Thursday, April 5, 2018

क्लीवलैंड डायरी


क्लीवलैंड. ओहायो


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करीब 29 घंटाक यात्राक पछाति जखन हवाई जहाज क्लीवलैंड होपकिन्स अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट पर उतरलैक तं रातिक 12 बाजि गेल रहैक. हवाई जहाज रनवेपर लैंडिंग-रन क कय ठाढ़ भ गेल. किन्तु, दवारि खुजबाक कोनो सूर-सार नहिं. सुनल छल, कलकत्तामें जं रतिगर क लैंड भेलहुं, आ ग्राउंड-स्टाफक ड्यूटी चेंजक समय भ गेलैक, तं हवाई जहाज सं उतरि बाहर हेबा ले प्रतीक्षा करय पडि सकैत अछि. मुदा, एतय करीब 45 मिनट भ गेलैक. तखन उड़ान कर्मी लोकनि कहलनि, मार्शलिंग ले ग्राउंड-स्टाफ जखन उपलब्ध हेताह तखने एयरप्लेन पार्किंग-बे दिस चलत. बड बेस. सेहो समय अयलैक. किन्तु, जखन हवाई जहाजक द्वार खुजलैक आ एहि छोटका जहाजक संकीर्ण रास्ता सं बाहर होमय लगलहु तं भेल जेना क्षणे भरि में देहक सब कपड़ा एकाएक बर्फ-सन पानि में सनगिद भ गेल हो. निशाभाग राति, बर्फवारी आ बिहाडि. मौसम सं आओर की अपेक्षा क सकैत छी ! अमिय, हमर पुत्र, एअरपोर्ट पर आयल छलाह. समान लेल. किन्तु, कोन गेट सं निकली जे भेंट हयत. संयोग सं एकटा स्थानीय नागरिकसं हमर पत्नी के गप्प होमय लगलनि. ओ पुछलखिन, अहांक बालक कें कोना बुझबा योग हेतनि जे अहाँलोकनि कोन गेटसं बहरायब. ओही सज्जनक फ़ोन सं गप्प केलहुं आ अमिय क्षण भरिमें पहुंचि गेलाह. करीब 12 माइलक यात्रा आ अपन डेरा धरि पहुंचि गेलहुं.

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क्लीवलैंडक इलाका अमेरिकाक मध्यपश्चिम इलाका में अबैछ. एतय सं पृथ्वीक उत्तरी ध्रुव प्रदेश चारि हज़ार किलोमीटर सं कम छैक. अस्तु, एहि इलाकामें लगभग अगस्तसं मार्च धरि भीषण जाड़क प्रकोप रहैत छैक. एखन वसन्तक ऋतु आबि तं चुकल अछि. किन्तु, अछि कतहु नुकायल.



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लेकवुड शहर हिमपातक पछाति







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क्लीवलैंड में सूर्योदय







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रॉकी रिवर ड्राइव







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टोटम पोल: बाज,भालु, लुक्खी आ भेड़िया







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लेक एरी: पार्क


वसन्तक कोनो लक्षण देखबा में नहिं अबैछ. चारू दिस 'पत्रहीन नग्न गाछ-वृक्ष', उत्तरमें लेक (झील) इरीक पार सं अबैत हाड़ हिलबै बला बसात, कखनो रौद, कखनो मेघ आ धुंद, कखनो बरखा आ बर्फ़. मौसम कोन समय कहन मोड़ लेत, केवल मौसम विभागे कहि सकैत अछि ! हम अढ़ाई वर्ष सं बेसी समय लेह में बितौने छी. ओतहु वर्षमें करीब नौ मास जाड़क ऋतु रहैत छैक. किन्तु, क्लीवलैंड आ लद्दाख़क जलवायु आ मौसममें अनेक मौलिक अन्तर छैक. लद्दाख़ कम आबादीबला शीत मरुभूमि थिक, क्लीवलैंड फलैत-फूलैत महानगर. सुनैत छी, वसन्तक ऋतुमें ई उपत्यका रंग-विरंगक फूल पत्ती सं भरि जाइछ. एक दिन एतय बर्फवारीमें टैक्सी सं अस्पताल जाइत रही. टैक्सी चालक अफ़्रीकी-अमेरिकी युवती सं गप्प होमय लागल. ख़राब मौसम, बर्फवारी आ जाड़. स्वतः गप्प मौसमपर आबि गेलैक. हम कहलियैक, आब तं वसन्त आबि गेलैक. आब जाड़ आ बर्फक अंत हेबे करत. ताहि पर ओ युवती कहलनि, वसन्त एखन कतय ! हम कहलियनि, समय तं भइए गेलैक. ओ कहलनि, वसन्त एतय तखन ओतेक जखन चारूकात फूले -फूले हेतैक, हरियरी पूरा इलाकाके झाँपि देतैक आ तरह-तरहकेर चिड़ई-चुनमुनी चारू कात देखबै ! खैर, हमरा लोकनि ताधरि तं आपस भ जायब.


