Thursday, October 1, 2020

पोथी पकवान नहिं छियैक

 

पोथी पकवान नहिं छियैक

वर्ष 2016. फरबरी मास. पटना. दरभंगा मेडिकल कालेजक 1973क एम बी बी एस बैचक सम्मलेन. तीन दिन धरि खूब मौज मस्ती भेलैक.एहि मौका पर जकरा जे उपहार मोन भेलैक, सहपाठी सब ले अनने छल. हमरा लोकनि तीन गोटे अपन-अपन प्रकाशित पोथी सेहो सबकें उपहारमें देलियनि. दू टा पोथी मैथिलीक रहैक आ एकटा हिन्दी. पोथी सब मुफ्त भेटैत रहैक, तें, जेहो नहिं पढ़निहार सेहो मांगि-मांगि पोथी जमा केलनि आ ल’ गेलाह.

वर्ष 2020. अंत सितम्बर. लेखक-कविक एहि तीन गोटेक  बीच एक व्यक्ति अपन कोनो दोहा व्हाट्सएप्प ग्रुप पर पोस्ट केलनि. हम हुनका हुनक उपनाम, जे हुनक उपहार स्वरुप देल पोथी में मुद्रित रहनि, ताहिसं संबोधित कय प्रसंशा कयलियनि, तं, लागल जे सहपाठी सब हुनक नामसं  सर्वथा अपरिचित रहथि. मुश्किलसं दू गोटेकें मोन रहनि जे हमर  ओ सहपाठी-कवि तीन वर्ष पूर्व सबकें अपन पोथी उपहारमें देने रहथिन ! ओकरे विपरीत, ओही सम्मेलनमें दक्षिण भारत स्थित हमर एक सहपाठी विशाखापत्तनमसं सब ले आंध्रप्रदेशक पूर्वी गोदावरी जिलाक एकटा विशिष्ट मधुर- पूतारेकुलु- अनने रहथि. हमरा मोन अछि, मीटिंग हॉल में राखल ओहि  मधुरकें लोक हाथे-हाथ तेना लोकि लेने रहैक जे हमरा अपन हिस्सा  नहिंए भेटि सकल ! ततबे नहिं, एखनो चारि वर्षक बाद एखनो ओ मधुर सबकें मोने छैक.

पटनाक ओहि सम्मेलनमें हमहूं अपन एकटा पोथी बंटने रही. किन्तु, साहित्यकार समेत, हमर कोनो सहपाठी ओहि  पोथीक विषयमें फोन केने हेताह वा दू पांती चिठ्ठी वा मेल लिखने हेताह से मोन नहिं अछि. ओकर विपरीत पछिला 2018 में कोच्ची , केरलमें हमरा लोकनिक बैचक सम्मलेन भेल छल. ओतय हमर समेत, आन मित्र लोकनि जे किछु उपहार ल’ गेल रहथिन, सबकें मोन छैक. किएक, से बुझबाले न्यूटन वा आइन्सटाइनक दिमाग नहिं चाही !

आब एखनुक गप्प करी. हालमें हमर एकटा नव पोथी छपल. बहुतो गोटेकें ओ पोथी पहुँचलनि-ए. मुदा, पहुँचनामा देनिहारक संख्या एक हाथक आंगुरपर गनला पर एखनो किछु आंगुर बंचले अछि. तें, हमर विचार जे मुफ्तहु में पोथी हुनके दियनि जे पढ़थि. कारण, कतेक गोटे मुफ्त भेटलासं माहुरहु ले हाथ पसारि दैत छथिन.

एहि विषयमें बहुत दिन पूर्व सुनल एकटा कथा मन पड़ैत अछि: एक गोटे कें टाकाक अभाव नहिं रहनि. ताहि पर ककरोसं सुनने छलाह जे ब्लड हाउंड जातिक कुकूर राखब प्रतिष्ठा आ ऐश्वर्यक प्रतीक थिकैक. फलतः, पहुंचि गेलाह ब्लड हाउंड किनय. मुदा, खरीददारक व्यक्तित्वकें देखि बेचनिहार हुनका हाथें ब्लडहाउंड  कुकुर बेचब अस्वीकार क’ देलकनि. बेचारे, हताश भेलाह. तामसो भेलनि. मुदा, व्यर्थ. कारण, कुकुर पोसनिहार कहलकनि, अहाँक व्यक्तित्व ब्लड हाउंड पोसबाक हेतु उपयुक्त नहिं अछि ! अस्तु, हमरा जनैत केवल पोथीक मोल सं परिचित व्यक्ति वा पढ़निहारे टा कें मुफ्तो पोथी लेबाक अधिकार छनि !         


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