Tuesday, July 12, 2022

पुरान डाक्टरी रिकॉर्ड राखि अपन चिकित्सा मे सहायक बनी

 

पुरान डाक्टरी रिकॉर्ड राखि अपन चिकित्सा मे सहायक बनी

रोगकें चिन्हब उचित चिकित्साक पहिल आवश्यकता थिक. रोगकें चिन्हबाक प्रक्रियाकें ‘ निदान’ वा diagnosis कहल जाइछ. चिकित्सा शास्त्रमे रोग निदान ( diagnosis) क हेतु तीन टा मुख्य प्रस्थान विन्दु अछि: रोगक लक्षण आ रोग इतिहास (history), रोगीक शरीरक परीक्षा ( clinical examination), आ जांच-पड़ताल( investigations). रोगीक मेडिकल रिकॉर्ड सेहो रोगक इतिहास (history)क अनेक विन्दु म सँ  एक थिक. संयोगसँ  चिकित्सा-शास्त्रक  आधुनिक विकासक संग-संग, जेना-जेना जांच-पड़ताल( investigations)क सुविधा आ संख्या बढ़लैक अछि, रोगक विकासक इतिहास (history), रोगीक शरीरक परीक्षा ( clinical examination) क्रमशः गौण होइत गेलैए. मुदा, एकर महत्व कम नहि भेलैए.

जेना कहल, रोगक इतिहास (history)क अनेक आयाम छैक. मुदा, एतय हम रोगक इतिहास (history) म सँ एक, चिकित्साक इतिहास आ मेडिकल रिकॉर्ड पर अपन ध्यान केन्द्रित करी. एकर कारण हमर अपन अनुभव अछि. पैसा-कौड़ी नहि हेड़ाए एहि हेतु सब साकांछ रहैछ. ई अनुभव थिक. मुदा, मेडिकल रिकॉर्ड लोक कदाचिते सम्हारि कए रखैछ. ई हमरा हरदम अखरैत रहल अछि. अस्तु, एहि लेख मे उचित चिकित्सा मे डाक्टरी रिकॉर्डक उचित रखरखावक महत्वकें रेखांकित करब हमर ध्येय अछि.

चिकित्सा शास्त्रमें रोगक विकासक इतिहास (history) कें अनेक भागमे विभक्त कयल जाइछ. रोगक चिकित्साक इतिहास ओकर केवल एकटा किन्तु महत्वपूर्ण अंग थिक. रोगी वा परिचारकक देल सूचना आ डाक्टरी रिकॉर्ड ( medical record) चिकित्साक इतिहासक दू गोट श्रोत थिक. एहि म सँ  डाक्टरी रिकॉर्ड रोगक चिकित्सा मे हेतु कोन रूपें सहायक होइछ से विन्दु-विन्दु देखल जाय. संग-संग किछु उदाहरण सेहो देखबैक.

उत्तम कोटिक डाक्टरी रिकॉर्ड देखला सबसँनिम्न लिखित सूचना सोझे उपलब्ध भए जाइछ:

            - व्यक्तिक रोगक इतिहास

            - जांच-पड़तालक परिणाम

- रोगक निदान, आ निदान मे भेल चूक

            - औषधिक प्रभाव आ दुष्प्रभाव

            -  ऑपरेशनक  परिणाम

            - कानूनी साक्ष्य (medicolegal evidence) 

आब उपरोक्त प्रत्येक विन्दु पर क्रमशः विचार करी.

