Monday, May 11, 2015

पत्रकारिताक लक्ष्मणरेखा:अति सर्वत्र वर्जयेत

हम पत्रकार नहिं , मुदा ओहि पीढ़ीक नागरिक अवश्य छी जहिया पत्र-पत्रिका सूचना आ मनोरंजनक एकमात्र श्रोत छलैक . तहिया, ने इन्टरनेट छलैक, ने फेसबुक आ ने Whatsapp. फलतः, लोक सड़क पर माथ ऊपर उठाकय चलैत छल, आ पत्र-पत्रिका सामान्य-ज्ञान बढ़ेबाले आ नीक भाषा सिखबाले पढ़इत  छल . आब टीवीक प्रचार , चौबीस घंटा चैनेलक अष्टयाम आ इन्टरनेटक प्रतापें ने युवक वर्ग समाचारपत्र पढ़इत छथि  आ ने समाचार पत्रक भाषा अनुकरणीय रहि  गेलैये . उपर सं , समाचारक परिभाषा सेहो बदलि  गेलैये . अब प्राइम टाइम न्यूज़ केर विषय होइछ ,टीवी प्रोग्राम 'नच बलिये' में के जीतल, IPL मैच ले कोन खेलाड़ी कतेक में बिकयलाह ,  सासु-पुतहु टीवी सीरियल में ककर विवाह ककरा सं हेतैक वा ककरा सं के तलाक लेलक . पटनाक गंगापुल ध्वस्त भ जाऊ , कमला कातक लोक दहा जाओ . मुदा, प्रतिष्ठित अंग्रेजी चैनल पर चिकरा-चिकरी हयत IPL केर चेयरमैनशिप केर राजनीतिपर . कतेक बेर तं अंग्रेजीक चारिटा प्रतिष्ठित  टीवी चैनलकें बदलि लियअ, अहाँकें भले घुरमा लागि जाय, मुदा, सब ठाम एके विषय पर वाद-विवाद .  जेना , समाचारक अकाल पडि गेल होइ ! आखिर एकटा शहर दिल्ली . ओतय बैसल-बैसल कतेक समाचार भेटत ! ताहि पर उपरौंज , TRP आ ब्रेकिंग न्यूज़ ! गडकरी कहलखिन, ओ अपन फुलबारी अपने मूत्र सं  पटबैत छथि . पटबथु ! मुदा, अद्भुत गप्प जे इहो ब्रेकिंग न्यूज़ भ सकैत अछि ! जखनो पत्रकार, पीड़ित आ शोक संतप्त परिवार  सं पूछैत छलैक , 'आप का लड़का इस हादसे में मारा गया है आपको कैसा लगता है ' हमरा बड अनसोहांत लगैत छल.
पत्रकारक अभिप्राय, जे उत्तर भेटतनि- ' हमको भांगड़ा करने का मन होता है !'
हृदयहीनताक एहन उदाहरण हमरा लोकनि प्रतिदिन  दिन देखैत छलहु आ दुखी होइत रही . मुदा, suited-booted रोबोटनुमा पत्रकार लोकनि किएक सीख  लेताह . संयोगसं, नेपाल में विगत हफ्ताक भयानक भूकंपक पछाति सब पत्रकार लोकनि काठमांडू जुटलाह.  मुदा, बहुतो पत्रकारकें ई बुझबामें नहिं अयलनि जे इ भूकंप एकटा भयंकर मानवीय त्रासदी छल. ततबे नहिं, नेपाल एकटा सार्वभौम देश थिक आ  नेपाली नागरिक अपन देशक स्वतंत्रताक प्रति  अत्यंत संवेदनशील छथि . फलतः,  जखन भूकंप पीड़ित, शोक-संतप्त नागरिक सबसं sound-bite लेबाक आ breaking न्यूज़ फाइल करबाक जोश में पत्रकार लोकनि आदतन लक्ष्मण रेखा पार करय  लगलाह तं नेपालक नागरिक हिनका सब कें नेपालक सीमापार वापस  हेबाले बाध्य क देलकनि . पत्रकार लोकनिक अशोभनीय व्यवहारसं  भारतक प्रतिष्ठाके सेहो धक्का लगलैक. मुदा आब तकर की उपाय ?   तथापि ई दुःखद प्रकरण  भारतीय पत्रकारिता आ Visual Media क नेता लोकनिले  आत्ममंथनक विषय  थिक !

No comments:

Post a Comment

अहाँक सम्मति चाही.Your valuable comments are welcome.

मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान

कीर्तिनाथक आत्मालापक पटल पर 100 म  लेख   मैथिलीकें जियाकय कोना राखब: समस्या आ समाधान  कीर्तिनाथ झा वैश्वीकरण आ इन्टर...

हिन्दुस्तान का दिल देखो