Retinopathy of prematurity (ROP)
Retinopathy of prematurity (ROP)
समय पूर्व जनमल (Preterm
birth) शिशुक आँखिक रोग थिक; ई रोग आँखिक संवेदी पर्दा, रेटिना, कें प्रभावित करैछ
आ दृष्टिहीनताक कारण भए सकैछ. ज्ञातव्य
थिक, समय-पूर्व (Preterm)
जन्म नवजातक मृत्युक प्रमुख कारण थिक. एकर अतिरिक्त, समय-पूर्व जनमल शिशुकें अनेक
आनो बीमारीक खतरा रहैत छैक; एहि में सेरेब्रल पाल्सी (लकबा ),संज्ञा-शून्यता,मंद-बुद्धि
आ श्वासक रोग प्रमुख थिक. स्वास्थ्य सेवा आ शिशु-चिकित्साक क्षेत्रमें गुणात्मक
परिवर्तनक कारण नवजात शिशु (जन्मसँ 28 दिन धरिक वयसक) क मृत्युक संख्या घटलैक अछि.
मुदा, रेटिना क रोग- Retinopathy
of prematurity(ROP)- सँ अंधताक खतराक विषय में
जनसामान्य आ चिकित्सक समुदाय में जानकारी थोड़ छैक. एहि लेखक उद्देश्य Retinopathy of prematurity (ROP) क विषयमें जनसामान्यक हेतु आवश्यक
सूचना देब थिक. [1,2]
समय-पूर्व
शिशुक रेटिनाक रोग, Retinopathy of prematurity (ROP)
समय-पूर्व जनमल
शिशुक रेटिनाक रोग, ROP,
आँखिक पर्दा,रेटिना,क रोग थिक; एहिसँ अन्धता संभव अछि. जाहि नेनाक जन्म पूर-समयसँ
चारि हफ्ता वा ओहिसँ बेसिए पहिने होइछ, आ जकर चिकित्सा सघन शिशु चिकित्सा केंद्र (
Neonatal Intensive
Care Unit) में भेल होइछ, ओकर
आँखि कें (ROP) सँ प्रभावित हएबाक खतरा होइछ.
ROP क मुख्य कारण थिक, अविकसित रेटिना
पर अत्यधिक ऑक्सीजनक दुष्प्रभाव. ऑक्सीजनक दुष्प्रभावक कारण रेटिनाक रक्त-नली (शिरा
आ धमनी)क अनियंत्रित विकाससँ रेटिना में
अनेक प्रकारक विकार उत्पन्न भए जाइछ जकरा वैज्ञानिक
भाषा में
ROP कहल
जाइछ. समय पर ROP क निदान आ चिकित्साक अभावसँ, रेटिना अन्ततः अपन स्थानसँ हंटि जाइछ, जकरा retinal detachment
कहल जाइछ. Retinal
detachment क कारण आँखिक ज्योति नष्ट भए जाइछ. एतेक कम वयस में
आँखिक ज्योतिक कम हयबाक दुष्परिणाम बूझब कठिन नहिं. अतः, ROP सँ दृष्टिक बचावक हेतु नियमतः प्रत्येक
समय-पूर्व शिशुक आँखि जाँचक हेतु राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमक अंतर्गत भारत
सरकारक दिशानिर्देश छैक. तथापि, जानकारी आ आँखिक जाँचक सुविधाक अभावक कारण दिशानिर्देशक पालन में
ढिलाईक दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम कदाचित समाचारक सुर्खी अबैछ. किन्तु, ततबे. वर्ष 2019
में दिल्लीक महाराज अग्रसेन अस्पतालक ROP क कारण समाचार में आयल छल. ओहि अस्पताल
में चिकित्सा ले आयल एक शिशुक ROP क कारण आँखिक रोशनी नष्ट भए गेल रहैक. सुप्रीम
कोर्ट महाराज अग्रसेन अस्पतालक डाक्टर लोकनि कें एहि त्रासदीक जिम्मेदार मानि पीड़ित परिवारकें 76 लाख टाकाक हर्जाना मंजूर
कयने रहैक. तथापि, एखनो जनसामान्य आ स्वास्थ्य सेवा में ROP क
विषय में जानकारीक अभाव तं अछिए, अधिकतर अस्पताल में समय-पूर्व शिशुक रेटिनाक नियमतः
जाँच नहिं भए पबैछ. हाल में हमर एक मित्रक परिवार में एक समय-पूर्ण नेनाक जन्म भेल
रहनि. हम ROP क हेतु आँखि जांचक सुझाव देलियनि. मुदा,
बच्चाक रेटिनाक जाँच नहिं भेलैक ! ओना, प्रत्येक समय-पूर्व शिशु ( preterm infant )
कें रेटिनाक रोग नहिं होइछ,से सत्य थिक.
ROP क हेतु शिशुक आँखिक
जाँच (Screening for ROP)
भारत में दिशानिर्देशक
अनुसार सघन शिशु चिकित्सा केंद्र ( Neonatal Intensive Care Unit)
में चिकित्सा भेल निम्नलिखित शिशुक आँखिकक
पर्दाक जाँच अनिवार्य अछि :
1. गर्भ-धारणक
34 हफ्ता वा ओहिसँ पूर्व जन्मल शिशु, जकरा आनो रोग सबहक खतरा होइक वा सघन चिकित्सा
भेल होइक.