दू-तीन दिन धरि बेस ठंढा रहैक. किन्तु, हमरा बिनु टहलने-बुलने चैन नहिं. मुदा, एतुका मौसम में मोटगर ऊनी कपड़ाक अनेक परत, टोपी, गर्म मौजा आ दस्ताना चाही, नहिं तं छनहिं में गाल-कान-हाथ गुलाबी आ सर्द भ जायत. हमरा सब किछु स्वीकार्य अछि, मुदा, टहलब-बूलब नहिं छोडि सकैत छी. बाट भुतिययबाक कोनो भय नहिं. सब सड़क समानान्तर. प्रत्येक स्थान पर साईन-पोस्टिंग. टहलबाक फुटपाथ. रोड पार करबाक स्थान आ सिगनल; आओर चाही की !


यात्रा अमेरिकाक हमर दोसर यात्रा थिक. बहुतो वस्तु, रीति-रिवाज सं परिचित छी. किन्तु, देश भारत सं जतबे दूर छैक ततबे भिन्न. तें एहि बेर हम अमेरिका आ भारत में समानता ताकि रहल छी.


इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मनुख्यक जीवन में भारतहु में ओहिना हाबी भ गेल छैक जेना एतय. एतहु लोकके मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट करैत बाट चलैत, आ गाड़ी हंकैत देखबे करबैक. दोकान आ मौलमें पोलीथिनक प्रयोग एतहु छैक; काल्हि सी वि एस स्टोर में आठ गोट छोटका टॉर्च-सेल केर छोट-सन पैक जखन एक बीतक पोलीथिन बैगमें सेल्स-वूमन देलनि तं, बैटरीक पैक हाथ में लेल आ पोलीथिन आपस क देलियनि ! एकटा वस्तु एतय नीक लागल; चिड़ई-चुनमुनी खूब छैक. अपना ओहिठाम आ बगडा निपत्ता भ गेले. एतय हांज-क-हांज बगडा देखबैक.

किन्तु, आकार पैघ. मैना सेहो दोसर रंगक. लुक्खी अजस्र; आकार मेंं पैघ-मस्त, वर्ण में सामान्य आ कोइली-सन कारी सेहो. टहलबा काल एक दिन एकटा परिसर मेंं गोड चारिएक हरिण सेहो देखलिऐक. एकटा पार्कमें कोयोटी- भेडिया-सन जन्तु- सं बचावक अनुदेश सेहो नजरि पडल. एतावता, जैविक विविधता छैक, आ तकर संरक्षण ले प्रशासन आ नागरिक तत्पर छथि.

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एतय हमरा एकटा आओर नीक वस्तु नजरि पडल जे पचास वर्ष पूर्व बिहार क देहातहुमें रहैक. किन्तु, आब विलुप्त भ गेले ओ थिक : लेटरबौक्स. एतय ठाम-ठाम US Post केर नील रंगक चौखुट लेटर-बौक्स, नील युनिफार्म पहिरने डाकिया आ डेलिवरी-वैन देखि सकैत छी. भारतमें कोरियर व्यवसाय आ सरकारक उदासीनता मृत डाक व्यवस्थाक कपाल-क्रियामे लागल अछि. किन्तु, ई समाजले नीक नहिं.

