COVID-19:
अजगुत आ अद्भुत
एक दिनक जनता कर्फ्यूक पछाति तीन
हफ़्ताक राष्ट्रव्यापी तालाबंदी आवश्यक किन्तु अभूतपूर्व अछि. अभूतपूर्व परिस्थितिक
अभूतपूर्व समाधान चाही. से समाजमे विभिन्न
स्तरपर जारी अछि. हम COVID-19 क कारण विश्वव्यापी संकटक गप्प कय रहल छी.
एहन परिस्थितिमें सैकड़ो ठाम हज़ारो लोक
समाजमें अजगुत आ अद्भुत घटना सब देखि रहल अछि. किछु नमूना : तेलंगाना राज्यक एकटा महिला शिक्षक, रज़िया, बंदीक
स्थितिमें बेटाके अपन घर अनबा लय स्कूटरसं एसगरे निज़ामाबादसं नेल्लोर चल गेलीह आ
1400 कि मी क दूरी तय करैत अपन बेटाकें घर आपस अनलनि. हमर जेठ भाई कहलनि, ‘दिल्लीसं
कतेको मजदूर रिक्शापर बिहार पहुँचलाहे.’ आइ पढ़लहुं, महाराष्ट्रमें उड़ीसाक आप्रवासी
मजदूर, श्री जेना, एक हफ़्ताक साईकिल यात्राक पछाति 7 अप्रिलक महाराष्ट्रसं उड़ीसाक
जाजपुर पहुँचलाह.’ हं, एखन अपन इलाका पहुँचैत लोक सोझे क्वारंटाइन केंद्रमें जाइछ
से हिनकहु संग भेलनि, से भिन्न बात.
मुदा, अजुका भोरे जखन टीवी खोलल तं गुजरातक
सूरत शहरमें भूखल प्रवासी मजदूर लोकनि द्वारा कयल आगिजनीक दृश्य देखलहु. किन्तु, पेटक
अगड़ाही समाज धरि पहुँचैत छैक से कोनो नव नहिं. किन्तु, लन्दन निवासी एकटा अपन परिवारजन
द्वारा फेसबुकपर शेयर कयल लन्दनक ‘डेली टेलीग्राफ’ में प्रकाशित ब्रिटेनमें भुखमरीक
परिस्थितिक समाचार जेहने अजगुत लागल, तेहने आश्चर्यनक ! यद्यपि, कल्हुका हिंदुस्तान टाइम्समें गोवामें
फंसल ब्रिटिश नागरिक , ‘एंड्रू टेलर’ केर ई वक्तव्य सेहो पढ़ने रही जे, ‘ लंदनकेर परिस्थितिकें देखैत
हम एतय ( गोवामें ) बेसी सुरक्षित अनुभव क रहल छी ‘ !
हमरो सबहक लेल ई एकटा दस्तक टा नहिं, यथार्थ
थिक. मुदा, की हमरा लोकनि ई यथार्थ देखि रहल छी ? आ जं देखि रहल छी तं किछु कय रहल
छी ? आगू-आगू देखैत जाउ. किछु कय सकैत छी तं अवश्य करू.
समाचार कहैत अछि चेन्नई सं अमेरिका
धरि, बंदीसं सडक दुर्घटना आ दुर्घटना-जनित मृत्यु घटलैए. किन्तु, से अनुमान करब
कठिन नहिं. गाड़ी चलबे नहिं करतैक, तं दुर्घटना कोना हेतैक. मुदा, दिल्ली सं अबैत
समाचार कहैए, मादक द्रव्य आ अल्कोहलक बिक्रीक अभावमें बहुतो मदिरा-सेवी
लोकनिमें एकाएक मदिरा-सेवन बंद भेलासं इमरजेंसीक स्थिति भ रहल छैक. अस्पताल सब
कोरोनाक संग एकटा नव समस्यासं लड़ि रहल अछि. इहो अजगुते !
कहबी छैक, धन के बाजे घांटी, निर्धन
मिले माटी ! एहि मामलामें बेर- विपत्तिक डांग सेहो सबसँ पहिने दुर्बलेपर पड़ैत छैक.
से चाहे अमेरिका हो, वा अफ्रीका वा भारत. विगत बुध दिन अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड
ट्रम्प, तथा अमेरिकाक सर्जन जनरल जेरोम अडम्स , जे स्वयं अश्वेत आ अमेरिकाक दलित
वर्गक प्रतिनिधि-जकां छथि, एहि तथ्यक पुष्टि केलनि जे अमेरिका में एखनुक संकटमें
मृतक लोकनिमें अश्वेत लोकनि अधिसंख्यक छथि. फलतः, यद्यपि विश्व स्वास्थ्य संगठन सबकें
कोरोना संकटकें राजनीतिसं दूर रखबाक आह्वान केलक अछि, सर्जन जनरल जेरोम अडम्स कहैत
छथि, ‘चूकिं हम ओहि अश्वेत अमरीकीक प्रतिनिधित्व करैत छी, जनिकर लालन-पालन गरीब-जकां
भेल छलनि, तें आओर अनेक अमरीकी अश्वेत-जकां, हमरा COVID सं अनकर अपेक्षा बेसी खतरा
अछि ‘ ! ई विकसित देशक स्वास्थ्य विभागक मुखियाक वक्तव्य थिक !
हमर बिचारें, गरीब संकटक राजनीति नहिं
करैत अछि. प्रत्युत, संकटहुमें गरीबक गरीबी राजनितिक मुद्दा भ’ जाइछ. देखियौ, हमरा लोकनिक समाज एहि संकटमें आर्थिक
रूपें दुर्बल वर्गक रक्षा कोना करैत अछि.
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