत अछि. तें, आब क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट  केर गप्प करी.

क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट : By Heidi Strean - originally posted to Flickr as Cleveland Museum of Art
विकिपीडिया कहैछ, क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट आकार में  अमेरिकाक चारिम सबसँ पैघ संग्रहालय थिक. एकटा नीक गप्प ई जे एहि संग्रहालयमें प्रवेश निःशुल्क छैक. हमरालोकनि दू गोटे. मंथरगति आ जाहिमें रूचि  सएह पहिने देखी. संग्रहालयक प्रवेशसं पहिने दाहिना कात स्वागत-कक्ष. पछाति, क्युरियो-गिफ्ट शॉप.  तकर आगाँ अंगनै, फूल पत्ती, आगंतुक लोकनिक हेतु बैसबाक स्थान आ कैफेटेरिया. हमरा लोकनि पहिने कैफेटेरियाक शरण लेल. पश्चिमी देश आ अमेरिकामें शाकाहारी भोजनमें विकल्पक कमी आम थिकैक. किन्तु, पिज़्ज़ा, फ्राइज-चिप्स  ( मोटा-मोटी आलू भुजिया )  सब ठाम भेटत. मदिरा तं पानिए थिकैक. रुचय तं मधुपर्क करू. अस्तु, पेट पूजा भेलैक आ संग्रहालयक प्रथम तल सं भ्रमण आरम्भ कयल.
सब सं पहिने चीनी  चित्रकला, वास्तु, वस्त्र, पात्र, ध्वज, मुद्रा, रेशमी कपड़ापर आलेख, आ  मूर्तिक संकलन देखल. इतिहासक हमर ज्ञान अत्यंत सीमित अछि. अस्तु, देखलहुं आ आगू बढ़लहु. किन्तु, अगिला कक्ष में प्रवेश करिते  पीड़ा बेसी, आ  थोड गौरवक बोध भेल.

टेराकोटा,मथुरासं

गौतम बुद्ध

खजुराहो मूर्तिकला
 माटि-धातु आ पाथरक जे भव्य मूर्ति सब बिहार-विंध्य-मथुरा वा  तमिलनाडुक मन्दिरक शोभा होइत आइ लुब्र, लंदन, वाशिंगटन, न्यू यॉर्क आ क्लीवलैंडक म्यूजियमक शोभा बनल अछि. नाकक सोझमें नटराजक धातुक मूर्ति, एनमेन ओहने जेहन चिदंबरम में छैक. चारि हज़ार वर्ष पुरान, सिन्धु-घाटी सभ्यताक अभिज्ञान मुद्रा ; जीव जन्तुक आकृतिक सील मोहक ठप्पा. बीच में, मथुरासं प्राप्त  बोधिसत्वक टेरा-कोटा मस्तक ( दोसर शताब्दी ). क्षत्रप कालीन  प्रकृति-देवी. प्रथम शताब्दीक गांधारक वंश-वृद्धिक देवी. राजस्थानकेर तीर्थंकर. दक्षिण भारतीय योगनरसिंम्हा. आंध्रक सातवाहन-कालीन बोधि-वृक्ष. गुप्त कालीन  मुद्रा. ई सबटा  हमरा आकृष्ट केलक. किन्तु, प्रदर्शित वस्तु सभक सूची आ श्रोत एतेक विविध अछि जे सबहक विस्तृत अवलोकन असम्भव. हं, ई सब देखि कय अंतर्राष्ट्रीय तस्कर सुभाष कपूरक स्मरण भ आयल. एहि व्यक्तिक गिरफ्तारीसं भारतसं चोराओल, विश्वक अनेक संग्रहालयमें प्रदर्शित मूर्ति सब भारत वापस आयल. दोषी के ? हमरा लोकनि, जे अपन विरासतक संरक्षणमें असमर्थ छी, वा तस्कर, जे अपन समृद्धि ले जहां-तहां सं मूर्ति-चित्रकला आ वास्तुकें  चोरी सबटा देश-विदेशक संग्रहालय धरि पहुँचबैत अछि. हमर पुत्र अमिय कहैत छथि, ' चोरि वा तस्करी, विश्व समुदायक विरासत कतहु तं सुरक्षित अछि. नहिं तं, की पता, बामियान- बुद्ध वा  बाबरी मस्जिदे -जकां  धर्माधिकारीलोकनि कहिया ने संग्रहालयमें संकलित इतिहासकें,   राजनितिक यज्ञ-कुण्डमें  आहूति द देने रहितथि !'
संग्रहालयक दोसर खण्ड जे हमरा आकृष्ट केलक ओ थिक भूमि-तल पर प्रदर्शित  प्राचीन मिस्रकालीन सभ्यता आ इसाई सभ्यताक प्रदर्शित वस्तु सब.