व्यक्तिक रोगक इतिहास

सामाजिक परिस्थिति, जलवायु, भोजनक परिपाटी, आ जीवन पद्धतिक अनुकूल प्रत्येक समाज आ प्रत्येक युग आ भूभाग मे किछु प्रकारक रोग आम होइत छैक. जेना, अविकसित आ गरीब देश मे टी बी, कुपोषण, मलेरिया, अनीमिया. समृद्ध समाज मे  मधुमेह( diabetes), उच्च रक्तचाप ( high blood pressure), मदिरा सेवन, मानसिक रोग, आदि. ई रोग सब किछु आन रोग सबकें नोति अनैछ. जेना, डायबिटीजसँ आँखि, ह्रदय, स्नायु, किडनी, आ चमड़ाक रोग. उच्च रक्तचापसँ ह्रदय रोग, किडनीक रोग, पक्षाघात आ आँखिक रोग. मदिरा सेवनसँ लीवरक रोग आ कुपोषण. नेनाक कुपोषणसँ आँखिक समस्या आ शारीरिक विकासक ह्रास, इत्यादि. अतः, पुरान मेडिकल रिकॉर्डसँ एहि प्रकारक रोगक जानकारी भेने, चिकित्सक ओहि आन सब अंगक विशेषतः परीक्षा करैत छथि, जाहि पर मूल रोगक दुष्प्रभावक अंदेशा रहैत छैक. समय रहैत जाँच आ उपचारसँ अचानक नव रोगसँ   रोगीक रक्षा होइत छैक.        

रोगक निदान

रोगक निदान शब्द जतेक सरल बूझि पड़ैछ, ई ओतेक सुलभ नहि. तथापि, कतेको रोगक निदान देखिते संभव होइछ, जेना, घेघ, आँखिक टेढ़/ डेढ़ हएब. कतेको रोगक निदानमे सब प्रयासक पछातिओ सफलता नहि भेटैछ. कतेक बेर तं चिकित्सा करैत-करैत रोगक प्रकृति बुझबा मे अबैछ. तथापि, सामान्य परिस्थिति मे अधिकतर रोगक निदान संभव होइछ. निदान संभव भेल तं चिकित्साक रास्ता खूजैछ. मुदा, आशानुरूप परिणामक अभाव मे उपलब्ध प्रमाणक आधार पर रोगक सही वा त्रुटिपूर्ण निदान स्पष्ट भए जाइछ. संभव छैक, त्रुटिपूर्ण निदानसँ रोग मे सुधार नहि हेतैक आ रोगी स्वयं ई बूझि जयताह. मुदा, से सदा होइत नहि छैक. मूलतः तखन, जखन रोग में अंशतः सुधार होइत छैक, वा रोगक लक्षण बहुत बेसी कष्टदायक नहि होइछ. तथापि,  रोग बढ़ला पर निदान आ चिकित्साक पुनर्मूल्यांकन आवश्यक भए जाइछ. एहन परिस्थिति मे मेडिकल रिकॉर्ड त्रुटिक पहचान मे सहायक होइछ.

जांच-पड़तालक परिणाम

बहुत दिन पूर्व पढ़ने रही: ‘केवल जांच-पड़ताल करब पर्याप्त नहि, परिणामक उचित निष्कर्ष निकालबाक ऊहि आ दृष्टि सेहो चाही.’ ई उक्ति सोलह आना सत्य. एकटा उदाहरण दैत छी: बहुत दिन पूर्वक गप्प थिक. हमरा लग आँखिक एक रोगी आयल रहथि. भारतीय सेनाक सैनिक. हुनका शान्तिकालीन युद्ध-अभ्यास मे आँखि मे  चोट लागल छलनि. समय पर ऑपरेशन भेलनि. आँखिक रोशनी मे सुधार भेलनि. मुदा, किछुए दिनक पछाति, आँखिक रोशनी मे पुनः ह्रास होमए लगलनि. ओ ओही समस्याक हेतु हमरा लग आयल रहथि.