भारतक विपरीत एतय घरक आगू, व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल-कालेज, आ बहुमंजिली आवासीय भवनक परिसर मेंं राष्ट्रीय ध्वज फहरयबाक परिपाटी छैक. तें, जहां-तहां फहराइत ध्वज राष्ट्रीय पर्वक आभास दैछ. भारतमें तं पहिने फ्लैग कोडक वर्जना रहैक. आब जखन कोनो कानूनी अड़चन नहिं छैक, तखनो झंडा फहरायब 15 अगस्त आ 26 जनवरीए धरि सीमित अछि. ओना सब देशमें राष्ट्रीय ध्वज फहरयबाक अपन-अपन नीति आ रीति छैक.जर्मनी मेंं लोक राष्ट्रीय ध्वज फहरयबा सं ततेक परहेज करैछ जे 2014 मेंं जहिया जर्मनी फुटबॉलक विश्वकप जीतल छल तहियो ओतय कमे ठाम राष्ट्रीय ध्वज फहराइत नजरि पडल छल; ओहि दिन हमरालोकनि फ्रैन्कफुर्तमेंं रही. जर्मनीक एहि विचित्र राष्ट्रीय परम्पराक सम्बन्ध प्रायः द्वितीय विश्वयद्धमें जर्मन अति राष्ट्रवादक कारण भेल ऐतिहासिक कुकृत्यक कारण भेल राष्ट्रीय अप्रतिष्ठा सं छैक.

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एखन इन्टरनेट सम्पूर्ण विश्वकें एकाकार क देने अछि. किन्तु, सम्पूर्ण विश्वमें विदेशी सबहक प्रति लोकक मनमें संदेह जनमि रहल छैक. राष्ट्रसब अपन सीमाकें सुदृढ़ करबाक हेतु सचेत भ रहल अछि. ई कोनो अनुचित नहिं; अपन राष्ट्रक सीमाकें सुदृढ़ करब राष्ट्रक अधिकार थिकैक. किन्तु, राष्ट्रिय सुरक्षाक अभियान में जखन असहिष्णुताक गंध आबय लगैछ तं अभियान कतेक बेर मनिवाधिकारक सीमा रेखाक अतिक्रमणपर अमादा भ जाइछ. राष्ट्रक सीमा रक्षाक नामे अमेरिकामें विगत मतदानक समय बहुतो आप्रवासी निंदाक निशाना बनलाह; कतेको कें मानसिक आ शारीरिक आघात सेहो सहय पडलनि. एहि सं उदारमना अमरीकी लोकनि मनहिं-मन वा व्यक्त रूपें ग्लानिक अनुभव भेलनि-ए. तकर अनुभव हमरा एतुका टहलान में सेहो भेल. किछु गोटेक हातामें एहि आशयक बोर्ड देखबा में आयल. बोर्डपर लिखल, ' अहाँ कतहु सं आयल होइ , अहाँ कोनो भाषा बजैत होइ, जं अहाँ हमर पडोसी छी तं हमरा कोनो आपत्ति नहिं '. उदारमना लोकनिक ई उक्ति, संकीर्ण विचारक लोक सबहक गाल पर चमेटा-जकां थिक. भारतमें सेहो एखन समाजिक उथल-पुथलक दौर अछि. अस्तु, हमरो लोकनि एहि विषय पर आत्ममंथन करी से वांछनीय.

अमेरिकामें जनसंख्या कम छैक. सड़कपर भारत जकां भीड़ नहिं भेटत. किन्तु, स्वास्थ्यक प्रति लोक जागरूक अछि; मेडिकल व्यवस्था बड महग छैक. तें, वाकिंग, साइकिलिंग, जिमिंग केर परिपाटी छैक. लोक टहलबा काल अपना सं कुकुर बिलाडि के सेहो ल कय निकलैत अछि. मुदा, पहिले बेर लडओना गाड़ीमें पोसा बिलाडिके जाइत देखि कौतूहल अवश्य भेल !

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