बेकनमुतक ताबूत

 इजिप्सियन-अनुभागक  प्रदर्शन सबमें सबसं सोझाँमें राखल,  सम्राट बेकनमुत केर ताबूत हमरा सब सं पहिने आकृष्ट  केलक. करीब तीन हज़ार वर्ष पुरान एहि ताबूतक बाहर आ भीतर बनल पेंटिंग एतेक सतरंगी आ जगजियार छैक जे लागत जे ई हाले-साल में बनल हो. एहि अनुभागमें एकर अतिरिक्त अजस्र मूर्ति, कलाकृति, आभूषण, शिलालेख, वंशावली आ धार्मिक प्रतीक चिह्न छैक, जकरा देखबा में अनेक दिन आ बुझबामें अनेक जीवन लागि  सकैछ.अस्तु, आगू बढ़ी.
मेरी आ बाल ईसा
एम्पुला- ताबीज 

अमेरिकी सभ्यता-सम्बन्धी संकलन सेहो  एहि संग्रहालयक विशेषता  थिक.



हमरा नहिं लगैछ, प्रागऐतिहासिक अमेरिकासं सम्बन्धित एतेक वस्तुक संकलन हम कोनो आन संग्रहालय में एकठाम देखने छी. संग्रहालयक एहि खण्डमें मध्य आओर पश्चिमी अमेरिकापर यूरोपीय प्रभावसं पूर्वक (  Pre- Columbian history ) इतिहास सं सम्बन्धित अजस्र मूर्ति, स्वर्ण आभूषण आ पात्र , वस्त्र, पेंटिंग, अस्त्र-सशत्र देखबामें आओत. सत्यतः, मध्य आ पश्चिमी अमेरिकाक  देश- मेक्सिको,ग्वाटेमाला, बेलीज़, पेरू- क सभ्यता कतेक समृद्ध आ प्राचीन छैक से एहि संग्रहालयकें देखि स्वतः सिद्ध भ जाइछ. मुदा, वृहद विश्व एहिसं अभिग्य अछि.  एतुका संकलन में प्रमुख अछि पाथर, चीनी मिट्टी आ समुद्री शंख-सीप सं बनल मूर्तिकला. एहि सबहक अतिरिक्त उत्तरी अमेरिकाक आदिवासी रेड-इंडियनसं सम्बन्धित कलाकृतिक संकलन सेहो एतय देखबैक.
राजपरिवारक एक नारिक  स्वरुप

संग्रहालयक  दोसर  भाग सबमें  आधुनिक यूरोपीय,  अमेरिकी, आ कोरियन कलाक संग्रह सेहो भेटत. किन्तु, सब किछु देखबा बुझबा ले समय, रूचि आ कला-पारखीक दृष्टि चाही.
एहि कला संग्रहालयक भूमिगत तल में इंटरैक्टिव स्क्रीन सं युक्त एकटा विशेष खण्ड सेहो छैक जाहिमें लाखों मिनीयेचर छवि कें छूबिकय ओकरा सबहक डिटेल्ड स्वरुपक अवलोकन बड़का विडियो स्क्रीनपर क सकैत छी.संग्रहालयक इएहटा खण्ड देखबाले टिकट लगैछ.
आब एतुका Natural history museum क भ्रमण दोसर दिन वा दोसर बेर.


  

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