अर्मला गाओं आ आमा समूह
अजुका साप्ताहिक
छुट्टीक दिन हमरा लोकनि पोखराक लगेक 'अर्मला' गाओंमे हेल्थ-पोस्टकेर उद्घाटनले आयल छी. आरंभ में करीब 5-7
किलोमीटर धरि पक्की सड़कक बाट छैक. तकर आगू
कच्ची सड़क, उबड़-खाबड़ बाट. बाटमे एकटा सुखायल धार सेहो अबैत छैक. एखन तं,
बस-जीप-मोटर-साइकिल, सब किछु सहजतासं धार पार केलक अछि. लगइए, बरसातक दिनमे नदी
अवश्य दुर्गम भ जाइत हेतैक. तें नदीपर झूला पुल सेहो छैक. नेपालकें भौगोलिकरूपें
तीन भाग मे बाँटल जाइछ : हिमाल ,पहाड़ , आ मधेस . सबठाम नदी-नाला, खोला-झोरा
, पहाड़-डारा, पोखरि-ताल खूबे भेटत. मुदा, नीक सड़क सबठाम नहिं भेटत. सरकारक हाथ
सिकस्त छैक. सरकारी बजटक आवंटन आ विदेशी सहायताकें सरकार प्राथमिकताक आधारपर
बंटइत अछि. तें यदा-कदा नागरिकलोकनि बेहरी आ श्रमदानसं सड़क बनबैत छथि, पुलक
निर्माण करैत छथि , सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र स्थापित करैत छथि . गाओंधरिक कच्ची
सड़क आ झूला(पुल) सामुदायिक सहयोग आ श्रमदानक
फल थिक . सहयोगी लोकनिक नाम पुलक पाया पर अंकित केने छथि . मुदा, गाओंक आवश्यकता एकेटा रहैक तखन ने.
गौआं लोकनि पसेना बहौलनि तं गाम धरिक कच्ची
सड़क बनल . टाका जमा कयल गेल तं पुल
बनल . मुदा रोग-व्याधि, आंग-स्वांग, चोट-पटकले हेल्थ पोस्ट -डिस्पेंसरी तं चाही. हेल्थ
पोस्टक उद्घाटनक आयोजन जर्मन एन जी ओ सं
सम्पोषित 'मेडी हिमाल' नामक संस्था केने
अछि . मुदा एहि प्रयासक केंद्र-विन्दुमे
छथि 'लक्ष्मी नारायण आमा समूह'. आमा माने, मां, माता, माय . 'लक्ष्मी नारायण आमा
समूह' हिनके लोकनिक स्वयंसेवी दल थिक जे 'मेडी हिमाल' संस्थाकें एहि गाम मे हेल्थ-पोस्ट
खोलबाले प्रेरित केने छनि.
आमा लोकनि हमर
पत्नीकें, खानगी में कहलखिन, ' हमरा लोकनि घरे-घर गीत-संगीत , भजन कीर्तन क कय रुपैया,
दू रुपैया, दस रुपैया संचय करैत छी. एही टाका सं हेल्थ पोस्ट ले, टिनक छतवाला ई एक
कोठलिक मकान बनौने छी.' हमर पत्नी सहजता सं ठेंठ नेपाली बजैत छथि. तें हमर पत्नीकें आमा लोकनिक खानगी गप्प सुनबाक
अवसर भेलनि. ओतय हम सद्यः देखलियैक, भाषा कोना देश आ वर्ग-भेदक आरिकें सहजहिं ध्वस्त क दैत छैक.
अद्भुत ई लागल, जे लोक
समस्याक समाधान ले सरकारदिस मुंहतक्की में समय नष्ट नहिं करैछ. आश्चर्यनक जे समस्याक समाधानक नेतृत्वक भारा जवान-जहान नहिं, आमा लोकनि अपने उठौने छथि. ई
निर्विवाद प्रेरक थिक. मुदा ताहू सं रोचक
ई जे आमा लोकनि अंतर्राष्ट्रीय एन जी ओ धरिकें अपनासंग जोड़बामें सफल भेल छथि. आमालोकनिक
एहि नेतृत्वक पाछां कोन प्रेरणा छैक ? किछु कारण तं प्रत्यक्षे छैक. जेना ,नेपालक पहाड़क युवकलोकनि यत्र-तत्र, गाओंसं बाहर रोजगारमें
लागल छथि .किछु भारतीय सेना, नेपाली सेना मे . किछु गोटे दुबई , दोहा, कतार आ
कोरियामे. किछु गोटे तं शुद्धककय भारतमे
मजदूरीमें लागल छथि . तखन गाओंमे रहल के ? पेंशन-भोगी बृद्ध , माउगि-मेहरि,
आमा-बुहारी (सासु-पुतहु), आ नेना -भुटका . तें, जखन बूढ़े-बुढ़ानुस,आ आमा-बुआ गामक
सुख-दुःख सं मुहां-मुंही छथितं गामक समस्याले आओर के लडत ! तथापि,
आमालोकनिक नेतृत्व एकटा आओर प्रश्न ठाढ़ केलक : मिथिलांचलक गाओं आ नेपालक अर्मला
गाओंक बीच तुलना. एखनि, मोटा-मोटी मिथिलांचलहुक गामहुक हाल तं नीक नहिए छैक. मुदा हमरा
लोकनिक गाओंमें लोक किएक चुपचाप कष्ट सहैत रहि जाइए ? अपन समस्याक समाधान ले नागरिक
लोकनि अपने किएक ने ठाढ़ होइत छथि ? हमर अपन गाओं दरभंगा शहरी लोकसभा क्षेत्र में
पड़ैत अछि . बीजेपीक सांसद श्री कीर्ति आज़ाद कतेक वर्षसं एहि क्षेत्रक प्रतिनिधित्व करैत छथि . ततबे
नहिं, हमर गाम, अवाम, दरभंगाक अंतिम महाराज स्व.डाक्टर सर कामेश्वर सिंहक मात्रिक
हेबाक कारणे सेहो पहिनहुसं सुपरिचित अछि.