विकसित देश जकाँ, सेना मे सैनिकक मेडिकल रिकॉर्ड रखबाक नियम छैक. ततबे नहि अस्पताल मे भर्ती भेला पर रिकॉर्ड सब ठाम रोगीक संग-संग जाइत छैक. आ आवश्यक भेला पर पछिला रिकॉर्ड डाकसँ मंगयबाक सुविधा छैक. उपरोक्त सैनिकक परीक्षाक संग-संग हम हुनक रिकॉर्डक जांच कयलहुँ. तं स्थिति साफ़ भए गेल. वस्तुतः, चोटक समय ओहि सैनिकक आँखिक डिम्हा मे धातुक एकटा सूक्ष्म कन्नी चल गेल रहनि. से मेडिकल रिकॉर्ड मे उपलब्ध पुरान एक्स-रे मे साफ़ छल. किन्तु, ऑपरेशनक रिकॉर्ड मे आँखि म सँ  धातुक ओहि टुकड़ा के निकालबाक चर्चा नहि छलैक ! अस्तु, संभव छैक, रोगीक एक्स-रे चाहे तं देखल नहि गेलैक, वा देखला पर एक्स-रे मे उपलब्ध साक्ष्य पर पहिल डाक्टरक नजरि नहि गेलनि !

ततबे नहि, हाल-साल मे कयल एहन जाँच-पड़ताल जाहिसँ किछु रोग स्वतः प्रमाणित होइछ वा निरस्त भए जाइछ, तकरा दोहरयबाक काजो नहि होइछ. फलतः, ओहिसँ अर्थ आ समय दुनूक बचत होइछ. ज्ञातव्य थिक, किछु जाँच-पड़ताल एहनो होइछ- जेना, एक्स-रे आ सीटी स्कैन . बेर-बेर एक्स-रे आ सीटी स्कैन  शरीरक हेतु हानिकारक होइछ.

सर्वविदित अछि, अपना ओतय जनताक स्वास्थ्य आ चिकित्साक हेतु कोनो एक संस्थाक जिम्मेवारीक अभाव मे जनसाधारणक स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड कतहु भेटब असंभव. संभव अछि, भविष्य मे एहि दिशा मे प्रगति हो.   

औषधिक प्रभाव आ दुष्प्रभाव

प्रत्येक औषधि एक, वा एकाधिक रसायनक संयोग थिक. चिकित्सा-शास्त्र मे एहन कोनो औषधि नहि भेटत, जकर कोनो दुष्प्रभाव नहि होइक. मुदा, जहाँ आम औषधिक अधिकतर दुष्प्रभाव मामूली होइछ, दोसर किछु औषधिक दुष्प्रभाव सामान्यो खोराक मे रोगीक हेतु सहन करब कठिन होइछ. तथापि, ई बड़का समस्या नहि. बड़का समस्या थिक औषधिक दूरगामी आ स्थायी दुष्प्रभाव. चिकित्साक रिकॉर्ड देखलासँ अनुभवी चिकित्सक  ध्यान ओम्हरो जाइत छनि. दू गोट उदाहरण देखी:

(क)    एक टा छोट नेनाकें करीब पाँचे बरखक वयससँ प्रति वर्ष गरमीक मास मे आँखिक नोचब आ लाली शुरू भए जाइक. अनुभवी चिकित्सक तेहन औषधि देथिन जे समस्या तुरत समाप्त भए जाइक. तें, प्रत्येक जांच मे डाक्टर एहि नेनाक हेतु ओएह औषधि लिखैत गेलाह. किन्तु, एकाएक दस वर्षक वयस  मे नेनाकें सूझब कम भए गेलैक. फलतः, दोसर डाक्टर जखन परीक्षा केलखिन तं साबित भेल जे निरंतर corticosteroid रसायनक प्रयोगसँ नेनाक दुनू आँखि मे तेहन मोतियाविन्दु आ ग्लौकोमा भए गेलैक जे दसे वर्षक वयस मे मोतियाविन्दुक ऑपरेशन करय पड़ि गेलैक ! ई लापरवाही भेल. मुदा, नोकसान तं भए गेलैक. उचित छलैक जे पहिल डाक्टर औषधिक एहि दुष्प्रभावक प्रति सजग रहितथि.