2. जन्मक समय
2000 ग्राम वा ओहिसँ कम वजन
3. गर्भ-धारणक
34 हफ्ताक पछाति जन्मल शिशु जकरा आन रोग सबहक खतरा होइक.
4. शिशु-रोग
चिकित्सक द्वारा समय-पूर्व (Preterm ) मानल गेल शिशु
ROP क
आँखिक जाँचक समय
1. ROP क हेतु
शिशुक आँखिक पहिल जाँच जन्मक 25-30 दिनुक भीतर निर्दिष्ट छैक.
2. जं
शिशु जन्मक 25 दिनसँ पहिनहि अस्पतालसँ डिस्चार्ज
होइत हो तं अस्पतालसँ डिस्चार्जसँ शिशुक आँखिक
जाँच वांछित थिक.
शिशुक आँखिक जाँच अस्पतालक Neonatal Intensive
Care Unit वा
आँखि-विभाग में भए सकैत छैक. जाँचक परिणाम कें तिथिक संग शिशुक केस-रिकॉर्ड में
लिखल जयबाक चाही. जं, जाँचक अनुसार शिशुक आँखि में नुकसान करबा योग्य रोग ( sight-threatening ROP
) होइक, आ चिकित्सा आवश्यक होइक तं जाँचक 48
घंटाक भीतर लेज़र द्वारा ROP
क चिकित्सा आरंभ हेबाक चाही. संगहिं, भविष्य में शिशुक आँखिक पुनः जाँचक आवश्यकताक
सूचना शिशुक माता-पिता कें उपलब्ध हेबाक चाही.
ROP क
हेतु आँखिक जाँचक विधि
ROP क
हेतु आँखिक जाँच सामान्य टॉर्चसँ असंभव अछि. ई जाँच आँखिक पर्दाक जाँच थिक. तें, जाँचसँ
पूर्व शिशुक आँखि में पुतलीक आकार बढ़यबाबला बूँद द’ कए आँखिक पुतलीक आकार बढ़ाओल
जाइछ. तकर पछाति आँखिक डाक्टर अथवा प्रशिक्षित तकनीशियन विशेष यंत्र- Indirect ophthalmoscope
क सहायतासँ आँखिक पर्दा-रेटिनाक- जाँच करैत छथि. जाँचक परिणामकें शिशुक केस
रिकॉर्ड में तिथि आ समय सहित रिकॉर्ड कयल जाइछ. चिकित्साक आवश्यकता भेलासँ लेज़रक
द्वारा रेटिना विशेषज्ञ ROP
क चिकित्सा करैत छथि. चिकित्सा कोना आ
कहिया धरि हेतैक, से रेटिना विशेषज्ञ निर्धारित करैत छथि. ई सूचना माता-पिता कें
देब आ अस्पतालक रेकॉर्ड में राखब अस्पताल / चिकित्सकक दायित्व थिक. जाहिसँ आवश्यकता
पड़ला पर शिशुकें अस्पताल बजाओल जा सकय आ रोगक समुचित चिकित्सा भए सकैक.
सारांश
Retinopathy of prematurity(ROP)
समय पूर्व जन्मल शिशु (Preterm
birth) क
आँखिक
पर्दाक कठिन
रोग थिक. ई रोग प्रत्येक समय-पूर्व शिशुकें नहिं होइछ. मुदा, आँखिकें नुकसान करबा योग्य रोग ( sight-threatening ROP
) भेला पर दृष्टि बाधित भए सकैछ. Neonatal Intensive Care Unit में खास कए ऑक्सीजन द्वारा सघन
चिकित्सा, आ दोसर किछु शारीरिक रोगक संयोग Retinopathy of prematurity (ROP)
क खतरा बढ़बैछ. तें, गर्भाधानसँ 34 हफ्ता वा ओहिसँ कम समयमें जन्मल, वा जन्मक समय
2000 ग्रामसँ कम वजनक शिशुक आँखिक रेटिनाक जाँच अस्पतालसँ डिस्चार्ज हेबासँ पहिने
हयबाक चाही. शिशुक आँखिक रोशनी कें ROP क
दुष्प्रभावसँ बचयवाक हेतु ई आवश्यक थिक.
समय-पूर्व जनमल शिशुक (Preterm
birth) बचबाक (survival) में लगातार सुधारक कारण
ई सूचना लोकहित में प्रासंगिक अछि.
संदर्भ :
1.https://www.nhm.gov.in/images/pdf/programmes/RBSK/Resource_Documents/Revised_ROP_Guidelines-Web_Optimized.pdf
accessed 15 Nov 2021
2. Shukla R, Murthy GVS, Gilbert C, Vidyadhar B, Mukpalkar S.
Operational guidelines for ROP in India: A summary. Indian J Ophthalmol.
2020;68(Suppl 1):S108-S114. doi:10.4103/ijo.IJO_1827_19
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