भूतपूर्व मंत्री स्व. डाक्टर नागेन्द्र झा सेहो आजीवन एहि क्षेत्रक प्रतिनिधित्व
कयलनि. किन्तु एखनिधरि हमर गाम अवाम धरि जेबाले पक्की सड़क नहिं छै . तथापि गाओंकें
सड़कसं जोड़बाक हेतु कोनो स्थानीय प्रयासतं नहिंए
भेलैके ! एहि अर्थ में अर्मला गाओंक आमा लोकनिक प्रयास निर्विवाद अनुकरणीय
छनि.
आब कनेक मिथिलाक
गप्प सेहो. मिथिलाक नागरिक लोकनिक अपन समस्याक समाधान ले आगू किएक नहिं अबैत छथि. हमरा
जनैत नागरिक लोकनिक एहि उदासीनताक दू टा कारण छैक, दुनूक संम्बंध सामाजिक संरचना आ
सोच सं छैक . पहिल, मिथिलांचलक समाजमें सामुदायिकताक बोधक अभाव, कारण भले जातिगत
विभाजनक हो वा विपरीत स्वार्थक. राजनेता लोकनि एहि विभाजनकें बढ़ेबामें कोनो कसरि
बांकी किएक रखताह. ' रोड ले के का करबह ? तहरा गाड़ी बा ? रोड होइ, दारोगाजी मोटर-साइकिलपर
जीपपर अइहन, उलटे लेबे के देबे पड जाइ' , सन सलाह एखनधरि लोककें कहाँ बिसरलइए. दोसर
गप्प , हमरा लोकनिक समाजमें सदतानिसं लोक अपन समस्याक समाधानले सरकारीए सहायतादिस
अकासी दैत रहइये. दोसर दिस नेपालमें
सदातनि सं लोककें सरकारसं कम अपेक्षा रहलइये. राजा सरकार छलाह , आ नागरिक प्रजा .
दुनूमें याचक आ दाताक सम्बन्ध छलैक . तें जे भेटल, से भेटल . नहिं भेटल देह लगा कय
मारू . मुदा, एखनुक युगमे आमालोकनि अपन समस्याकें देहलगाकय मारबाले तैयार नहिं छथि
. तथापि, हमरा जनैत, नेपाल में सामाजिक
समस्याक समाधानमें आमा लोकनिक नेतृत्वक मूल कारण थिक पर्दा प्रथाक अभाव . नेपालमे माउगि-पुरुख,
पुतहु-बेटी खेतो जोतैत छैक , खरिहानहुमे दाउन-दोगाउन सेहो करैत छैक , धानो-मडुआ
कटैत छैक, एवं हाटो-बाजार करैत छैक . ओकरा घोघ कतहु तनबाक आवश्यकता नहिं होइछ;
ओतुका नारि अशक्त नहिं अछि . तें नेपालक बामपंथी आन्दोलनक दौरमें महिलालोकनि खूब
आगू बढ़िकय योगदान केलनि . भारतमें महिला लोकनिक सक्रियताक किछु एहने झलक उत्तरांचल
स्थापनाक समर्थनमें महिला-आन्दोलन मे देखबा जोग भेल छल. किन्तु, सर्वविदित अछि,
उत्तरांचलक स्थापनाक समर्थनमें महिला
लोकनिक आन्दोलनक दमन उत्तर प्रदेशक समाजवादी पार्टीक इतिहासक एकटा अति निन्दनीय
अध्यायक रूपें परिगणित होयत . जे किछु .
मुदा सत्य पूछी तं,
नेपाल मे पर्दा प्रथा किएक नहिं छैक, आ मिथिलांचलक नारिलोकनि किएक पर्दानशीन छथि ? ई समाजशास्त्रीलोकनिक हेतु अध्ययनक विषय
थिक. एकटा महिला कहलनि, 'हमरा जनैत, हमरालोकनिक पर्दा-प्रथा मुगलकालीन प्रथाक
अवशेष थिक.'
संयोगवश, नेपालक
पहाड़ी क्षेत्र पर्दा-प्रथाक विकृतिसं बंचि गेल . प्रायः, पर्दा प्रथाक अभावे नेपालक
महिला-सशक्तीकरण मूल श्रोत थिक .
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