(ख)   मध्यवयसाहु महिला. हाई ब्लडप्रेशर. किडनी मे पाथर. ऑपरेशन भेल. पाथर तोड़ल गेल. फेर पाथर. फेर तोड़ल गेल. मुदा, डाक्टरक ध्यान ओम्हर नहि गेलनि जे आखिर एहि रोगीकें पुनः-पुनः किडनी मे पाथर किएक होइत छनि. पछाति दोसर ठाम रक्तक जाँचसँ महिलाक पैराथाइरॉइड ग्रन्थिक होर्मोनक अत्यधिक स्राव कायम भेलनि. फलतः, कंठ मे स्थित पैराथाइरॉइड ग्रन्थि ऑपरेशनसँ निकालल गेल. आब किडनी में पाथर बनब स्वतः बन्न भए गेल छनि !             

ऑपरेशन आ ऑपरेशनक  परिणाम

अनेक रोगक एकाधिक भिन्न-भिन्न ऑपरेशनक विधान छैक. रोगीक शरीरक परीक्षासँ बहुतो तथ्य स्वयं सोझाँ अबैछ. किछु सरलतासँ, किछु जाँच पड़तालसँ. जेना, हर्निया वा हाइड्रोशीलक पछाति रोगीकें स्वतः परिणाम बुझबा मे आबि जाइछ. मोतियाबिंदुक ऑपरेशनक पछाति, आँखिक रोशनी मे  सुधार स्वयं परिणाम बुझबा मे आबि जाइछ. मुदा, कोनो स्त्रीक  वंध्याकरणक ऑपरेशन सफल भेलैक कि नहि, से रोगीके तुरत बुझब कठिन. तें, मेडिकल रिकॉर्डक परीक्षासँ चिकित्सककें पहिने भेल चिकित्सा आ ऑपरेशनक परिणामक अनुसार चिकित्साक योजना बनयबा मे सहायता होइत छनि.

कानूनी साक्ष्य (medicolegal evidence) 

‘औषधोजाह्नवी तोयं वैद्यो नारायणो हरिः’ कोनो युगक हेतु ने सत्य छल, ने आइ अछि. औषधि रसायन थिक, चिकित्सक वैज्ञानिक थिकाह. ततबे. तखन, जेना रसायनक गुण आ दुर्गुण दुनू होइत छैक, वैज्ञानिक आ चिकित्सकक प्रयास सफलो होइछ, विफलो होइछ. करोड़ों डॉलर केर अंतरिक्षयान सेहो ध्वस्त भए जाइछ आ डाक्टर सेहो लापरवाही मे वा निष्कर्ष मे त्रुटि ( error of judgement ) क कारण अपन प्रयास मे विफल होइत छथि. वर्तमान युग मे जहाँ डाक्टरक लापरवाहीक कारण रोगीक हानि दण्डनीय थिक, ओत्तहि  निष्कर्ष मे त्रुटि ( error of judgement) प्रमाण चिकित्सककें बचाइओ सकैत अछि. अस्तु, दुनू परिस्थिति मे मेडिकल रिकॉर्ड उपयोगी होइछ.

अस्तु, मेडिकल रिकॉर्ड कें सम्हारि कए राखब अनेक अर्थमे रोगीक हेतु लाभकारी आ उचित चिकित्सा मे  सहायक होइछ. परिवारक प्रत्येक सदस्यक मेडिकल रिकॉर्ड के  फूट-फूट फाइल मे राखब नीक अभ्यासक संग उपयोगी व्यवहार थिक. संगहि, प्रयास राखी जे डाक्टरक सलाह लेबा काल अपन पुरान रिकॉर्ड संग रहय, जाहिसँ उचित निदान, सही चिकित्सा, आ अर्थ आ शरीरक बचाव संभव हो. हं, मेडिकल व्यवसाय स्वयं कतेक बेर मेडिकल रिकॉर्ड बनेबा मे लापरवाही करैछ, आ फल भोगैछ. किन्तु, चिकित्साक रिकॉर्ड रोगीकें भेटनि से हुनक अधिकार थिकनि. ओकरा ओ सम्हारि कए राखथि आ चिकित्सक लग अपना संग आनथि, से हुनक दायित्व थिकनि.

   

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