Saturday, December 2, 2017

हिमाच्छादित पर्वतमाला, मारुख नदी आ मरुभूमिक क्षेत्र: नुब्रा




हिमाच्छादित पर्वतमाला, मारुख नदी आ मरुभूमिक क्षेत्र: नुब्रा उपत्यका

शिमला, मसूरी, दार्जीलिंग, कतहु जायब हिमाच्छादित पर्वतमालाक दर्शन हयबे करत. जाडक मास होइ आ बर्फ खसैक तं बर्फ लगहु में देखबैक. जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर जाउ सर्वत्र जहां धरि नजरि जायत, बालुए-बालु. कतहु-कतहु समुद्रक लहरि जकां लहरैत-सन बालुक अजस्र बालुक पैघ-पैघ ढेर (sand dune) सेहो भेटत.सिमरिया-पटना- प्रयाग-बनारस जाउ अओर किछु भेटय वा नहिं निरंतर बहैत गंगाक दर्शन अवश्ये हयत. किन्तु, एके जं ठाम सैंड-ड्यून, मरुभूमि, आ  हिमाच्छादित पर्वतमालाक पयर पखारैत विशाल-मारुख नदीक आश्चर्यनक संगम  देखबाक मनोरथ हो तं हमर संग भ जाउ आ नुब्रा चलू. हं, एहि बेर हम लेह सं उत्तर मुंह विदा भेल छी. हमरा तं ठीके बहुत दूर जयबाक अछि. मुदा, लेह धरि पहुचल पर्यटक अओर कतहु जाथि वा नहिं, लेह सं उत्तर- खरदुंग-ला- तं जयबे करताह. बहुतो गोटे ले खरदुंग-ला क  यात्रा माउंट एवेरेस्टक यात्रा सं कम नहिं. तकर कारणों छैक: माउंट एवेरेस्ट चढ़बाले स्वस्थ शरीर, बाहुबल, श्रम, आ साधन, सब किछु चाही. किन्तु, एवेरेस्ट चढ़बाले कोनो पक्की सडक आ मोटरगाड़ी तं छोडू, कोनो खुरबटिया धरि नहिं छैक. मुदा, करीब 18000 फुटसं उंच खरदुंग-ला होइत ऑल-वेदर-हाईवे ( सब ऋतुमें चालू सड़क ) लेह कें नुब्रा उपत्यका सं जोडइत अछि. तें, जनिका मनोरथ होइनि कार-टैक्सी-मोटर साइकिल सं खरदुंग-ला भ आबथु. आ आपस जा कय मित्र-बंधु-बान्धवकें खरदुंग-ला विजयक यशोगाथा सुनाबथु !
लेहसं खरदुंग-लाक करीब आधासं बेसी बाट नीक जकां पक्की छैक. लेह सं करीब 25 किलोमीटर उत्तर, साउथ पुलु नामक स्थानक मिलिट्री चेक-पोस्ट सं आगू, निरंतर ढहैत माटि आ पघिलैत बर्फक कारण सडक उबड़-खाबड़ होबय लगैत छैक. चढ़ाई बेसी होमय लगैत छैक. इलाकाक परिदृश्य एकदम सपाट. कतहु-कतहु जमल बर्फ आ उड़इत चिड़इ अल्पाइन चाउ- कौआक जातिक, किन्तु, नारंगी रंगक लोल आ चांगुरबला पक्षी- देखबैक. गर्मिक मासमें पहाड़क पक्खा सब पर खरहाक आकारक, मुसना रंगक जंतु- मर्मट- बिल सं बाहर बैसल देखबैक. मनुखकें देखिते मर्मट बीलमें नुका जाइछ. मुदा, चील सब अपन शिकार कइए लैछ. एम्हर गाछ वृक्षक कतहु नामो-निसान नहिं.
खर्दुंग-ला पर तापमान सालो भरि शून्यक करीब सं ल कय, शून्य सं 35 डिग्री नीचा धरि रहैछ. तें, खर्दुंग-ला पर आउ फोटो खिचाऊ आ उत्तर वा दक्षिण जेम्हर जेबाक हो आगू बढ़ू. हमरा तं एतय अबिते प्रत्येक बेर अनुभव भेल जेना वायुक तरंगपर फूल-जकां  उधिया रहल होइ. लद्दाखी मूलक हमर तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर कर्नल स्मान्लाक अनुभव सेहो हमर अनुभव सं मिलैत छनि, से ओ कहलनि. लद्दाख़क आन कोनो पास-जकां एत्तहु फहराइत अजस्र बौद्ध पताकाक पंक्ति, हिन्दू मंदिर आ बौद्ध पूजा-स्थल-गोम्पा देखबे करबैक. खर्दुंग-ला पर आब सौवेनिरक दोकान सेहो खुजि गेलैये.    हम एहिबेर सातम बेर खरदुंग-ला पार करब. ई कोनो रिकॉर्ड बनेबा ले नहिं. ई तं हमर रोजी-रोटी थिक. तथापि एहि बेर शयोक आ नुब्रा नदीक जलक स्पर्श करब. काराकोरमकें, भले दूरे सं , देखबैक. पानामिक गाओंक उष्ण जलक स्पर्श हयत. (सुनैत छी ओहि झरनाक गर्म जल में अद्भुत रोग-निरोधक गुण छैक.)  सियाचिन ग्लेशियरक (मुहानापर जतय नुब्रा नदीक उद्गम छैक) सर्व धर्म पूजा स्थलकें देखब. खर्दुंग-ला पास पर उत्तर मुँहे ठाढ़ भेलापर दूर में काराकोरम पर्वतमालाक दर्शन हयत. 
खर्दुंग-ला पर दक्षिण मुँहे ठाढ़ लेखक, पाछूमें नुब्रा आ दूर में काराकोरम पर्वतमाला
एतयसं लद्दाख़ पर्वतमालाक अनेक बाधा पार करैत, जनशून्य भूमि आ मृत्युक उपत्यका होइत व्यापारी लोकनिक घोड़ा, खच्चर, आ ऊंट (bactrian camel) केर कारवां माल-असबाब ल कय काराकोरम पास( दर्रा ) होइत काशगार, यारकंद, आ सिल्क-रूट पर धरि जाइत छलाह. ओहि समय में कश्मीरक राजाक एकटा सराय काराकोरम पासक उत्तर शहादुल्ला धरि में सेहो रहनि. किन्तु, आब ई सब इतिहास भ चुकल अछि. यद्यपि भारतीय सेनाक अधिकार क्षेत्र उत्तरमें काराकोरम दर्रा धरि छैक. ओहि सं दक्षिण दौलत बेग ओल्डी इलाकामें भारतीय सेनाक एयर स्ट्रिप छैक. किन्तु, ओम्हरुका इलाका में एखन पर्यटन केर अनुमति नहिं. असल में हेबो कोना करतैक ! ऊँचाई, जलवायु सबटा प्रतिकूल. आबादी, गाछ-वृक्ष आ आधारभूत संरचना एकदम नहिं.
खर्दुंग-ला सं आगू नुब्रा जेबाले खड़ा ढलान आरभ होइत छैक. सडक कच्चा-जकां. मिलिटरी गाड़ी सबहक आवागमन सबसं बेसी. करीब 15 किलोमीटर केर बाद नार्थपुलुक  मिलिटरी चेक-पोस्ट. आ तकर बाद नुब्रा इलाकाक पहिल गाँव खर्दुंग. हमरा लोकनि आब नुब्रा में पहुंचि चुकल छी. तें, ओकरे गप्प करी.
खर्दुंग-ला सं उत्तरकेर उपत्यका आ दूर में कराकोरम पर्वतमाला
                                                                               



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